मूत्र रोग में है पेठा फायदेमंद

पेठा (Benincasa hispida)

पेठा को हम एक सब्जी के रूप में अपने खाने में प्रयोग करते हैं साथ ही साथ इसके कई तरह की मिठाइयाँ भी बनाई जाती है। परंतु शायद बहुत सारे लोग इसके औषधीय गुणों से अनजान है। पेठे के फायदे अनेक है। प्रस्तुत है पेठे के कुछ फायदे और घरेलू नुस्खे। Benefits of Winter Melon/Winter Gourd in hindi. Pethe ke fayde aur iske gharelu ewam desi nuskhe.
Benefits of Winter Melon/Goard in Hindi

 रक्तस्राव ( आंतरिक या बाह्य ) :- पेठे के फल का ताजा रस और आँवला या नींबू का रस बराबर मात्रा में मिला कर 30 मि०ली० दिन में दो बार कुछ दिनों तक सेवन करते रहें ।

वनस्पति का विष, पारे (Murcury) का विष और अल्कोहल विष के प्रतिहारक :- पेठे के फल का एक कप ताजा रस पिलाए ।

पेट का फोड़ा, गठिया :- पेठे के 1/2 ग्लास रस में 1 /2 ग्लास पानी मिला कर सबेरे खाली पेट में सेवन करें । दवाई लेने के बाद 2 -3 घटों तक कुछ भी चीज नहीं खाएँ-पिएँ ।

अनिद्रा :- पेठे के फल का आधा ग्लास रस सोने के पहले पिएँ ।

रूसी :- फल का छिलका और एक मुट्ठी बीज लेकर नारियल तेल मैं उबाल कर केश तेल तैयार कों । इसको सिर पर प्रतिदिन लगाएँ ।

खाँसी, यौन कमजोरी :- पेठे का 60 मि०ली० ताजा रस दिन में तीन चार सेवन करें ।

मिर्गी :- पेठे के 60 मि०ली० रस में 1/2 चम्मच जेठिमध (मुलैठी) का चूर्ण मिला कर पिएँ ।

मधुमेह:-  (a) पेठे का आधा ग्लास रस दिन में दो बार पिएँ ।
(b) फल का रस और बेल के पत्ते का रस बराबर मात्रा में मिला कर 15 मि०ली० (एक बड़ा चम्मच) दिन में दो बार पिएँ ।

मूत्र रोग :- फल के आधा ग्लास रस में चीनी या शहद मिला कर पिएँ ।

पेशाब में रुकावट :- फल के गूदे की लेई तैयार कर पेट के निचले भाग पर लगा दें।

मसा (corns) :- पौधे की डंडी को जलाकर उसकी राख मदार ( अकौन) के दूध में मिला कर लगाएँ ।

 बाल झंड़ना :- पेठे का रस और गाजर का रस बराबर भात्रा में मिला कर आधा ग्लास प्रतिदिन पिएँ ।

 चर्मरोग ( दाग ) :- पेठे की डंडी को जलाकर उसकी राख को गोमूत्र में मिला कर लगाएं।

करेला खाना है फायदेमंद Benefits of karela in hindi

करेला:- (Momordica charantia)

करेला जो की खाने में बहुत कड़वा होता है पर इसके बहुत सारे औषधीय गुण है। इसमे कई सारे औषधीय गुण पाये जाते हैं एक ओर हमारे रक्त को शुद्ध करता है तो दूसरी ओर मधुमेह, पीलिया, बबसीर जैसे बीमारियों के लिए भी फायदेमंद है। प्रस्तुत है करेले के फायदे और इसके घरेलू नुस्खे। Benefits of Bitter Gourd, Karele ke aushadhiya gun iske fayde aur gharelu nuskhe.

Benefits-of-karela-in-hindi

मुंहासा (stonatitis) :- करेले के 1/2 चम्मच रस में चीनी मिलाकर पिएँ ।

शराब का नशा :- करेले के पत्ते का 3 चम्मच रस एक ग्लास मट्ठे में मिलाकर सेवन करें ।

हैजा ( प्रारंभ में) :- करेले के 2 चम्मच ताजे रस में उतना ही प्याज का रस और एक चम्मच नींबू का रस मिला कर दिन में दो बार सेवन करें।

मधुमेह :- करेले का फल का रस, या उसका काढा या चूर्ण प्रतिदिन सुबह खाली पेट सेवन करें।
मात्रा :- रस - 30 मि०ली० (2 बड़ा चम्मच) ; काढा - 1 कप; चूर्ण 1 - चम्मच ।

बावासिर :- करेले के पत्ते का 3 चम्मच रस एक ग्लास मट्ठे में मिला कर सबेरे खाली पेट सेवन करें। पत्ते का लेई बबासीर पर लगाएँ ।

पीलिया (जाँडीस ) :- ( a) 15 मि०लो० पत्ते का रस दिन में दो बार सेवन करें।
(b) करेले के फल का रस, ब्राह्मी बूटी का रस, और भूई आँवला का रस बराबर मात्रा में मिलाकर आधा कप सबेरे खली पेट सेवन करें।

पेट के कीड़े :- करेले के पत्ते के 30 मि०ली० रस में एक चुटकी हींगचूर्ण और एक चुटकी सेंधा नमक मिला कर दिन में दो बार एक सप्ताह तक सेवन करें।

रक्त शुद्धि :- करेले के पत्ते का 30 मि०ली० रस दिन में दो बार सेवन करें ।

मलेरिया :- करेला पत्ते के 60 मि०ली० रस में 1/2 चम्मच जीरे का चूर्ण मिला कर प्रति घंटे पर सेवन करते रहें । सिर दर्द , चक्कर आना, उल्टी, यकृत एवं दिल की बीमारी :- करेले का 30 मि०ली० रस दिन में तीन बार सेवन करें।

गाजर के औषधीय गुण और घरेलू नुस्खे

गाजर (Daucus carota)

गाजर जिसे हम सब्जी के रूप में प्रयोग करते हैं इसके जूस पीते हैं, पर इसमे कुछ औषधीय गुण भी होती है। इसके पोशाक तत्व हमारे शरीर में होने वाले कई बीमारियों और समस्याओं को भी दूर करता है। प्रस्तुत है कुछ गाजर के गुण, इसके फायदे और कुछ घरेलू नुस्खे/ उपचार जिन्हें आप अपने जीवन में अपना सकते हैं। Benefits of Carrot, Gajar ke fayde, iske gun aur iske gharelu ewam desi nuskhe/upchar.
गाजर के गुण, फायदे और घरेलू नुस्खे

आँत का अलसर, उदर शूल ( पेट में दर्द ), अपच :- प्रतिदिन सबेरे गाजर का 60 मि० ली० रस पिऐं।

पेट के कीड़े :- नास्ते में केवल गाजर खाएँ ।

कब्ज :- गाजर के 25 मि०ली० रस में (स्पिनाक) पालक का 25 मि० ली० रस मिलाकर सेवन करें।

पीलिया :- एक कप गाजर का रस सबेरे खाली पेट में सेवन करें।

रर्तोंधी:- कच्चा गाजर नियमित खाएँ ।

दांत रोग से बचाव :- भोजन के बाद एक गाजर चबाकर खाएँ ।

मासिक स्राव-रोध ( अमेनोरिया ):- एक कप गाजर का रस 10-15 दिनों तक पिएँ ।

पतले दस्त :- 1/2 किलो गाजर को 250 मि० ली० पानी मे पकाएँ । पानी को छानकर उसमें कुछ नमक मिलाकर 30 मि०ली० प्रति 30 मिनट पर पिएँ ।

कैसर ( कर्कट ), दमा, गठिया :- गाजर का एक ग्लास रस सबेरे और शाम को सेवन करें।

बच्चों के लिए टानिक :- a) गाजर बराबर खिलाएँ ।
(b) गाजर, पपीता, खीरा, टमाटर, मूँगफली (अंकुरित) और भिन्डी - इन सभी का सलाद (salad) तैयार कर प्रतिदिन खिलाने से बच्चों का स्वास्थ्य अच्छा होता है ।

खुजली, चर्मरोग, सूजन, जलन :- गाजर का रस लगाएँ ।

चेहरे से झुर्रियां हटाने के लिए :- गाजर का रस और शहद 1 :4 की मात्रा मिलाकर चेहरे पर लगा दें । आधा घंटा के बाद गुनगुने पानी से धोवें । एक महीने तक लगातार ऐसा करते रहें ।

रक्तचाप की कमी (low B. P.) आँख 'की रोशनी, चर्मरोग, सुंदरता :- गाजर के 1/2 गिलास रस में खीरे (cucumber) का आधा ग्लास रस मिला दें। उसमें दो चम्मच नींबू रस, एक चम्मच शहद और एक चम्मच मिश्री भी मिलाकर एक-एक कप सुबह-शाम सेवन करते रहें ।

बंधगोभी के फायदे एवं घरेलु नुस्खे - Bandhagobhi ke fayde

बन्दगोभी (Brassica oleracea) - Benefits of cabbage in hindi
बंधगोभी के फायदे एवं घरेलु नुस्खे


  • पेट का फोड़ा:- बन्दगोभी का रस और गाजर का रस बराबर मात्रा में मिला दें। 125 मि० ली० सबेरे खाली पेट में 2-3 महीने तक सेवन करते रहें ।
  • वजन कम करने के लिए (over weight) :-कच्ची बन्दगोभी सलाद के रूप में हर रोज 2-3 महीने तक खाएँ ।
  • संक्रमित घाव, अलसर, फोड़ा-फुंसी, चर्मरोग:- गोभी के पत्ते को साफ कर आग के ऊपर गरम कर दें। उसको कूटकर घाव पर लगा कर पट्टी बाँध दें । हर रोज नया पत्ता बाँधे ।
  • कब्जा :- कच्ची गोभी महीन काट दें और उसमें गोलर्मिंच, नमक और र्नीचू रस मिला कर खाएँ ।
  • बुढापे में नियमित रक्त संचार के लिए :- भोजन में कच्ची गोभी नियमित खाएँ ।
  • आधकपारी :- गोभी के कुछ पत्तों को काटकर एक कपड़े में लगा दें और सोने से पहले माथे पर बाँध दें ।

गोलमिर्च के गुण और इसके फायदे

गोलमिर्च (Piper nigrum)

गोलमिर्च के गुण, फायदे और घरेलू एवं देसी नुस्खे, Benefits of Black Pepper in hindi, Golmirch ke gun, fayde aur gharelu ewam desi nuskhe.
Benefits of black pepper in hindi
अपच :- एक चम्मच गोलमिर्च गरम कर कूट लें और एक ग्लास पानी में तीन मिनट तक उबाल दें। उसमें एक मुट्ठी तुलसी पत्ता डालकर आग पर से उतार दें और ढक्कन लगाकर पाँच मिनट तक रख दें । एक का दिन में दो बार सेवन करें ।

खाँसी, सदी, फ्लू :- (a) एक चम्मच गोलमिर्च में एक चम्मच घी मिलाकर भून लें । उसको दो चम्मच चीनी के साथ पीस लें । एक चुटकी बराबर ( हर 10 मिनट पर) खाते रहें ।
(b) गोलमिर्च का 1/2 चम्मच चूर्ण एक पके हुए केले के साथ अच्छी तरह मिला दे । उसको तीन बार सेवन करें ।

मलेरिया :- आधा चम्मच गोलमिर्च का चूर्ण एक कप पानी में उबाल कर एक-एक कप प्रत्येक दो या तीन घंटे पर 5-7 दिनों तक सेवन करें । भोजन के लिए केवल हल्की, तरल चीज़ (liquid diet) दें ।

पुराना मलेरिया (chronic maleria):- एक बडा चम्मच गोलमिर्च कूट कर दो ग्लास पानी में उबाल कर 1/2 ग्लास काढा तैयार करें। उसको रात भर ( 8-12 घंटे) ठंडा होने दें । सबेरे छान कर खाली पेट सेवन करें। एक खुराक सुबह-शाम पी सकते हैं । (जिनको पेप्टिक अलसर है, इस दवाई का सेवन न करें)
बुखार :- एक चम्मच तुलसी पत्ते के रस में 1/4 चम्मच गोलमिर्च का चूर्ण मिला दें और थोड़ा शहद मिला कर दिन में 2 बार 3 -4 दिनों तक सेवन करें।

तम्बाकू का नशा :- 2-3 गोलमिर्च चबाकर रस पिएं।

पूरे शरीर पर खुजली :- 100 मि०ली० नारियल-तेल में एक चम्मच गीलमिर्च का चूर्ण डालकर एक बार उबाल दें और देह पर लगा दे ।

हैजा (cholera) :- गोलमिर्च, हींग और अफीम 20-20 ग्राम पीस लें । इसकी 16 गोलियाँ तैयार करें। मात्रा : 1 गोली हर 2 घंटे, चार बार तक (इस को ज्यादा लेना हानिकारक है ।)

सौंफ के फायदे - Fennel seeds ke desi nuskhe

सौंफ (Foeniculum vulagare) 

सौंफ के औषधीय गुण, फायदे और घरेलू एवं देसी नुस्खे/उपचार - Benefits of Fennel seeds in hindi, Saunf ke aushadhiy gun, fayde aur gharelu ewam desi nuskhe/upchar.

Befits of Fennel seeds in hindi

आँख का तनाव और तकलीफ (eyestrain eye irritation) :- एक कप पानी में 1/2 चम्मच सौंफ डालकर उबाल दें और 1/4 कप काढा तैयार करें । कढ़े को  छान कर ठंडा होने दें । इसे आँख लोशन (eye drop) के रुप में उपयोग कों । 
पेट दर्द, पेट में गैस (colic) :- एक कप दूध में एक चम्मच सौंप उबाल कर पिएँ ।

बच्चे के पेट दर्द (child colic):-  एक चम्मच सौंफ को एक कप पानी में उबल लें और इसे  20 मिनट तक ठंडा होने दें। इस घोल को शिशु को चम्मच से थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पिलाएँ।  शिशु को एक या दो चम्मच से ज्यादा यह घोल नहीं देना चाहिए ।

मासिक धर्म में कमी, माँ के दूध की कमी, पसीना न होना :- एक बड़ा चम्मच सौंफ एक लीटर उबलते यानी में डाल दें । आग पर से पानी उतार कर उसको 20 मिनट तक ढंक दें । एक कप पानी दिन में दो बार सेवन करें।

खांसी, आवाज मधुर करने के लिए:- सिंकी हुई सौंफ मिश्री के साथ खाएं।

कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण के लिए:- खाना खाने  के लगभग आधा घंटा के  बाद एक चम्मच सौंफ खा लें। सौंफ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रण में रखती है।
स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए:- बादाम, सौंफ और मिश्री को समान मात्रा में पीस लें. इस मिश्रण को रोज दोपहर और रात में खाना खाने के बाद सेवन करने । इससे  स्मरण शक्त‍ि बढ़ती है.

हाथों और पैरों में जलन:- सौंफ के पाउडर को शकर के साथ बराबर मिलाकर भोजन करने के बाद लें।

मुंह की दुर्गंध:-  नियमित रूप से दिन में तीन से चार बार आधा चम्मच सौंफ चबाएं।

अपच :- बिना तेल के सौंफ को तवे में हल्का भून लें। अब इसमें बिना सौंफ को मिलाकर सेवन करें।

खूनी बवासीर:- धनिया, सौंफ, जीरा आदि को बराबर मात्र में लेकर इनका काढ़़ा बना लें । और 1 चम्मच देसी घी के साथ मिलाकर सेवन करने से बवासीर से राहत मिलती है।

अदरक के गुण और फायदे

अदरक (Zingiber officinale)

अदरक के औषधीय गुण, फायदे और घरेलू नुस्खे/उपचार Benefits of Ginger in hindi, Adrak ke gun, fayde aur gahrelu nuskhe/upchar
Benefits of Ginger

सर्दी :- 20 ग्राम अदरक पीस कर एक कप पानी में मिला दें। एक घेटा रख दें । 15 मि०ली० साफ रस में थोड़ा शहद मिला कर हर 30 मिनट पर सेवन करते रहें ।

कान दर्द :- अदरक का रस गरम करके 2-3 बूंदें डाल दें। दस्त (बच्चों के लिए) :-अदरक का रस नाभी के चारों तरफ लगा दें ।

दिल की बीमारी (प्रतिरोध के रूप में ) :- 4 ग्राम अदरक की लेई तैयार करें उसमें थोड़ा तिल का तेल मिलाकर प्रतिदिन सबेरे सेवन करते रहें ।

उच्च रवत्तचाप :- प्रतिदिन 15-30 मि०ली० साफ अदरक-रस, थोड़ा शहद मिलाकर सेवन करें ।

पीठ-दर्द :- 20 ग्राम अदरक छोटा काट दें। उसको एक बड़े चम्मच घी में भून कर सोने के पहले लगातार 15 दिनों तक खाएँ ।
सिर-दर्द :- सोंठ, हल्दी, और गोलमिर्च का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर एक कपडे में डालकर बत्ती बना दें । उसको जलाकर धुआँ नासिका में लें। साथ-साथ सोंठ को नींबू के रस में पीस कर माथे पर लगाएँ ।

सर्दी और फ्लू( प्रतिरोध) :- 10 ग्रा० सोंठ एक ग्लास पानी में उबाल  दें । गुड़ मिला कर रोज सोने के पहले वर्षाकाल के शुरू में सेवन करते रहें ।

सर्दी, छींक, नाक से पानी आना :- सोंठ का चूर्ण माथे पर रगड़ दें ।

अपच, भूख नहीं लगना, उल्टी, गर्भावस्था में उल्टी :- अदरक का साफ रस और नींबू का रस बराबर मात्रा में मिला कर 15 मि०ली० एक चुटकी नमक के साथ सेवन करें ।

मसा (corns) :- अदरक का रस और चूने का पानी बराबर मात्रा में मिला कर दिन में तीन बार एक या दो सप्ताह तक लगा दें ।

पेट में कीड़े :- अदरक का साफ रस, प्याज का रस और शहद बराबर मात्रा में मिला दें । उस में से 60 मि०ली० सोने के पहले 5 दिनों तक सेवन करे।

कटहल और दही खाने से अपच :- सोंठ का 1 कप काढा पिएं या सोंठ का 1/4 चम्मच चूर्ण सेवन करे ।

रुमाटिज्म (rhumatism) गठिया :- 30 ग्रा० सोंठ और 31 ग्राम रेड़ी की जड़ 4 ग्लास पानी में उबाल कर एक ग्लास काढ़ा तैयार करें और 1/2 गिलास दिन में 2 बार पिएं ।

शरीर की सूजन (swelling):- अदरक का 15 मि० ली० साफ रस, बराबर मात्रा दूध के साथ सेवन करे । 

गर्भावस्था में शरीर की सूजन :- 30 ग्राम सोंठ चार ग्लास पानी मेँ उबाल कर एक ग्लास काढा तैयार करें।
मात्रा: 1 कप काढे मे दूध, गुड़ और एक चुटकी पिपली का चूर्ण मिलाकर सेवन करे ।

कुचले के जहर के लिए प्रत्यौषधी:- सोंठ और गौलमिर्च 1 :1 अनुपात डाल कर काढा तैयार करें। मात्रा : 90 मि० ली० काढे में थोड़ा 'कनमदम' मिलाकर हर 15-20 मिनट पर पिलायें। (कनमदम दुकान से खरीद सकते हैं ।) 

कलिहारी के जहर के लिए प्रत्यौषधी :- अदरक की लेई एक चम्मच गरम पानी में मिलाकर मिलाएं। साथ-साथ अदरक-लेई पूरे शरीर पर लगाएँ ।

धनिया के गुण, फायदे और घरेलु नुस्खे

धनिया (Coriandrum sativum)

धनिया के औषधीय गुण, फायदे और घरेलू नुस्खे/उपचार Benefits of Coriander, Dhaniya ke fayde, iske gun aur gharelu nuskhe/upchar.
धनिया के गुण, फायदे और घरेलु नुस्खे

अपच, मित्तली (nausea) , पेचिश, पीलिया, ( हेपटैटीज), अल्सरेटिव कोलैटीज़ ( पेट दर्द ) :- धनिया पत्ते का एक या दो चम्मच रस मट्ठे में मिला कर दिन में चार बार सेवन करें। 

उच्व रक्त चाप, कोलेस्ट्रॉल  :- एक चम्मच धनिया एक ग्लास पानी में उबाल कर बराबर पोते रहें ।

मासिक धर्म (menses) के समय अधिक रक्तस्राव :- 10 ग्राम धनिया बीज 1/2 लीटर पानी में उबाल कर 1/4 लीटर काढा तैयार करें। उसमें चीनी मिला कर सेवन करें। मासिक धर्म के आरंभ से 3-5 दिनों तक सेवन करते रहें। 

फुंसी (pimples), चर्म का सूखापन (dry skin) :- एक चम्मच धनिया पत्ती के रस में एक चुटकी हल्दी का चूर्ण मिलाकर चेहरे पर लेप लगाएं। 

सर दर्द (headache) :- धनिया और चन्दन का लेप बना कर लगा दें।
आँख आना :- धनिया के ताजे बीज का काढ़ा तैयार का उससे आँखें धोए ।

आँखों की रोशनी में कमी :- धनिया पत्ते का 25 मि०ली० रस दिन में दो बार कुछ दिनों तक सेवन करें ।

पेशाब होने पर कष्ट :- नारियल पानी में 5 ग्रा० धनिया-चूर्ण मिलाकर पिए।

बुखार ( खास कर रात में ) :- धनिया के बीज का चूर्ण और सहद्देबी पत्ते का चूर्ण बराबर मात्रा में मिला कर चम्मच मिश्रण चीनी के साथ दिन में दो बार खाएँ। 

मुँह से बदबू, मुँह से पानी आना :- धनिया के कुछ बीज चबाएं। प्यास की अधिकता :- 60 ग्राम धनिया कूटकर 600 मि०ली० पानी में रात भर भिगा दे। सबेरे पानी छान कर उसमें चीनी मिला कर पिएं। 

जमालगोटा लेने पर प्रत्यौषध :- एक चम्मच धनिया चूर्ण दही मैं मिलाकर चीनी के साथ खाएं।

बिल्वा का प्रत्यौषध:- धनिया पत्ते का रस लगाएं।

नाक से खुन बहने पर (विशेष कर गर्मी के समय):- धनिया पत्ते के दो तीन बून्द रस नासिका में डाल दें।

हल्दी के गुण, इसके फायदे और घरेलु उपचार

हल्दी (Curcuma longa)

हल्दी के गुणों से हम सब वाकिफ हैं। हमारे खान-पान में हल्दी का अहम स्थान है। बिना हल्दी के भारतीय खाने की कल्पना नहीं की जा सकती है। हल्दी में कई प्रकार के औषधीय गुण भी पाये जाते हैं जिसके उपयोग से हम कई प्रकार के बीमारियों और समस्याओं से दूर रह सकते हैं। प्रस्तुत है हल्दी के फायदे, इसके औषधीय गुण और हल्दी के घरेलू नुस्खे/उपचार। Benefit of Turmeric in hindi, Haldi ke aushadhiy gun, fayde aur gharelu nuskhe/upchar. 

Benefits of Turmeric
सर्दी, खाँसी, एलेर्जी, अपच, विषैले भोजन के कारण उल्टी:- एक चम्मच हल्दी चूर्ण एक कप दूध में मिला दें। उसमे एक कप पानी भी डाल दें। एक कप काढ़ा होने तक उबाल दें।
मात्रा :- एक कप। (खाँसी और सदी के लिये सोने के पहले सेवन करें) ।

 फुंसी, छोटी माता के दाग :- लाल चन्दन और हल्दी की लेई तैयार कर सोने के पहले लेप लगा दें और सबेरे साफ कर दें। 2-3 सप्ताह तक लगातार यह इलाज करना चाहिए।

पेट का घाव ( पेष्टिक अल्सर) :- (a) खूब ठंडे दूध में हल्दी का एक चम्मच चूर्ण मिला कर सबेरे खाली पेट मे उसका सेवन करें।
 (b) हल्दी के चूर्ण में शहद मिला कर आँवले के बराबर गोली तैयार करें। एक गोली सुबह खाली पेट में 2-3 महीने तक सेवन करें ।
पेट के कीड़े :- हल्दी का आधा चम्मच चूर्ण एक कप गरम पानी में मिला दें, और उसमें एक चुटकी नमक डालकर सोने के पहले 5-7 दिनों तक पिलाएँ ।

आँख आना :- 1/2 चम्मा हल्दी-चूर्ण 60 मि०ली० गुलाब जल में अच्छी तरह से मिला दे । एक साफ कपड़े में छान कर उसको आँख के लोशन के रूप में इस्तेमाल करें।

हड्डियों को मजबूत करने के लिए:- दूध में हल्दी मिला कर रोज सेवन करें। इससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मिलता है। हड्डियां स्वस्थ और मजबूत होती है। यह ऑस्टियोपोरेसिस (osteoporosis) के मरीजों को राहत पहुंचाता है।

श्वेतप्नदर :- ब्राह्मी बूटी (बेंग साग) के 9 पत्ते और 1/2 चम्मच हल्दी चूर्ण अच्छी तरह पीस कर लेई बना लें। इस लेई को एक ग्लास मट्ठा या नारियल के पानी में मिलाकर सबेरे खाली पेट में 21 दिनों तक पियें ।

कैंसर (प्रतिरोध के लिए) :- प्रतिदिन 1.5 ग्राम हल्दी भोजन के साथ खायें ।

मुचक जाने पर, गठिया, घाव, फोड़ा, सूजन, कीड़े के काटने पर :- हल्दी, थोड़ा नमक, और चूना इन तीनों का लेप लगा दें ।

 सर्दी के कारण नाक बन्द होने पर (blocked nose) :- सूखी हल्दी को जला कर नाक से धुँवा लें (inhale)।

जावासिर :- हल्दी, भाँग का पत्ता और प्याज़, इन तीनों का पेस्ट सरसों तेल में मिला कर गरम कर लगा दें । 

चमड़े की खुजली और सूजन:- हल्दी और अडूसा का पत्ता बराबर मात्रा में लेकर गोमूत्र में पीस लें और लेप लगाएं ।

डेड स्कीन के लिए:- हल्दी, चावल का आटा, कच्चे दूध और टमाटर का रस एक साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं। इसे चेहरे पर लगाकर कुछ देर सूखने दें। अंत में साफ पानी से चेहरे को धो लें।

डार्क सर्कल एवं झुरियों के लिए:- हल्दी, छाछ और गन्ने के रस मिलाकर पीएं।

चेहरे की त्वचा के लिए:- हल्दी और शहद का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएँ। कुछ देर सूखने दें और फिर साफ पानी से चेहरे को धो लें। इससे चेहरे की त्वचा के रॉम छिद्र खुल जाते हैं और त्वचा को भरपूर ऑक्सीज़न प्राप्त होता है।

चींटी भगाने के लिए :- हल्दी चूर्ण छिड़क दें ।

लौंग के फायदे, इसके गुण और घरेलू नुस्खे/उपचार

लौंग (Syzygium aromaticum)
लौंग के औषधीय गुण, घरेलू नुस्खे और फायदे - Laung ke aushadhiya gun gharelu nuskhe ewam fayde (Benefit of clove and its medicinal use)
लौंग के फायदे, इसके गुण और घरेलू नुस्खे/उपचार
लौंग एक मसाला के रूप में तो प्रयोग करते ही हैं परंतु इसके कई औषधीय गुण भी है जिसके कारण हम इसे कई बीमारियों एवं समस्याओं को दूर करने के लिए औषधि के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं। प्रस्तुत है लौंग के कुछ घरेलू नुस्खे जिसे आप नीचे दिये बीमारियों एवं समस्याओं में प्रयोग कर सकते हैं।

गला बैठ जाना, खाँसी, उल्टी :- एक या दो लौंग थोड़े नमक के साथ चबाकर रस चूसें ।

भूख की कमी, गैस, अपच, उल्टी :- दो ग्राम लौंग 8 ग्लास पानी में उबाल कर दो ग्लास काढ़ा तैयार करें। इसका दिन में चार खुराक सेवन करें ।

माँसपेशियों की ऐंठन (muscular cramps):- लौंग का तेल लगाएं ।

दाँत-दर्द:- दो-तीन बून्द लोंग-तेल थोड़ी रूई पर लगाकर दर्द देने वाले दाँत पर रखें ।

गर्भावस्था की उल्टी :- लौंग का एक ग्राम चूर्ण एक चम्मच अनार के चूर्ण में मिलाकर धीरे-धीरे चाट लें ।

बुखार :- दो ग्राम चिरैते के साथ एक ग्राम लौंग मिला कर पीस लें । इस लेई को एक कप पानी में मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें।

दमा, खाँसी :- एक लौंग, अकौन का एक फूल और एक चुटकी काला नमक इन तीनों को पीस कर गोली बना दें। गोली को मुँह में रख कर धीरे-धीरे उस का रस चूसे ।
कुक्कुर खाँसी :- कुछ लौंग तवे पर गरम कर लें । उसका चूर्ण बनाकर थोड़ा शहद मिला दें । इस लेई को  मुँह में रख कर रस धीरे-धीरे चूसें ।

गर्भावती औरतों का दस्त :- 30 ग्राम लौंग एक लीटर पानी में उबाल कर 100 मि० ली० काढ़ा तैयार करें । इसकी दिन में तीन खुराक सेवन करें।

मुँह से बदबू आने पर :- 4-5 बूँद लोंग-तेल एक कप पानी मे डाल कर उस पानी से कुल्ला करें ।

आन्त्रशोथ ( गैस्ट्रोएनस्ट्रेटीज ) के प्रतिरोध के लिए :- तीन लौंग, 1/2 चम्मच इलायची का बीज, और एक चुटकी हींग इन तीनों को तवे पर गरम कर कूट लें । एक गलास पानी में इसको रात भर भिगा दें । इसकी दो खुराक सेवन करें ।

कीड़े को भगाने के लिए :- लोंग का चूर्ण छिड़क दें। चींटी को भगाने के लिये :- लोंग का चूर्ण छिडक दें ।

दालचीनी के औषधीय गुण एवं फायदे - Benefits of Cinnamon in hindi

दालचीनी (Cinnamomum zeylanicum)

दालचीनी की छाल एक मसाले के रूप में व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है। यह मुख्यतः एक मसाला और स्वादिष्ट बनाने का मसाला सामग्री के रूप में रसोई में कार्यरत हैं। इसमें कई औषधीय गुण भी पाये जाते हैं जो हमारे शरीर के कई बीमारियों को दूर करने में सहायक है। प्रस्तुत है दालचीनी से होने वाले फायदे एवं कुछ सरल घरेलू नुस्खे। Benefits of Cinnamon (Dalchini) in hindi.

