पुराना जुकाम, पीनस purana jukham

पुराना जुकाम, पीनस

         पुराने जुकाम (पीनस) के रोग में भी जुकाम जैसे ही नाक से पानी बहने लगता है। कुछ समय के बाद नाक के अन्दर का हिस्सा फूल जाता है। कपाल (सिर) में भी दर्द रहता है। नाक से निकलने वाले पानी में मवाद पैदा हो जाती है। नाक में से बहुत बदबू आती है। कुछ दिनों के बाद नाक की हड्डी गलकर निकलने लगती है।परिचय :

विभिन्न भाषाओं में नाम :


हिन्दी    

पीनस

अंग्रेजी        

ओजेना, सायनुसायिटिस

पंजाबी        

पुराना जुकाम

अरबी    

याप्य पानी लाग

बंगाली        

सर्दी

कन्नड़         

हले, नेगादि

मलयालम 

पीनसम् (जलदोषम्)  

मराठी         

पडषण

उड़िया         

पीनसी, घा

तमिल         

पीनसम् नस्ट्पटंट सलिप्पु
1. हल्दी: हल्दी और कालीमिर्च के चूर्ण को गर्म दूध में मिलाकर पीने से बुखार के साथ जुकाम और पीनस (पुराना जुकाम) दूर हो जाता है।
2. माखा: माखा की पत्तियों के ताजे रस की 2-3 बूंद नाक और कान में डालने से पीनस (पुराना जुकाम) दूर हो जाता है।
3. कालीमिर्च: कालीमिर्च 2 ग्राम को गुड़ और दही के साथ सेवन करने से पीनस रोग में लाभ होता है।
4. मेथी: मेथी के और अलसी के तीन ग्राम दानों को 175 ग्राम पानी में पकाकर शेष रहने पर उतार-छानकर 3-4 बूंदों को पीने से सभी प्रकार का बिगड़ा जुकाम, जुकाम से उत्पन्न ज्वर रोगों से आराम मिलता है। l
5. भांगरा: भांगरा का रस 250 मिलीलीटर, तिल का तेल 250 मिलीलीटर, सेंधानमक 10 ग्राम, तीनों को मिलाकर धीमी आग पर पकाकर तेल गर्म लें। इस तेल की लगभग 10 बूंद तक नाक के दोनों नथुने में टपकाने से, अन्दर दूषित कफ तथा कीड़े बाहर निकल जाते हैं, पथ्य में गेहूं की रोटी व मूंग की दाल लेते हैं।
6. एरण्ड: एरण्ड के तेल को तपाकर रख लें और जिस ओर नाक में पीनस हो गया हो, उस और के नथुने से, तेल को दिन में कई बार सूंघने से पीनस नष्ट हो जाती है।
7. तुलसी: तुलसी के पत्तों के चूर्ण को नाक से सूंघने से पीनस (पुराना जुकाम) ठीक हो जाता है।
8. जीरा: जीरे का चूर्ण, घी और शक्कर को एक साथ मिलाकर खाने से पीनस (जुकाम) दूर हो जाता है।
9. हरड़: हरड़ का काढ़ा बनाकर नाक में डालने से पीनस (जुकाम) के रोग में आराम आ जाता है।
10. सोंठ: 4-4 ग्राम सोंठ, छोटी पीपल, छोटी इलायची के बीज को लेकर गुड़ के साथ पीसकर इनकी 1-1 ग्राम की छोटी-छोटी गोलियां बना लें। रात को इन गोलियों को गुनगुने पानी के साथ लेने से पीनस रोग, जुकाम और खांसी जैसे रोग ठीक हो जाते हैं।
11. आंवला: सूखे आंवलों को घी में मिलाकर तल लें। फिर इसे पानी के साथ पीसकर माथे पर लगाने से नाक में से खून आना रुक जाता है।
12. कटेरी: कटेरी के रस को नाक में बूंद-बूंद करके डालने से नाक में से बदबू आना दूर हो जाता है।
13. कपूर:

नकसीर (नाक से खून बहना) nakseer

नकसीर (नाक से खून बहना)


          
नाक में से खून बहने के रोग को नकसीर कहा जाता है। कभी-कभी नकसीर होने से पहले चेहरा लाल हो जाता है और सिर में दर्द भी होता है। यह नकसीर (नाक से खून बहने) के बाद ठीक हो जाता है। यह रोग सर्दियों से ज्यादा गर्मी के मौसम में होता है।परिचय:

कारण:

          नकसीर (नाक से खून बहना) रोग ज्यादा समय तक धूप में रहने से हो जाता है। बच्चों के ज्यादा खेलने के कारण या ज्यादा दौड़ने के कारण दिमाग में गर्मी चढ़ जाती है जिसकी वजह से नाक से खून बहने लगता है। नाक पर चोट लग जाने की वजह से नाक के अन्दर की श्लैष्मिक कला (झिल्ली) फट जाती है और नाक से खून बहता रहता है। कुछ लोग ज्यादा गर्म चीजों का सेवन करते है जिसकी वजह से नाक से खून निकल सकता है। कई लोगों को हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्त चाप) हो जाता है जिसकी वजह से भी नाक से खून आ जाता है। कई बार लडकियों में मासिक धर्म बंद होने पर भी नाक से खून जाता है।

लक्षण:

विभिन्न औषधियों से उपचार :
1. गाजर : 200 मिलीलीटर गाजर का रस और 50 मिलीलीटर पालक के रस को एक साथ मिलाकर पीने से नाक से खून बहना रुक जाता है।
तुलसी:
2. पानी:
3. मूली: अगर रोगी की नाक से ज्यादा खून बह रहा हो तो 30 ग्राम कच्ची मूली के रस में मिश्री मिलाकर पिलाने से आराम आता है।
4. चूना: रात को सोने से पहले 400 मिलीलीटर पानी के अन्दर 50 ग्राम चूने को डालकर रख दें। सुबह उठकर इस पानी को छान लें। इस छने हुए पानी को लगभग 25 मिलीलीटर तक रोगी को पिलाने से नकसीर ठीक हो जाती है।
5. बर्फ:
6. दही:
7. सौंफ: 25 मिलीलीटर सौंफ को 25 ग्राम गुलाब के रस में मिलाकर खाने से नकसीर (नाक से खून बहना) ठीक जाती है।
8. कपड़ा: अगर रोगी की नाक से खून बह रहा हो तो उसे उल्टा करके लिटा दें। फिर नाक की जिस तरफ से खून बह रहा हो उसके उल्टी तरफ के हाथ में किसी कपड़े को कसकर बांध दें। कुछ ही समय में नकसीर (नाक से खून बहना) बंद हो जाएगी।
9. प्याज-
10. इलायची: गर्मियों के मौसम में नकसीर पर सेब के मुरब्बे में छोटी इलायची को डालकर खाने से बहुत आराम आता है।
11. उड़द: उड़द की दाल को भिगोकर पीस लें। इस पिसी हुई दाल को माथे पर लगाने से नकसीर (नाक से खून बहना) बंद हो जाती है।
12. नारियल:
13. पेठा:
14. फिटकरी:
15. घी:
16. अनार:
17. अंगूर:
18. केला:
19. नींबू:
20. मिश्री: लगभग 50 ग्राम सूखे हुए कमल के फूल और 50 ग्राम मिश्री को एक साथ मिलाकर पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 1 चम्मच गर्म दूध के साथ फंकी लेने से सिर्फ 1 ही हफ्ते में नकसीर का रोग दूर हो जाता है।
21. अफीम:
22. शहद: शहद या गुड़ के साथ गूलर के पके हुए फल को खाने से नाक से खून आना बंद हो जाता है।
23. गन्ना: गन्ने के रस को नाक मे डालने से नकसीर (नाक से खून बहना) बंद हो जाता है।
24. कटेरी: कटेरी के फल, पत्तों और जड़ को पीसकर रस निकाल लें। इस रस को सिर के तालु में लगाने से नाक से खून बहना बंद हो जाता है।
25. शक्कर: देशी शक्कर को गाय के दूध में मिलाकर नस्य लेने से नकसीर गिरना (नाक से खून बहना) बंद हो जाता है।
26. दाड़िम: दाड़िम के पत्तों के रस को सूंघने से नकसीर बंद हो जाती है।
27. नीम:
28. रसौत: रसौत को जलाकर नाक से सूंघने से नकसीर फूटना (नाक से खून बहना) बंद हो जाती है।
29. बाल: ऊंट के बालों को जलाकर राख बनाकर सूंघने से नकसीर आना नाक से खून बहना बंद हो जाता है।
30. पीपल: 20 ग्राम पीपल के पेड़ के अन्दर की छाल को रात को 100 मिलीलीटर पानी में भिगोकर रख दें। सुबह उठने पर इसके अन्दर मिश्री मिलाकर पीने से नकसीर ठीक हो जाती है।
31. बेर: बेर के पत्तों को पीसकर (बिना पानी के) सिर पर लेप करने से नकसीर (नाक से खून बहना) ठीक हो जाता है।
32. सुहागा: 3 ग्राम सुहागे को पानी के साथ पीसकर नाक के नथुनों (छेदों) में लगाने से नकसीर आना रुक जाती है।
33. अपामार्ग: अपामार्ग (चिरचिटा) की जड़ को पीसकर नाक से सूंघने से नकसीर आना रुक जाती है।
34. अरण्डी: अरण्डी के छिलकों की राख बनाकर नाक के नथुनों (छेदों) से सूंघने से नकसीर रुक जाती है।
35. मुनक्का: 5 मुनक्के के दाने (बिना बीज के), 4 ग्राम खसखस, 6 ग्राम पद्माख और 5 ग्राम सूखे आंवला को एक साथ मिलाकर पीस लें। रात को इसको 250 मिलीलीटर पानी में डालकर किसी मिट्टी के बर्तन में भिगोकर रख दें। सुबह उठने पर इसको पानी में ही अच्छी तरह से मसलकर छान लें। इसमें 10 ग्राम मिश्री को मिलाकर रोगी को पिलाने से नाक से खून बहना बंद हो जाता है।
