आँखों के नीचे डार्क सर्कल (Dark Circle) दूर करने के तरीके

आज-कल आँखों (eye) के नीचे काले घेरों (Dark circle) की समस्या आम हो गयी है।  यह कई कारणों से होती है। शरीर में कैल्शियम तथा आयरन की कमी, नींद पूरी न हो पाना आदि इसके प्रमुख कारण हैं। कुछ घरेलू उपाय अपना कर इन्हें दूर किया जा सकता है। 

बादाम-शहद के मसाज से दूर होंगे डार्क सर्कल
  • पैन के पत्ते को बारीक पीस लें। इसमें कुछ बूंदें नारियल तेल मिला कर काले घेरों पर लगाएं। 
  • चाय की पत्ती को रात भर दूध में भिगो कर रखें। इसे दूध में मिक्स करके डार्क सर्कल (Dark circle) पर लगाएं। 
  • 2 बादाम को पीस कर 1 चम्मच शहद में मिलाएँ। इसे काले घेरों पर लगा कर हल्के हाथ से मसाज करें और करीब आधे घंटे बाद चेहरे को धो लें। 
  • डिहाइड्रेशन यानि शरीर में पानी की कमी से भी काले घेरे हो जाते हैं। दिन में 8 से 10 गिलास पानी पीयेँ। साथ ही तनाव भागने के लिए प्राणायाम करें। 
  • खीरे के स्लाइस काट कर आँखों पर 10 मिनट तक रखें। ऐसा करने से थकान दूर हो जाती है और डार्क सर्कल हमेशा के लिए गायब हो जाएंगे। 
  • काले घेरे को हटाने के लिए कच्चे दूध में जौ का आटा व चुटकी भर हल्दी मिला कर गाढ़ा घोल बनाएँ और आँखों (eyes) के आस-पास लगाएं। सूख जाने पर धीरे-धीरे रगड़कर चेहरा धो लें। लगातार कुछ महीने तक करते रहने से काले घेरे पूरी तरह से खत्म हो जायेंगे। 
  • सन ग्लासेज (sun glass) पहनें और 6-8 घंटे की नींद लें। 

हाई बीपी (High BP) को कंट्रोल करने के घरेलू उपचार

हाई बीपी (High Blood Pressure) या हाईपरटेंशन (Hypertension)को साइलेंट किलर माना जाता हाई। इसकी दवाइयाँ जीवन भर खानी पड़ती है। कुछ घरेलू उपचार (Home remedies) द्वारा भी बीपी को नॉर्मल रखा जा सकता है। 

हाई बीपी को कंट्रोल करता है शहद व आंवले का रस
  • एक चम्मच आंवले का रस और इतना ही शहद मिला कर सुबह-शाम लें। बीपी नॉर्मल रहेगा। 
  • बीपी बढ़ा हुआ हो, तो आधा गिलास गुनगुने पानी में काली मिर्च पाउडर एक चम्मच घोल कर दो-दो घंटे के अंतराल पर पीते रहें। 
  • तरबूज के गिरी तथा खसखस अलग-अलग पीस कर बराबर मात्र में मिला लें। रोज सुबह एक चम्मच लें। 
  • हाई बीपी को जल्दी कंट्रोल करने के लिए आधा गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़ कर दो-दो घंटे पर लें। 
  • पांच तुलसी के पत्ते तथा दो नीम की पत्तियों को पीस कर 20 ग्राम पानी में घोल कर खाली पेट सुबह पीएं। 15 दिनों में लाभ होने लगेगा। 
  • प्रतिदिन एक पपीता खाली पेट चबा-चबा कर खाएं। बीपी नॉर्मल रहेगा। ब्राउन राइस लेना लाभदायक है। 
  • सौंफ, जीरा, शक्कर तीनों बराबर मात्रा में लेकर पाउडर बना लें। एक गिलास पानी में एक चम्मच मिश्रण घोल कर सुबह-शाम पीते रहें। 
  • पालक और गाजर का रस मिला कर एक गिलास रस सुबह-शाम पीएं, लाभ होगा। 
  • गेंहू व चने के आटे को बराबर मात्रा में लेकर बनायी गयी रोटी चबा कर खाएं, आटे से चोकर न निकालें। 

शरीर के खुजली दूर करने के आसान घरेलू नुस्खे

गर्मी के दिनों में अक्सर शरीर में खुजली (Khujlee) होना शुरू हो जाती है। गर्मी के कारण शरीर से पसीना निकालने लगता है जिसकी साफ-सफाई ठीक से नही की जय तो भी शरीर में खुजली (Khujli) होती है। पैरों में होनेवाली खुजली (Khujle) अक्सर लंबे समय तक जूते पहनने से होती है। लेकिन कुछ घरेलू उपायों से पैरों की खुजली (Pairon ki khujli) को जड़ से समाप्त कर सकते हैं। 

