करी-पत्ता (Murraya koenigii) के औषधीय गुण और इसके घरेलू उपचार।
Kari Patta ke aushadhiya gun ewam gharelu upchar in hindi
यकृत की बीमारियाँ :- दिन में दो बार करी पत्ता (curry leaf) के जड़ का एक चम्मच रस सेवन करें।
दमा :- नमक, मिर्ची, प्याज़ आदि मिलाकर करीपत्ते (curry patta) की चटनी बनाएं और भोजन के साथ खाएं ।
जलन, चोट :- करी-पत्ते की लेई में घी मिला कर लगाएं ।
कीड़े काटने पर :- करी पत्ते (Kari patta) का ताजा रस और नोंबू रस बराबर मात्रा में मिला कर लगाएं ।
केश तेल (hair oil) ( बाल बढने के लिये, बाल के रंग के लिये ) :- 200 ग्राम करी-पत्ता (Karri patta) नारियल के तेल सें उबाल दे । पत्ता सूख जाने पर तेल छान कर केश तेल की तरह इस्तेमाल करें।
पेचिश, दस्त :- करी-पत्ते की 2 चम्मच लेई मट्टे के साथ दिन में दो चार बार 3-5 दिनों तक सेवन करें।
एलेर्जी :- करीपत्ता और कच्ची हल्दी बराबर मात्रा में लेकर लेई तैयार करें और एक चम्मच दिन में एक बार महीने भर तक सेवन करते रहें ।
पैर का चर्म फट जाने पर (cracks on the feet) :- करीपत्ता, मेंहन्दी पत्ता, कच्ची हल्दी, और पीपल का दूध ये सब बराबर मात्रा में मिला कर लेई तैयार करें; सोने के पहले हर रोज एक बार एक सप्ताह तक लगाते रहें ।
मधुमेह, चर्म रोग, और पेट में कीड़े :- करी पत्ता (one stalk) और नीम पत्ते की लेई तैयार करें । लेई को मट्ठे में मिला कर खाली पेट में प्रतिदिन सेवन कों ।
आँखों के चारों तरफ त्वचा का रंग बदलने पर (discoloration around the eyes):- इनके पत्तों का रस मक्खन में मिलाकर लेप लगाएं ।
बिल्ली के काटने पर :- करीपत्ते और हल्दी का लेप लगाएं
सौगोड़वा (centipede) के फाटने पर:- करी पत्ते और गोलमिर्च मिला कर पेस्ट तैयार करें और लगाएं ।
मासिक धर्म की गड़बडी :- करी पत्ते का 60 मि०ली० रस सबेरे खाली पेट लगातार कुछ महीनों तक सेवन करें।
Kari Patta ke aushadhiya gun ewam gharelu upchar in hindi
करी पत्ता का इस्तेमाल हम अपने भोजन में करते हैं। परंतु हम में से बहुत ही कम लोग जानते हैं की इसे एक औषधि के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके औषधीय गुण हमे कई तरह के बीमारियों से बचाता है। प्रस्तुत है करी पत्ता के गुण और इसके घरेलू नुस्खे।
Home remedy of curry leaf in hindi
मधुमेह, मोटापन, कोलेस्ट्रॉल:- प्रतिदिन सबेरे 10 पत्ते खाएं या पत्ते का 10-15 मि०ली० रस सेवन करें ।Home remedy of curry leaf in hindi
यकृत की बीमारियाँ :- दिन में दो बार करी पत्ता (curry leaf) के जड़ का एक चम्मच रस सेवन करें।
दमा :- नमक, मिर्ची, प्याज़ आदि मिलाकर करीपत्ते (curry patta) की चटनी बनाएं और भोजन के साथ खाएं ।
जलन, चोट :- करी-पत्ते की लेई में घी मिला कर लगाएं ।
कीड़े काटने पर :- करी पत्ते (Kari patta) का ताजा रस और नोंबू रस बराबर मात्रा में मिला कर लगाएं ।
केश तेल (hair oil) ( बाल बढने के लिये, बाल के रंग के लिये ) :- 200 ग्राम करी-पत्ता (Karri patta) नारियल के तेल सें उबाल दे । पत्ता सूख जाने पर तेल छान कर केश तेल की तरह इस्तेमाल करें।
पेचिश, दस्त :- करी-पत्ते की 2 चम्मच लेई मट्टे के साथ दिन में दो चार बार 3-5 दिनों तक सेवन करें।
एलेर्जी :- करीपत्ता और कच्ची हल्दी बराबर मात्रा में लेकर लेई तैयार करें और एक चम्मच दिन में एक बार महीने भर तक सेवन करते रहें ।
पैर का चर्म फट जाने पर (cracks on the feet) :- करीपत्ता, मेंहन्दी पत्ता, कच्ची हल्दी, और पीपल का दूध ये सब बराबर मात्रा में मिला कर लेई तैयार करें; सोने के पहले हर रोज एक बार एक सप्ताह तक लगाते रहें ।
मधुमेह, चर्म रोग, और पेट में कीड़े :- करी पत्ता (one stalk) और नीम पत्ते की लेई तैयार करें । लेई को मट्ठे में मिला कर खाली पेट में प्रतिदिन सेवन कों ।
आँखों के चारों तरफ त्वचा का रंग बदलने पर (discoloration around the eyes):- इनके पत्तों का रस मक्खन में मिलाकर लेप लगाएं ।
बिल्ली के काटने पर :- करीपत्ते और हल्दी का लेप लगाएं
सौगोड़वा (centipede) के फाटने पर:- करी पत्ते और गोलमिर्च मिला कर पेस्ट तैयार करें और लगाएं ।
मासिक धर्म की गड़बडी :- करी पत्ते का 60 मि०ली० रस सबेरे खाली पेट लगातार कुछ महीनों तक सेवन करें।