सिर की रूसी sir ki rusi

सिर की रूसी

 सिर में रूसी होने पर छोटे-छोटे सफेद आकार की परत जम जाती है जो कंघी करते समय सूखे रहने पर झड़ती रहती हैं य बालों के भीगे रहने पर कंघी के दांतों में जमा हो जाती है। अधिक दिनों तक बालों में रूसी बने रहने पर बाल कमजोर होकर झड़ने लगते हैं।परिचय :

जूं पड़ना jun padna



          जूं अक्सर हर किसी इंसान के सिर में पाई जाती है। वैसे तो ये ज्यादातर सिर में पाई जाती है लेकिन कभी-कभी ये त्वचा और जननांगों में भी हो जाती है। जूं जिसके सिर में होती है वह उसी का खून चूसकर ज़िंदा रहती है।परिचय :

कारण :

1. सुहागा : 20 ग्राम सुहागा और 20 ग्राम फिटकरी को 250 मिलीलीटर पानी में मिलाकर सिर पर मालिश करने से जुंए नष्ट हो जाती हैं।
2. पान : मूली और पान के रस में पारा मिला करके बालों में लगाने से जुएं जल्द मर जाती हैं।
3. नीम :
4. प्याज : प्याज का रस सिर में लगाने से जूएं मरकर निकल जाती हैं।
5. मैनफल : मैनफल का रस सिर में लगाने से जूएं मर जायेंगी।
6. शरीफा :
7. फिटकरी : 10 ग्राम फिटकरी के चूर्ण में 1 लीटर पानी मिला लें। इस तैयार घोल से रोजाना बालों को धोने से जुएं नष्ट हो जाती हैं।
8. नींबू :
9. अडूसा :
10. डिकामाली (नाड़ीहिंगु) : लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग डिकामाली सुबह-शाम गर्म पानी के साथ मिलाकर सेवन करने से जूएं मर जाती हैं।
11. सीताफल : सीताफल के बीजों को पीसकर लगाने से जुंए मर जाती हैं।
12. बथुआ : बथुआ के पत्तों को गर्म पानी में उबालकर छान लें और उसे ठंड़ा करके उसी पानी से माथे को खूब अच्छी तरह से धोयें। इससे बाल स्वच्छ हो जायेंगे और जूएं भी मर जायेंगी।
13. हींग : बिना भुनी हींग (कच्ची हींग) पानी में घोलकर बालों की जड़ों तक लगायें और पूरे बालों को इस घोल से गीला करके छोड़ दें, कुछ घंटों बाद नींबू रस मिले पानी से बालों को धो लें। इससे सारे जुंए मर जायेंगे और ऐसा रोजाना 1 बार कुछ दिन तक करें। इससे पूरे सिर के जूंए की सफाई भी हो जाएगी।
14. गांजा :
15. शिलारस : शिलारस को चौगुने तिल के तेल में मिलाकर लगाने से जूं मर जाती हैं।
16. शिकाकाई : शिकाकाई की फली के क्वाथ (काढ़े) से बालों को धोने से जूंए मरती हैं।
17. अमरबेल : हरे अमरबेल को पीसकर पानी के साथ मिला लें। इससे बालों को धोने से जूएं मर जायेंगी। इसे पीसकर तेल में मिलाकर लगायें। इससे बालों के उगने में लाभ होगा।
18. धतूरा : धतूरे के पत्तों को कूटकर उसका रस निकाल लें और इसे बालों में अच्छे से मालिश करें। इससे जूएं मर जायेंगी।
19. मूली : मूली के रस से सिर को धोने से लीखें और जुएं झड़ जाती हैं।
20. कालीमिर्च : 10 से 12 सीताफल के बीजों और 5 से 6 कालीमिर्चों को पीसकर, सरसों के तेल में मिलाकर और रात को सोने से पहले बालों की जड़ तक मलने से सिर की जूएं मर जाती हैं।
21. चुकन्दर :
22. अजवाइन :
23. कपूर : 3 चम्मच नारियल के तेल में थोड़ा-सा कपूर मिलाकर बालों की जड़ों में मलकर रात को सोयें। प्रात: बाल धोकर बारीक कंघी करें। इससे लीखें और जुओं का सफाया हो जायेगा।
24. सरसों का तेल : 25 मिलीलीटर नींबू का रस और 20 मिलीलीटर सरसों का तेल मिलाकर लगाने से जूं नष्ट हो जाती हैं।
25. बथुआ : बथुआ को उबालकर इसके पानी से सिर को धोने से जुंए मर जाती हैं और सिर के बाल साफ हो जाते हैं।
26. लहसुन : लहसुन को पीसकर नींबू के रस में मिलाकर रात को सोने से पहले सिर पर लगायें और सुबह धो लें। यह क्रिया 5 दिनों तक लगातार करने से सिर की जूं मरकर बाहर निकल जाती हैं।
सावधानी : इसे आंखों पर न लगने दें।