खुजली के बैक्टीरिया को नष्ट करते हैं नींबू पानी
  • दो चम्मच पानी में एक चम्मच बेकिंग सोडा मिला कर पेस्ट बनाएँ और इस पेस्ट को दरारों पर लगाएं। 10 मिनट बाद इसे धो लें। खुजली दूर हो जाएगी। 
  • खुजली वाले पैरों पर सफ़ेद सिरका लगाएं। यह फंगस को विकसित होने से पहले ही समाप्त कर देता है। पांच भाग पानी के साथ एक हिस्सा सिरके का प्रयोग करें। 
  • टी ट्री ऑइल और एलोवेरा जेल को मिला कर मिश्रण बनाएँ। पैरों को साफ कर इस मिश्रण को लगाएं। दिन में तीन बार प्रयोग करें। 
  • एक टब में थोड़ा गुनगुना पानी लेकर उसमें दो चम्मच नमक मिला कर इसमें 10 मिनट पैरों को भिगोएँ। इस उपाय को दिन में तीन बार करें। 
  • गुनगुने पानी में कच्चे ओटमील पाउडर को मिला कर पैरों को भिगोने से खुजली और जलन कम होती है। 
  • थोड़े से पानी में नींबू का रस मिला कर पानी में पैरों को भिगोने से राहत मिलती है। यह मिश्रण फंगस और बैक्टीरिया को मारता है। 
  • पुदीने के पत्तों के पानी या पुदीने की चाय में पैरों की सुन्न त्वचा से छुटकारा पा सकते हैं। 
  • कॉटन और वुल के मोजे का यूज करें।

दस्त (Loos Motion) के क्या है घरेलु उपाय

लौकी के रस से दूर होती है दस्त की समस्या

लूज मोशन (Loos motion) एक बहुत ही कॉमन प्रोब्लेम हाँ। खाने-पीने में थोड़ी लापरवाही भी इसका कारण बन जाती है। दस्त (Dast) लगने पर शरीर के मिनरल्स और पानी तेजी से बाहर हो जाते हैं, जिससे मरीज को कमजोरी महसूस होने लगती है। कुछ घरेलू उपचारों से इस पर काबू पाया जा सकता है। 

लूज मोशन (दस्त) में क्या करें देसी उपचार
  • शिकंजी: नींबू के रस में एक चम्मच चीनी और थोड़ा नमक मिला कर पीएं। इसे पीने से डायरिया दूर होगा। 
  • मैथी दना: एक-चौथाई चम्मच मेथी दाना पाउडर ठंडे पानी से खाली पेट लें। दस्त से मुक्ति मिल जाएगी। 
  • शहद: एक चम्मच शहद में आधा चम्मच दालचीनी पाउडर मिला कर लेने पर दस्त से राहत मिलती है। 
  • अदरक: आधा चम्मच अदरक पाउडर छाछ के साथ लें। दिन में दो-तीन बार लें। डायरिया दूर होगा। 
  • लौकी: लौकी का रस निकाल लें। इसे छान कर दिन में दो-तीन से दस्त में आराम मिलता है। 
  • सरसों: सरसों के एक-चौथाई चम्मच बीजों को एक कप पानी में एक घंटे के लिए भिगो दें। इस पानी को छान कर पीएं। नुस्खा दिन में दो-तीन बार दोहराएँ। 
  • उबले चावल: गीले चावल को ताजा दही के साथ खाएं। दिन भर में दो से तीन खाने से दस्त की समस्या से मुक्ति मिल जाती है। 

बबसीर से राहत दिलाती है बड़ी इलायची -Badi Ilaychi ke gun aur fayde

भोजन को सुगंधित और स्वादिष्ट बनाने के लिए बड़ी इलायची का प्रयोग किया जाता है। यह गरम मसाला का एक महत्वपूर्ण घटक है। यह न सिर्फ भोजन को स्वादिष्ट बनती है, बल्कि इससे कई घरेलू उपचार भी है। 

