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जूं पड़ना jun padna
जूं अक्सर हर किसी इंसान के सिर में पाई जाती है। वैसे तो ये ज्यादातर सिर में पाई जाती है लेकिन कभी-कभी ये त्वचा और जननांगों में भी हो जाती है। जूं जिसके सिर में होती है वह उसी का खून चूसकर ज़िंदा रहती है।परिचय :
कारण :
1. सुहागा : 20 ग्राम सुहागा और 20 ग्राम फिटकरी को 250 मिलीलीटर पानी में मिलाकर सिर पर मालिश करने से जुंए नष्ट हो जाती हैं।2. पान : मूली और पान के रस में पारा मिला करके बालों में लगाने से जुएं जल्द मर जाती हैं।
3. नीम :
नीम की निबोलियों को घोटकर सिर में लगाने से जूएं मर जाती हैं।
नीम का तेल और सरसों का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर कुछ दिनों तक रोजाना बालों में मालिश करने से जूएं से छुटकारा मिलता है।
नीम के पत्तों को पानी में उबालकर ठंड़ा कर लें। इसके बाद उस पानी से सिर को धो लें। इससे जुएं समाप्त होती हैं।
नीम का तेल लगाने से जूएं मर जाती हैं।
5. मैनफल : मैनफल का रस सिर में लगाने से जूएं मर जायेंगी।
6. शरीफा :
शरीफा के बीजों को बारीक पीसकर सिर में लगाकर, किसी मोटे कपड़े से सिर को रात में अच्छी तरह बांधकर सोने से जूंएं मर जाती हैं। इस बात का ध्यान रखें कि यह आंखों तक न पहुंच पाये क्योंकि यह आंखों के लिए नुकसानदायक है।
शरीफा के पत्तों का रस बालों की जड़ों में अच्छी तरह मालिश करने से जुंए मर जाती हैं।
शरीफा के बीज पीसकर माथे पर लगाने से जुंए नष्ट हो जाएंगी।
8. नींबू :
अडूसा के पत्तों के काढ़े से बाल धोने से जुंए मर जाते हैं।
अडूसा के पत्तों में फल को बांधकर रखने से फल सड़ते नहीं हैं। इसके (एलकोहलिक टिंचर) को छिड़कने से मक्खी, मच्छर एवं पिस्सू आदि भाग जाते हैं तथा पत्तों से बनी खाद को खेतों में डाला जाए तो फसलों में कीड़े नहीं लगते हैं। ऊनी कपड़ों के तह में पत्तों को रखने से कीड़े नहीं लगते हैं। इसी तरह इसका काढ़ा बनाकर बालों को धोने से बालों की जूं मर जाती हैं।
11. सीताफल : सीताफल के बीजों को पीसकर लगाने से जुंए मर जाती हैं।
12. बथुआ : बथुआ के पत्तों को गर्म पानी में उबालकर छान लें और उसे ठंड़ा करके उसी पानी से माथे को खूब अच्छी तरह से धोयें। इससे बाल स्वच्छ हो जायेंगे और जूएं भी मर जायेंगी।
13. हींग : बिना भुनी हींग (कच्ची हींग) पानी में घोलकर बालों की जड़ों तक लगायें और पूरे बालों को इस घोल से गीला करके छोड़ दें, कुछ घंटों बाद नींबू रस मिले पानी से बालों को धो लें। इससे सारे जुंए मर जायेंगे और ऐसा रोजाना 1 बार कुछ दिन तक करें। इससे पूरे सिर के जूंए की सफाई भी हो जाएगी।
14. गांजा :
15. शिलारस : शिलारस को चौगुने तिल के तेल में मिलाकर लगाने से जूं मर जाती हैं।
16. शिकाकाई : शिकाकाई की फली के क्वाथ (काढ़े) से बालों को धोने से जूंए मरती हैं।
17. अमरबेल : हरे अमरबेल को पीसकर पानी के साथ मिला लें। इससे बालों को धोने से जूएं मर जायेंगी। इसे पीसकर तेल में मिलाकर लगायें। इससे बालों के उगने में लाभ होगा।
18. धतूरा : धतूरे के पत्तों को कूटकर उसका रस निकाल लें और इसे बालों में अच्छे से मालिश करें। इससे जूएं मर जायेंगी।
19. मूली : मूली के रस से सिर को धोने से लीखें और जुएं झड़ जाती हैं।
20. कालीमिर्च : 10 से 12 सीताफल के बीजों और 5 से 6 कालीमिर्चों को पीसकर, सरसों के तेल में मिलाकर और रात को सोने से पहले बालों की जड़ तक मलने से सिर की जूएं मर जाती हैं।
21. चुकन्दर :
22. अजवाइन :
23. कपूर : 3 चम्मच नारियल के तेल में थोड़ा-सा कपूर मिलाकर बालों की जड़ों में मलकर रात को सोयें। प्रात: बाल धोकर बारीक कंघी करें। इससे लीखें और जुओं का सफाया हो जायेगा।
24. सरसों का तेल : 25 मिलीलीटर नींबू का रस और 20 मिलीलीटर सरसों का तेल मिलाकर लगाने से जूं नष्ट हो जाती हैं।
25. बथुआ : बथुआ को उबालकर इसके पानी से सिर को धोने से जुंए मर जाती हैं और सिर के बाल साफ हो जाते हैं।
26. लहसुन : लहसुन को पीसकर नींबू के रस में मिलाकर रात को सोने से पहले सिर पर लगायें और सुबह धो लें। यह क्रिया 5 दिनों तक लगातार करने से सिर की जूं मरकर बाहर निकल जाती हैं।
सावधानी : इसे आंखों पर न लगने दें।
बाल झड़ना (गंजेपन का रोग) ganjapan baal ka jhadna
बाल झड़ना
सिर के बाल जब उड़ जाते हैं तो खोपड़ी खल्वाट (बालों रहित) हो जाती है जिसे गंज कहते हैं।परिचय :
विभिन्न भाषाओं में नाम :
कारण :
1. हाथी-दांत : हाथी-दांत की राख में बकरी का दूध और रसौत को मिलाकर सिर पर लेप करने से बाल उगने लगते हैं।2. आम : एक साल पुराने आम के अचार के तेल से रोजाना मालिश करें। इससे गंजेपन का रोग कम हो जाता है।