बाल झड़ना (गंजेपन का रोग) ganjapan baal ka jhadna


बाल झड़ना

     सिर के बाल जब उड़ जाते हैं तो खोपड़ी खल्वाट (बालों रहित) हो जाती है जिसे गंज कहते हैं।परिचय :  

विभिन्न भाषाओं में नाम :


अरबी

ताकपर, चुलीउत्थ।

बंगाली

तका, खालित्य।

डोंगरी

गेंजा, गेन्दा, गु गंजो।

हिन्दी

गंजा।

कन्नड़

कोऊडलु उदरूवुडु।

मलयालम

कसन्ती।

मराठी

टकला पाडने।

उड़िया

चांदा।

पंजाबी

वेंगंजा।

तमिल

त्रुकालुटा।

अंग्रेजी

अलापेसिया।

कारण :

           गंजापन और बाल झड़ने के विभिन्न कारण होते हैं जो निम्नलिखित हैं- मानसिक कार्य अधिक करना, वंशानुगत (पीढ़ियों से चला आया गंजापन का रोग), भोजन में विटामिन्स की कमी, वृद्धावस्था (बुढ़ापा), रक्तविकार (खून की खराबी), सिर में दाद, फेवस (रूसी) आदि। कंघी या सिर की मालिश करते समय टूटे बाल हाथ में आते रहते हैं। धीरे-धीरे सिर में बाल नहीं के बराबर रह जाते हैं।
1. हाथी-दांत : हाथी-दांत की राख में बकरी का दूध और रसौत को मिलाकर सिर पर लेप करने से बाल उगने लगते हैं।
2. आम : एक साल पुराने आम के अचार के तेल से रोजाना मालिश करें। इससे गंजेपन का रोग कम हो जाता है।
3. केला : पके केले के गूदे को नींबू के रस में मिलाकर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
4. दही : दही को तांबे के बर्तन से ही इतनी देर रगडे़ कि वह हरा हो जाए। इसे सिर में लगाने से गंजेपन की जगह बाल उगना शुरू हो जाते हैं।
5. पत्तागोभी : पत्तागोभी के रस से एक महीने तक सिर पर मालिश करने से गंजेपन का रोग सही हो जाता है।
6. फिटकरी : 5-5 ग्राम फिटकरी और छड़ेला को पानी के साथ पीसकर गंजेपन की जगह 3-4 दिनों तक लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
7. कबीला : 5-5 ग्राम कबीला, कच्चा सुहागा तथा कम भुनी राई को एक साथ पीसकर सिर के गंजेपन पर सरसों के तेल में मिलाकर लेप करें। इससे गंजेपन का रोग मिट जाता है।
8. अरण्डी (एरण्ड) : अरण्डी (एरण्ड) या सरसों के तेल में हल्दी जलाकर छान लें और इसमें थोड़ा सा कपूर मिलाकर सिर के गंजे जगह पर मालिश करें। इससे सिर पर बाल उगना शुरू हो जाते हैं।
9. तम्बाकू : 20-20 ग्राम तम्बाकू का जला गुल और कनेर के पत्ते को 100 मिलीलीटर सरसों के तेल में जलाकर ठंड़ा कर मिला लें और इसे सिर में लगायें। इससे सिर के बाल आना शुरू हो जाते हैं।
10. झाऊ : 100 ग्राम झाऊ की जड़ छाया में सुखाकर दरदरा यानी मोटा-मोटा कूटकर 500 मिलीलीटर पानी में उबालें, 100 मिलीलीटर पानी रह जाने पर निथारकर 100 मिलीलीटर तिल के तेल में जलायें, फिर इसे ठंड़ा कर लेने के बाद बालों में लगाएं। इससे बालों का झड़ना भी कम हो जाता है।
11. गोरखमुण्डी : 5 ग्राम गोरखमुण्डी के चूर्ण को सुबह पानी के साथ सेवन करने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
12. कालीमिर्च : कालीमिर्च और नमक का चूर्ण प्याज के साथ पीसकर लगाने से सिर का दाद और बालों के झड़ने की शिकायत से राहत मिलती है।
13. मेथी :
14. प्याज :
15. महानिम्ब (बकायन) : महानिम्ब के बीज के बीचले भाग (मध्य भाग) लगभग 1 ग्राम का चौथाई भाग से 1 ग्राम या छाल का चूर्ण 3 ग्राम से 6 ग्राम सेवन करने से लाभ होता है। इसे दिन में 2 बार यानी सुबह-शाम दें अथवा इसके पत्ते का रस 5 से 10 मिलीलीटर तक भी दे सकते हैं। इससे गंजेपन के रोग में लाभ होता है।
16. हारसिंगार : हारसिंगार के बीजों को पानी के साथ पीसकर सिर के गंजेपन की जगह लगाने से सिर में नये बाल आना शुरू हो जाते हैं।
17. करंज : करंज के फूलों को पीसकर सिर में बांधने से गंजेपन से लाभ होता है और नये बालों का आना शुरू हो जाता है। इसे रोजाना रात को बांधें और सुबह नींबू के रस मिले पानी से साफ कर लें।
18. करजनी (गुंजा) :
19. रोहिस घास : रोहिस घास के पत्तों का तेल सिर में मालिश करने से गंजेपन के रोग में लाभ होता है और नये बाल निकल आते हैं।
20. भंगरैया : भंगरैया का रस रोजाना गंजे सिर में मालिश करने और उसका रस 5-10 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से गंजेपन का रोग दूर हो जाता है।