बबसीर से राहत दिलाती है बड़ी इलायची
  • बड़ी इलायची पीस कर मस्तक पर लेप करने से एवं बीजों को पीस कर सूंघने से सिर दर्द ठीक हो जाता है। 
  • बड़ी इलायची को पीस कर शहद में मिला कर छालों पर लगाने से छाले ठीक हो जाते हैं। 
  • बड़ी इलायची और लौंग के तेल को बराबर मात्रा में लेकर दर्दवाले दांत पर लगाएं। दांत का दर्द दूर होगा। 
  • पांच-दस बूंद बड़ी इलायची तेल में मिश्री मिला कर नियमित सेवन करने से दमा में लाभ होता है। 
  • दो ग्राम सौंफ के साथ बड़ी इलायची के 8-10 बीजों को खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है। 
  • एक ग्राम बड़ी इलायची के चूर्ण को 10 ग्राम बेलगिरी के साथ मिला कर सुबह खाने से दस्त में लाभ होता है। 
  • पिसी हुई राई के साथ बड़ी इलायची चूर्ण मिला कर दो-तीन ग्राम रोज खाने से लिवर रोग दूर होते हैं। 
  • एक-दो बड़ी इलायची के चूर्ण को दिन में तीन बार रोज खाने से शरीर के सारे दर्द दूर हो जाता है। 
  • बड़ी इलायची के दानों को अच्छी तरह पीस कर इसमें शहद मिला कर खाने से घबराहट से राहत मिलती है। 
  • इलायची को पीस कर इसे खाली पेट खाने से बवासीर (Babasir) से राहत मिल जाती है। 

मच्छर भागने के घरेलू नुस्खे

कमरे में कपूर जलाने से दूर भागते हैं मच्छर

मौसम बदलते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है, ऐसे में लोग कीटनाशक पदार्थो का प्रोयोग करने लगते हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक है। प्रस्तुत है कुछ घरेलू उपाय, जिनसे मच्छरों को भगाया जा सकता है।
कमरे में कपूर जलाने से दूर भागते हैं मच्छर
नीम का तेल: बराबर मात्र में नीम का तेल और नारियल तेल मिलाएँ और अपने शरीर पर लगा लें। यह आठ घंटे के लिए मच्छर से बचाता है।
नीलगिरी और नींबू का तेल: बराबर अनुपात में नींबू के रस और नीलगिरी के तेल का मिश्रण और शरीर पर इसका इस्तेमाल करें।
कपूर: दरवाजे-खिड़कियाँ बंद कर कमरे में कपूर जलाएँ। 15-20 मिनट तक छोड़ दें। मच्छर भाग जाएंगे।
तुलसी: खिड़की के पास तुलसी का पौधा रखें। यह मच्छरों को घर में प्रवेश करने से रोकता है एवं उनकी वृद्धि पर भी लगाम लगता है।
लहसुन: लहसुन की काली पीस कर पानी में उबालें और कमरे में चारों ओर स्प्रे करें। मच्छर भाग जाएंगे।
टी ट्री ऑइल: इसे त्वचा पर लगाएँ या कुछ बूंदें वेपोराइजर में डालें। इसकी गंध से मच्छर भागते हैं।
पुदीना: इसका तेल शरीर पर लगाने या खिड़की के बाहर पौधा रखने से मच्छर भागते हैं। वेपोराइजर में भी इसका प्रयोग कर सकते हैं।
लैवेंडर: इसका तेल मच्छर को तो भागता ही है, साथ ही यह सुगंधित भी होता है।

रक्तचाप (Blood pressure) को सामान्य कैसे बनाये रखें

वर्तमान में जीवनशैली में परिवर्तन और अनियमित खान-पान के कारण हृदय रोगों की समस्या बढ़ गयी है। कुछ घरेलू उपायों से आप अपने हृदय को स्वथ्य रख सकते हैं तथा रोगों को दूर रखा जा सकता है। 

एक चम्मच शहद रोज खाने से दूर होती है हृदय की कमजोरी
  • छोटी इलायची और पिपरामूल का चूर्ण घी के साथ सेवन करने से हृदय रोग में फायदा होता है। 
  • एक चम्मच शहद रोज खाने से हृदय मजबूत होता है। 
  • सुबह में अंगूर खाली पेट खाने से मधुमेह और बीपी की समस्या दूर होती है। हृदय भी स्वस्थ रहता है। 
  • गुड़ व घी मिला कर खाने से हृदय मजबूत होता है। 
  • अलसी के पत्ते और सूखे धनिये का क्वाथ बना कर पीने से हृदय की दुर्बलता एमआईटी जाती है। 
  • निम्न रक्तचाप में गाजर के रस में शहद मिला कर पीएं। 
  • उच्च रक्तचाप में सिर्फ गाजर का रस पीने से रक्तचाप संतुलित हो जाता है। 
  • सर्पगंधा को कूट कर रख लें। सुबह-शाम 2-2 ग्राम खाने से बढ़ा हुआ रक्तचाप सामान्य हो जाता है। 
  • प्रतिदिन लहसुन की कच्ची कली खाने से रक्तचाप सामान्य रहता है। 

फोड़े फुंसियों (Fode-Funsi) के लिए क्या है घरेलू उपाय

बरसात के मौसम में त्वचा रोग (Skin problem) होना आम है। सबसे अधिक समस्या फोड़े-फुंसियों (Fode-Funsi) की होती है। जानिए कुछ घरेलू उपाय। 

