वीवीपैट (VVPAT) क्या है?

वीवीपैट क्या है (What is VVPAT in hindi)


वीवीपैट (VVPAT) यानी वोटर वैरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल जो (Voter Verifiable Paper Audit Trail) एक प्रिंटर है। यह एवीएम की वैलेट यूनिट से जुड़ा होता है। यह मशीन बैलेट यूनिट के साथ उस कक्ष में राखी जाती है जहाँ मतदाता मतदान करने जाते हैं। वोटिंग के समय वीवीपैट से पर्ची निकलती है, जिसमें उस पार्टी और उम्मीदवार की जानकारी होती है जिसके लिए मतदाता ने मतदान किया है।

क्यों जरूरी है वीवीमैट

वीवीपैट (VVPAT) से न केवल मतदाता को अपने वोट के सही प्रत्याशी को जाने की तसल्ली होगी, बल्कि विवाद होने पर वोटिंग का पेपर ट्रेल भी उपलब्ध रहेगा और ईवीएम पर सवाल उठने बंद हो जाएंगे।

बुजुर्गों के भूलने की आदत को नजरअंदाज ना करें - अल्जाइमर (Alzheimer) हो सकता है

उम्र बढ्ने के साथ-साथ बुजुर्गों में भूलने की समस्या (Memory loss) शुरू होने लगती है। कुछ तो उम्र के कारण होती है परंतु यदि किसी बुजुर्ग में यह समस्या ज्यादा बढ़ जाता है तो यह अल्जाइमर (Alzheimer) भी हो सकता है। यदि इसकी पहचान शुरुआत में ही हो जाता है तो दवाइयों की सहायता से इस समस्या के बढ़ने की गति को धीमी की जा सकती है। ढलती उम्र में बीमारियां वृद्धों को अपना शिकार बनाती हैं। इनमें से अल्जाइमर ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई भी स्थायी इलाज उपलब्ध नहीं हो पाया है।

क्या है अल्जाइमर (What is Alzheimer?)
अल्जाइमर (Alzheimer) मस्तिष्क से संबन्धित बीमारी है, जिसमें मरीज अपनी स्मरण शक्ति धीरे-धीरे खोना शुरू कर देता है। प्रारम्भ में मरीज की स्मरण शक्ति धीरे-धीरे कम होने लगती है। जिसके कारण उसे अपने कामों को करने में मुश्किलें आती है। यह मरीज के मस्तिष्क की कोशिकाओं के धीरे-धीरे नष्ट होने के कारण होता है। मरीज अपना रखा हुआ सामान भूल जाता है अथवा कभी किसी परिचित का नाम भूल जाता है। रोग ज्यादा बढ़ जाने के स्थिति में मरीज यदि अकेले घूमने निकलता है तो वापसी में अपने घर का रास्ता ही भूल जाता है। अतः इस रोग से पीड़ित व्यक्ति के साथ अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। सावधानी बरत कर इस रोग पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है।

अल्जाइमर की तीन अवस्था (स्टेज) होती है (Three stages of What is Alzheimer)

फर्स्ट स्टेज : यह शुरू की अवस्था है। इसमें व्यक्ति कुछ समय के लिए कुछ बातें भूल जाता है। यह कोई विकट स्थिति नहीं है। इस अवस्था में अक्सर इसकी पहचान नहीं हो पाती है। मगर इसी अवस्था में मरीज की जीवनशैली बदल दी जाये, तो रोग पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। इस अवस्था में चिकित्सक लक्षणों पर काबू पाने के लिए दवाएं देते हैं, जो लाभदायक सिद्ध होते हैं।  

सेकेंड स्टेज : मरीज की मानसिक क्षमता कमजोर हो जाती है और उसे देख-रेख में रहना पड़ता है। व्यक्तित्व में भी बदलाव आता है। यह स्टेज लंबे समय तक चलती है। याददाश्त बहुत कमजोर हो जाती है, यहां तक कि मरीज परिजनों को भी भूल जाता है। इस अवस्था में मरीज दैनिक कार्य जैसे नहाना, शौच आदि स्वयं कर सकता है, मगर उसे बताना पड़ता है।

थर्ड स्टेज : मरीज शारीरिक क्रियाओं पर नियंत्रण खो देता है। ऐसी अवस्था में 24 घंटे मरीज के साथ रहना पड़ता है, वह भी सावधानी से। कई बार इस अवस्था में मरीज देखभाल करनेवाले को भी हानि पहुंचा सकता है।

अल्जाइमर के शुरुआती लक्षण क्या है (What is What are the early semptoms of Alzheimer in hindi)

उम्र बढ़ने के कारण भी बुजुर्गों में कई बार कुछ चीजें भूलने की समस्या होती है। परंतु यदि किसी बुजुर्ग में यह समस्या बार-बार होने लगती है तो यह अल्जाइमर (Alzheimer) की शुरुआती लक्षण हो सकती है। चूंकि यह मस्तिष्क को धीरे-धीरे ही प्रभावित करती है अतः इसके कोई ठोस लक्षण दिखाई नहीं देती है। इस रोग से ग्रसित व्यक्ति धीरे-धीरे अपने रोज़मर्रा के कार्य को भूलने लगता है जैसे प्रतिदिन प्रयोग किये जाने वाले स्थान, अपने हर दिन का काम इत्यादि। परंतु जैसे-जैसे उसकी याददाश्त कमजोर होती जाती है, वह किसी परिचित का नाम ही भूल जाता है या फिर किसी परिचित को पहचान ही नहीं पता है। मरीज उदास सा रहने लगता है, कम बोलता है, चिड़चिड़ापन हवी होने लगता है, उनके व्यवहार में बदलाव आ जाता है तथा कभी-कभी बेवजह कार्य करने लगता है। अगर ये सभी लक्षण किसी बुजुर्ग व्यक्ति में होते हैं तो वह व्यक्ति अल्जाइमर से पीड़ित हो सकता है। 

यदि बुजुर्गों में ये लक्षण देखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और पता करें कि इसका कारण क्या है।

  • नकारात्मक विचार : यदि बुजुर्ग अत्यधिक तनाव की शिकायत करें या फिर उन्हें मृत्यु का भय अधिक सता रहा हो।
  • सोने में कठिनाई : यदि वे रात में सोने में कठिनाई महसूस करें, लेकिन दिन में भी उन्हें नींद न आये, कम या अधिक सोना डिप्रेशन का संकेत हो सकता है।
  • थका महसूस करना : यदि वे किसी काम को रोज करते हों, लेकिन अचानक कहें कि वे थकान के कारण उस काम को नहीं कर पा रहे हैं।
  • दुखी रहना : बिना उचित कारण के दुखी रहना, पूछने पर सही कारण न बता पाना।
  • वजन कम होना : यदि वे कहें कि उन्हें भूख कम लग रही है और उनका वजन लगातार गिर रहा हो लेकिन जब उन्हें पसंद की चीज खाने को मिले, तो वे चाव से खाते हों।
  • नशे का सहारा लेना : यदि अचानक से किसी नशीले पदार्थों का सेवन करना शुरू कर दें।
  • पसंदीदा कामों को भूलना : रोज के कामों के अलावा अपने पसंदीदा कामों को भी भूलना शुरू कर देना।
  • अकेले रहना : पहले वे काफी सामाजिक रहें हों, लेकिन अब अकेले टीवी देखना या अकेले  रहना ही पसंद कराते हों।
यदि उपर्युक्त लक्षण दिखाई दें, तो ये अल्जाइमर (Alzheimer) के लक्षण हो सकते हैं।

यदि अल्जाइमर के लक्षण (Alzheimer of Symptoms) दिखे तो क्या करना चाहिए

याददाश्त को मजबूत करने के उपाय अपनाएं। इसे अपना कर ही अल्जाइमर से बचा जा सकता है।
  • प्रत्येक दिन एक नये शब्द और उसके अर्थ को सीखें। इससे ज्ञान में वृद्धि होने के साथ ही शब्द भंडार भी बढ़ता है।
  • प्रतिदिन उच्चारण का अभ्यास करें। जिन शब्दों को बोलें उन्हें सही-सही लिखने का प्रयास करें।
  • दिमागी व्यायाम के लिए कुछ  देर वीडियो गेम खेलें। इससे आंखों और हाथों के बीच ताल-मेल की क्षमता बढ़ती है।
  • तनाव में हो, तो किसी अन्य बात को सोचना शुरू करें अथवा अकेले न रहें और लोगों से मिलें और बातें करें।
  • कोई भी वाध यंत्र बजाने का अभ्यास करें। इससे हाथों पर अच्छा नियंत्रण रहता है।
  • कहीं भी रहें, अपने आस-पास की चीजों पर ध्यान दें। इससे भी याददाश्त सही रहती है। 
  • शारीरिक गतिविधियों को बढ़ा कर भी तनाव से मुक्ति पायी जा सकती है। इसके लिए रोज व्यायाम करना भी अच्छा विकल्प है।
  • दोपहर के समय हल्की नींद लें। इससे दिमाग तरोताजा रहता है।
  • पजल्स को सुलझाने से दिमाग का अच्छा व्यायाम होता है। अतः रोज इसका अभ्यास करें।
यदि आपके घर में किसी बुजुर्ग अथवा व्यक्ति में उपरोक्त लक्षण दिखाई दे तो आपको क्या करना चाहिए

सबसे पहले तो आपका व्यवहार उस बुजुर्ग अथवा व्यक्ति के प्रति नरम होना चाहिए। कठोर व्यवहार से मरीज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। मरीज से शांत और दोस्ताना तरीके से बातचीत करें। याददाश्त कमजोर होने के कारण उनसे बातचीत में छोटे और जाने-पहचाने शब्दों का इस्तेमाल करें। मरीज से आदेश के लहजे में कभी बात न करके अपितु समझाने के लहजे में या शांत लहजे में ही बात करना चाहिए। उनकी बात ठीक से सुनें, बीच में न टोकें और न ही बहस करें। मरीज से एक बार में एक ही सवाल करें। बातचीत करते वक्त उन्हें ऐसा लगे कि आप उनमें दिलचस्पी ले रहे हैं और आपको उनकी चिंता है।

डॉक्टर के पास कब जाएँ 


अभी तक इस रोग को पूरी तरह ठीक करने के इलाज का पता नहीं चल पाया है। लेकिन शुरुआत में ही इसकी पहचान होने पर डॉक्टर को दिखाना जरूरी है। डॉक्टर इस रोग में दवाओं की मदद से इसके साइड इफेक्ट पर काबू पा सकते हैं। साथ ही वे मरीज की जीवनशैली में किये जानेवाले बदलाव के बारे में  भी पूरी जानकारी देते हैं। दवाओं की सहायता से इस रोग की प्रगति को शुरुआती अवस्था में ही धीमा किया जा सकता है। मरीज पर ध्यान रखें और यदि उसके व्यवहार में कोई बदलाव आता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जैसे ही रोग का स्तर बढ़ेगा उसका ट्रीटमंट भी बदलेगा। 

 घर में मरीज की देखभाल कैसे करें 


मरीज को सुबह के समय नहलाएं। कोशिश करें कि ज्यादा-से-ज्यादा काम मरीज खुद ही करें , मगर आप जबरदस्ती बिलकुल न करें, एक बार में मरीज को एक ही काम करने दें, याददाश्त को बढ़ाने के लिए आप घर में बोर्ड लगा सकते हैं। जैसे टॉयलेट के बाहर टॉयलेट का बोर्ड लगा सकते हैं आदि। सुबह के समय व्यायाम कराएं और दवाइयां समय पर देते रहें । यदि कोई बदलाव नजर आ रहा है, तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लें। पौष्टिक और संतुलित आहार दें। खाने में विटामिन-इ युक्त खाने की मात्रा ज्यादा रखें, तो बेहतर होगा, विटामिन-इ अल्जाइमर (Alzheimer) में काफी कारगर है।

अल्जाइमर के लिए आयुर्वेदिक औषधियां (Ayurvedic medicine)

शंखपुष्पी अश्वगंधा, ज्योतिश्मती चूर्ण लाभदायक हैं। रोग अधिक होने पर स्मृति सागर रस तथा ब्राह्मणी वटी 1-1 गोली रात्रि में दें। आयुर्वेद पंचकर्म इसमें अत्यंत लाभकारी है। शिरोधार कम-से-कम 14 दिन अवश्य कराएं। आयुर्वेदिक रसायन, बादाम पाक, अश्वगंधारिष्ट चिकित्सक के परामर्श से लें। यह वृद्धावस्था का नाश करता है।

इसका न करें सेवन : अलकोल, तंबाकू, गांजा, भांग का सेवन न करें।

क्या खाएं : प्रतिदिन दूध, घी, बादाम, अर्जुन, मुलैठी का सेवन करें।

भीम एप्प क्या है और कैसे काम करता है?

भीम एप्प क्या है और कैसे काम करता है?
What is BHIM APP and how it works?

सरल शब्दों में कहा जाये तो स्मार्टफोन के जरिये मुद्रा के हस्तानांतरण हेतु बनाये गए एप्प को ही भीम एप्प (BHIM APP) कहते हैं। भीम एप्प का विस्तृत रूप है - भारत इंटरफेस फ़ॉर मनी (Bharat Interface for Money)। भीम एप्प यूनिफाइएड पेमेंट इंटरफ़ेस (Unified Payment Interface - UPI) पर काम करता है जिसमे किसी भी प्रकार के लेन-देन अथवा भुगतान के लिए UPI-PIN की आवश्यकता होती है। इसके अलावा इस एप्प से किसी के बैंक अकाउंट नंबर एवं IFSC के मदद से भी मुद्रा का हस्तांतरण किया जा सकता है। भीम एप्प के जरिये आप Bharat QR code जेनेरेट कर सकते हैं। यह सुविधा बहुत सारे UPI APP में अभी उपलब्ध नहीं है। QR code के सहारे आप तुरंत राशि जा भुगतान अथवा राशि की प्राप्ति कर सकते है।

भीम एप्प का प्रयोग कैसे करें?
How to use BHIM App?

सबसे पहले Google Play Store से आपको अपने स्मार्टफोन में BHIM App डाउनलोड करना होगा जिसे Google Play Store से डाउन लोड किया जा सकता है।

उसके बाद अपने बैंक अकाउंट को इस एप्प में रजिस्टर करें।
रजिस्टर करने के साथ ही आप अपने लिए एक UPI Pin Set करें।
इसमें आपका मोबाइल नंबर ही आपका भुगतान का एड्रैस (Address) होगा।
जैसे ही आपका रजिस्ट्रेशन पूरा होता है आप BHIM App के द्वारा लेन-देन शुरू कर सकते हैं।

भीम एप्प (BHIM App ) में आपके बैंक अकाउंट के लिए UPI Pin कैसे Set करें?

अगर आप पहली बार भीम एप्प का इस्तेमाल (Use of BHIM APP) करते हैं तो आपको UPI-PIN बनाने को कहा जाता है। यह 4 से 6 संख्या वाला गुप्त कोड होता है जिसे आपको भीम एप्प के रजिस्ट्रेशन के समय बनाना पड़ता है। यह आपको आपके द्वारा किए जाने वाले सभी बैंक के लेन-देन के लिए दर्ज करना पड़ता है। यदि आप पहले से ही कोई और UPI-PIN का इस्तेमाल अपने स्मार्टफोन में कर रहे हैं तो उस पर दिये गये UPI-PIN का इस्तेमाल आप अपने BHIM App के लिए भी कर सकते हैं।

सबसे पहले आपके द्वारा install किए गए भीम एप्प (BHIM APP) को ओपन करने पर आपको एप्प पासवर्ड सेट करने को कहा जायेगा। आप चार अंकों का एक पिन बना सकते है। इसी पिन की सहायता से बाद में आप इस एप्प को खोल सकते हैं।
  • एप्प को ओपन करने के बाद आप इसके Main Menu में जाएँ।
  • उसके बाद Bank Accounts को Select करें।
  • अब Set UPI Pin, Option को चुनें।
  • आपको अपने ATM/Debit Card का 6 Digit वाला Number डालना होगा अपने Card के Expiry Date के साथ।
  • उसके बाद आपके पास एक OTP प्राप्त होगा।
  • उसको App में Dial करने के बाद आप अपना UPI Pin बना सकते हैं।

क्या भीम एप्प सुरक्षित है?

भीम एप्प दो पासवर्ड से सुरक्षित बनाया गया है। पहला तो जब आप भीम एप्प को खोलते हैं। जैसे ही आप भीम एप्प (BHIM APP) को क्लिक करते हैं आपको एक पासवर्ड दर्ज करना होगा। इसके बाद ही आप इस एप्प पर दाखिल हो सकते हैं। इसके अलावा किसी भी तरह के लेन-देन के लिए आपको UPI-PIN दर्ज करने की आवश्यकता होगी। आप कोई भी लेन-देन बिना UPI-PIN दर्ज किये पूरा नहीं कर सकते हैं। अतः यदि आपका स्मार्टफोन खो भी जाता है तो भी आपको चिंतित होने की जरुरत नहीं है। अतः कहा जा सकता है कि सुरक्ष के मामले में भीम एप्प बहुत सुरक्छित है।

सुरक्छित होने के साथ-साथ यह एप्प सरल एवं तेज भी है। अच्छी तरह से डिजाइन किया हुआ इसका इंटरफ़ेस उपयोग करने में अत्यंत सरल है। तीन से चार स्टेप में ही आप किसी को भी राशि का भुगतान कर सकते हैं।

भीम आधार पे एप्प क्या है?
What is BHIM - Aadhaar Pay App?