21. वन्यकाहू : वन्यकान्हू के बीज और कूठ को एक साथ पीसकर लेप करने से गंजेपन और बालों के झड़ने में कमी आती है।
22. रोजमरी : रोजमरी के तेल का प्रयोग गंजेपन और बालों के झड़ने में किया जाता है।
23. अलसी (तीसी) : अलसी के तेल में बरगद (वटवृक्ष) के पत्तों को जलाने के बाद उसे पीसकर और छानकर रख लें। इस तेल को सुबह-शाम सिर में लगायें। इसी तरह इसे लगाते रहने से सिर पर फिर से बालों का उगना शुरू हो जाता है।
24. अमरबेल :
25. सुहागा : 20 ग्राम सुहागा और 20 ग्राम कपूर दोनों को बारीक पीसकर पानी में घोलकर, बाल धोने से बालों का गिरना कम हो जाता है।
26. अनन्तमूल : 2 ग्राम अनन्तमूल की जड़ का चूर्ण रोजाना खाने से सिर के बाल उग आते हैं और सफेद बाल काले होने लगते हैं।
27. धनिया : धनिया का पानी निकालकर (पत्ते का रस) सिर पर मालिश करने से गंजेपन का रोग मिट जाता है और नये बाल आना शुरू हो जाते हैं। सिर पर हरे धनिये का रस लगाने से बाल निकल आते हैं।
28. चुकन्दर : चुकन्दर के पत्ते का रस सिर में मालिश करने से गंजेपन का रोग मिट जाता है और नये बाल आना शुरू हो जाते हैं।
29. लहसुन : सिर में लहसुन का रस लगाने से बाल उग जाते हैं। इसका प्रयोग 60 दिनों तक करने से गंजापन दूर कर सकते हैं।
30. जातीपत्र : जातीपत्र, करंज बीज, वरुण छाल, करवीर मूल और चित्रक सभी को बराबर मात्रा में लेकर मिश्रण बनाकर साफ किया तेल उपयोग में लाना चाहिए। इससे बालों को लाभ होता है।
31. आमलकी : आमलकी फल मज्जा और आम के बीज जिनका छिलका उतार दिया गया हो पानी में लेप तैयार कर उपयोग में लाने से गंजेपन से लाभ होगा।
32. रसांजन (रसोत) : हाथी-दांत की राख में रसांजन और बकरी का दूध मिलाकर सिर पर लेप करने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
33. जमालगोटा : नींबू के रस में जमालगोटे के बीजों को पीसकर सिर पर लगाएं। सूखने पर कुछ ही देर में धो लें इसे हर रोज लगाते रहने से गंजेपन के रोग में लाभ होगा।
34. धतूरा
35. मुलहठी : मुलहठी का पाउडर, दूध और थोड़ी-सी केसर का पेस्ट बनाकर नियमित रूप से सिर में लगायें। अधिक रूसी होने पर तथा बाल अधिक झड़ने पर सिर पर मुलहठी लगाने से लाभ होता है।
36. दूधी : इसके पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) के रस और कनेर के पत्तों के रस को मिलाकर सिर के गंजे स्थान पर लगाने से बाल सफेद होना बन्द हो जाते हैं तथा गंजापन दूर हो जाता है।
37. कलौंजी: जली हुई कलौजी हेयर आइल में मिलाकर नियमित रूप से गंजेपन में मालिश करने से लाभ होता है।
38. ग्वारपाठा : रक्त घृत कुमारी (जिसमें नारंगी और कुछ लाल रंग के फूल लगते हैं) के गूदे को स्प्रिट में गलाकर सिर में लेप करने से बाल काले हो जाते हैं तथा गंजे सिर में लगाने से बाल उग जाते हैं।
39. गुड़हल :
नोट : इसके बीज गोलाकर और अनेक बीजों से युक्त होते हैं।
40. कटेरी : कटेरी के पत्तों के 20-50 मिलीलीटर रस में थोड़ा शहद मिलाकर गंजे सिर पर मालिश करने से कुछ ही दिनों में कीटाणु खत्म हो जाते हैं। इससे त्वचा मुलायम हो जाती है और गंजे स्थान पर नये बाल आ जाते हैं।
41. उड़द : उड़द की दाल को उबालकर पीस लें। रात को सोने के समय सिर पर लेप करें। इससे गंजापन धीरे-धीरे दूर हो जाता है और नये बाल आना शुरू हो जाते हैं।
42. नींबू : रोजाना 1 से 2 महीने तक लगातार नींबू का रस रगड़ने से बाल वापस उग आते हैं।
43. नीम :
44. परवल : कड़वे परवल के पत्तों का रस सिर के गंजेपन पर लगाने से लाभ होता है।
45. लता करंज :
46. अनार : अनार के पत्ते पानी में पीसकर सिर पर लेप करने से गंजापन दूर हो जाता है। प्रतिदिन मीठा अनार खाने से पेट मुलायम रहता है तथा कामेन्द्रियों को बल मिलता है।
47. अपामार्ग : कड़वे तेल (सरसों) में अपामार्ग के पत्तों को जलाकर मसल लें और मलहम बना लें। इसे गंजे स्थानों पर नियमित रूप से लेप करते रहने से पुन: बाल उगने की संभावना होगी।





बालों का गिरना baal ka girna

बालों का गिरना

           आमतौर पर सभी व्यक्तियों के बाल झड़ते हैं, यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। बाल पूरी तरह से बढ़ जाने के बाद खुद ही झड़ जाते हैं और उस जगह पर नए बाल आ जाते हैं किंतु ज्यादा बाल झडे़ तो यह एक रोग है।परिचय :

           बालों के बढ़ने का एक निश्चित समय होता है जिसके पूरा होने के बाद बालों का बढ़ना रुक जाता है। व्यक्ति के शरीर की अवस्था के मुताबिक बालों की जड़ों के नीचे का भाग जब अभिशोषित (खराब) हो जाता है तो पुराना बाल, रोम कूप (बालों का छिद्र) से अलग हो जाता है। इसी रोम कूप (बालों के छिद्र) से अलग हो जाने के क्रिया को ``बालों का गिरना´´ कहा जाता है इसके बाद उसी स्थान पर नया बाल उग आता है।
           सामान्यतया एक महीने की अवधि के दौरान बालों की लंबाई एक सेंटीमीटर तक बढ़ती है। प्रतिदिन 100 बालों तक का गिरना एक साधारण बात मानी जाती है क्योंकि सिर में इतने बालों को उगाने की क्षमता होती हैं। वास्तव में बालों का एक चक्र होता है। इस चक्र के अनुसार प्रत्येक बाल की उम्र 3 से 4 साल तक होती है। इसके बाद वे बाल झड़ जाते हैं और उसके स्थान नये बाल उग आते हैं। इस रोग में चिकित्सक लोगों को लौहतत्त्व युक्त कैप्शूल और विटामिन `ए´ की गोलियां देते हैं जोकि जरूरी नहीं है। यदि किसी के बाल 100 से अधिक मात्रा में प्रतिदिन झड़ते हों तभी उन्हें चिकित्सकों से सलाह लेना चाहिए।
विभिन्न औषधियों से उपचार-
1. तेल : स्वस्थ और सुन्दर बाल रखने के लिए बालों में तेल डालना जरूरी होता है। आजकल लोग बालों को रूखा रखते हैं। बालों को रूखा रखने से बालों की जड़ों में कमजोरी आ जाती है और बाल झड़ने लगते हैं। इसके लिए जरूरी है कि बालों में हेयर ब्रश का इस्तेमाल किया जाए इससे बालों का व्यायाम भी हो जाता है। सिर में रक्त (खून) का संचार बढ़ता है जिससे बालों की जड़ें मजबूत बनती हैं। इससे बालों का झड़ना कम हो जाता है। किसी अच्छे तेल जैसे- नारियल, बादाम रोगन को अपने बालों में मालिश करें। उसके बाद अंगुली की पोरों से बालों की जड़ों को रगड़ें। बालों में सुगंधित तेलों के प्रयोग से बचना चाहिए क्योंकि सुगंधित तेल लगाने से बाल कमजोर हो जाते हैं और समय से पहले ही सफेद होने लगते हैं।
3. स्नान : अधिक बाल गिरने की परेशानी से बचने के लिए सिर को जल्दी-जल्दी धोना चाहिए। बाल धोने के बाद गीले बालों में कंघी करने से बचना चाहिए क्योंकि गीले बालों में कंघी करने से बाल जल्दी ही टूट जाते हैं। इसके लिए बाल को थोड़ी देर सूखने दें और उसके बाद कंघी करें। बालों की जड़ों को मजबूत रखने के लिए और बालों को सुखाने के लिये हेयर ड्रायर का बहुत कम प्रयोग करना चाहिए इससे बालों की जड़ों में कमजोरी आ जाती है। हेयर ड्रायर उपकरण का प्रयोग करते समय इसे बालों से 6-8 इंच की दूरी पर रखें। हेयर स्प्रे को ज्यादा समय तक बालों में न रहने दें क्योंकि इसमें कुछ हानिकारक रसायन होते हैं जो बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
21. काली राई : आधी कच्ची और आधी सेंकी हुई राई को पीसकर कडुवे तेल में मिलाकर सिर पर लगायें। इससे गंजापन दूर होगा।
22. लहसुन : बालों में लहसुन का रस लगाकर सूखने दें। इस तरह 3 बार रोज लहसुन का रस कुछ हफ्ते तक लगाते रहने से सिर पर बाल उग जाते हैं।
23. नारियल :

बालों को काला करना baal ko kala karna

बालों को काला करना

          सिर की त्वचा में जमे मैल के कारण बाल रूखे हो जाते हैं और कमजोर होकर झड़ने लगते हैं, बालों में जमी मैल ही रूसी को जन्म देती है जो बालों की सबसे बड़ी शत्रु है। सिर की सफाई और बालों की स्वच्छता पर हमेशा ध्यान रखना चाहिए। दवाओं का मनमाना उपयोग, पूरी नींद न लेना तथा चिन्ता करना भी बालों के लिए बहुत हानिकारक होता है। इसी कारण बाल झड़ते, टूटते और जल्दी सफेद हो जाते हैं। बालों को स्वस्थ रखने के लिए बालों में तेल लगाना जरूरी है। आजकल फैशन के चलते लोग बालों में तेल नहीं लगाते हैं। यह बालों के लिए नुकसानदायक है। बालों को रीठा और शिकाकाई से धोने के बाद 1 नींबू का रस ठंड़े पानी के साथ मिलाकर बालों की जड़ों में लगाने से बाल काले होते हैं। इससे बालों का रूखापन दूर हो जाता है और इससे प्राकृतिक चमक देखने को मिलती है।परिचय:  