3. केला : पके केले के गूदे को नींबू के रस में मिलाकर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
4. दही : दही को तांबे के बर्तन से ही इतनी देर रगडे़ कि वह हरा हो जाए। इसे सिर में लगाने से गंजेपन की जगह बाल उगना शुरू हो जाते हैं।
5. पत्तागोभी : पत्तागोभी के रस से एक महीने तक सिर पर मालिश करने से गंजेपन का रोग सही हो जाता है।
6. फिटकरी : 5-5 ग्राम फिटकरी और छड़ेला को पानी के साथ पीसकर गंजेपन की जगह 3-4 दिनों तक लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
7. कबीला : 5-5 ग्राम कबीला, कच्चा सुहागा तथा कम भुनी राई को एक साथ पीसकर सिर के गंजेपन पर सरसों के तेल में मिलाकर लेप करें। इससे गंजेपन का रोग मिट जाता है।
8. अरण्डी (एरण्ड) : अरण्डी (एरण्ड) या सरसों के तेल में हल्दी जलाकर छान लें और इसमें थोड़ा सा कपूर मिलाकर सिर के गंजे जगह पर मालिश करें। इससे सिर पर बाल उगना शुरू हो जाते हैं।
9. तम्बाकू : 20-20 ग्राम तम्बाकू का जला गुल और कनेर के पत्ते को 100 मिलीलीटर सरसों के तेल में जलाकर ठंड़ा कर मिला लें और इसे सिर में लगायें। इससे सिर के बाल आना शुरू हो जाते हैं।
10. झाऊ : 100 ग्राम झाऊ की जड़ छाया में सुखाकर दरदरा यानी मोटा-मोटा कूटकर 500 मिलीलीटर पानी में उबालें, 100 मिलीलीटर पानी रह जाने पर निथारकर 100 मिलीलीटर तिल के तेल में जलायें, फिर इसे ठंड़ा कर लेने के बाद बालों में लगाएं। इससे बालों का झड़ना भी कम हो जाता है।
11. गोरखमुण्डी : 5 ग्राम गोरखमुण्डी के चूर्ण को सुबह पानी के साथ सेवन करने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
12. कालीमिर्च : कालीमिर्च और नमक का चूर्ण प्याज के साथ पीसकर लगाने से सिर का दाद और बालों के झड़ने की शिकायत से राहत मिलती है।
13. मेथी :
14. प्याज :
प्याज का रस शहद में मिलाकर गंजेपन की जगह पर लगाने से फिर से बालों का उगना शुरू जाता है।
गंज (सिर पर कहीं से बाल उड़ जाने को गंज कहते हैं) वाले भाग पर प्याज का रस रगड़ने से बाल वापस उगने लगते हैं और बाल गिरने रुक जाते हैं।
प्याज के रस में नमक और कालीमिर्च का पाउड़र मिलाकर मालिश करने से सिर की दाद के कारण सिर के उड़ गये बाल फिर से आने लगते हैं।
16. हारसिंगार : हारसिंगार के बीजों को पानी के साथ पीसकर सिर के गंजेपन की जगह लगाने से सिर में नये बाल आना शुरू हो जाते हैं।
17. करंज : करंज के फूलों को पीसकर सिर में बांधने से गंजेपन से लाभ होता है और नये बालों का आना शुरू हो जाता है। इसे रोजाना रात को बांधें और सुबह नींबू के रस मिले पानी से साफ कर लें।
18. करजनी (गुंजा) :
19. रोहिस घास : रोहिस घास के पत्तों का तेल सिर में मालिश करने से गंजेपन के रोग में लाभ होता है और नये बाल निकल आते हैं।
20. भंगरैया : भंगरैया का रस रोजाना गंजे सिर में मालिश करने और उसका रस 5-10 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से गंजेपन का रोग दूर हो जाता है।
21. वन्यकाहू : वन्यकान्हू के बीज और कूठ को एक साथ पीसकर लेप करने से गंजेपन और बालों के झड़ने में कमी आती है।
22. रोजमरी : रोजमरी के तेल का प्रयोग गंजेपन और बालों के झड़ने में किया जाता है।
23. अलसी (तीसी) : अलसी के तेल में बरगद (वटवृक्ष) के पत्तों को जलाने के बाद उसे पीसकर और छानकर रख लें। इस तेल को सुबह-शाम सिर में लगायें। इसी तरह इसे लगाते रहने से सिर पर फिर से बालों का उगना शुरू हो जाता है।
24. अमरबेल :
25. सुहागा : 20 ग्राम सुहागा और 20 ग्राम कपूर दोनों को बारीक पीसकर पानी में घोलकर, बाल धोने से बालों का गिरना कम हो जाता है।
26. अनन्तमूल : 2 ग्राम अनन्तमूल की जड़ का चूर्ण रोजाना खाने से सिर के बाल उग आते हैं और सफेद बाल काले होने लगते हैं।
27. धनिया : धनिया का पानी निकालकर (पत्ते का रस) सिर पर मालिश करने से गंजेपन का रोग मिट जाता है और नये बाल आना शुरू हो जाते हैं। सिर पर हरे धनिये का रस लगाने से बाल निकल आते हैं।
28. चुकन्दर : चुकन्दर के पत्ते का रस सिर में मालिश करने से गंजेपन का रोग मिट जाता है और नये बाल आना शुरू हो जाते हैं।
29. लहसुन : सिर में लहसुन का रस लगाने से बाल उग जाते हैं। इसका प्रयोग 60 दिनों तक करने से गंजापन दूर कर सकते हैं।
30. जातीपत्र : जातीपत्र, करंज बीज, वरुण छाल, करवीर मूल और चित्रक सभी को बराबर मात्रा में लेकर मिश्रण बनाकर साफ किया तेल उपयोग में लाना चाहिए। इससे बालों को लाभ होता है।
31. आमलकी : आमलकी फल मज्जा और आम के बीज जिनका छिलका उतार दिया गया हो पानी में लेप तैयार कर उपयोग में लाने से गंजेपन से लाभ होगा।