दालचीनी के औषधीय गुण एवं फायदे - Benefits of Cinnamon in hindi
ठंड के कारण सिर-दर्द :- दालचीनी को पानी के साथ पीस लें और माथे पर लगाएं ।

माँ के दूध की कमी, प्रसव के बाद मासिक धर्म देरी से होने के लिए :- दालचीनी का 1/4 चम्मच चूर्ण एक कप दूध में मिला कर सोने के पहले 10-15 दिनों तक पिएं ।

मुँह से बदबू होने पर :- दालचीनी का टुकडा पान के पत्ते के साथ चबाएं ।

मुँह में ठीक स्वाद नहीं लगने पर :- दालचीनी का चूर्ण और शहद मिलाकर जीभ पर रगड़ दें ।
सदीं, फ्लू, गला बैठ जाना (sore throat) :- दालचीनी का 1/2 चम्मच चूर्ण और 1/4 चम्मच गोलमिर्च-चूर्ण एक कप पानो में उबाल कर उसमें एक चम्मच शहद मिला कर पिएं।

फुंसी :- निम्बू के एक चम्मच रस में एक चम्मच दालचीनी का चूर्ण मिला कर चेहरे पर बराबर लगाएं ।

अमाशय के कैंसर :-  एक माह तक गरम पानी में दालचीनी पाउडर और शहद का सेवन करने से फायदा होता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है, जिससे शरीर बीमारियों से लड़ सके।

मोटापा घटाने के लिए:- एक चम्मच दालचीनी पाउडर को एक गिलास जल में उबालकर आंच से उतार लें। इसके बाद उसमें दो बड़े चम्मच शहद मिलाकर सुबह नाश्ता करने से आधा घंटा पहले पिएं। रात को सोने से पहले भी इसका सेवन करना दुगुना फायदेमंद होता है, और अतिरिक्त चर्बी धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है।

मुँहासे व ब्लैकहैडस के लिए:- दालचीनी पाउडर को नीबू के रस में मिलाकर मुँहासे वाली त्वचा में लगाएँ।

त्वचा की चमक के लिए :-  एक नीबू के रस में दो बड़े चम्मच जैतून का तेल, एक कप चीनी, आधा कप दूध, दो चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर पांच मिनट के लिए शरीर पर लगाएं। इसके बाद नहा लें, त्वचा खिल उठेगी।
इसके अलावा शहद और दालचीनी के पेस्ट को रात को सोते वक्त चेहरे पर लगाएं और सुबह गरम जल से धो लें।

बालों का गिरना, गंजापन:-  जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर का पेस्ट बनाकर इसे सिर में लगाए और पंद्रह मिनट बाद धो लें।

जोड़ों के दर्द के लिए:-  हल्के गर्म पानी में दालचीनी पाउडर और थोड़े से शहद को मिलाकर शरीर में दर्द वाले अंग पर लगाकर हल्‍के हाथों से मालिश करने से फायदा होता है। एक कप हल्के गर्म पानी में एक चम्मच शहद और आधा चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर पीने से भी जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।

बहरापन दूर करने के लिए:-  शहद और दालचीनी पाउडर को बराबर मात्रा में मिलाकर एक-एक चम्‍मच सुबह और रात को लेने से सुनने की शक्ति बढ़ती है। कान से कम सुनाई देने की समस्‍या होने पर कान में दालचीनी के तेल की कुछ बूंदें डालने से आराम मिलता है।

पेशाब में जलन दूर करता है इलायची Benefits of Cardamom in hindi

इलायची (Elettaria cardamomum) के फायदे और घरेलू नुस्खे

इलायची का सेवन आमतौर पर मुखशुद्धि के लिए अथवा मसाले के रूप में किया जाता है। यह दो प्रकार की आती है- हरी या छोटी इलायची तथा बड़ी इलायची। जहाँ बड़ी इलायची व्यंजनों को लजीज बनाने के लिए एक मसाले के रूप में प्रयुक्त होती है, वहीं हरी इलायची मिठाइयों की खुशबू बढ़ाती है। मेहमानों की आवभगत में भी इलायची का इस्तेमाल होता है। लेकिन इसकी महत्ता केवल यहीं तक सीमित नहीं है। यह औषधीय गुणों की खान है। प्रस्तुत है इलायची के फायदे, औषधीय गुण और कुछ घरेलू नुस्खे/उपचार। Ilaychi ke gun aur fayde
Benefits of Cardamom in hindi

उल्टी, पेशाब करने में कष्ट, पेशाब होने समय जलन:- नारियल पानी में 1/4 चम्मच इलायची-चूर्ण मिला कर पिएँ ।

प्रसव के बाद थकावट :- 1 ग्राम इलायची-चूर्ण एक ग्लास पानी में उबल लें और ठंडा होने पर पी लें ।

खाँसी, गला बैठ जाना, साँस लेने में तकलीफ :- इलायची, सोंठ और जीरा इन सबों का चूर्ण बराबर मात्रा में मिला दें, और हर 5 - 10 मिनट में एक-एक चुटकी सेवन करें।
छाती का तनाव (chest conjestion) :- एक चम्मच इलायची-चूर्ण में घी मिला कर धीरे-धीरे चाट लें ।

पेशाब संबंधी गड़बड़ी, बीज की कमी :- एक कप दूध में एक चुटकी इलायची-चूर्ण और थोड़ा हींग मिला दें । उसमें थोड़ा घी भी मिलाकर सोने के पहले सेवन करें।

छाती का दर्द (angina pectoris) :- इलायची का चूर्ण और पिपली चूर्ण बराबर मात्रा में मिला दें और तीन ग्राम दिन में तीन बार घी के साथ सेवन करें ।

श्वेतप्रदर :- इलायची का 1 ग्राम चूर्ण घी के साथ तीन जार सेवन करें।

पेट के कीड़े, अपच, पेट-दर्द :- 2 ग्राम इलायची, 4 ग्राम लहसुन और 4 ग्राम सोंठ 2 ग्लास पानी में उबाल कर एक ग्लास काढ़ा तैयार करें। मात्रा 60 मिoली० दिन में दो बार सेवन करें ।

आधकपारी :- कपड़े के एक टुकड़े पर थोड़ा इलायची-चूर्ण और थोड़ा हल्दी-चूर्ण छिड़क दें । उससे एक बत्ती बना दे । बत्ती के ऊपर थोड़ा सा घी लगाकर जला दे और धुआँ लूँघ लें ।

पेशाब न होना :- एक ग्राम इलायची-चूर्ण 30 मि० ली० शराब में मिलाकर सेवन करें।

जायफल के फायदे है अनेक

जायफल (Myristica fragrans) जायफल मसाले के अलावा कई बीमारियों के औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। इस लेख में हम अजवाइन के उन सभी औषधीय गुणों के बारे में ज्ञान प्राप्त करेंगे। प्रस्तुत है जायफल के फायदे, औषधीय गुण और इससे संबन्धित घरेलू नुस्खे/उपचार।
(Jay fal ke fayde, iske aushadiya gun aur iske gharelu nuskhe)
Benefit of Nutmeg in hindi
अपच, कमजोरी, हिचकी, मन की उदासी, गर्भावस्था में उत्टी :- जायफल का एक चुटकी चूर्ण (Jayfal ka churn) चम्मच आँवले के रस में मिलाकर दिन में तीन बार 10-15 दिनों तक सेवन करें।
सिर-दर्द, घाव, रुमाटिज्म :- तिल के तेल में जायफल का चूर्ण (Jayfal ka churn) पका कर उस तेल को लगाएँ ।

दस्त :- जायफल का एक चुटकी चूर्ण एक पके हुए केले में मिला कर खाएँ ।

वाजीकर ( पुरुष शक्तिवर्धक ):- एक चुटकी जायफल-चूर्ण शहद के साथ सेवन करें।

अनिद्रा, गर्मी के मौसम का दस्त :- एक चुटकी जायफल चूर्ण दूध के साथ सेवन करें।

दमा :- जायफल का एक टुकड़ा पान के पत्ते में मिला कर चबा लें और रस पिएँ ।

बुखार, उल्टी, दस्त, पेचिश और प्राथमिक उपचार के रूप में सभी प्रकार की बीमारियों के लिए :- जायफलादि वटी सेवन करें।

मात्रा :- नन्हें बच्चों के लिए 1/2 चुटकी शहद या माँ के दूध के साथ ।
बच्चों केलिए :- 1/4-1/2 गोली ।
10 वर्ष तक के बच्चों के लिए -1 गोली;
बड़ों के लिए :- 1-3 गोली ।

जायफलादि बटी तैयार करने की विधि:-

1. निम्नलिखित दवाइयाँ बराबर मात्रा में लेकर महीन चूर्ण तैयार करें :- जायफल (Jaayfal), अजवाइन, वच (गोर बोच) , पिपली, कटुमोहिनी, हल्दी, सोंठ, गोल मिर्च, सेंघा नमक और मॉजूफल । (ये सब दुकान से खरीद सकते हैं)। इन सबों का कपड़ा छान चूर्ण बना दें ।

2. लहसुन और हींग भी उसी मात्रा में लेकर पीस लें।

3. सहदेवी, भृंगराज , पथलचूर, और ब्राह्मी (बेंगसाग), ये चार (पूरा पौधा) बराबर मात्रा में लेकर स्वरस निकाल दें ।

4. लहसुन और हींग की लेई पौधों के रस में मिला दें ।

5. तैयार किये गये चूर्ण में (no 1 ) इस रस (no 4) को मिला कर गूँथ लें और अच्छी तरह सिलौटी पर पीस कर लेई बना दें।

6. इस लेई से चने के बराबर गोली तैयार कर छाया में सुखाकर सुरक्षित रखें । ( इस गोली को ज्यादा मज़बूत बनाना चाहें तो, लेई और रस मिला कर पीसने की विधि सात दिनों तक सात बार दुहरा दें और उसके बाद गोली तैयार करें) ।
यह गोली जानवरों की बीमारियों के लिए भी बहुत लाभदायक है ।

शरीर में जल की कमी होने पर ( खास कर हैजे के कारण):- जायफल का आधा टुकडा कूट कर आधा लीटर पानी में एक घंटे तक रख दें । इस पानी को एक-एक चम्मच नारियल पानी में मिला कर बराबर देते रहे ।

गठिया, मुचक जाने पर (sprains), अर्धांगी:- जायफल के तेल (Jayfal ka tel) में कोई भी मीठा तेल मिला कर लगा दें ।

सिर-दर्द :- जायफल की लेई माथे पर लगा दें ।

 ( नोट: जायफल अधिक मात्रा में सेवन करना हानिकारक हैं)
Tag: Jayfal in engilish, Jayfal picture, jayfal ka english naam - Nutmeg, jayfal benefits, Jayfal ka tel aur churn, जायफल का पेड़, जायफल का तेल, जायफल चूर्ण, जायफल के नुकसान

अजवाइन के औषधीय गुण और घरेलू नुस्खे

अजवाइन (Trachyspermum roxburghianum)
Ajvain ke aushadiya gun aur iske gharelu upchar
Benefit of Carom Seeds
 हैजा:- एक बड़ा चम्मच अजवाइन (carom seeds) और जीरा (1:1) एक लीटर पानी में उबाल दें। उसमें थोड़ा काला नमक और 2 चम्मच पुदीने का रस मिला कर एक-एक कप हर 20 या 30 मिनट पर सेवन करते रहें । 
Home remedy of Carom Seeds in hindi

अपच, गैस, भूख न रनगना, पेट दर्द, कब्जा, पेचिश, बुखार, फ्लू और सदीं :- 1-2 मुंगादि-गोली सेवन करें। 

मुंगादि-गोली (Mungadi goli) तैयार करने की विधि:
सामग्रियाँ : गोल मिर्च - 100 ग्रा०; सोंठ -100 ग्रा०; जीरा-100 ग्रा०; सौंफ-100 ग्रा०; काला नमक- 80 ग्रा०; अजवाइन -50 ग्रा०; होंग -25 ग्रा०। इन सभी चीजें महीन पीस कर मिला दें। इस चूर्ण में सहजन की छाल का रस और नींबू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर अच्छी तरह गूँथ लें और पीस लें। मटर के बराबर गोली तैयार कर सुखा कर सुरक्षित रखे। 
गठिया और सूजन, बुखार, गलफुली (mumps):- अजवाइन का चूर्ण (Ajwain ka churn) 1 भाग, और गुड़ 3 भाग मिलाकर 1-2 चम्मच दिन में दो बार सेवन कों।

पेशाब न होने पर (retention of urine):-  अजवाइन (Ajvain) और पिपली हलका भूंज कर महीन चूर्ण बना दें और बराबर मात्रा में मिला दें। 1/2 चम्मच चूर्ण एक ग्लास नारियल पानी में मिला कर पिएं। 

अपच, फ्लू :- एक बड़ा चम्मच अजवाइन (Ajwain) एक लीटर पानी में उबाल दें। इस में से एक ग्लास पानी में एक चुटकी काला नमक मिला कर दिन में दो बार सेवन करें।

ताजा घाव :- अजवाइन चूर्ण (Ajvain churn) में थोड़ी चीनी का चूर्ण मिला कर लगा दें ।

शराब की आदत:- अज़वाइन का अल्कोहालिक  एक्सट्रेक्ट (alcoholic extract) तैयार कर, उसकी 10 बून्द भोजन में मिला कर दें । 

अल्कोहल एक्सट्रेक्ट तैयार करने की विधि:- कांच के एक बर्तन में अजवाइन हल्का कूट कर डाल दें । अजवाइन डूबने तक उसमें विस्की या ब्रांडी डाल कर 21 दिनों तक रख दें । दिन में एक बार उसको हिलाते रहें । 22 वें दिन एक्सट्रेक्ट तैयार है । 

मासिक धर्म की गडबडी, मासिक धर्मं के समय दर्द:- अजवाइन (carom seeds), सैंधानमक, जीरा, पिपली, और हर्रा इन सभी का महीन चूर्ण बनाकर बराबर मात्रा में मिला दे । 1/4 चम्मच चूर्ण गरम पानी में दो चार सेवन करें । 

कांच के टुकटे से घाव होने पर:- अजवाइन और गुड़ बराबर मात्रा में पीस कर घाव में लगा दें । 

हाथ, पैर का दर्द :- अजवाइन भूंज कर गठरी बना दें और उससे सेंक लें । दमा :- अजवाइन भूंज कर गठरी बना दें और छाती को सेंक लें ।

करी पत्ता के औषधीय गुण और घरेलू उपचार

करी-पत्ता (Murraya koenigii) के औषधीय गुण और इसके घरेलू उपचार।
Kari Patta ke aushadhiya gun ewam gharelu upchar in hindi
Gharelu Nuskhe of Curry leaf in hindi
करी पत्ता का इस्तेमाल हम अपने भोजन में करते हैं। परंतु हम में से बहुत ही कम लोग जानते हैं की इसे एक औषधि के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके औषधीय गुण हमे कई तरह के बीमारियों से बचाता है। प्रस्तुत है करी पत्ता के गुण और इसके घरेलू नुस्खे।
Home remedy of curry leaf in hindi

मधुमेह, मोटापन, कोलेस्ट्रॉल:- प्रतिदिन सबेरे 10 पत्ते खाएं या पत्ते का 10-15 मि०ली० रस सेवन करें ।

यकृत की बीमारियाँ :- दिन में दो बार करी पत्ता  (curry leaf) के  जड़ का एक चम्मच रस सेवन करें।

दमा :- नमक, मिर्ची, प्याज़ आदि मिलाकर करीपत्ते (curry patta) की चटनी बनाएं और भोजन के साथ खाएं ।

जलन, चोट :- करी-पत्ते की लेई में घी मिला कर लगाएं ।

कीड़े काटने पर :- करी पत्ते (Kari patta) का ताजा रस और नोंबू रस बराबर मात्रा में मिला कर लगाएं ।

केश तेल (hair oil) ( बाल बढने के लिये, बाल के रंग के लिये ) :- 200 ग्राम करी-पत्ता (Karri patta) नारियल के तेल सें उबाल दे । पत्ता सूख जाने पर तेल छान कर केश तेल की तरह इस्तेमाल करें।
पेचिश, दस्त :- करी-पत्ते की 2 चम्मच लेई मट्टे के साथ दिन में दो चार बार 3-5 दिनों तक सेवन करें।

एलेर्जी :- करीपत्ता और कच्ची हल्दी बराबर मात्रा में लेकर लेई तैयार करें और एक चम्मच दिन में एक बार महीने भर तक सेवन करते रहें ।
पैर का चर्म फट जाने पर (cracks on the feet) :- करीपत्ता, मेंहन्दी पत्ता, कच्ची हल्दी, और पीपल का दूध ये सब बराबर मात्रा में मिला कर लेई तैयार करें; सोने के पहले हर रोज एक बार एक सप्ताह तक लगाते रहें ।

मधुमेह, चर्म रोग, और पेट में कीड़े :- करी पत्ता (one stalk) और नीम पत्ते की लेई तैयार करें । लेई को मट्ठे में मिला कर खाली पेट में प्रतिदिन सेवन कों ।

आँखों के चारों तरफ त्वचा का रंग बदलने पर (discoloration around the eyes):- इनके पत्तों का रस मक्खन में मिलाकर लेप लगाएं ।

बिल्ली के काटने पर :- करीपत्ते और हल्दी का लेप लगाएं

सौगोड़वा (centipede) के फाटने पर:- करी पत्ते और गोलमिर्च मिला कर पेस्ट तैयार करें और लगाएं ।

मासिक धर्म की गड़बडी :- करी पत्ते का 60 मि०ली० रस सबेरे खाली पेट लगातार कुछ महीनों तक सेवन करें। 

मेंथी के घरेलू उपचार/नुस्खे (Home remedy of Fenugreek in hindi)

मेंथी (Trigonella foenum-graecum) के घरेलू उपचार/नुस्खे
Fenugreek ke gharelu nuskhe in hindi.
वैसे तो मेंथी को हम मसाले के रूप में प्रयोग करते हैं। यह हमारे सब्जियों में स्वाद भरता हैं। परंतु इसमें कई पोषक तत्व होते है जो हमारे शरीर के लिए लाभदायक होता है। यह हमारे शरीर के कई बीमारियों को दूर करने में हमारी सहायता करता है। प्रस्तुत है मेथी (Fenugreek) के कुछ घरेलू नुस्खे (Gharelu nuskhe) जिन्हें आप अपने घरों में प्रयोग में ला सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं।

How-to-use-fenugreek-as-home-remedy
 फोड़ा:- मेंथी और गेंहू पीस कर लगाएं एडी फट जाने पर (cracks on the heel):- मैथी और मैहन्दी पत्ते का लेप लगाएं । 

पेट में गैस, मधुमेह:- एक बड़ा चम्मच मैथी एक ग्लास पानी में रात भर (8 घंटे) भिगा दें । सबेरे खाली पेट पानी पी लें और मेथी खा लें। 

उच्च रक्तचाप:- 30 ग्राम मेथी, 30 ग्राम पुनरनव को जड़ और 10 ग्राम जीरा एक ग्लास पानी में उबाल कर प्रतिदिन सबेरे सेवन करें । 

खांसी, कोलेस्ट्रॉल, गठिया, पीठ पर दर्द:- मेंथी का 24 ग्रा० चूर्ण और सोंठ का 6 ग्राम चूर्ण मिलाकर 15 ग्रा० दिन में दो बार 15 दिनों तक सेवन कों । 

देह पर सूजन:- मैथी का पत्ता, हल्दी और नमक का पेस्ट तैयार कर लैप लगाएँ ।

मधुमेह, सूजन, सदीं, उच्व रक्तचाप आदि के लिये पेय :- सामग्रियाँ:- गेंहू 8 भाग; धनिया 6 भाग; मेंथी 4 भाग; जीरा 2 भाग; तुलसी पत्ता -1 भाग ।

तैयार करने की विधि:- तुलसी पत्ता छाया में सुखा कर पीस लें । गेंहु को काला होने तक भून कर पीस लें । मेथी, धनिया, और जीरा भून कर पीस लें। इन सभी चूर्णो को अच्छी तरह मिला दें । इलायची और सोंठ का चूर्ण भी थोड़ा-सा मिला दें। 

पेय तैयार करने के लिये:- एक कप पानी में 1/2 चम्मच चूर्ण मिलाकर उबाल दें । स्वाद के लिये गुड़ मिलाकर पिएँ । 

बाल झड़ना रोकने के लिए और बाल अच्छी तरह बढने के लिये:- एक मुट्ठी मैथी रात भर पानी में भिगा कर महीन पीस लें । इस पेस्ट को बालों पर लगा कर 15 मिनट के बाद स्नान करें । 

चेहरे पर काले दाग होने पर:- मैथी को बकरी के दूध के साथ पीस कर चेहरे पर कुछ दिनों तक लगाएं ।

 दीमक (white ants) को भगाने के लिए:- मैथी का चूर्ण छिड़क दें ।

प्याज के घरेलु नुस्खे/उपाय (Home remedy of onion in hindi)

प्याज के घरेलु नुस्खे (Home remedy of onion in hindi) प्याज (Onion) - प्याज हमारे भोजन में केवल स्वाद बढ़ाने का ही काम नही करता है बल्कि यह हमारे शारीरिक बिमारियों एवं कमजोरियों को दूर करने में भी सहायक होता है। प्याज और प्याज का रस (Onion juice) हमारे शरीर की कई बीमारियों को दूर करता है। प्रस्तुत है प्याज के घरेलु नुस्खे/उपाय (Pyaj ke gharelu nuskhe in hindi) जिन्हें अपना कर हम अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते है। Pyaj khane ke fyde.
How-to-use-onion-as-home-remedy
बुखार, फ्लू, सर्दी, गला बैठ जाना:- प्याज (Pyaj), अदरक, नींबू-इन तीनो का रस बराबर मात्रा में लें और उसमें शहद मिलाकर 15 मि० ली० दिन में 2 या 3 बार सेवन करें ।

माँ के दूध की वृद्धि:- प्याज (Onion), मेथी, नारियल, चावल और गुड़ मिला कर खिचडी तैयार करें और भोजन के साथ दिन में एक जार 2-3 सप्ताह तक खायें ।

नस की कमजोरी, बच्चा दुबला होने पर:- प्याज़ को गुड़ के साथ दिन में दो बार 2-3 सप्ताह तक खिलाये ।

कोरोलेस्टेरोल, दिल की बीमारी (प्रतिरोध):- प्रतिदिन 1-2 प्याज खायें ।

कान-दर्द:- प्याज का रस (Pyaj ka ras) गरम कर 4-5 बूंदें कान में डालें।

बेहोशी (Fainting) :- प्याज को सूंघें (sniff)।

गोइटर :- प्याज का एक चम्मच रस शहद के साथ सेवन करें ।

How-to-use-onion-as-home-remedy
सिरदर्द:- प्याज (Pyaj) को पीस कर माथे पर और हाथ-पैर के तलुवों पर लगाएं और थोड़े समय तक विश्राम करें

आधकपारी (Migraine):- एक ग्लास पानी पिएं। प्याज़ की लेई माथे पर और अंगूंठों पर लगाकर थोड़े समय तक लेटकर विश्राम करें।

लू से बचने के लिये (preventive from heat stroke):- जब कभी बारह धूप में जाते हो, तब एक प्याज साथ रख लें। भोजन के साथ प्याज़ खायें ।

मधुमक्खी, क्रीड़े आदि के काटने पर :- प्याज़ को काट कर रगड़ दें ।

घाव, फोड़ा ( बाल तोड़ ):- प्याज की लेई में तेल मिलाकर लगाएं; या प्याज को तेल में उबाल कर तेल को लगाएं।

मासिक धर्म की गडबड़ी:- प्याज़ में नमक मिला कर खायें ।

खुजली, शीत-शोध (chillblains):- एक प्याज काट कर रगड़ दें ।

झुंझुनी दर्द (tingling pain):- सफेद प्याज (White onion) का रस तालुओं पर दिन मे दो बार लगाएं ।

गलका (whitlow):- प्याज की लेई में नमक मिला कर लगाएं।

बावासिर:- एक प्याज कूट कर बावासिर पर लगा कर बाँध दें । साथ-साथ भैस के दूध के घी में प्याज भून कर नियमित खाएं ।

नीद नहीं आने पर:- एक या दो प्याज खायें; या एक ग्लास पानी में थोड़ी प्याज उबाल कर पियें । (कुछ लोगों के लिये इस विधि से नोंद नहीं आती है) 

बीयर से अपने बालों कि सफाई कैसे करें

How to wash your hair with bear in hindi

बीयर में प्रयाप्त प्रोटीन मौजूद होता है जो खराब बालों को रिपेयर (repair your damaged hairs)करता है साथ ही साथ इसमे मौजूद सुक्रोज और माल्टोज शुगर, बालों को चमकदार बनाने में सहायक होती है। अर्थात यह एक अच्छे कोंडीशनर का भी काम करती है।
बीयर से बालों कि सफाई करने के लिए सबसे पहले बीयर को डी-कार्बोनेट (De-carbonate)कर लें। डी-कार्बोनेट किया हुआ बीयर में प्याज का रस मिला कर किसी बोतल में भर कर अपने बाथरूम में रख लें।

अब अपने बालों को शैंपू कर लें। शैंपू जो आप हमेशा इस्तेमाल करते हैं का प्रयोग कर सकते हैं। आप किसी भी तरह का कंडीशनर का इस्तेमाल न करें क्योंकि आपका बीयर ही आपके बालों के लिए कंडीशनर काकाम करेगी।

इसके बाद सिर में डी-कार्बोनेट किया हुआ बीयर डाल कर पूरे सिर एवं बालों में अच्छी तरह मलाये। अगर आपके दोमुहे बाल है तो आप अपने बालों के छोर को बीयर में 5 मिनट तक डुबो कर भी रख सकते हैं।

अंत में पानी से पूरे सिर एवं बाल को धो लें और किसी तौलिये से बालों को सूखा लें। यहाँ यह बताना आवश्यक है कि बीयर से बालों कि सफाई सप्ताह में मात्र एक या दो बार ही करें। रोजाना यह ना करें नहीं तो आपके बाल शुष्क हो सकते हैं।

बालों के लिए बियर को डी-कार्बोनेट कैसे करें

बालों के लिए बियर को डी-कार्बोनेट कैसे करें

अगर पुरुषों के सामने बीयर का नाम लें तो वे बहुत खुश हो जाते है। पर क्या आपको पता है यह महिलाओं के लिए भी बहुत काम कि चीज है। यह आपके सौंदर्य को निखार सकता है। बीयर के प्रयोग से आपके बालना केवल लंबे और मजबूत होते हैं बल्कि उनमें चमक भी आ जाती है। सिर में होने वाले रूसी कि समस्या से भी छुटकारा मिलती है। परंतु यहाँ यह जानना आवश्यक है बीयर को आप सीधे प्रयोग में न लाए। बीयर को प्रयोग करने से पहले इसे डी-कार्बोनेट (De-carbonate)कर ले अर्थात बीयर से मौजूद कार्बन डाई ऑक्साइड को निकाल लें। बीयर से कार्बन डाई ऑक्साइड निकालने को ही डी-कार्बोनेट कहते हैं।
Benefit of Beer for hair growth
बीयर को डी-कार्बोनेट करने के लिए इसे बोतल अथवा केन से एक चौड़े बाउल में डाल दें और इसे कम से कम 12 घंटे तक (पूरी रात या पूरा दिन) ऐसा ही छोड़ दें। इससे बीयर से कार्बन डाई ऑक्साइड निकाल जाएगा और यह आपके बालों में प्रयोग करने योग्य बन जाएगा।


प्‍याज के रस से कैसे बढ़ायें बालों की लंबाई

बाल लंबे करने, रूसी दूर करने एवं बाल झड़ने के घरेलू उपाय (Hair loss - Home Remedy in hindi)

काले, मुलायम, घने, चमकीले, लंबे और मजबूत बालों की इच्छा हर स्त्री को होती है। यह उसके सौंदर्य का प्रतीक होता है। अतः यदि किसी स्त्री के बाल रूखे (Rukhe baal) हो जाए या उसके बाल झड़ने (Hair loss) लगे तो निश्चित रूप से उस स्त्री को चिंता सताने लगेगी। विशेष कर उन महिलाओं को जो दफ्तरों में काम करते हैं, जिन्हें अपने सौन्दर्य को बनाए रखने के लिए समय नहीं मिल पता है। परंतु मै सोचती हूँ कि अपने बालों कि देख-भाल (Balon ki dekh bhal) करना इतना मुश्किल भी नहीं है। बस हमें हफ्ते में दो दिन अपने बालों के देख-भाल के लिए निकालना है और कुछ घरेलू उपायों को करके अपने बालों कि चमक वापस पा सकते हैं।
प्याज न केवल हमारे सब्जियों में स्वाद भरता है बल्कि इसमें विद्यमान कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व हमारे शरीर के विभिन्न अंगों को शक्ति प्रदान करता हैं। एक प्याज में 15% विटामिन सी, 27% बाइयोटिन (विटामिन बी7 एवं विटामिन एच) पाया जाता हैं। विभिन्न शोधों में यह पाया गया है कि बाइयोटिन एवं विटामिन सी बालों कि बढ़ोत्तरी के लिए आवश्यक तत्व है। यदि हम अपने बालों में ये तत्वों को देना शुरू करते हैं तो हमारे बालों का बढ़ना (hair growth)शुरू हो जाता हैं। इसके अलावा इसमे एंटी-बैक्टीरियल गुण पाये जाते है जिससे सिर में होने वाले रूसी एवं सिर के संक्रामण को दूर कर सकते हैं।

प्रस्तुत है हर घर में पाये जाने वाले प्याज तथा इसके रस से संबन्धित कुछ घरेलू नुस्खे जो आपके बालों के लिए फायदेमंद होंगे।
1. एक बड़ा प्याज लीजिए। इसका छ्ल्का उतार कर दोनों छोर को काट लें। अब इस प्याज को अच्छी तरह धो लें। फिर इस प्याज का रस (Pyaj ka ras) निकाल लें। प्याज के रस को अपने सिर के त्वचा में अच्छी तरह लगाएँ। जब पूरे सिर में प्याज का रस लग जाए तो सिर को एक साफ तौलिये से लपेट लें ताकि आपके सिर के बाल इसे अवशोषित कर लें। आधे घंटे के बाद आप अपने सिर को किसी अच्छे शैंपू से अच्छी तरह धो लें।
(Balon se sambandhit rojon ke liye Pyaj ka ras)

2. प्याज का रस और बीयर
Benefit of Beer for hair growth
फोटो स्रोत : www.mirror.co.uk
प्याज के रस और बीयर (beer) (डी-कार्बोनेट किया हुआ) दोनों को मिला कर सिर कि त्वचा में एवं बालों में लगाने से बालों के बढ़ने (hair growth) में सहायक होता है एवं बाल प्रकृतिक रूप से चमकदार बनाती है। बीयर में काफी मात्रा में प्रोटीन होता है जो खराब बालों को रिपयर (repair damaged hairs)एवं नये बालों को उगने में सहायक होता है, दूसरी ओर इसमे मौजूद सुक्रोज और माल्टोज शुगर बालों को चमकदार बनाने में सहायक होती है। यह एक अच्छे कंडीशनर (a good conditioner)का काम करती है। इसे आप सप्ताह में दो बार कर सकते हैं।

3. प्याज के रस में थोड़ा बादाम का तेल मिला लें। अब इस मिश्रण से अपने बालों का मसाज करें। इससे आपके बालों को पोषण तत्व प्राप्त होता है जो बालों के विकास में सहायक होता है। मसाज करने के उपरांत अपने सिर को लपेट लें और भाप लें। इससे आपके सिर में स्थित मृत त्वचा हट जाती है और आपका सिर साफ हो जाता है।
4. झड़े हुए बाल पुनः प्राप्त करने के लिए यह घरेलू उपाय बहुत ही कारगर है। इसके लिए सबसे पहले प्याज का पेस्ट बना लें। अब इस प्याज के पेस्ट में कुछ बूंद शहद मिला लें। इस तरह बने पेस्ट को अपने सिर के उस भाग पर लगाएँ जहां बाल कम है।
(Honey & Onion Hair Loss Home Remedy)

5. प्याज का रस और नींबू का मिश्रण आपके सिर में हुए रूसी को दूर करने और बालों का झड़ना दूर करने में सहायक होता है। इसके लिए सबसे पहले आप प्याज का रस निकाल लें। इस प्याज के रस में थोड़ा नींबू का रस मिला कर मिश्रण तैयार कर लें। इस मिश्रण को अपने सिर के त्वचा में अच्छी तरह लगाएँ। 
(Lemon & Onion Hair Loss Home Remedy)

6. क्या आप जानते हैं जो रम लोग नशे के लिए पीते हैं इसके कई घरेलू नुस्खे भी है। रम को बाल के झड़ने (hair loss) पर देसी नुस्खे के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके लिए एक गिलास में एक प्याज को घिस कर (कदूकस कर) डाल दें। अब इसमें प्याज के ऊपर तक रम डाल कर 24 घंटे छोड़ दें। दूसरे दिन इसे अच्छी तरह हिला कर दूसरे बर्तन में छान लें। इस तरह तैयार मिश्रण से आप अपने सिर एवं बालों का मसाज करें। इससे आपके बालों में मजबूती आएगी और बालों का झड़ना भी रुक जाएगा। 
(Rum & Onion Hair Loss Home Remedy)

7. वैसे आप में से अधिकांश लोग यह तो जानते ही है की बालों के लिए अंडा काफी फायदेमंद होता है। अगर आप लंबे, घने और चमकीले बालों की चाह रखते हैं तो इसे आजमा सकते हैं। इसके लिए प्याज का रस लें, इसमे अंडे के सफ़ेद हिस्से को मिला कर पेस्ट बना लें। इस तरह बने पेस्ट को अपने सिर और बालों में लगा कर 20-25 मिनट तक छोड़ दें। अंत में अपने बालों को शैंपू से अच्छी तरह धो लें। 
(Egg & Onion Hair Loss Gharelu Nuskhe)

मेरी सलाह बस इतनी है कि आप एक समय में सिर्फ किसी एक ही उपाय को आजमाये। धन्यबद।

चुकंदर (बीटरूट) खाने के फायदे - Benefits of eating Beetroot in hindi

चुकंदर के फायदे - Benefits of Beetroot

चुकंदर (Chukandar) जो एक प्रकार का सब्जी है जो गहरे लाल रंग का होता है। यह भूमि के अंदर ही बढ़ता है इसलिए इसे हम कंद भी कह सकते है। यह सब्जी और सलाद दोनों रूप में खाया जाता है। इसका हम जूस निकल कर भी पी सकते हैं। चुकंदर में भरपूर मात्रा में आइरन, विटामिन और मिनरल पाया जाता है। ये तत्व हमारे शरीर को स्वस्थ एवं मजबूत बनाने के लिए सहायक है। प्रस्तुत है चुकंदर के गुण (chukandar ke gun) और इससे होने वाले फायदे (fayde)।

चुकंदर खाने के फायदे / Health benefits of Beetroot

चुकंदर में  काफी मात्रा में मिनरल्स, विटामिन और आइरन पाया जाता है जो हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन के लेवल को बढ़ाता है। इससे खून की कमी दूर होती है साथ ही साथ खून को भी साफ करता है।

चुकंदर में एंटी ऑक्सीडेंट (Antioxidant) तत्व पाए जाते है जो हमारे शरीर को विभिन्न रोगों  से लड़ने की क्षमता  (immune system) को बढ़ाने में मदद करता  है |

चुकंदर में बेटेन नमक महत्वपूर्ण तत्व पाया जाता  है जो हमारे पेट और आंत को साफ रखता है और हमे पेट की अनेक तरह की समस्याओ से दूर रखता है |

चुकंदर के पत्ते (Chukandar ke patte), जड़ (jad) और फल (fal) सभी हमारे शरीर के लिए लाभदायक है। इसके पत्ते में फोलेट नमक तत्त्व पाया जाता है जो हाई ब्लड प्रेशर को दूर रखता है।

चुकंदर का जूस (Chukankar Ka Ras) सुबह और दोपहर खली पेट सेवन करने से मोटापा घटता है। यह मोटापा दूर करने (weight loss) का सरल घरेलु उपाय है।

चुकंदर का जूस (Beetroot juice) पीलिया के रोगी के लिए भी लाभकारी है | पीलिया से ग्रषित को रोजाना एक गिलास चुकंदर का जूस का सेवन करने से लाभ होता है।

चुकंदर के पत्ते को चोट या मोच वाली जगह रगड़ कर पट्टी लगाने से दर्द से तुरंत रहत मिलती है।

यदि आपके शरीर में दाद या खुजली हो तो दाद वाली जगह चुकंदर के पत्ते का रस में शहद मिलाकर लगाने से लाभ होता है।

घरेलू नुस्खे एवं उपचार

बावासिर, कब्ज :- 60 ग्राम शलगम 2 ग्लास पानी में उबाल कर एक ग्लास काढा तैयार करें और सोने के पहले पिएँ ।

उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) , हदय रोग :- दिन में एक बार चुकन्दर का आधा कप रस नियमित पिएं ।

गुर्दे व पित्ताशय की बीमारियाँ :- शलगम, गाजर और खीरे का रस बराबर मात्रा में मिलाकर प्रतिदिन एक कप एक बार पिएँ ।

रूसी : शलगम के रस में थोड़ा सिरका मिलाकर माथे पर लगा दें और सिर धोएँ ।

रक्त (खून) की कमी :- हर रोज नास्ते के पहले शलगम का एक कप रस पिएँ ।

आमाशय का घाव ( अलसर ) :- शलगम के एक कप ताजा रस में एक बड़ा चम्मच शहद मिलाकर सबेरे खाली पेट 2-3 महीनों तक सेवन करें।

खून बढाने के घरेलू उपाय-How to Increase Hemoglobin Level in Hindi

खून  में हीमोग्लोबिन बढाने के घरेलू उपाय - How to Increase Your Hemoglobin Level in Hindi.