36. दूध: बकरी के ताजा दूध के अन्दर मिश्री डालकर पीने से नाक से खून आना बंद होता है।
37. ठंडाई: गर्मी के मौसम में नकसीर (नाक से खून बहना) आने पर 1 गिलास ठंडाई को रोजाना पीने से लाभ होता है।
38. किशमिश: गुलाब जल में किशमिश के 20 दानों को मिलाकर सेवन करने से नाक से खून बहना के रोग में आराम आता है।
39. बेल: बेल के पत्तों के रस को पानी में मिलाकर पीने से नकसीर (नाक से खून बहना) में लाभ मिलता है।
40. लौकी: लौकी को उबालकर खाने से नकसीर (नाक से खून बहना) में आराम आता है।
41. बथुआ: नकसीर (नाक से खून बहना) के रोग में 4-5 चम्मच बथुए का रस पीने से लाभ होता है।
42. गुलकन्द: लगभग 10 से 15 ग्राम गुलकन्द को रोजाना सुबह और शाम दूध के साथ खाने से नकसीर का पुराने से पुराना रोग भी ठीक हो जाता है।
43. आम :
44. दूब:
45. सिंघाड़ा: जिन लोगों को नकसीर (नाक से खून बहना) का रोग हो उन्हे बारिश होने के बाद कच्चे सिंघाड़े खाने से लाभ होता है।
46. कालीमिर्च: दही में 4 काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर खाने से नकसीर (नाक से खून बहना) नष्ट हो जाती है।
47. आंवला :
48. धनिया:
49. बरगद: नाक में बरगद के दूध की 2 बूंदे डालने से नकसीर ठीक हो जाती है।
50. छोटी माई: 2 से 4 ग्राम छोटी माई के चूर्ण को सुबह और शाम खाने से नकसीर (नाक से खून बहना) का रोग ठीक हो जाता है। इसको पानी में थोड़ी देर तक भिगोकर मसल लें और छान लें। इस पानी को बूंद-बूंद करके नाक में रोजाना 3-4 बार डालने से आराम आता है।
51. गोबर: गाय के सूखे गोबर को नाक से सूंघने से नकसीर रुक जाती है।
52. नौसादर: पिसे हुए नौसादर को नाक से सूंघने से नकसीर रुक जाती है।
53. स्नान: गर्मियों के मौसम में नदी या तालाब में रोजाना नहाने से शरीर की गर्मी तो कम होती ही है उसके साथ-साथ नकसीर (नाक से खून बहना) भी ठीक हो जाती है।
54. मेहंदी: मेहंदी, मुलतानी मिट्टी, जौं का आटा, तथा धनियां को बराबर मात्रा में पीस लें और पानी मिलाकर लेप करें, और ऊपर से मलमल का कपड़ा पानी से भिगो कर रख लेने से नकसीर के रोगी को आराम मिलता है। पावं के तलवों पर भी मेहंदी लगाने से कुछ ही दिनों में लाभ मिलेगा।
55. महुआ: महुए के फूल का रस 2 चम्मच की मात्रा में सेवन करने से मुंह और नाक से खून के आने में आराम मिलेगा।
56. मिट्टी:
57. धाय: धाय के फूल, मोचरस, पठानी लोध्र, आम की गुठली का रस तथा मंजीठ के रस को चीनी के शर्बत में पीसकर कपडे़ से छानकर निचोड़ लें और इस रस का नस्य लें। इससे नकसीर में आराम मिलता है।
58. दूधी: छाया शुष्क दूधी में बराबर की सेंगरी मिश्री मिलाकर खूब बारीक चूर्ण करें। रोजाना सुबह और शाम एक चम्मच दूध के साथ लेने से नकसीर तथा गर्मी दूर हो जाती है।
59. चित्रक: चित्रक के दो ग्राम चूर्ण को शहद के साथ चाटने से नकसीर बंद हो जाती है।
60. अडूसा (वासा): अडूसा की जड़ की छाल और पत्तों का काढ़ा बराबर की मात्रा में मिलाकर 2-2 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार सेवन कराने से नाक और मुंह से खून आने की तकलीफ दूर होती है।
61. गेंहू: यदि नाक से खून गिरता हो तो गेहूं के आटे में शर्करा और दूध मिलाकर पीने से यह रोग दूर हो जाता है।
62. गूलर: पके गूलर में शक्कर भरकर घी में तलें, इसके बाद रोजाना सुबह के समय सेवन करने पर नाक से खून गिरना बंद हो जाता है।
63. पलास: रात भर ठंडे पानी में भीगे हुए पांच से सात पलास के फूलों को छानकर सुबह थोड़ी सी मिश्री मिलाकर पीने से नकसीर बंद हो जाती है