नीम का लेप दूर करते हैं बरसाती फोड़े-फुंसियाँ
  • फोड़े-फुंसियों पर बरगद के पत्तों को गरम कर बांधने से शीघ्र ही पक कर फुट जाते हैं। 
  • नीम की सुखी छाल को पानी के साथ घिस कर फोड़े-फुंसियों (Fode funsiyon) पर लेप लगाने से ये धीरे-धीरे दूर हो जाते हैं।
  • दाद या खुजली (Daad ya Khujli) वाले स्थान पर मुली के बीज पानी में पीस कर गरम कर लगाने से तत्काल लाभ होता है। 
  • नीम की पत्तियों को पीस कर फोड़े-फुंसी, दाद या खुजली (Khujlee) वाले स्थान पर लगाने से तुरंत लाभ होता है। 
  • अंडी के बीजों की गिरी को पीस कर उसकी पुल्टिस बांधने से लाभ होता है। 
  • आम की गुठली, नीम या आनार के पत्तों को पानी में पीस कर लगाने से फोड़े-फुंसी ठीक होने लगते हैं। 
  • एक चुटकी काले जीरे को मक्खन के साथ निगलने से लाभ होता है। तीन ग्राम त्रिफला चूर्ण (Trifala churn) का सेवन करने से तथा त्रिफला के पानी से घाव धोने से भी लाभ होता है। 
  • सुहागे को पीस कर लगाने से रक्त बहना तुरंत बंद होता है तथा घाव शीघ्र भरता है। 
  • गेंहू के आटे में नमक व पानी डाल कर गरम करें और पुल्टिस बना कर लगाने से फोड़ा पक कर फूटता है। 
  • थूहर के पत्तों पर अंडी का तेल लगा कर गरम करके फोड़े पर उल्टा लगाएँ। इससे मवाद निकर जायेगा। घाव भरने के लिए दो-तीन पत्ते को सीधा लगाएँ। 

नाभि में हींग का लेप लगाने से दूर होती है पेट की समस्या

हींग (Asafetida) को रोज खाने का जायका बढ़ाने के लिए सब्जियों में प्रयोग किया जाता है। यह खाना को तो टेस्टी बनाता ही है, साथ ही पेट रोगों को भी दूर करता है। यहाँ प्रस्तुत है हींग (Hing) से होनेवाले प्रमुख घरेलू उपचार।

नाभि में हींग का लेप लगाने से दूर होती है पेट की समस्या
  • हींग पीस कर (Hing powder) पानी में घोलें। इसे सूंघने से सर्दी-जुकाम, सिर का भारीपन व दर्द दूर होता है। पीठ, गले और सिने पर लेप करने से श्र्वास रोग दूर होते हैं।
  • हींग को पानी में घिस कर दाद पर लगाएँ, लाभ होगा। 
  • प्रसव के बाद हींग (Hing) लेने से गर्भाशय की शुद्धि होती है और पेट संबंधी कोई परेशानी नहीं होती है। 
  • घाव ठीक नहीं हो रहा हो, तो हींग को नीम के पत्तों के साथ पीस कर घाव पर लगाएँ। लाभ होगा। 
  • अफीम का नशा उतारने के लिए थोड़ी-सी हींग पानी (Hing ka pani) में घोल कर पीला दें। नशा तुरंत टूट जायेगा। 
  • पसलियों में दर्द होने पर हींग (Hing) को गरम पानी में घोल कर लेप लगाएँ, सूखने पर प्रक्रिया दोहराएँ।
  • नाभि के आस-पास गोलाई में हींग के पानी का लेप करने से पेट का दर्द, फूलना व भारीपन दूर होता है। 
  • हींग के चूर्ण (Hing ka Churn) में थोड़ा-सा नमक मिला कर पानी के साथ लेने से लो ब्लड प्रेशर में आराम मिलता है। 
  • दांत में कीड़े (Danton me Kide) लगने पर भुनी हुई हींग को रुई के फाहे में लपेटकर दांत में रखें। दर्द से आराम मिल जायेगा। 

हड्डियों और जोड़ो के दर्द के लिए फायदेमंद हैं मेथी

मेथी (Fenugreek) हर घर में होती है। खाने को स्वादिष्ट बनाने के अलावा आप इसका प्रयोग उपचार में भी कर सकते हैं। प्रस्तुत है मेथी के फायदे और कुछ घरेलू नुस्खे:-  

हड्डियों को मजबूत कर रोग से बचाव करती है मेथी
  • मेथी (Methi), सोंठ और हल्दी बराबर मात्रा में पीस कर रोज सुबह-शाम खाना के बाद गरम पानी से दो-दो चम्मच लें, मौसमी बदलाव से बचे रहेंगे। 
  • रोज सुबह खाली पेट एक चम्मच कुटी हुई मेथी (Menthi) में एक ग्राम मंगरेला मिला कर खाएं, पाचन ठीक रहेगा। 
  • मेथी  के दाने (Methee ke dane) हर सुबह खाली पेट, दोपहर और रात को खाना के बाद आधा चम्मच पानी के साथ खाने से हड्डियों के जोड़ मजबूत रहेंगे। 
  • हल्दी, गुड़, पीसी हुई मेथी (Methi powder) और पानी समान मात्रा में मिला कर गरम करें और सोते समय घुटनों पर लेप करें। इस पर रात भर पट्टी बंधे रहने दें। सुबह पट्टी हटा कर साफ कर लें। 
  • अलसी के बीजों के साथ दो अखरोट लेने से जोड़ों के दर्द से आराम मिलता है। 
  • मेथी के लड्डू (Methi ke laddu) खाने से हाथ-पैर के जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। 
  • 30 साल की उम्र के बाद रोज मेथी दाने फांकने से शरीर के जोड़ मजबूत बने रहते हैं। बुढ़ापे तक मधुमेह, ब्लड प्रेशर और गठिया जैसे रोगों से बचाव होता है। 
  • अंकुरित मेथी खाएं और इसे खाने के बाद आधे घंटे तक कुछ न खाएं। पाचन दुरुस्त रहेगा और त्वचा की समस्याओं से बचे रहेंगे। 

वायु विकार दूर करता है अजवाइन का चूर्ण

अजवाइन (Ajwain) का मसाले के रूप में प्रयोग तो हर घर में होता है। लेकिन रोगों के उपचार (Rogon ka upchar) में भी यह बेहद लाभदायक है। प्रस्तुत है इससे संबन्धित कुछ घरेलू उपचार। 

वायु विकार दूर करता है अजवाइन का चूर्ण
  • अजवाइन (Ajwain), काला नमक, सौंठ तीनों को पीस कर इसे भोजन के बाद खाएं। अजीर्ण, वायु विकार दूर होंगे। 
  • खीरे के रस में अजवाइन पीस कर चेहरे की झाइयों पर लगाने से लाभ होता है। 
  • गर्भावस्था में इसे खाने से खून साफ रहता है और रक्त संचरण को भी सुचारु बनाये रखता है। 
  • अजवाइन के तेल (Ajwain ka tel) की कुछ बूंदें कान में डालने से कान दर्द से आराम मिलता है। 
  • शरीर में दाने या दाद होने पर अजवाइन को पानी (Ajwain ka pani) में गाढ़ा पीस कर दिन में दो बार लेप करें। लाभ होगा। घाव व जलने पर यह लेप लाभदायक है। 
  • अजवाइन के चूर्ण (Ajwain ka churn) की पोटली बना कर सेकने से गठिया के दर्द में आराम मिलता है। 
  • अजवाइन के रस (Ajwain ka ras) में एक चुटकी काला नमक मिला कर ऊपर से गरम पानी पीने से खांसी बंद हो जाती है। 
  • गुड़ और पीसी हुई (Kachchi ajwain) कच्ची अजवाइन 1-1 चम्मच मिला कर रोज खाने से गुर्दे का दर्द ठीक हो जाता है। 
  • जो बच्चे रात में बिस्तर गीला करते हैं, उन्हें रात में लगभग आधा ग्राम अजवाइन खिलाएँ। 
  • अजवाइन को भून (Bhuni ajwain) कर व पीस कर मंजन बना लें। इस मंजन से मुंह साफ करने से मसूड़ों के रोग मिट जाते हैं। 

स्केबीज (लाल दाने की समस्या) में फायदेमंद है नीम का तेल

ठंड में स्केबीज अर्थात लाल दाने की समस्या आम है। यह रोग इस मौसम में साफ-सफाई की कमी से होती है। त्वचा पर लाल-लाल दाने निकाल जाते हैं और उनमें तेज खुजली होती है। प्रस्तुत है बचाव के कुछ घरेलू उपाय।

स्केबीज (लाल दाने की समस्या) में फायदेमंद है नीम का तेल
  • एक-एक चम्मच टी ट्री ऑइल और ऑलिव ऑइल मिला कर प्रभावित स्थान पर लगाएँ। दो-तीन सप्ताह में यह ठीक हो जाएगा। गर्भवती इसे न लगाएँ। 
  • शुद्ध नीम के तेल को प्रभावित त्वचा पर लगाएँ। इससे रोग ठीक होगा और दोबारा नहीं होगा। 
  • प्रभावित त्वचा को धोकर वहाँ नीम की पट्टियों को पीस कर लगाएँ और सूखने दें। 
  • एक कप पानी में नीम की पट्टियों को उबालें और रोज पीएं। समस्या जड़ से खत्म होगी। 
  • 10-12 बूंद टी ट्री ऑइल को नहाने के पानी में मिलाएँ और उस पानी से नहाएँ। 
  • एक चम्मच हल्दी में कुछ बूंद नींबू का रस मिलाएँ और गाढ़ा पेस्ट बनाएँ। लगा कर सूखने दें, फिर धो लें।
  • बराबर मात्रा में पानी और सिरका लें। इस मिश्रण को रुई से त्वचा पर लगाएँ। कुछ मिनट के बाद इसे धो लें। 
  • एलोवेरा का ताजा जेल प्रभावित त्वचा पर लगाएँ। इसे एक घंटे तक लगा रहने दें। उसके बाद साफ पानी से धो दें। ऐसा दिन में दो-तीन बार करें। 
  • 5 बूंद लेवेंडर का तेल नहाने के पानी में मिलाएँ, इससे रोग के कारण होनेवाली खुजली में कमी आएगी। 

कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करता है धनिया के बीज का पानी

ठंड में हरी धनिया पत्ती (Dhaniya patti) आसानी से उपलब्ध होती है। इसका लोग भोजन में कई प्रकार से उपयोग करते हैं। लेकिन घरेलू उपचार (Gharelu upchar) के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। प्रस्तुत है कुछ आसान उपाय, जिनसे कई रोगों के उपचार (Rogon ke upchar) में लाभ मिलता है। 

कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करता है धनिया के बीज का पानी
  • धनिया को ताजे छाछ में मिला कर पीने से बदहजमी, मितली, पेचिश और कोलाइटिस से राहत मिलती है। 
  • टाइफाइड होने पर हरी धनिया के पत्तों का सेवन (Dhaniya ke patton ka sevan) करने से लाभ मिलता है। 
  • धनिया के सूखे बीजों को पानी में उबालें। इसे छान लें और ठंडा करें। इसके पानी को पीने से कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है। 
  • एक चम्मच धनिया के जूस (Dhaniya ka juice) को चुटकी भर हल्दी के साथ मिला कर मुँहासे (muhase) पर लगाने से ये ठीक होते हैं। 
  • हरी धनिया, हरी मिर्च, कसा हुआ नारियल और अदरक की चटनी बना कर खाने से अपच के कारण पेट में होनेवाले दर्द से राहत मिलती है। 
  • अधिक मासिक धर्म आने पर छह ग्राम धनिया के बीज को आधा लीटर पानी में उबालें। पानी आधा होने पर थोड़ा शक्कर मिला कर गरम पीएं। लाभ बोएगा। 
  • हरी धनिया और हरी मिर्च की चटनी बहुत जायकेदार और अनेक रोगों में फायदेमंद है। 
  • पेट में दर्द होने पर आधे गिलास पानी में दो चम्मच धनिया डाल कर पीने से पेट दर्द से राहत मिलती है। 

शहद में नींबू (Nimbu) मिला कर पीने से मिलता है दमा में आराम

नींबू का रस (Nimbu ka ras) ताजगी का एहसास तो दिलाता ही है, साथ ही कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्ति दिलाने में भी बेहद कारगर है।

शहद में नींबू मिला कर पीने से मिलता है दमा में आराम
  • नींबू के सेवन से सूखा रोग दूर होता है। 
  • नींबू का रस एवं शहद बराबर मात्रा में मिला कर लेने से दमा में आराम मिलता है। 
  • नींबू का छिलका (Nimbu ka chilka) पीस कर उसका लेप माथे पर लगाने से माइग्रेन ठीक होता है। 
  • नींबू में पीसी काली मिर्च छिड़क कर जरा-सा गरम करके चूसने से मलेरिया ज्वार में आराम मिलता है। 
  • नींबू के रस में नमक मिला कर नहाने से त्वचा का रंग निखरता है और सौंदर्य बढ़ता है। 
  • नौसादर को नींबू के रस में पीस कर दाद पर लगाएँ, इससे दाद ठीक होगा। 
  • नींबू का बीज (Nimbu ka beej) को पीस कर सिर पर लगाएँ, गंजापन दूर होगा। 
  • आधा कप गाजर के रस में नींबू का रस मिला कर पीएं, रक्त की कमी दूर होगी। 
  • दो चम्मच बादाम के तेल में नींबू की दो बूंद मिलाएँ। रुई से घाव पर लगाएँ, घाव जल्द ठीक होगा। 
  • प्रतिदिन नाश्ते से पहले एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच जैतून का तेल पीने से पथरी दूर होती है। 
  • किसी जानवर के काटे हुए भाग पर रुई से नींबू का रस लगाएँ, लाभ होगा। 
  • गरम पानी में नींबू डाल कर पीएं, पाचन ठीक रहेगा।
  • शहद मिली नींबू की शिकंजी (Nimbu ki shikanji) से मोटापा दूर होता है।  