1. आंवला :
2. समुद्रफल : समुद्रफल को पानी के साथ पीसकर बालों में लगाने से 3 महीने में ही बाल काले हो जाते हैं।
3. इन्द्रायण : इन्द्रायण के बीजों का तेल लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
4. भृंगराज :
5. सरसों : 1 लीटर सरसों का तेल, रतनजोत, मेहंदी के पत्ते, जलभांगरा के पत्ते तथा आम की गुठलियों को 100-100 ग्राम की मात्रा लेकर सभी को कूटकर लुगदी बना लें और लुगदी को निचोड़ लें। इस पानी को सरसों के तेल में इतना उबालें कि सारा पानी जल जाए, केवल तेल ही शेष बचे। इसे छानकर इसका तेल रोजाना सिर पर लगायें। इस प्रयोग में सुबह के समय शीर्षासन करना चाहिए और सुबह-शाम 250 मिलीलीटर दूध पीना चाहिए। इससे बाल काले हो जाते हैं।
6. नींबू :
7. घी : घी खाने और बालों की जड़ों में घी मालिश करने से बाल काले होते हैं।
8. तुरई (तोरी) : तुरई के टुकड़ों को छाया में सुखाकर कूट लें। इसमें नारियल का इतना तेल डालें कि यह पूरी तरह से डूब जाए। इसी प्रकार 4 दिनों तक इसे भिगोयें, फिर उबालें और इसे छानकर बोतल में भरकर रख लें। इस तरह इस तेल को बालों में लगाने और मालिश करने से बाल काले हो जाते हैं।
9. गाजर : रोजाना गाजर का रस पीने से बाल काले और स्वस्थ रहते हैं।
10. प्याज : प्याज का रस पीसकर बालों पर लेप करने से बाल काले रंग के उगने चालू हो जाते हैं।
11. दही :
12. तिल : जिसके बाल सफेद हो गये हो और झड़ते हो तो वह रोजाना तिल खायें और उसी का तेल लगायें। इससे उसके बाल काले, लंबे और मुलायम हो जाते हैं।
13. मेथी : मेथी को खाने और इसका तेल सिर में लगाने से सफेद बाल कम होते हैं।
14. गेहूं : गेहूं के पौधे का रस पीने से बाल कुछ ही दिनों में काले हो जाते हैं।
15. कालीमिर्च : जुकाम में भी बाल सफेद हो जाते हैं। अगर बाल जुकाम के कारण सफेद हो गये हो तो 10 कालीमिर्च रोजाना सुबह-शाम निगल जायें। इससे कफ-विकार (बलगम रोग) खत्म हो जाते हैं और नये बाल उगना शुरू हो जाते हैं। इसका प्रयोग 1 साल से अधिक करें। तिल के तेल में कालीमिर्च को बारीक पीसकर बालों में लगाने से बाल काले हो जाते हैं।
16. तुलसी : बराबर मात्रा में तुलसी और हरा धनिया पीसकर आंवले के रस के साथ कुछ दिनों तक लगाएं। बाद में ताजे पानी से बालों को धो लें। इससे बाल काले बनते हैं।
17. रीठा : 250-250 ग्राम रीठा और सूखा आंवला पिसा हुआ, शिकाकाई की फली, मेहंदी की सूखी पत्तियां तथा नागरमोथा 25-25 ग्राम, इन सबको मिलाकर एक साथ पीस लें। शैम्पू तैयार है। इसका एक बड़ा चम्मच पानी में उबालकर इससे सिर को धोयें। इससे बाल सफेद और साफ हो जायेंगे तथा सफेद बालों में कालापन आ जाएगा।
18. नारियल : 300 मिलीलीटर नारियल के तेल में कालीमिर्च (मोटी कुटी हुई) 3 ग्राम (लगभग एक चम्मच) डालकर गर्म कर लें। थोड़ा तेज गर्म हो जाने पर साफ कपड़े से छानकर बोतल में भर लें। रात में सोने से पहले इसे बालों की जड़ों में अंगुलियों के सिरों से हल्की-हल्की मालिश करें। इससे बाल काले हो जाते हैं। 