नाक में किसी चीज का चला जाना naak me kisi cheej ka chale jana

नाक में किसी चीज का चला जाना

कभी-कभी बच्चे खेलते-खेलते या अनजाने में नाक के अन्दर कांच की गोली, अनाज के दाने या खेलने की कोई दूसरी चीज डाल देते हैं जिसकी वजह से नाक में बहुत दर्द होता है और उसे निकालने में भी बहुत परेशानी होती है।परिचय:

नाक में किसी वस्तु के चले जाने पर उसे निकालने के लियें कुछ साधारण प्रयोग-

नाक की फुंसियां naak ki funsiya

नाक की फुंसियां

1. अजवायन: अजवायन के काढ़े या अजवायन के रस से फुंसियों को अच्छी तरह से साफ करने से नाक की फुंसियां ठीक हो जाती है।
2. कायफल: कायफल को पकाकर बने हुए तेल को फुंसियों पर लगाने से आराम आता है।
3. हरीतकी: हरीतकी को पानी के साथ पीसकर उसमें शहद मिलाकर फुंसियों पर लेप करने से नाक की फुंसियां ठीक हो जाती है।
4. कमीला: कबीला (कमीला) को तेल में मिलाकर नाक की फुंसियों पर लगाने से लाभ होता है।
5. कायफल: कायफल के काढ़े से नाक की फुंसियों को अच्छी तरह से साफ करने से नाक की फुंसियों में आराम आता है।
6. सत्यानाशी: सत्यानाशी (पीला धतूरा) के पीले दूध को घृत (घी) में मिलाकर नाक की फुंसियों पर लगाने से आराम आ जाता है।
7. तिल: तिल के तेल में पत्थरचूर के पत्तों के रस को मिलाकर नाक की फुंसियों पर लगाने से नाक की फुंसियां ठीक हो जाती है।
8. चंदन: चंदन के तेल को उससे 2 गुना सरसो के तेल में मिलाकर लगाने से नाक की फुंसियां ठीक हो जाती है।
9. दारूहल्दी: दारूहल्दी की जड़ के काढ़े से फुंसियों को साफ करने से नाक की फुंसियां ठीक हो जाती है।
10. डिकामाली: पानी में डिकामाली (नाड़ी हिंगु) को मिलाकर फुंसियों को धोने से और लगाने से नाक की फुंसियां ठीक हो जाती है।

नाक की बवासीर naak ka bawasir

नाक की बवासीर


          नाक के अन्दर कभी-कभी सफेद या लाल रंग के
मस्से पैदा हो जाते हैं जिसकी वजह से हमेशा जुकाम लगा रहता है। नाक के जिस नथुने (छेद) में मस्से होते हैं वहा की तरफ से सांस लेने में बहुत परेशानी होती है। कभी-कभी श्लेष्मा के साथ खून भी आ जाता है। इसी को नाक की बवासीर कहते हैं।परिचय:

विभिन्न औषधियों से उपचार :