भीम आधार पे एप्प जो आधार प्लेटफार्म में काम करता है जिसे व्यापारियों तथा दुकानदारों के लिए विकसित किया गया है। अर्थात व्यापारी/दुकानदार अपने ग्राहक से भुगतान प्राप्त करने के लिए इसे अपने स्मार्टफोन में भीम आधार पे एप्प डाउनलोड कर स्थापित (install) कर सकते हैं। इसमें स्मार्टफोन के साथ एक फिंगरप्रिंट स्कैनर जुड़ा होगा जिसकी मदद से कोई खरीददार किसी सामान के खरीद के एवज में व्यापारी/दुकानदार को भुगतान कर सकेगा। जो उपभोगता की आधार पे एप्प की मदद से भुगतान चाहता है उसे पहले अपना बैंक अकाउंट आधार से लिंक करना होगा। आधार के साथ बैंक अकाउंट लिंक होने के बाद किसी भी व्यापारी/दुकानदार से कुछ खरीदने पर उसका भुगतान मात्र फिंगरप्रिंट के सत्यापन से ही भुगतान किया जा सकता है। यह सत्यापन आधार के बायोमैट्रिक डाटाबेस से किया जाता है। इसके लिए उपभोक्ता को अपना बैंक चुनना होगा। इसके बाद उपभोगक्त को अपना फिंगरप्रिंट देना होगा, जिसके सत्यापन के बाद भुगतान हो जायेगा।

इस तरह के भुगतान के लिए उपभोगता के पास कोई स्मार्टफोन होने की जरुरत नहीं है और ना ही किसी तकनीक की आवश्यकता है। अतः अब आपको अपने साथ अपना डेविट या क्रेडिट कार्ड ले कर चलने की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा किसी तरह के PIN नंबर अथवा MPIN और पासवर्ड याद रखने की आवश्यकता है।

क्या BHIM App को बिना इंटरनेट के कैसे उपयोग किया जा सकता है?

BHIM App को तो आप बिना इंटरनेट के उपयोग नहीं कर सकते हैं पर BHIM की *99# की सुविधा को किसी भी साधारण फ़ोन से आप बिना इंटरनेट के इस्तेमाल कर सकते हैं।

BHIM App का उपयोग दूकानदार Shopkeeper कैसे कर सकते हैं?

दुकानदार के मोबाइल फ़ोन पर Customer का Mobile Number type करना होगा। उसके बाद Customer को अपना Bank Account चुनना होगा जो उसके Adhaar Card से Link किया हुआ हो। दूकानदार को एक Finger Print Reader का उपयोग करना होगा जिसमें Customer का Finger Print Confirm किया जाएगा। Customer को अपना Adhaar Card लेकर जाने की कोई आवश्यकता नहीं है उसे मात्र Number और स्वयं जाना होगा।

क्या BHIM App में भी Wallet है जिसको पैसे भेजने से पहले Fill करना पड़ता है?

BHIM App में आपका UPI (United Payments Interface) Support करने वाला Bank Directly आपके भीम एप्प से Connect रहेगा। आपका हर Transaction सीधा बैंक से होगा। इसके लिए आपको किसी भी प्रकार के Paytm के जैसे Wallet की आवश्यकता नहीं है।

BHIM App की Transaction Limit कितनी है?

BHIM App में ज्यादा से ज्यादा 10000 रूपए प्रति Transaction और एक दिन में ज्यादा से ज्यादा 20000 रूपए 24 घंटे में लें दें कर सकते हैं।


क्या हम BHIM App में एक से अधिक Bank Account Add कर सकते हैं?

अभी BHIM App में आप अपना एक ही Bank Account Link कर सकते हैं। Account का Setup करते समय अपने किसी एक Bank Account को अपना Default Account के रूप में चुने।

कौन से बैंक भीम एप्प में सपोर्ट करते हैं? Which Banks Support Transactions in BHIM App?

अभी जो List भारत सरकार ने की है उसके अनुसार BHIM App Support करने वाले Bank हैं –

Allahabad Bank, Andhra Bank, Axis Bank, Bank of Baroda, Bank of India, Bank of Maharashtra, Canara Bank, Catholic Syrian Bank, Central Bank of India, DCB Bank, Dena Bank, Federal Bank, HDFC Bank, ICICI Bank, IDBI Bank, IDFC Bank, Indian Bank, Indian Overseas Bank, IndusInd Bank, Karnataka Bank, Karur Vysya Bank, Kotak Mahindra Bank, Oriental Bank of Commerce, Punjab National Bank, RBL Bank, South Indian Bank, Standard Chartered Bank, State Bank of India, Syndicate Bank, Union Bank of India, United Bank of India, Vijaya Bank.