जब हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या या हीमोग्लोबिन की संख्या सामान्य से कम होती है तो यह रक्त की कमी या एनीमिया कहलाता है। चूंकि यह अपने आप में कोई बीमारी तो नहीं है परंतु यह दूसरे गंभीर बीमारियों का एक लक्षण हो सकता है। 

खून में स्थित लाल रक्त कोशिकाएँ शरीर में ऑक्सीज़न का वाहन करती है और शरीर के विभिन्न भागों तक ऑक्सीज़न पहुँचती है। यदि खून में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाय तो हमारे शरीर के विभिन्न भागों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीज़न नहीं पहुँच पाएगा और हमे थकान महसूस होने लगेगा। इस ऑक्सीज़न को पूरा करने के लिए हमे ज़ोर-ज़ोर से श्वास लेने की जरूरत महसूस होगी। इस तरह हमे श्वास लेने में तकलीफ होने लगेगी। हमे चक्कर आने लगेगा और व्याकुलता महसूस होगी। 
Pomegranate increases blood

प्रस्तुत है कुछ घरेलू उपाय जिससे आप खून में हीमोग्लोबिन लेवल बढ़ा सकते हैं:- (Foods to increase Hemoglobin Level in hindi)

दो चम्मच तिल को पनि में भिगोंदें। 2 घंटे के बाद तिल को पानी से छानकर उसका पेस्ट बना लें। इस पेस्ट में एक चम्मच शहद मिला कर दिन में दो बार सेवन करें। 

सुबह के नाश्ते में अंकुरित चने, मूंग, गेंहू अथवा मोठ में नींबू मिलकर का सेवन करें। ऐसा करने से खून तेजी से बढ़ता है। 
Tomato juice increase blood in our body

एक गिलास टमाटर का रस रोज पीने से भी खून की कमी दूर होती है। इसलिए टमाटर का सूप भी बनाकर आप ले सकते हो।
increases your blood

पानी सिंघाड़ा/पानी फल - यह पानी में होने वाला फल है। यदि आपके क्षेत्र में यह उपलब्ध हो तो कच्चे सिंघाड़े का सेवन अवश्य करें। खून की कमी के बीमारी से पीड़ित मरीज के लिए यह बहुत ही लाभदायक है। इसके सेवन से खून में हीमोग्लोबिन का लेवल तेजी से बढ़ता है।

रात में सोने से पहले दूध में खजूर डाल कर पीएं। इसके अलावा किशमिश, गाजर, मुनक्का आदि का नियमित सेवन करें। 

काफी और चाय का सेवन कम कर दें। एैसा इसलिए क्योंकि ये चीजें शरीर को आयरन लेने से रोकते हैं दो बार दिन में ठंडे पानी से नहाएऔर सुबह नहाने के बाद सूरज की रोशनी में बैठें।

शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए मूंगफली के दानोंको गुड़ के साथ चबा-चबा कर सेवन करें।

जामुन एवं आंवले का रस बराबर मात्रा में मिलकर सेवन करने से भी लाभ होता है।

फालसे का शर्बत या फालसे का सेवन सुबह शाम करने से शरीर में खून की मात्रा जल्दी बढ़ती है।

अमरूद, पपीता, चीकू, सेब और नींबू आदि फलो का अधिक से अधिक सेवन करें।

किशोरावस्था की लडकियों में होने वाली खून की कमी में मैथी की पत्तियां उबालकर उपयोग करने से बहुत फ़ायदा होता है। मैथी के बीज अंकुरित कर नियमित खाने से खून की कमी दूर होती है। सभी पत्तेदार सब्जीयां और खासकर पालक में प्रचुर मात्रा मे लोह तत्व पाया जाता है। इनसे मिलने वाला आयरन श्रेष्ठ दर्जे का होता है। यह लोह तत्व शरीर में ग्रहण होने के बाद बडी तेजी से रक्त कण बनते हैं और रक्ताल्पता शीघ्र ही दूर हो जाती है।

हरी साग सब्जियाँ जैसे बथुआ, मटर, सरसों, पालक, हरा धनिया और पुदीना को अपने भोजन में अवश्य शामिल करें।

लोह तत्व की वृद्धि के लिये हरे मटर, हरे चने(छोले), अंडे, मछली, कलेजी दूध का प्रचुर उपयोग करना उत्तम है। जो लोग शाकाहारी हैं वे अपने भोजन में पालक,सभी तरह की हरी सब्जियां, दालें अंजीर, अखरोट बदाम काजू, किशमिश, खजूर, आदि रक्त वर्धक पदार्थो का भरपूर उपयोग करना चाहिये।

शरीर में खून को बढ़ाने के लिए प्रतिदिन रूप से लहसुन और नमक की चटनी बनाकर सेवन करे। यह हीमोग्लोबिन का लेवल बढ़ता है।

एक गिलास चुकंदर (बीटरूट) के रस में शहद मिला कर अथवा आनार का रस सुबह-शाम प्रतिदिन सेवन करें। इससे हीमोग्लोबिन तेजी से बढ़ती है। 

शरीर में लोह तत्व बढाने के लिये सबसे अच्छा तरीका यह है भोजन से इसकी पूर्ति करें। चाय,काफ़ी और अम्ल विरोधि (एन्टासिड) दवाएं उपयोग में न लाएं। ये चीजें शरीर द्वारा लोह तत्व ग्रहण करने की प्रक्रिया को बाधित करते हैं। 

टमाटर और सेवफ़ल का रस प्रत्येक 200 मिलिलिटर मिश्रण करके रोज सुबह लेने से रक्ताल्पता में आशातीत लाभ होता है।

ताजा सलाद खाने और शहद से शरीर में हेमोग्लोबिन बढकर एनिमिया का निवारण होता है।विटामिन बी12, फ़ोलिक एसिड,और विटामिन सी ग्रहण करने से हेमोग्लोबिन की वृद्धि होती है।

दूध,मांस,गुर्दे और कलेजी में प्रचुर विटामिन बी12 पाया जाता है।मैथी की सब्जी कच्ची खाने से लोह तत्व मिलता है। 


शहद के फायदे - Benefits of honey

शहद (Shahad) का प्रयोग कई व्यंजनों में होता है। यह जितना स्वादिष्ट होता है, उतना ही सेहतमंद भी। इसके नियमित सेवन से स्फूर्ति, शक्ति और ऊर्जा मिलती है। यह वजन को नियंत्रित रखता है। 
Benefits of Honey

अदरक के रस में शहद (Honey) मिला कर सेवन करने से खांसी में आराम मिलता है।

गुलाबजल, नींबू और शहद (Shahad) मिला कर चेहरे पर लगाएं। झाइयाँ और मुँहासे दूर होंगे। चेहरे पर चमक आएगी।

रोज पानी के साथ शहद (Honey) मिला कर पीने से पेट हल्का रहता है।

पके आम के रस के साथ शहद का सेवन (Shahad ka sevan) करने से पीलिया के बीमारी दूर होती है।

चेहरे की खुश्की दूर करने के लिए शहद, मलाई और बेसन आ उबटन लगाएं। चेहरे पर चमक आती है।

टमाटर या संतरे के रस में एक चम्मच शहद डाल कर प्रतिदिन लेने से कब्ज दूर होता है।

घावों, कटे और जले हुए स्थानों तथा खरोंच पर लगाने से यह घाव जल्दी भरने में मदद करता है।

एक गिलास दूध में बिना चीनी डाले शहद मिला कर रात को पीने से दुबलापन दूर होता है।

प्याज का रस और शहद समान मात्रा में लेकर चाटने से कफ निकलता है तथा पेट के कीड़े नष्ट होते हैं।

सोने के वक्त शहद और नींबू का रस मिला कर एक गिलास पानी के साथ पीने से हृदय की कमजोरी दूर होती है।

पेट का अल्सर शुरुआती अवस्था में हो, तो शहद दूध के साथ लेने से अल्सर ठीक होता है।

रूसी (डैंड्रफ) दूर करने के घरेलू उपाय - How to remove dandruff in Hindi

नारियल तेल में कपूर मिला कर बाल में लगाने से दूर होगी रूसी

बालों में रूसी की समस्या अधिकतर लोगों को होती है। रूसी होने के कारण सिर में खुजली होना और बालों का झड़ना भी शुरू हो जाता है। नीचे दिये गये उपायों को अपना कर रूसी से छुटकारा पाया जा सकता है।
How-to-remove-dandruff-home-remedies

रात को बालों की जड़ों में सरसों तेल से मालिश करें। सुबह शिकाकाई को उबाल कर उस पानी से बल धोएँ।

बालों को साफ रखें, हफ्ते में दो बार शैंपू करें और अच्छे तेल से सिर की मालिश भी करनी चाहिए।

बालों की जड़ों में रोजाना ग्लिसरीन और गुलाब जल लगाएँ। इससे लाभ होगा।

डैंड्रफ से बचने के लिए जैतून के तेल में अदरक के रस की कुछ बुँदे मिला कर इसे बालों की जड़ों में लगा कर एक घंटे के लिए छोड़ दें और फिर शैंपू से धो दें।

खूब पानी पिये, इससे भी यह समस्या दूर होती है।

हफ्ते में दो बार बालों में दही लगाएँ। इसे आधे घंटे के लिए लगाएं और फिर बालों को धो लें।

नींबू का रस और काली मिर्च पाउडर मिक्स कर बालों की जड़ों में लगाएं।

बालों में नीम तथा काले तिल का तेल मिक्स कर हफ्ते में तीन बार लगाएं।

खाने में हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां गाजर आदि को शामिल करें।