32. रसांजन (रसोत) : हाथी-दांत की राख में रसांजन और बकरी का दूध मिलाकर सिर पर लेप करने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
33. जमालगोटा : नींबू के रस में जमालगोटे के बीजों को पीसकर सिर पर लगाएं। सूखने पर कुछ ही देर में धो लें इसे हर रोज लगाते रहने से गंजेपन के रोग में लाभ होगा।
34. धतूरा :
35. मुलहठी : मुलहठी का पाउडर, दूध और थोड़ी-सी केसर का पेस्ट बनाकर नियमित रूप से सिर में लगायें। अधिक रूसी होने पर तथा बाल अधिक झड़ने पर सिर पर मुलहठी लगाने से लाभ होता है।
36. दूधी : इसके पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) के रस और कनेर के पत्तों के रस को मिलाकर सिर के गंजे स्थान पर लगाने से बाल सफेद होना बन्द हो जाते हैं तथा गंजापन दूर हो जाता है।
37. कलौंजी: जली हुई कलौजी हेयर आइल में मिलाकर नियमित रूप से गंजेपन में मालिश करने से लाभ होता है।
38. ग्वारपाठा : रक्त घृत कुमारी (जिसमें नारंगी और कुछ लाल रंग के फूल लगते हैं) के गूदे को स्प्रिट में गलाकर सिर में लेप करने से बाल काले हो जाते हैं तथा गंजे सिर में लगाने से बाल उग जाते हैं।
39. गुड़हल :
नोट : इसके बीज गोलाकर और अनेक बीजों से युक्त होते हैं।
गंजापन दूर करने के लिए कालीगाय के पेशाब में गुड़हल के फूलों को पीसकर लगाने से बाल बढ़ जाते हैं और गंजापन भी दूर होता है।
गुड़हल के पत्तों को पीसकर लुग्दी बनाकर बालों में लगा लें। 2 घंटे के बाद बालों को धोकर साफ कर लें। इस प्रयोग को नियमित रूप से करते रहने से न केवल बालों को पोषण मिलता है बल्कि सिर में ठंडक का भी अनुभव होता है।
गुड़हल के ताजे फूलों के रस में बराबर मात्रा में जैतून का तेल मिलाकर आग में पका लें। जब केवल तेल शेष रह जाए तो इसे शीशी में भरकर रख लें। इस तेल को बालों में मलकर जड़ों तक लगाने से बाल चमकीले और लंबे होते हैं।
गुड़हल के फूल और भृंगराज के फूल को भेड़ के दूध के साथ पीसकर लोहे के बर्तन में रख दें। 7 दिनों के बाद इसे निकालकर भृंगराज के रस में मिलाकर लोहे के बर्तन में रख दें। 7 दिनों के बाद निकालकर भृंगराज के पंचांग के रस में मिलाकर, रात को गर्म करके बालों में लगायें। सुबह उठकर सिर को धो लें। इससे बाल काले हो जाते हैं।
41. उड़द : उड़द की दाल को उबालकर पीस लें। रात को सोने के समय सिर पर लेप करें। इससे गंजापन धीरे-धीरे दूर हो जाता है और नये बाल आना शुरू हो जाते हैं।
42. नींबू : रोजाना 1 से 2 महीने तक लगातार नींबू का रस रगड़ने से बाल वापस उग आते हैं।
43. नीम :
नीम के पत्ते 10 ग्राम तथा बेर के पत्ते 10 ग्राम लेकर दोनों को अच्छी तरह पीसकर इसका उबटन (लेप) तैयार कर लें। इसके बाद इस लेप को सिर पर लगाकर 1 से 2 घण्टे बाद धोने से बाल उग आते हैं। इसका प्रयोग एक महीने तक करने से लाभ मिलता है।
100 ग्राम नीम के पत्तों को एक लीटर पानी में उबाल लें। इससे बालों को धोकर नीम के तेल को लगाने से बाल उगने लगते हैं।
नीम के तेल को सूंघने से गंजेपन का रोग दूर हो जाता है।
नीम का तेल 2-3 महीने रोजाना बालों के उड़कर बने चकत्ते पर लगाने से बाल उग आते हैं।
45. लता करंज :
46. अनार : अनार के पत्ते पानी में पीसकर सिर पर लेप करने से गंजापन दूर हो जाता है। प्रतिदिन मीठा अनार खाने से पेट मुलायम रहता है तथा कामेन्द्रियों को बल मिलता है।
47. अपामार्ग : कड़वे तेल (सरसों) में अपामार्ग के पत्तों को जलाकर मसल लें और मलहम बना लें। इसे गंजे स्थानों पर नियमित रूप से लेप करते रहने से पुन: बाल उगने की संभावना होगी।
बालों का गिरना baal ka girna
बालों का गिरना
आमतौर पर सभी व्यक्तियों के बाल झड़ते हैं, यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। बाल पूरी तरह से बढ़ जाने के बाद खुद ही झड़ जाते हैं और उस जगह पर नए बाल आ जाते हैं किंतु ज्यादा बाल झडे़ तो यह एक रोग है।परिचय :
शरीर में खून की कमी, बालों की जड़ों में किसी रोग का होना, गर्मी आदि बीमारी, रूसी, बालों का विकास रुक जाना और धूप में हमेशा खुले सिर रहने से बाल टूटकर गिरने लगते हैं।
आनुवांशिक कारणों से भी (जैसे जब मां के बाल कम उम्र में गिरते हों तो उसकी बेटी के बाल भी कम उम्र में गिरना शुरू हो जाते हैं) बाल टूटते हैं।
दिमाग पर जरूरत से ज्यादा जोर पड़ने से बाल ज्यादा गिरते हैं। औरतों में एक्ट्रोजन हार्मोन की कमी से बाल अधिक गिरते हैं। भोजन में लौह तत्व, विटामिन `बी` तथा आयोडीन की कमी से उम्र से पहले ही बाल गिरने लगते हैं।
बालों की सही सफाई न होने, कीड़े और फंगस (फफून्दी) के कारण सिर में कई बार फुंसी, एक्जिमा, दाद, खाज-खुजली आदि हो जाते हैं जिसके कारण बालों के छिद्र नष्ट होने लगते हैं और बाल टूटकर गिरने लगते हैं। इसके अलावा अधिक दिमागी परेशानी/मानसिक तनाव के कारण भी बाल टूटते हैं।
कई रोगों से पीड़ित होने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं। मोतीझारा (टाइफाइड) बुखार में भी रोगी के बाल रूखे होकर झड़ने लगते हैं लेकिन जैसे-जैसे बुखार ठीक होने लगता बालों का झड़ना कम हो जाता है। इसके बाद झड़े बालों की जगह पर नए बाल उग आते हैं। इन पुरानी बीमारियों के कारण अन्य अंगों के रोम कूप (बालों के छिद्र) में भी कमजोरी आ जाती है। शुरू में ये बाल झड़ते हैं, लेकिन जैसे-जैसे व्यक्ति में नयी शक्ति का समावेश होता है वैसे-वैसे रोमकूप (बालों के छिद्र) मजबूत होने लगते हैं। इस कारण उड़े हुए बालों की जगह पर नये बाल आ जाते हैं। इस बीमारी के हो जाने के बाद बालों के लिए चिन्तित होने के बजाय शारीरिक खान-पान पर ध्यान देना चाहिए। बालों के अधिक झड़ने कई कारण होते हैं जैसे- टाइफाइड जैसी लंबी बीमारी, गर्भावस्था, दवाइयों तथा औषधियों की प्रतिक्रिया, बहुत अधिक सुगंधित तेलों का प्रयोग, सस्ते घटिया शैम्पू का प्रयोग और संतुलित भोजन की कमी आदि।
भोजन में पोषक तत्वों की कमी बालों के झड़ने का एक कारण है। इसके लिए भोजन में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाना जरूरी है। इसके लिए भोजन में चना, सोयाबीन और राजमा आदि का प्रयोग करें। दूध से बनी चीज भी इसके लिए फायदेमन्द हैं। हमारे शरीर की त्वचा में चिकनाई बनाने वाली ग्रंथियां (नसे) होती हैं जो अपनी चिकनाई से बालों का पोषण करती हैं। इससे बाल कोमल रहते हैं और बढ़ने लगते हैं। बालों का पोषण रक्त (खून) संचार द्वारा भी होता है। यदि रक्त (खून) का दौरा सही प्रकार से चलता रहे तो बाल जल्दी बढ़ने लगते हैं तथा कोमल और चमकदार भी बन जाते हैं। खून के संचार में कमी की वजह से बाल झड़ने लगते हैं।
बालों में नींबू के रस से मालिश करके धोने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
एक गिलास पानी में 2 चम्मच चाय की पत्ती डालकर उसे उबाल लें और उसे ठंडा होने दें। ठंडा होने के बाद उसे छानकर उसमें नीबू निचोड़ लें। बालों को अच्छी तरह साफ कर लेने के बाद इस पानी से बालों को धोयें। इसके बाद साफ पानी से बालों को धोयें। इस तरह बालों को धोने से बाल चमकदार और मुलायम हो जाते हैं और उनका झड़ना भी कम हो जाता है।
सूखे आंवले को रात में पानी में भिगोकर रख दें। सुबह इसी पानी से सिर को धोयें। इससे बालों की जड़ें मजबूत हो जाती हैं और प्राकृतिक शोभा बढ़ती है इससे दिमाग और नेत्रों को लाभ होता है।
सूखे आंवले को रात को भिगो दें और सुबह इस पानी से बालों को धोंये। इससे बाल मजबूत होते हैं, बालों की प्राकृतिक सुन्दरता बढ़ती है। फरास का जमना ठीक हो जाता है। आंखों और मस्तिष्क को लाभ पहुंचता है। मेंहदी और सूखा आंवला पीसकर पानी में गूंथकर लगाने से बाल काले हो जाते हैं।
22. लहसुन : बालों में लहसुन का रस लगाकर सूखने दें। इस तरह 3 बार रोज लहसुन का रस कुछ हफ्ते तक लगाते रहने से सिर पर बाल उग जाते हैं।
23. नारियल :
बालों को काला करना baal ko kala karna
बालों को काला करना
सिर की त्वचा में जमे मैल के कारण बाल रूखे हो जाते हैं और कमजोर होकर झड़ने लगते हैं, बालों में जमी मैल ही रूसी को जन्म देती है जो बालों की सबसे बड़ी शत्रु है। सिर की सफाई और बालों की स्वच्छता पर हमेशा ध्यान रखना चाहिए। दवाओं का मनमाना उपयोग, पूरी नींद न लेना तथा चिन्ता करना भी बालों के लिए बहुत हानिकारक होता है। इसी कारण बाल झड़ते, टूटते और जल्दी सफेद हो जाते हैं। बालों को स्वस्थ रखने के लिए बालों में तेल लगाना जरूरी है। आजकल फैशन के चलते लोग बालों में तेल नहीं लगाते हैं। यह बालों के लिए नुकसानदायक है। बालों को रीठा और शिकाकाई से धोने के बाद 1 नींबू का रस ठंड़े पानी के साथ मिलाकर बालों की जड़ों में लगाने से बाल काले होते हैं। इससे बालों का रूखापन दूर हो जाता है और इससे प्राकृतिक चमक देखने को मिलती है।परिचय:
1. आंवला :3. इन्द्रायण : इन्द्रायण के बीजों का तेल लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
4. भृंगराज :
भृंगराज और गुड़हल के फूलों को बराबर लेकर भैंस के दूध के साथ पीस लें और इसे रोजाना रात को लगाकर सो जायें। इससे कुछ ही दिनों में ही बाल काले हो जाते हैं।
भृंगराज का पिसा हुआ बारीक चूर्ण और काले तिल को बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। इस मिश्रण को 1 चम्मच की मात्रा में रोजाना सुबह के समय मुंह धोने के बाद खूब चबाकर खायें और ऊपर से ताजा पानी पी लें। इसे लगातार 6 महीने तक प्रयोग करना चाहिए। इससे समय से पहले बालों का पकना और झड़ना कम हो जाता है तथा बाल काले, लंबे, मजबूत और चमकदार बनते हैं। इसका प्रयोग 40 साल तक के व्यक्तियों के लिए ज्यादा फायदेमन्द है।
6. नींबू :
नींबू के रस में पिसा हुआ सूखा आंवला मिलाकर सफेद बालों पर लेप करने से बाल काले होते हैं।
नींबू का रस सिर में मालिश करने से बालों का पकना और गिरना बन्द हो जाता है। सूखे आंवले के पिसे हुए चूर्ण को नींबू के रस के साथ सफेद बालों पर लेप करने से बाल काले होने लगते हैं। इससे बालों के अन्य रोग भी सही हो जाते हैं।
नींबू के छिलके को नारियल के तेल में डुबोकर 8-10 दिनों तक धूप में रख दें और इसके बाद इसे छानकर बालों की जड़ों में मालिश करें। इससे बाल काले और घने हाते हैं।
शैम्पू या साबुन से सिर को साफ करने के बाद 1 गिलास पानी (सर्दियों में गुनगुना पानी तथा गर्मियों में सादा पानी) में 1 नींबू का रस और सिरके की कुछ बूंदें मिलाकर सिर के बालों को अच्छी तरह से धो लें। इससे बाल रेशम की तरह चमकदार सुन्दर और मुलायम हो जाते हैं और सिर की रूसी भी धीरे-धीरे समाप्त हो जाती हैं। इससे बाल भी जल्दी गंदे नहीं होते हैं।
8. तुरई (तोरी) : तुरई के टुकड़ों को छाया में सुखाकर कूट लें। इसमें नारियल का इतना तेल डालें कि यह पूरी तरह से डूब जाए। इसी प्रकार 4 दिनों तक इसे भिगोयें, फिर उबालें और इसे छानकर बोतल में भरकर रख लें। इस तरह इस तेल को बालों में लगाने और मालिश करने से बाल काले हो जाते हैं।
9. गाजर : रोजाना गाजर का रस पीने से बाल काले और स्वस्थ रहते हैं।
10. प्याज : प्याज का रस पीसकर बालों पर लेप करने से बाल काले रंग के उगने चालू हो जाते हैं।
11. दही :
10 पिसी हुई कालीमिर्च का चूर्ण और 1 नींबू निचोड़कर आधा कप दही में मिला लें और इसे बालों पर लगाकर 20 मिनट तक लगा रहने दें। इसके बाद सिर को धो लें। इससे बाल काले और मुलायम हो जाते हैं।
100 ग्राम दही में बारीक पिसी हुई 1 ग्राम कालीमिर्च को मिलाकर सप्ताह में एक बार सिर को धोयें और बाद में गुनगुने पानी से सिर को धो लें। इस प्रयोग को करने से बालों का झड़ना बन्द हो जाता है तथा बाल काले और सुन्दर हो जाते हैं।
13. मेथी : मेथी को खाने और इसका तेल सिर में लगाने से सफेद बाल कम होते हैं।
14. गेहूं : गेहूं के पौधे का रस पीने से बाल कुछ ही दिनों में काले हो जाते हैं।
15. कालीमिर्च : जुकाम में भी बाल सफेद हो जाते हैं। अगर बाल जुकाम के कारण सफेद हो गये हो तो 10 कालीमिर्च रोजाना सुबह-शाम निगल जायें। इससे कफ-विकार (बलगम रोग) खत्म हो जाते हैं और नये बाल उगना शुरू हो जाते हैं। इसका प्रयोग 1 साल से अधिक करें। तिल के तेल में कालीमिर्च को बारीक पीसकर बालों में लगाने से बाल काले हो जाते हैं।
16. तुलसी : बराबर मात्रा में तुलसी और हरा धनिया पीसकर आंवले के रस के साथ कुछ दिनों तक लगाएं। बाद में ताजे पानी से बालों को धो लें। इससे बाल काले बनते हैं।
17. रीठा : 250-250 ग्राम रीठा और सूखा आंवला पिसा हुआ, शिकाकाई की फली, मेहंदी की सूखी पत्तियां तथा नागरमोथा 25-25 ग्राम, इन सबको मिलाकर एक साथ पीस लें। शैम्पू तैयार है। इसका एक बड़ा चम्मच पानी में उबालकर इससे सिर को धोयें। इससे बाल सफेद और साफ हो जायेंगे तथा सफेद बालों में कालापन आ जाएगा।
18. नारियल : 300 मिलीलीटर नारियल के तेल में कालीमिर्च (मोटी कुटी हुई) 3 ग्राम (लगभग एक चम्मच) डालकर गर्म कर लें। थोड़ा तेज गर्म हो जाने पर साफ कपड़े से छानकर बोतल में भर लें। रात में सोने से पहले इसे बालों की जड़ों में अंगुलियों के सिरों से हल्की-हल्की मालिश करें। इससे बाल काले हो जाते हैं।
19. मुल्तानी मिट्टी : 100 ग्राम मुल्तानी मिट्टी 1 कटोरे में लेकर पानी में भिगो दें। जब यह 2 घंटे में फूलकर लुग्दी सी बन जाए तो हाथ से मसलकर गाढ़ा घोल बना लें। ध्यान रहे कि इसमें डालिया न बचने पायें। इस घोल को सूखे बालों में डालकर मुलायम हाथों से धीरे-धीरे बालों में लगायें। इसे लगाने के 5 मिनट बाद सर्दियों में गुनगुना और गर्मियों में ठंड़े पानी से धो लें। अगर बाल ज्यादा गंदे हो तो वैसे ही करें। इस तरह साबुन की जगह मुल्तानी मिट्टी से बालों को सप्ताह में 2 बार धोने से उसमें अच्छी चमक देखने को मिलती है। पहली बार ही धोने से सिर में हल्कापन और शीतलता का अनुभव होता है जैसा कि और शैम्पू में नहीं देखने को मिलता है।
20. बेसन का शैम्पू : साबुन की जगह सप्ताह में दो बार बेसन को पानी में सही तरह से घोलकर बालों में लगाएं और इसे 1 घण्टे बाद धो लें। इससे बाल घने और काले होते हैं। इस तरह बालों की गन्दगी साफ हो जाती है, बाल चमकीले और मुलायम हो जाते हैं। सिर की खाज खुजली और फुन्सियां जल्द ही ठीक हो जाती हैं।
21. काला तिल :
250 ग्राम काला तिल, 250 ग्राम गुड़ दोनों को सही तरह से कूटकर रख लें। इसे रोजाना 50 ग्राम खाने से शरीर में ताकत आती है। इससे पेशाब अधिक नहीं लगता और उम्र से पहले आये सफेद बाल काले होने लगते हैं।
काला तिल, सूखा भृंगराज, सूखा आंवला और मिश्री को बराबर लेकर बनाये गये चूर्ण को रोजाना सुबह 6 ग्राम की मात्रा में खाकर ऊपर से 250 मिलीलीटर दूध का सेवन करें। इसे 1 साल तक लगातार खाने से रूप बदल जाता है।
22. सूखा आंवला : 500 ग्राम सूखा आंवला, 200 ग्राम शहद, 200 ग्राम मिश्री और 2 लीटर पानी लेकर रख लें। इसके बाद सबसे पहले आंवले को पीसकर रात को भिगो दें। इसे सुबह मसलकर छान लें। इस छाने पानी में शहद और मिश्री मिलाकर बोतल में भरकर रख दें। इसे सुबह-शाम 20-20 मिलीलीटर खाने के साथ सेवन करें। इसके सेवन से पेट की कब्ज और गर्मी नष्ट हो जाती है और दिमागी चेतना बढ़ती है तथा उम्र से पहले सफेद हुए बाल भी काले होने लगते हैं।
23. मेहंदी :
50 ग्राम मेहंदी, आधा चम्मच कॉफी और 25 आंवला को दूध में भिगोकर बालों में लगा लें, 1 घण्टे के बाद पानी से सिर धो लें, सप्ताह में 2 बार ऐसा करने से सफेद बाल काले-सुनहरे हो जाते हैं।
6 चम्मच मेहंदी, 4 चम्मच सूखा आंवला, 1 चम्मच कॉफी, चौथाई चम्मच कत्था-इन सबको मिलाकर 1 लोहे के बर्तन में कॉफी के उबले हुए पानी में भिगो लें। दूसरे दिन इनका बालों पर लेप करें। 20 मिनट तक लेप को लगा रहने दें। इसके बाद सिर को धो लें और सिर में आंवले का तेल लगाएं। आंवला बालों के लिए एक प्राकृतिक (कुदरती) देन है। इसे बालों में किसी भी तरीके से लगा सकते हैं और इसका रस पीयें। इससे बालों को लाभ होता है।
मेहंदी के पत्तों का चूर्ण और नील के पत्तों का चूर्ण समान मात्रा में लेप बनाकर लगाने से सफेद बाल प्राकृतिक रूप से काले हो जाते हैं।
मेहंदी, दही, नींबू और चाय की पत्तियों को मिलाकर 2 से 3 घंटे तक बालों में लगाने से बाल घने, मुलायम, काले और लंबे हो जाते हैं।
25. नीम : नीम के बीजों को भांगरा और विजयसार के रस के साथ कई बार उबालकर उसके बीजों का तेल निकालकर 2-2 बूंदों को नाक से लेने से तथा आहार में केवल दूध और भात को खाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
26. योगासान : शीर्षासन और सर्वांगासन सही ढंग से करते रहने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं और बालों का झड़ना कम हो जाता है। इससे बाल सफेद नहीं होते तथा बाल काले, चमकीले और सुन्दर बन जाते हैं।
विशेष : युवावस्था से ही सुबह-शाम भोजन करने के बाद वज्रासन में बैठकर 2-3 मिनट तक लकड़ी, सींग और हाथी दांत की कंघी करने से बालों का सफेद होना कम हो जाता है। इससे बालों का जल्दी पकना और गिरना, सिर की खुजली, सिर का पिलपिला होना, चक्कर और सिर की गर्मी नष्ट हो जाती है
बालों के रोग
बालों के रोग
कारण :
2. अदरक :
200 मिलीलीटर तिल और नारियल (गोला) के 5 मिलीलीटर गर्म तेल में कपूर का चूर्ण मिलाकर उसे ठंड़ा कर लें। इसे सुबह-शाम बालों की जड़ों में मालिश करने से बालों के रोगों में लाभ होता है।
बालों के गिरने पर तिल का तेल लगाने से लाभ होता है और यह सिर को भी ठंड़ा रखता है।
लगभग 10-10 ग्राम तिल के फूल, गोखरू और नमक को एक साथ पीसकर मक्खन में मिलाकर बालों की जड़ों में मालिश करें। इससे बालों के सभी रोग मिट जाते हैं।
5. उड़द की दाल :
200 ग्राम उड़द की दाल, 100 ग्राम आंवला, 50 ग्राम शिकाकाई, 25 ग्राम मेथी को कूटकर छान लें। इस मिश्रण में से 25 ग्राम को खुराक के रूप में 200 मिलीलीटर पानी के साथ एक घंटा भिगोकर रख दें और इसके बाद इसे अच्छी तरह से मिलाकर छानकर बालों को धो लें। इससे बालों के रोगों में लाभ होता है।
उड़द की दाल उबालकर पीस लें और इसको रात को सोते समय सिर के गंजेपन की जगह पर लगायें। इसका प्रयोग करने से बाल उग आते हैं।
7. तेज जैतून : 60 ग्राम तेज जैतून में 2 सूखी जौंक को जला लें और इसको ठंडा करके छान लें। इस मिश्रण से बने तेल को सिर के गंजे भाग पर मालिश करने से लाभ होता है।
8. बड़ (बरगद) की दाढ़ी : 60 ग्राम सूखी बड़ की दाढ़ी को पीसकर 250 मिलीलीटर नारियल के तेल में 15 दिनों तक भिगोएं, फिर इसे छानकर रात को सिर में मालिश करें। इससे सिर के गंजेपन से छुटकारा मिल जाता है।
9. सुहागा : 20 ग्राम सुहागा और 10 ग्राम कपूर को 50 मिलीलीटर उबले पानी में मिलाकर हल्के गर्म पानी के साथ धोने से बाल मुलायम तथा काले बनते हैं।
10. झाऊ की जड़ : 100 ग्राम झाऊ की जड़ को छाया में सुखाकर उसे मोटा-मोटा पीसकर 500 मिलीलीटर पानी में उबाल लें जब यह लगभग 100 मिलीलीटर की मात्रा में शेष बचे तो उसे छान लें। इसके बाद इसे 100 मिलीलीटर तिल के तेल में अच्छी तरह मिलाकर बालों में लगाने से सफेद बाल (पलित रोग) जड़ से काले उगते हैं।
11. गोरखमुण्डी : 50 ग्राम गोरखमुण्डी को पीसकर 5 ग्राम की मात्रा में सुबह पानी के साथ रोजाना सेवन करने से बालों के रोगों में लाभ मिलता है।
12. घोड़े की लीद : घोड़े की लीद को छाया में सुखाकर तिल के तेल में जला लें और इसे ठंड़ा होने पर अच्छी तरह से मिलाकर इस तेल से सिर की मालिश करने से बाल लंबे बन जाते हैं।
13. गोखरू :
15. राई : लगभग 10-10 ग्राम राई और बकरी की मेंगनी को एक साथ पीसकर लेप बना लें। इस लेप को बालों में प्रयोग करने से बालों के रोग मिट जाते हैं।
16. प्याज :
18. अमलबेत : लगभग 10-10 ग्राम की मात्रा में अमलबेत, माजूफल, लालचंदन, निलवरी, औंशचूल मोटा-मोटा कूटकर 100 मिलीलीटर तिल के तेल में जला लें और उसे नीचे उतारकर अच्छी तरह मिलाकर सफेद बालों पर लगायें। इसको लगाने से बाल काले हो जाते हैं।
19. सज्जीखार : 5 ग्राम सज्जीखार, 5 ग्राम जवाखार, 5 ग्राम सरसों, 5 ग्राम कांजी और 5 ग्राम नागकेसर को मोटा-मोटा पीसकर इसे छान लें और इसे पानी के साथ पीसकर बालों पर लगाएं। इससे बालों के रोग धीरे-धीरे समाप्त होते जाते हैं।
20. सुहागा : 5 ग्राम सुहागा और 10 ग्राम कच्चा सुहागा को 250 मिलीलीटर उबलते पानी में मिलाकर रख लें। फिर इसके ठंड़ा होने पर बालों को धोयें। ऐसा प्रयोग करने से बाल मजबूत बनते हैं।
21. चुकन्दर :
23. कटेरी : कटेरी का रस शहद में मिलाकर सिर के गंजेपन पर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
24. हाथी दांत :
25. चमेली :
चमेली के पत्ते, कनेर, चीता और करंज को पानी के साथ पीस लें, फिर इसकी लुगदी के वजन से 4 गुना मीठा तेल और तेल के वजन से 4 गुना जल और बकरी का दूध लें, इन सबको मिलाकर पका लें। जब थोड़ा तेल ही बाकी रह जाय तब उसे उतारकर छान लें। इस तरह इस तेल को सिर पर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
चमेली के तेल को सिर में लगाने से सिर-दर्द ठीक हो जाता है।
27. गेहूं :
29. बन्दगोभी (पत्तागोभी) : बन्दगोभी की सब्जी खाने और इसके भीतर वाला भाग रोजाना खाने से बालों के रोग मिट जाते हैं।
30. केला : केले के गूदे को नींबू के रस के साथ पीसकर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
31. अनार : अनार के पत्ते को पानी के साथ पीसकर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
32. नमक : 1-1 चम्मच पिसा हुआ नमक और कालीमिर्च, 5 चम्मच नारियल का तेल एक साथ मिलाकर बाल उडे़ जगह पर लगाने से वहां बाल फिर से आ जाते हैं।
33. लहसुन : सिर के बाल उड़ने पर लहसुन को खाने से बाल फिर से उग आते हैं।
34. अरहर :
सिर के धब्बे को खुरदरे कपड़ों से रगड़कर साफ करने के बाद अरहर की दाल पीसकर रोजाना तीन बार इसका प्रयोग करें। इसके दूसरे दिन सरसों का तेल लगाकर धूप में बैठ जाएं और 4 घण्टे बाद फिर से इसे लगायें, इसी तरह कुछ दिनों तक इसका प्रयोग करने से बाल फिर से उग आते हैं।
सिर के बालों के चकत्तों को खुरदरे कपड़े से रगड़कर अरहर की दाल पीसकर 3 बार लेप करें, दूसरे दिन सरसों का तेल लगाकर धूप में बैठें। 4 घण्टे बाद फिर से लेप करें। इस तरह लगातार कुछ दिनों के प्रयोग से सिर के बाल उग आते हैं।
36. दही :
आधा कप दही में एक नींबू निचोड़कर मिला लें। इसे बालों पर लगाएं और 20 मिनट तक लगा रहने दें। 20 मिनट के बाद सिर को धोने से बाल मुलायम एवं काले हो जाएंगे।
एक कप दही में नमक मिलाकर बालों में लगाने से सिर की रूसी दूर हो जाती है।
खट्टे दही को बालों की जड़ों में लगाकर थोड़ी देर तक मालिश करने के बाद उसे ठंड़े पानी से धो लें। इससे बालों का झड़ना बन्द हो जाता है।
4 लीटर सरसों का तेल और धतूरे के पत्तों का रस 16 लीटर को एक साथ मिलाकर मन्दी आंच पर पकायें, जब तेल मात्र शेष रह जाए तो इसे बोतल में भरकर रख लें। इस तेल को बालों में लगाने से सिर की जुंए मर जाती हैं।
धतूरा की पत्तियों के रस को सिर के बालों की जड़ों में लगाने से जुएं व लीखे नष्ट हो जाती हैं। रस में कपूर को मिलाकर लगाने से अधिक प्रभावशाली असर होता है।
4 चम्मच अरण्डी तेल, 4 मसले हुए आलू, 2 चम्मच मेथी पाउडर, 2 चम्मच भृंगराज बूटी का पाउडर और 2 चम्मच शिकाकाई पाडडर का गाढ़ा घोल बनाकर बालों और सिर में लगा लें। एक घंटे तक लगा रहने दें और फिर धोयें।
4 चम्मच मेथी पाउडर, एक नींबू का रस, एक केला मसला हुए लेकर रख लें, फिर इन सबको मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को सिर पर लगाकर सूखने के बाद धोने से बाल साफ, मुलायम और चमकदार हो जायेंगे।
मेथी की हरी पत्तियां 70 ग्राम रातभर पानी में पड़ी रखें। प्रात: पानी छानकर निकाल दें और पत्तियों को बिना पानी डालकर पीस लें। इसमें 35 ग्राम दही मिलाकर पेस्ट को बालों पर लेप करें, बालों की जड़ों में लगायें। 20 मिनट बाद धोयें। इस प्राकृतिक कण्डीशनर से बाल मुलायम हो जायेंगें तथा फरास भी निकल जायेगी। मेथी और दही की मात्रा पेस्ट या बालों को कण्डीशनर जैसा बनाने के लिए आवश्यकतानुसार घटा-बढ़ा लें। मेथी के ताजा हरे पत्तों को पीसकर सिर में लगाने से बाल मुलायम होते हैं।
मेथी दाना 1 चम्मच और बेर के 10-15 पत्ते बारीक पीसकर सिर में लगा लें और 1 घण्टे के बाद सिर को धोयें। इससे बाल घुंघराले हो जायेंगे।
4 बड़े चम्मच दही में 3 चम्मच पिसी हुई मेथी दानों को भिगो दें, आधा घंटा भीगने के बाद सिर की त्वचा पर लगाकर आधा घंटा लगायें रखें, फिर बालों धो लें। इससे बाल मुलायम हो जायेंगे।
42. नींबू :
नहाने से पहले सिर में नींबू के रस से अच्छी तरह मालिश करने से बालों का पकना और गिरना दूर हो जाता है। इसके प्रयोग से जुएं भी नष्ट हो जाती हैं।
10 मिलीलीटर नींबू के रस में 10 मिलीलीटर नारियल का पानी मिलाकर बालों में अच्छी तरह से लगायें। इसको लगाने के 40-45 मिनट बाद बालों को पानी से धो लें। कुछ महीनों तक ऐसा करने से बालों का टूटना बन्द हो जाता है तथा बाल लंबे और घने होते हैं।
रात को सोते समय नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर सिर में मालिश करने से लाभ होता है।
45. नीम :
सिर के बाल उड़ जाने पर धब्बे और निशान बन जाते हैं। इसके लिए नीम का तेल प्रयोग में लाने से बाल फिर से उग आते हैं।
नीम का तेल रात को सोने से पहले बालों में लगा लें और सुबह नीम वाले साबुन से सिर को धो लें। कुछ दिनों तक नियमित यह प्रयोग करने से सिर की जुएं और लीखें नष्ट हो जाती हैं।
नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर स्नान करने से अनेक रोगों से मुक्ति मिल जाती है। इससे नहाने से बालों की जुऐं मर जाती हैं।
नीम के पत्तों का काढ़ा बनाकर सिर को धोकर नीम के तेल को रोजाना लगाने से सिर की जुएं और लीखों के कारण होने वाली खुजली बन्द हो जाती है। नीम के बीजों को पीसकर लगाने से भी लाभ होता है।
नीम और बेर के पत्तों को पानी में उबालकर बालों को धोकर बालों को सुखा लें। इसके बाद नीम के तेल को बालों की जड़ों में लगाकर मसलने से बालों का गिरना बन्द हो जाता है।
47. अफीम : इसके बीजों को दूध में पीसकर सिर पर लगाने से फोड़े फुन्सियां एवं रूसी साफ हो जाती हैं।
48. एरण्ड :
ऐसे शिशु जिनके सिर पर बाल नहीं उगते हो या बहुत कम हो या ऐसे पुरुष स्त्री जिनकी पलकों व भौहों पर बहुत कम बाल हों तो उन्हें एरण्ड के तेल की मालिश नियमित रूप से सोते समय करना चाहिए। इससे कुछ ही हफ्तों में सुंदर, घने, लंबे और काले बाल पैदा हो जाएंगे।
एरण्ड के गूदे को पीसकर बाल गिर जाने के बाद लगाने से बाल फिर से उग आते हैं।
बरगद की जड़, जटा और जटामांसी का चूर्ण 25-25 ग्राम, तिल का तेल 400 मिलीलीटर तथा गिलोय का रस 2 लीटर सबको मिलाकर धूप में रख लें, जब पानी सूख जाये तो तेल को छानकर रख लें। इस तेल की मालिश से गंजापन दूर होकर बाल आ जाते हैं और बाल झड़ने बन्द हो जाते हैं।
बरगद की जटा और काले तिल को बराबर लेकर खूब बारीक पीसकर लेप बना लें। इस लेप को सिर पर लगाकर आधा घंटे बाद कंघी से बालों को साफ करें और ऊपर से भांगरे एवं नारियल की गिरी को पीसकर लगायें। इससे बाल कुछ ही दिनों में काले और लंबे हो जाते हैं।
बालों पर एक चमकदार और सुरक्षित परत होती है जिसे क्यूटिकल कहते हैं। जब यह परत टूटती है तो बालों के सिरे भी टूटने लगते हैं। कई बार बालों के अत्यधिक सूखे और कमजोर होने के कारण भी बाल दोमुंहे होने लगते हैं। गीले बालों में कंघी करने से भी बालों की सुरक्षा परत को नुकसान होता है और यह भी बालों के दोमुंहे होने का कारण बनता है। इसी तरह तेज-तेज कंघी करने और धूप में ज्यादा देर रहने से भी बाल कमजोर हो जाते हैं।- दोमुंहे बालों का सबसे अच्छा यही उपचार है कि उन्हें काट दिया जाए। बालों को नियमित रूप से काट-छांटकर उन्हें दोमुंहा होने से बचाया जा सकता है।
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