19. मुल्तानी मिट्टी : 100 ग्राम मुल्तानी मिट्टी 1 कटोरे में लेकर पानी में भिगो दें। जब यह 2 घंटे में फूलकर लुग्दी सी बन जाए तो हाथ से मसलकर गाढ़ा घोल बना लें। ध्यान रहे कि इसमें डालिया न बचने पायें। इस घोल को सूखे बालों में डालकर मुलायम हाथों से धीरे-धीरे बालों में लगायें। इसे लगाने के 5 मिनट बाद सर्दियों में गुनगुना और गर्मियों में ठंड़े पानी से धो लें। अगर बाल ज्यादा गंदे हो तो वैसे ही करें। इस तरह साबुन की जगह मुल्तानी मिट्टी से बालों को सप्ताह में 2 बार धोने से उसमें अच्छी चमक देखने को मिलती है। पहली बार ही धोने से सिर में हल्कापन और शीतलता का अनुभव होता है जैसा कि और शैम्पू में नहीं देखने को मिलता है।
20. बेसन का शैम्पू : साबुन की जगह सप्ताह में दो बार बेसन को पानी में सही तरह से घोलकर बालों में लगाएं और इसे 1 घण्टे बाद धो लें। इससे बाल घने और काले होते हैं। इस तरह बालों की गन्दगी साफ हो जाती है, बाल चमकीले और मुलायम हो जाते हैं। सिर की खाज खुजली और फुन्सियां जल्द ही ठीक हो जाती हैं।
21. काला तिल :
नोट- इस प्रयोग के समय ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
22. सूखा आंवला : 500 ग्राम सूखा आंवला, 200 ग्राम शहद, 200 ग्राम मिश्री और 2 लीटर पानी लेकर रख लें। इसके बाद सबसे पहले आंवले को पीसकर रात को भिगो दें। इसे सुबह मसलकर छान लें। इस छाने पानी में शहद और मिश्री मिलाकर बोतल में भरकर रख दें। इसे सुबह-शाम 20-20 मिलीलीटर खाने के साथ सेवन करें। इसके सेवन से पेट की कब्ज और गर्मी नष्ट हो जाती है और दिमागी चेतना बढ़ती है तथा उम्र से पहले सफेद हुए बाल भी काले होने लगते हैं।
23. मेहंदी :
24. जटामांसी : जटामांसी के काढ़े से बालों की मालिश करके सुबह-सुबह रोज लगायें और 2 घंटे के बाद नहा लें इसे रोजाना करने से फायदा पहुंचेगा।
25. नीम : नीम के बीजों को भांगरा और विजयसार के रस के साथ कई बार उबालकर उसके बीजों का तेल निकालकर 2-2 बूंदों को नाक से लेने से तथा आहार में केवल दूध और भात को खाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
26. योगासान : शीर्षासन और सर्वांगासन सही ढंग से करते रहने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं और बालों का झड़ना कम हो जाता है। इससे बाल सफेद नहीं होते तथा बाल काले, चमकीले और सुन्दर बन जाते हैं।
विशेष : युवावस्था से ही सुबह-शाम भोजन करने के बाद वज्रासन में बैठकर 2-3 मिनट तक लकड़ी, सींग और हाथी दांत की कंघी करने से बालों का सफेद होना कम हो जाता है। इससे बालों का जल्दी पकना और गिरना, सिर की खुजली, सिर का पिलपिला होना, चक्कर और सिर की गर्मी नष्ट हो जाती है

बालों को हटाना baalon ko hatana

बालों के रोग

बालों के रोग

कारण :

1. जौंक : जौंक को जलाकर उसकी राख सरसों के तेल में मिलाकर सिर पर लगाने से बालों के रोग में लाभ होता है।
2. अदरक :
3. तिल :
4. काला सुर्मा : काला सुर्मा बालों की जड़ों में मालिश करने से बालों के रोग में लाभ मिलता है।
5. उड़द की दाल :
6. गेरू : 20-20 ग्राम गेरू और तिल के फूल को एक साथ कूटकर मिश्रण तैयार कर लें। इसे 1 चम्मच भर लेकर पानी के साथ पीसकर बालों में लगाने से गंजेपन में लाभ होता है।
7. तेज जैतून : 60 ग्राम तेज जैतून में 2 सूखी जौंक को जला लें और इसको ठंडा करके छान लें। इस मिश्रण से बने तेल को सिर के गंजे भाग पर मालिश करने से लाभ होता है।
8. बड़ (बरगद) की दाढ़ी : 60 ग्राम सूखी बड़ की दाढ़ी को पीसकर 250 मिलीलीटर नारियल के तेल में 15 दिनों तक भिगोएं, फिर इसे छानकर रात को सिर में मालिश करें। इससे सिर के गंजेपन से छुटकारा मिल जाता है।
9. सुहागा : 20 ग्राम सुहागा और 10 ग्राम कपूर को 50 मिलीलीटर उबले पानी में मिलाकर हल्के गर्म पानी के साथ धोने से बाल मुलायम तथा काले बनते हैं।
10. झाऊ की जड़ : 100 ग्राम झाऊ की जड़ को छाया में सुखाकर उसे मोटा-मोटा पीसकर 500 मिलीलीटर पानी में उबाल लें जब यह लगभग 100 मिलीलीटर की मात्रा में शेष बचे तो उसे छान लें। इसके बाद इसे 100 मिलीलीटर तिल के तेल में अच्छी तरह मिलाकर बालों में लगाने से सफेद बाल (पलित रोग) जड़ से काले उगते हैं।
11. गोरखमुण्डी : 50 ग्राम गोरखमुण्डी को पीसकर 5 ग्राम की मात्रा में सुबह पानी के साथ रोजाना सेवन करने से बालों के रोगों में लाभ मिलता है।
12. घोड़े की लीद : घोड़े की लीद को छाया में सुखाकर तिल के तेल में जला लें और इसे ठंड़ा होने पर अच्छी तरह से मिलाकर इस तेल से सिर की मालिश करने से बाल लंबे बन जाते हैं।
13. गोखरू :
14. ढाक : ढाक के पत्ते और छाल को जलाकर छान लें और इसमें हड़ताल पीसकर मिला दें। इसके बाद बालों को साफ करके इसका प्रयोग करने से बालों के रोग में लाभ मिलता है।
15. राई : लगभग 10-10 ग्राम राई और बकरी की मेंगनी को एक साथ पीसकर लेप बना लें। इस लेप को बालों में प्रयोग करने से बालों के रोग मिट जाते हैं।
16. प्याज :
17. मक्खन : मक्खन के साथ हल्दी मिलाकर सिर में मालिश करने से बालों को लाभ होता है।
18. अमलबेत : लगभग 10-10 ग्राम की मात्रा में अमलबेत, माजूफल, लालचंदन, निलवरी, औंशचूल मोटा-मोटा कूटकर 100 मिलीलीटर तिल के तेल में जला लें और उसे नीचे उतारकर अच्छी तरह मिलाकर सफेद बालों पर लगायें। इसको लगाने से बाल काले हो जाते हैं।
19. सज्जीखार : 5 ग्राम सज्जीखार, 5 ग्राम जवाखार, 5 ग्राम सरसों, 5 ग्राम कांजी और 5 ग्राम नागकेसर को मोटा-मोटा पीसकर इसे छान लें और इसे पानी के साथ पीसकर बालों पर लगाएं। इससे बालों के रोग धीरे-धीरे समाप्त होते जाते हैं।
20. सुहागा : 5 ग्राम सुहागा और 10 ग्राम कच्चा सुहागा को 250 मिलीलीटर उबलते पानी में मिलाकर रख लें। फिर इसके ठंड़ा होने पर बालों को धोयें। ऐसा प्रयोग करने से बाल मजबूत बनते हैं।
21. चुकन्दर :
22. सिम्बल : 300 ग्राम सिम्बल की जड़ पीसकर मक्खन में मिला लें और इसे बालों की जड़ में अच्छी तरह से मालिश करें। इससे बालों के सभी प्रकार के रोग मिट जाते हैं।
23. कटेरी : कटेरी का रस शहद में मिलाकर सिर के गंजेपन पर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
24. हाथी दांत :
25. चमेली :
26. नारियल : नारियल का तेल बालों में लगाने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
27. गेहूं :
28. शरीफा : शरीफा के बीजों को बकरी के दूध के साथ पीसकर लगाने से उड़े बाल फिर से उग आते हैं।
29. बन्दगोभी (पत्तागोभी) : बन्दगोभी की सब्जी खाने और इसके भीतर वाला भाग रोजाना खाने से बालों के रोग मिट जाते हैं।
30. केला : केले के गूदे को नींबू के रस के साथ पीसकर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
31. अनार : अनार के पत्ते को पानी के साथ पीसकर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
32. नमक : 1-1 चम्मच पिसा हुआ नमक और कालीमिर्च, 5 चम्मच नारियल का तेल एक साथ मिलाकर बाल उडे़ जगह पर लगाने से वहां बाल फिर से आ जाते हैं।
33. लहसुन : सिर के बाल उड़ने पर लहसुन को खाने से बाल फिर से उग आते हैं।
34. अरहर :
35. धनिया : हरे धनिये का रस सिर के गंजे स्थान पर लगाने से बाल उग आते हैं।
36. दही :
37. धतूरा :
38. आंवला :
39. मुलहठी :
40. मेथी :
41. गुड़हल : गुड़हल के फूलों का रस बालों में रोजाना लगाने से बाल उड़ना बन्द हो जाते हैं।
42. नींबू :
43. अमरबेल :
44. बेल : बेल को तिल के तेल में पीसकर सिर में लगाने से सिर के गंजेपन में लाभ होता है तथा बालों की जड़ें मजबूत होती हैं।
45. नीम :
46. पवांड़ (चक्रमर्द) : पवांड़ के बीज, हालों, राई, सरसों, मालकांगनी और तिल को मिलाकर बारीक चूर्ण बना लें। ऊपर से इसमें थोड़ी सी नारियल की गिरी को डालकर मशीन की मदद से इसका तेल निकलवा लें, अब इस तेल को गर्म करके सिर पर मालिश करें। इससे बालों के रोग के कारण जकड़े कमर, जांघ और पिण्डली आदि अंग ठीक हो जाते हैं और लाभ पहुंचता है।
47. अफीम : इसके बीजों को दूध में पीसकर सिर पर लगाने से फोड़े फुन्सियां एवं रूसी साफ हो जाती हैं।
48. एरण्ड :
49. बरगद :
सावधानी :