कब्ज (Kabj) दूर करने के घरेलू उपाय

कब्ज (Kabj) का मूल कारण शरीर में तरल पदार्थ की कमी। पानी की कमी से आंतों में मल सुख जाता है और कब्ज हो जाता है। कुछ आसान उपायों से इससे मुक्ति मिल सकती है। 

पुराना कब्ज दूर करता है पालक का रस
  • रात को सोते समय एक गिलास गरम दूध पीएं। समस्या ज्यादा हो, तो दूध में तीन-चार चम्मच अरंडी तेल मिला कर पीना चाहिए। 
  • दूध या पानी के साथ दो-तीन चम्मच इसबगोल की भूसी रात को सोते वक्त लें। 
  • गरम जल में एक नींबू निचोड़ कर दिन में दो-तीन बार पीएं। जरूर लाभ मिलेगा। 
  • एक गिलास दूध में एक-दो चम्मच घी मिला कर रात को सोते समय पीएं। कब्ज दूर होगा। 
  • एक कप गरम जल में एक चम्मच शहद मिला कर पीएं। यह मिश्रण दिन में तीन बार पीएं। 
  • सुबह उठ कर एक लीटर गरम पानी पीकर दो-तीन किलोमीटर घूमें। 
  • दो सेब प्रतिदिन खाने से भी कब्ज में लाभ होता है। 
  • अमरूद और पपीता का सेवन भी कब्ज रोगी (Kabj rogi) के लिए अमृत तुल्य है। 
  • किशमिश पानी में तीन घंटे गला कर खाने से आंतों को ताकत मिलती है और कब्ज दूर होता है। 
  • अलसी के बीजों का चूर्ण एक गिलास पानी में 20 ग्राम डालें और तीन-चार घंटे के बाद छान कर पानी पी लें। 
  • एक गिलास पालक का रस रोज पीएं। पुराना कब्ज भी इस उपचार से मिट जाता है। 

जलने पर क्या करे प्राथमिक उपचार

कई बार लापरवाही तो कभी अनजाने में शरीर के किसी हिस्से के जल जाने पर काफी कष्ट होता है। अगर जले हुए हिस्से का तुरंत उपचार नहीं किया जाये, तो वह आगे चलकर विस्तृत रूप ले सकता है। ऐसे में कुछ घरेलू उपाय अपना कर नुकसान को कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं इन उपायों को। 

जलने के दाग को दूर करता है तुलसी का पत्ता
  • जलने पर सबसे पहले उस पर ठंडा पानी डालें। अच्छा यह होगा की जले हुए अंग को लिसी बर्तन में पानी भरकर उसमें डुबो दें। 
  • हल्दी का पानी जले हुए हिस्से पर लगाना चाहिए। इससे दर्द कम होता है और आराम मिलता है। 
  • कच्चा आलू पीस कर लगाने से भी फायदा होता है। 
  • तुलसी के पत्तों का रस जले हुए हिस्से पर लगाने से हाले हिस्से में दाग होने की आशंका कम होती है। 
  • शहद में त्रिफला चूर्ण मिला कर लगाने से जले हुए हिस्से को आराम मिलता है। 
  • तिल को पीसकर लगाएँ, इससे जलन और दर्द नहीं होगा। जलनेवाले हिस्से पर पड़े दाग भी समाप्त होते हैं। 
  • गाजर को पीसकर जले हुए हिस्से पर लगाने से काफी आराम मिलता है। 
  • जले पर नारियल तेल लगाने से जलन कम होगी, जिससे आराम मिलेगा। 

साइनस में राहत देता है ये घरेलू उपाय

साइनस (Sinus) एक ऐसी समस्या है, जिसे पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता। हालांकि कुछ घरेलू उपायों द्वारा इसके लक्षणों से राहत पा सकते हैं। 

साइनस में राहत देता है सहजन का सूप
  • एक चम्मच मेथी को एक कप पानी में पाँच मिनट तक उबालें और छान कर हर रोज एक बार पीएं। 
  • प्याज और लहसुन कूट कर एक साथ पानी में उबाल कर भाप सूंघने से साइनस के सिरदर्द (head ache) में लाभ होता है। 
  • गरम कपड़े या फिर गरम पानी की बोतल गालों के ऊपर रख कर सिंकाई करें। यह प्रक्रिया एक मिनट के लिए दिन में तीन बार करें। 
  • लहसुन, प्याज, सहजन, काली मिर्च और अदरक को मिला कर सूप बनाएँ। इसे गरम पीने से लाभ होता है। 
  • थोड़ा काला जीरा लें और उसे एक पतले कपड़े में बांधें। इसे सूंघने से राहत मिलती है। 
  • गरम पानी में यूकेलिप्टस तेल की कुछ बूंदें मिला कर भाप सूंघें। साइनस (Sinus) के लक्षणों से राहत मिलती है। 
  • नाक और आँखों के चारों ओर जैतून तेल (jaitun tel) लगाएँ। नाक की रुकावट साफ होगी और सिर दर्द (sir dard) राहत मिलेगी। 
  • प्याज और लहसुन को सीधे खाने से भी इस रोग में राहत मिलती है। 
  • एक गिलास गाजर का रस अलग से या चुकंदर, खीरा या पालक के रस के साथ ले सकते हैं। 
  • पानी अधिक पीएं, इससे यह रोग तो काबू में रहेगा ही साथ ही मूत्र रोग भी नहीं होंगे। 

एसिडिटी दूर करने के असरदार घरेलू नुस्खे

एसिडिटी (Acidity) दूर करने में बेहद असरदार है लौंग (Acidity dur karne ka tarika)

आमतौर पर ताली-भुनी और मसालेदार चीजें खाने से एसिडिटी होती है। कुछ घरेलू उपायों से दूर हो सकता है आपकी एसिडिटी। 

एसिडिटी दूर करने के असरदार
  • एसिडिटी (Acidity) होने पर मुलैठी आ चूर्ण या काढ़ा बना कर उसका सेवन करना चाहिए। 
  • नीम की छाल का चूर्ण या रात में भिगो कर रखे गये छाल का पानी छान कर पीना चाहिए। आपको लाभ होगा। 
  • त्रिफला दूध के साथ पीने से एसिडिटी समाप्त होती है। 
  • दूध में मुनक्का डाल कर उबालना चाहिए। उसके बाद दूध को ठंडा करके पीने से एसिडिटी (Acidity) दूर होती है। 
  • एक गिलास गुनगुने पानी में थोड़ी पिसी काली मिर्च तथा आधा नींबू निचोड़ कर रोज सुबह पीने से लाभ होता है। 
  • सौंफ, आंवला व गुलाब के फूलों का चूर्ण बना कर उसे सुबह-शाम आधा-आधा चम्मच लेने से लाभ होता है। 
  • एसिडिटी (Acidity) होने पर सलाद के रूप में मुली खाना चाहिए। मुली काट कर उस पर काला नमक तथा काली मिर्च छिड़क कर खाने से फायदा होता है। 
  • जायफल तथा सोंठ को मिला कर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को एक-एक चुटकी लेने से एसिडिटी समाप्त होती है। 
  • एसिडिटी होने पर कच्ची सौंफ चबानी चाहिए। 
  • सुबह-सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीने से एसिडिटी में फायदा होता है। 
  • लौंग एसिडिटी के लिए बहुत फायदेमंद है। एसिडिटी होने पर लौंग चूसना चाहिए। 
  • पुदीने की पत्तियाँ उबाल कर पीने से एसिडिटी दूर होगी। 

काली मिर्च दूर भागती है सर्दी-खांसी - काली मिर्च के घरेलू नुस्खे

काली मिर्च (Kali mirch)  न सिर्फ भोजन को स्वादिष्ट बनाती है, बल्कि खांसी और पेट के रोगों में भी काफी लाभदायक।

काली मिर्च दूर भागती है सर्दी-खांसी
  • यदि उल्टी आ रही हो या जी मिचल रहा हो, तो नींबू के साथ काली मिर्च और सोंधा नमक लगा कर चूसने से जी मिचलना बंद हो जाता है। 
  • कब्ज होने पर काली मिर्च के चार-पाँच दाने दूध के साथ रात को लेने से कब्ज दूर होता है। 
  • मलेरिया होने पर काली मिर्च के चूर्ण (Kali mirch ke churn) को तुलसी के रस में मिला कर पीने से लाभ होता है। 
  • पिसी हुई काली मिर्च, घी और मिश्री समान मात्रा में मिला कर चटनी बनाएँ। चटनी सुबह-शाम एक-एक चम्मच लेने से फेफड़े और सांस के रोग दूर होते हैं। 
  • काली मिर्च का चूर्ण (Kali Mirch powder) शहद में मिला कर लेने से जुकाम दूर होता है। 
  • छाछ या मट्ठे में काली मिर्च का चूर्ण मिला कर पीने से पेट के रोग दूर होते हैं और किटाणु भी नष्ट होते है। 
  • काली मिर्च हींग और अजवाइन के साथ लेने से हैजा की बीमारी में आराम मिलता है। 
  • रात में सोने से पूर्व काली मिर्च मुंह में रख कर चूसें। खांसी से छुटकारा मिलेगा, नींद भी अच्छी आएगी। 
  • काली मिर्च, अदरक पीसें और काढ़ा बना कर सेवन करें। सर्दी-खांसी, गले की खराश दूर हो जाएगी। 
  • नमक के साथ काली मिर्च पाउडर मिला कर मंजन करने से पायरिया दूर हो जाता है।