ठंड में हरी धनिया पत्ती (Dhaniya patti) आसानी से उपलब्ध होती है। इसका लोग भोजन में कई प्रकार से उपयोग करते हैं। लेकिन घरेलू उपचार (Gharelu upchar) के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। प्रस्तुत है कुछ आसान उपाय, जिनसे कई रोगों के उपचार (Rogon ke upchar) में लाभ मिलता है।
- धनिया को ताजे छाछ में मिला कर पीने से बदहजमी, मितली, पेचिश और कोलाइटिस से राहत मिलती है।
- टाइफाइड होने पर हरी धनिया के पत्तों का सेवन (Dhaniya ke patton ka sevan) करने से लाभ मिलता है।
- धनिया के सूखे बीजों को पानी में उबालें। इसे छान लें और ठंडा करें। इसके पानी को पीने से कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है।
- एक चम्मच धनिया के जूस (Dhaniya ka juice) को चुटकी भर हल्दी के साथ मिला कर मुँहासे (muhase) पर लगाने से ये ठीक होते हैं।
- हरी धनिया, हरी मिर्च, कसा हुआ नारियल और अदरक की चटनी बना कर खाने से अपच के कारण पेट में होनेवाले दर्द से राहत मिलती है।
- अधिक मासिक धर्म आने पर छह ग्राम धनिया के बीज को आधा लीटर पानी में उबालें। पानी आधा होने पर थोड़ा शक्कर मिला कर गरम पीएं। लाभ बोएगा।
- हरी धनिया और हरी मिर्च की चटनी बहुत जायकेदार और अनेक रोगों में फायदेमंद है।
- पेट में दर्द होने पर आधे गिलास पानी में दो चम्मच धनिया डाल कर पीने से पेट दर्द से राहत मिलती है।