Search This Blog

Showing posts with label ATHLET. Show all posts
Showing posts with label ATHLET. Show all posts

दाद daad

दाद


           जिस व्यक्ति के शरीर में दाद निकलता है तो यह सबसे पहले सिर, हाथ-पैर, जांघ, गाल, दाढ़ी, लिंग, पेट या अण्डकोष में होता है।परिचय :

विभिन्न भाषाओं में नाम :


हिन्दी    

दाद 

अंग्रेजी         

रिंगवार्म

पंजाबी         

दाद 

बंगाली         

दद्रु, दाद


गुजराती   

दाद्रा, दाद  

कन्नड़         

तादु, दद्दु

मलयालम 

वातातप्पु  

मराठी    

नायटा, गजकर्ण

असमी         

खार 

उड़िया    

तादू

तमिल         

पादई, इचिल थाजान्भ

 लक्षण : 

1. इमली :
2. मूली :
3. लहसुन : अगर दूध पीने वाले बच्चे को दाद हो जाये तो एक लहसुन की कली को जलाकर उसकी राख को शहद में मिलाकर दाद पर लगाने से लाभ होता है। दाद होने पर लहसुन को खाने के साथ दाद पर लगाना भी अच्छा रहता है।
4. गुलकन्द : गुलकन्द को दूध के साथ सेवन करने से दाद कुछ ही दिनों में मिट जाता है।
5. सुहागा :
6. नारंगी : नारंगी की पोटली बनाकर दाद पर बांधने से दाद ठीक हो जाता है।
7. तिल : 2 चम्मच तिल के तेल को गर्म करके उसमें तारमीरा का तेल मिला लें। फिर उसके अन्दर 2 चम्मच पिसी हुई राल और 1 चम्मच पीला मोम मिलाकर इसका लेप बना लें। इस लेप को दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
8. प्याज :
9. नींबू :
10. बथुआ : बथुए को उबालकर निचोड़कर इसका रस पी लें और इसकी सब्जी खा लें। बथुए के कच्चे पत्तों को पीसकर, निचोड़कर उसका रस निकाल लें। इस 2 कप रस में आधा कप तिल का तेल मिलाकर हल्की-हल्की आग पर पका लें। जब रस जल जाये और बस तेल बाकी रह जाये तो तेल को छानकर शीशी में भर लें। इस तेल को दाद पर लम्बे समय तक लगाते रहने से लाभ होता है।
11. नीम :
12. गाजर :
13. आलू : रोजाना कच्चे आलू का रस पीने से दाद जल्दी ही ठीक हो जाता है।
14. तुलसी :
15. अजवाइन :
16. मजीठ : मजीठ को शहद में घिसकर लगाने से दाद कुछ ही समय में ठीक हो जाता है।
17. मिर्च : 125 ग्राम लालमिर्च को लगभग 175 ग्राम सरसों के तेल में डालकर अच्छी तरह से उबाल लें। इसके उबलने के बाद इसे छान लें। लाल मिर्च का यह तेल लगाने से दाद जल्दी ही ठीक हो जाता है।
18. नमक : नमक को पानी में घोल कर लेप बनाकर हर 1 घंटे के बाद दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
19. बायविडंग : बायविडंग को पीसकर दाद पर लेप करने से दाद ठीक हो जाता है।
20. बांस : बांस की जड़ को घिसकर दाद पर लगाने से बहुत जल्दी लाभ होता है।
21. कबीला : कबीला (कमीला) को तेल में मिलाकर लगाने से दाद मिट जाता है।
22. हींग : दाद को खुजालकर उस पर हींग का लेप करने से दाद ठीक हो जाता है।
23. आक :
24. चना : 64 दिन तक लगातार बिना नमक के चने के आटे की रोटी खाने से दाद, खुजली और खून की खराबी दूर हो जाती है। इसके साथ घी भी ले सकते है।
25. हल्दी :
26. कासमर्द : कासमर्द के पत्तों का रस दाद पर लगाने से या पत्तों को पीसकर दाद पर बांधने से दाद ठीक हो जाता है।
27. बघण्डी : दाद के ऊपर बघण्डी का दूध लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
28. चकबड : चकबड़ के बीजों को मूली के पत्तों के साथ या नींबू के रस के साथ पीसकर दाद पर लगाने से लाभ होता है। जिन रोगों में त्वचा सूज जाती है उनमें ये लेप बहुत ही लाभकारी असर करता है।
29. कनेर :
30. वनतुलसी : वनतुलसी के पत्तों का रस लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
31. लिसोड़ा : लिसोड़ा के बीजों की मज्जा को पीसकर दाद पर लगाने से दाद मिट जाता है।
32. करंज : दाद को नाखून से खुजालकर करंज के बीज के तेल में नींबू का रस मिलाकर रोजाना 2 से 3 बार लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
33. पारीष पीपल :
34. दही : दही में बेर के पत्तों को पीसकर दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
35. विसानी : विसानी के पत्तों को बारीक पीसकर दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
36. चूना : पुराना चूना और तिली के तेल को एकसाथ मिलाकर लगाने से दाद साफ हो जाता है।
38. बेर : बेर की कोंपलों (मुलायम पत्ते) और लहसुन की कली को जलाकर घी में मिलाकर लगाने से दाद मिट जाता है।
39. सोंठ : चंदन, सोंठ, सुहागा को बराबर मात्रा में पीसकर लगाने से दाद जल्दी ठीक हो जाता है।
40. अनार :
41. अंजीर : अंजीर का दूध लगाने से गुठली-दाद जल्दी ही ठीक हो जाता है।
42. गुलबच : गुलबंच की मींगी (बीज) को घिसकर लगाने से गुठली-दाद ठीक हो जाता है।
43. अमलतास :
44. सिंघाड़ा :
45. सेंधानमक : मिट्टी के तेल में सेंधानमक को चंदन की तरह पीसकर दाद पर लगाने से दाद बिल्कुल साफ हो जाता है।
46. कपूर : गंधक, कपूर और मिश्री को बराबर मात्रा में लेकर पानी के साथ पीसकर लगाने से दाद मिट जाता है।
47. गेंदा :
48. नारियल : 100 मिलीलीटर नारियल के तेल में 20 ग्राम कपूर को मिलाकर लगाने से दाद दूर हो जाता है।
49. सरसों :
50. कटहल : कटहल के गर्म पत्तों को पीसकर लगाने से एक्जिमा ठीक हो जाता है।
51. जमीकन्द : जमीकन्द की सब्जी को लगातार काफी समय तक खाने से दाद ठीक हो जाता है।
52. चमेली : पैर के दाद में या किसी भी प्रकार के त्वचा के रोगों में चमेंली के पत्तों को पीसकर लेप करने से लाभ होता है।
53. सतौना : सतौना (सतवन) के दूध को पैर के दाद में लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
54. पपीता : पपीते का दूध दाद पर लगाने से दाद कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
55. केला : केले के गूदे को नींबू के रस में पीसकर दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है। इसको लगाने से पहले तो दाद सूजा हुआ लगेगा, लेकिन डरे नहीं इसे लगाते रहने से दाद जल्दी ही ठीक हो जायेगा।
56. करेला : त्वचा रोग से पीड़ित रोगी के लिए कड़वे करेले की सब्जी खाना बहुत ही लाभकारी है। इसके साथ ही इसके पत्तों को पीसकर जिस स्थान पर दाद हो वहां पर लेप करने से लाभ होता है।
57. गंधक : 1 लीटर मिट्टी के तेल में लगभग 4 ग्राम आंवलासार-गंधक डालकर बोतल को 1 महीने तक धूप में रखे रहने दें। फिर ध्यान रखें की बोतल पर चंद्रमा की रोशनी न पड़े और फिर रूई से यह तेल दाद पर लगाने से दाद बहुत जल्दी ठीक हो जाता है।
58. शहद : शहद के साथ मजीठ को पीसकर लगाने से हर प्रकार के दाद और त्वचा के रोग ठीक हो जाते है।
59. तूम्बी : तूम्बी के कोयले को घी के साथ पीसकर लगाने से गुठली-दाद समाप्त हो जाता है।
60. हरड़ : हरड़ और चकबड़ को कांजी के साथ पीसकर दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
61. विजयसार : विजयसार के पत्तों को पीसकर लेप करने से पैर का दाद ठीक हो जाता है।
62. कदम : जहां पर दाद हो उस स्थान को दाद से खुजालकर वहां पर कदम के पत्तों को पीसकर बांधने से आराम आ जाता है।
63. अंकोल : लगभग 0.6 ग्राम से 0.12 ग्राम अंकोल (अकोट) की जड़ की छाल को रोजाना 3 बार खाने से या इसके बीज का तेल या जड़ को पीसकर पैर के दाद और हर तरह के त्वचा के रोगों में लगाने से आराम होता है।
64. चालमोंगरा : दाद के ऊपर चालमोंगरा के तेल की मालिश या नीम के तेल की मालिश करने से 1 महीने में दाद ठीक हो जाता है। इसके 10 ग्राम तेल को 50 ग्राम वैसलीन में मिलाकर रख लेते हैं और काफी समय तक इसका प्रयोग करते रहते हैं।
65. ढाक :
66. मालकांगनी : मालकांगनी को कालीमिर्च के बारीक चूर्ण के साथ पीसकर दाद पर मलने से कुछ ही दिनों में दाद ठीक हो जाता हैं।
67. ग्वारपाठा : गाय की छाछ में ग्वारपाठे के बीजों को दाद पर लगाने से लाभ मिलता है।
68. छोंकर : छोंकर के पत्तों को गाय के दही में पीसकर लेप करने से लाभ मिलता है ।
69. दूब हरी : हल्दी के साथ बराबर मात्रा में दूब को पीसकर बने लेप को रोजाना 3 बार लगाने से दाद, खाज-खुजली और फुंसियों में आराम मिलता है।
70. मूंग : मूंग की दाल को छिलके के साथ इतने पानी में डालकर भिगों लें कि दाल उस पानी को सोख लें। 2 घंटे के भीगने के बाद दाल को पीसकर दाद और खाज पर लगाने से आराम आता है।
71. काली राई : काली राई को सिरके के साथ पीसकर लेप करने से दाद मिट जाता है।
72. ग्वारफली : ग्वारफली के पत्तों के रस और लहसुन के रस को साथ मिलाकर दाद (रिंगवर्म) पर लगाने से लाभ होता है।
73. गुलाब :
74. अखरोट : सुबह-सुबह बिना मंजन-कुल्ला किये अखरोट की 5 से 10 ग्राम गिरी को मुंह में चबाकर लेप करने से कुछ ही दिनों में दाद मिट जाता है।
75. निर्मली : निर्मली के बीजों को पानी में घिसकर लगाने से दाद, छाजन, आंख का फूला और दर्द आदि रोग समाप्त हो जाते हैं।
76. पोदीना :
77. शहतूत : शहतूत के पत्तों को पीसकर लेप करने से दाद ठीक हो जाता है।
78. भटकटैया : भटकटैया के 7 से 14 मिलीलीटर पंचांग (जड़, तना, फल, फूल, पत्ती) के रस को शहद के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से दाद में लाभ मिलता है अथवा भटकटैया के 1 से 3 ग्राम पंचांग (जड़, तना, फल, फूल, पत्ती) का चूर्ण शहद के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से दाद ठीक हो जाता है।
79. पवांड़ (चक्रमर्द) :-
80. बबूल : सांप की केंचुली में बबूल का गोंद मिलाकर दाद के स्थान पर पट्टी बांधने से लाभ होता है।