नया जुकाम, नजला, प्रतिश्याय naya jukham

नया जुकाम, नजला, प्रतिश्याय

जुकाम से शरीर में सबसे ज्यादा नाक और गला प्रभावित होता है। यह वैसे तो इन्फ्लुएन्जा का ही रूप है पर इन्फ्लुएन्जा की तरह इसमें बुखार बिल्कुल नहीं होता है। गीला जुकाम होने पर आंखे लाल हो जाती है और नाक से लगातार पानी आता रहता है। शरीर में थकान सी भी महसूस होती है। 3-4 दिन के बाद जुकाम पक जाता है और गाढे़ पीले रंग के बलगम के रूप में नाक से निकलने लगता है। जो सूखा जुकाम बन जाता है। स में ज्यादातर नाक बंद हो जाती है और रोगी को मुंह से सांस लेनी पड़ती है। अगर नाक से पानी आए तो समझना चाहिए कि रोगी को जुकाम है, अगर जुकाम का पानी गले में चले जाए और बलगम के रूप मे मुंह से बाहर थूकना पड़े तो उसे नजला समझ लेना चाहिए।परिचय:
1. घोरबच: 20 से 40 मिलीलीटर घोरबच (बच) के काढ़े को रोजाना 2 से 3 बार पीने से सर्दी-खांसी मे आराम आ जाता है।
2. कपूर:
3. कायफल: प्रतिश्याय (जुकाम) होने पर कायफल को नाक में डालने से आराम आता है
4. कुलिंजन: लगभग आधा ग्राम कुलिंजन का चूर्ण सुबह-शाम शहद के साथ चाटने से बूढ़ों और बच्चों को सर्दी-खांसी में बहुत आराम मिलता है।
5. सोंठ:
6. हल्दी:
7. कुसुम:
8. सेंधानमक : 10 ग्राम सेंधानमक को लगभग 900 मिलीलीटर पानी में मिलाकर घोल बना लें। इस घोल को नाक में डालने से सिरदर्द ठीक हो जाता है। यह घोल जुकाम और इन्फ्लूएन्जा के रोग में भी बहुत लाभ करता है
9. नागकेसर : नागकेसर (पीला नागकेसर) के पत्तों का उपनाह (लेप) को सिर पर लगाने से बहुत तेज जुकाम भी ठीक हो जाता है।
10. दालचीनी: लगभग 1 से 3 बूंद दालचीनी के तेल को मिश्री के साथ रोजाना 2-3 बार सेवन करने से जुकाम में आराम आता है। थोड़ी सी बूंदे इस तेल की रूमाल में डालकर सूंघने से भी लाभ होता है।
11. लौंग: लौंग को गर्म पानी के साथ पीसकर माथे पर लगाने से सिरदर्द और जुकाम ठीक हो जाता है।
12. कस्तूरी: जुकाम होने पर जबादकस्तूरी को सूंघने से भी जुकाम में आराम आ जाता है।
13. हींग: हींग और कपूर को बराबर मात्रा में लेकर उसके अन्दर थोड़े से शहद को मिलाकर लगभग 1 ग्राम के चौथे भाग की छोटी-छोटी गोलियां बना लें। इस 1 गोली को हर 4 से 6 घंटे के बाद अदरक के रस के साथ मिलाकर चाटने से जुकाम ठीक हो जाता है।
14. पीपल: छोटी पीपल, कचूर और दालचीनी के काढ़े में शहद को मिलाकर सुबह और शाम लेने से जुकाम ठीक हो जाता है।
15. गुलबनफशा: लगभग 40 से 80 मिलीलीटर गुलबनफशा के फूल की फांट को सुबह और शाम पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
16. पिपरमिंट: पिपरमिंट के थोड़े से दाने और एक टिकिया कपूर को किसी कपड़े में बांधकर बार-बार सूंघने से जुकाम में आराम आ जाता है। आंख और नाक से पानी निकलना भी बंद हो जायेगा और नाक से सांस लेने में भी आसानी होगी।
17. राई: जुकाम होने पर राई के तेल को नाक और पैर पर मलने से और नाक मे बूंद-बूंद करके डालने से आराम आता है।
18. मौसंबी: जुकाम के रोग में मौसंबी का रस पीने से लाभ होता है।
19. अगस्त: अगस्त के फूलों और पत्तों के रस को नाक में डालने से जुकाम में आराम आता है।
20. जलपीपल: 1 से 2 चम्मच जलपीपल के पत्तों की फांट को रोजाना 2 से 3 बार बच्चों को पिलाने से बच्चों को सर्दी-खांसी में आराम आता है।
21. घास: 40 ग्राम रोहित घास का काढ़ा सुबह और शाम पीने से जुकाम ठीक हो जाता है और कफ (बलगम) का रोग भी ठीक हो जाता है।
22. सिनुआर: सिनुआर के पत्तों के काढ़े को घोरबच या छोटी पीपल के साथ पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
23. आक: 2 भाग आक (मदार) की जड़ की छाल का चूर्ण, 1 भाग अफीम, 7 भाग सैंधव लवण एक साथ मिलाकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को लगभग आधे से 1 ग्राम तक लेकर सेवन करने से जुकाम का रोग ठीक हो जाता है।
24. अदरक: अदरक के रस को पान के पत्ते के रस के साथ मिलाकर सुबह और शाम पीने से और पान के पत्ते के ऊपर एरण्ड का तेल लगाकर गर्म करके छाती पर बांधने से सर्दी-खांसी में आराम आता है।

नाक में कीड़े पड़ना naak me kide

नाक में कीड़े पड़ना  naak me kide 

          नाक के अन्दर कभी-कभी ज्यादा गंदगी हो जाने की वजह से जख्म हो जाता है जिसमे से खून भी निकल आता है। जख्म ज्यादा पुराना हो जाने की वजह से उसके अन्दर कीड़े भी पड़ जाते हैं।परिचय:

1. लहसुन: 3 भाग लहसुन का रस और 4 भाग पानी को एक साथ मिलाकर उस पानी से जख्म को साफ करने से नाक के कीड़े खत्म होकर जख्म भी ठीक हो जाता है।
2. हींग: पिसी हुई हींग को गर्म पानी में मिलाकर नाक में डालने से नाक का जख्म दूर हो जाता है और कीड़े भी समाप्त हो जाते हैं।
3. अजवायन: खुरासानी अजवायन के काढ़े से नाक के जख्म को साफ करने से दर्द कम हो जाता है।
4. फिटकरी: लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग फिटकरी के चूर्ण को 100 ग्राम पानी में डालकर रख लें। इस पानी की 3-4 बूंदे रोजाना 3 से 4 बार सिर को पीछे की ओर झुकाकर नाक के नथुनों (छेदों) में डालने से नाक के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
5. बनतुलसी: रोजाना सुबह, दोपहर और शाम को नाक के नथुनों (छेदों) में बनतुलसी के पत्तों का रस डालने से कीड़े खत्म हो जाते हैं।
6. तारपीन: 100 मिलीलीटर से लेकर 150 मिलीलीटर पानी के अन्दर आधा चम्मच तारपीन का तेल मिलाकर नाक के नथुनों (छेदों) में डालकर नाक को साफ करने से नाक के कीड़े मिट जाते हैं।
7. नीम: नीम के काढ़े को नाक के जख्म पर लगाने से कीड़े खत्म हो जाते हैं और जख्म भी ठीक हो जाता है।
8. बघण्डी: बघण्डी का तेल नाक में लगाने से नाक के जख्म का फैलना रुक जाता है और जख्म ठीक होकर भर जाता है।
9. कैलोन: कैलोन के तेल को रोजाना 2-3 बार नाक के जख्म पर लगाने से नाक का जख्म जल्दी भरकर ठीक हो जाता है।
10. फरहद: फरहद के पत्तों के रस को या इसकें पत्तों को पकाकर बने हुए तेल को रोजाना 2-3 बार नाक में लगाने से नाक के सारे कीड़े बाहर आ जाते है और जख्म भी भर जाता है।

जुकाम (प्रतिश्याय jukham

जुकाम (प्रतिश्याय) jukham


          मौसम बदलने पर जरा सी लापरवाही करने से किसी भी उम्र के व्यक्ति को जुकाम हो जाता है सर्दी के मौसम में ठंडी हवाएं चलने की वजह से जुकाम हो जाता है बारिश के मौसम में ज्यादा भीगने से भी जुकाम हो जाता है जुकाम एक साधारण रोग है पर कभी-कभी इसकी वजह से दूसरे भयंकर रोग हो सकते हैं। जुकाम दो प्रकार का होता है 1. गीला जुकाम 2. सूखा जुकाम।परिचय:

विभिन्न भाषाओं में नाम:


हिन्दी    

सर्दी, जुकाम    

अंग्रेजी        

कोराइजा, कामन कोल्ड

पंजाबी        

जुखाम   

अरबी    

पानीलाग

बंगाली        

प्रतिश्याय 

गुजराती  

सर्दी

कन्नड़        

नेगादि सीत

मलयालम 

मुख ओलिंचल

मराठी         

सर्दी  

तमिल         

नीरा कम जल थोदम्

तेलगू    

कसम इरुमल   

उड़िया         

सर्दी

कारण:

          जुकाम का रोग ज्यादातर मौसम बदलने के कारण होता है पर यह किसी भी मौसम में हो सकता है यह अक्सर दो मौसमों की बीच में होता है जैसे सर्दी और गर्मी। जुकाम प्रदूषण की वजह से भी हो सकता है किसी गर्म जगह से एकदम ठंडी जगह पर चले जाने के कारण, पेट में कब्ज होने की वजह से, गर्म के ऊपर एकदम ठंडी चीजों का सेवन करने से, बारिश में ज्यादा भीगने की वजह से या कसरत करने के तुरंत बाद नहाने से जुकाम हो जाता है।

लक्षण: