इवेंट मैनेजमेंट के रूप में कैसे बनाये अपना कैरियर

आसिफ इजहार बताते हैं की वे अपने कैरियर को लेकर एक खास आत्मविश्वास से भरपूर हैं। चार वर्ष पहले उन्होने एक नामी-गिरामी इंस्टीट्यूट से होस्पिटेलिटी मैनेजमेंट (Hospitality Management) का कोर्स किया था। तीन साल के कोर्स के दौरान ही उन्होने तय कर लिया की उन्हें इवेंट मैनेजमेंट (Event Management) में ही कैरियर बनाना है। शुरू में दो-तीन छोटी-मोटी कंपनियों के लिए काम किया। फिर उन्होने रादोस्त नामक एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की नींव राखी। उनके मुताबिक इन चार वर्षों में बड़ी व छोटी कंपनियों के सैंकड़ों इवेंट मैनेज किये। इनमें कॉरपोरेट (Corporate), प्रोडक्ट लॉन्च (Product launch), डीलर्स मीट (Dealers Meet) , वेडिंग (Weeding), फैशन शोज (Fashion Shows), आर्टिस्ट एंड सेलिब्रेटी मैनेजमेंट के अलावा कास्टिंग का काम भी किया। यह बहुत ही एक्साइटिंग फील्ड है जहां बहुत तरह की चीजें सीखने और करने को मिलती हैं।

कुल मिलकर इवेंट मैनेजमेंट (Event Management) कलात्मक और सृजनात्मक सोच से मेल खाता हुआ फील्ड है। इवेंट मैनेजमेंट मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग का मिला-जुला रूप है, जो उत्साह और रोमांच से भरपूर है। यह कमाल का फील्ड है, इसमें विजुयालाइजेशन (Visualization) है, क्रिएटिविटी (Creativity) और प्लानिंग (Planning) है। वैन्यू मैनेजमेंट और भरपूर एक्साइटमेंट है। सब जानते हैं की सोशलाइजिंग का ट्रेंड बढ़ रहा है और तमाम इवेंट, इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों द्वारा ही मैनेज किये जा रहे हैं।

इवेंट मैनेजमेंट का काम अलग-अलग तरह के कामों को सही समय पर और पूरी सटीकता के साथ जोड़ना है, जो इस कम को क्लाइंट के मुताबिक दिये गए समय पर और दिये हुए बजट में बिना किसी परेशानी या दुर्घटना के निपटा देता है, वही सबसे सफल इवेंट मैनेजर है। समय का दबाव हमेशा रहता है। क्वालिटी को लेकर हमेशा खिच-खिच रहती है और सब कुछ ठीक-ठाक होने के बावजूद कमी निकालने की गुंजाइश बची रहती है। इस काम की नेचर ही ऐसी है की पसंद और नापसंद के बीच बड़ी बारीक रेखा होती है। इवेंट के आयोजन से पहले बजट को लेकर, वेन्यू को लेकर, मेन्यू को लेकर, सेलिब्रेटी को लेकर बड़ी आपाधापी मची रहती है।

क्या है आवश्यक स्किल्स

इवेंट मैनेजमेंट के काम में अलग-अलग तरह के गुणों की जरूरत होती है और काम करते रहने से उनमें निरंतर सुधार भी होता रहता है। चाहे लीडरशिप क्वालिटी हो, पीआर स्किल हो या फिर मार्केटिंग स्किल। इसी तरह बजट बनाने की स्किल, रिस्क मैनेजमेंट स्किल ये सारी स्किल्स इसमें काम आते हैं और उनमें निरंतर निखार भी आता रहता है। जो व्यक्ति इवेंट मैनेजमेंट से जुड़ना चाहता है उसको यह पता होना चाहिए की उसमें कौन-कौन सी स्किल्स हैं। आपने यदि 12वीं पास कर ली है तो आप इसमें डिग्री, डिप्लोमा कर सकते हैं।

इससे संबन्धित कोर्स
डिप्लोमा इन इवेंट मैनेजमेंट (Deploma in Event Management)
पीजी डिप्लोमा इन इवेंट मैनेजमेंट (PG Diploma in Event Management)
एडवांस डिप्लोमा इन इवेंट मैनेजमेंट (Advance Diploma in Event Management)
पीजी डिप्लोमा इन इवेंट मैनेजमेंट एंड पीआर (PG Diploma in Event Management and PR)
पीजी डिप्लोमा इन इवेंट मैनेजमेंट एंड एक्टिवेशन (PG Diploma in Event Management and Activation)

कोर्स करने के बाद ये हैं संभावनाएं

जितनी जल्दी आप इवेंट के काम को समझ जाएंगे उतनी जल्दी आप इसमें कामयाबी हासिल कर लेंगे। इसमें सबसे महत्वपूर्ण होता है क्लाइंट को संतुष्ट करना। यदि आपने यह कर लिया तो समझो आप सफल हो गये। आप एग्जीक्यूटिव से कैरियर शुरू कर मैनेजर तक बन सकते हैं। इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों, कॉरपोरेट हाउस, मीडिया हाउस व प्रॉडक्शन में, तो आपकी डिमांड होगी ही आप खुद की इवेंट मैनेजमेंट कंपनी भी खोल सकते हैं।

फ्रिज में क्या नहीं रखना चाहिए

खाने-पीने की चीजों को खराब होने से बचाने के लिए हम उन्हें फ्रिज में स्टोर कर देते हैं, लेकिन आपको यह जानने की जरूरत है की कई चीजें ऐसी भी हैं, जिन्हें फ्रिज में स्टोर करना सही नहीं है। ऐसा करने से वे खराब हो सकती हैं या पहले से स्टोर की गई चीजों  को खराब कर सकती है।

केला: केले लंबे समय तक फ्रिज में स्टोर करने से बहुत जल्दी और ज्यादा पाक जाते हैं। इसके पोषक तत्व में भी कमी हो जाती है। इसके अलावा, फ्रिज में रखे केले को खाने से कफ की समस्या भी हो सकती है।

कॉफी: कॉफी बीन्स को कभी भी फ्रिज में नहीं रखना चाहिए। इससे फ्रिज में उपस्थित अन्य पदार्थों की महक कॉफी में लग जाती है। जैसे कॉफी को फ्रिज में रखा जाये, तो यह उसमें उपस्थित अन्य पदार्थों जैसे सब्जी आदि की महक को एब्जोर्ब कर लेता है। इससे पूरी कॉफी खराब हो जाती है।

लहसुन: बेहतर होगा लहसुन को आप कमरे के नॉर्मल टेंपरेचर में ही स्टोर करें। फ्रिज में रखने के 12 घंटे बाद ही लहसुन सूखने लग जाता है और उसका स्वाद भी खत्म हो जाता है।

टमाटर: फ्रिज का तापमान बहुत कम होता है और बेहद कम तापमान में टमाटरों का प्रकृतिक स्वाद खराब हो जाता है। साथ ही, उन्हें पकाने में अतिरिक्त गैस खपत होता है।

प्याज: प्याज को लंबे समय तक फ्रिज में स्टोर करने से उसमें फुफंद लग सकता है। इसकी महक से फ्रिज में राखी बाकी सामान भी खराब हो सकता है। अगर काट कर रखा जाये, तो इसकी परतें सूखने लगती हैं।

आलू: आलुओं को फिर्ज में स्टोर करने से उनमें मौजूद स्टार्च बहुत तेजी से क्षुगर में तब्दील होता है। अंधेरी जगहों में रखने से वे काफी समय तक बढ़िया रहते हैं। साथ ही उन्हें किसी वेंटिलेटेड स्थान में बिना धोये हुए रखना चाहिए।

शहद: शहद को फ्रिज से बाहर नॉर्मल टेंपरेचर में रखें, तो याह सालों तक खराब नहीं होगा, लेकिन अगर फ्रिज में स्टोर करके रखें, तो कम तापमान होने के कारण याह यह जम जाता है और जल्दी खराब हो जाता है।

केसर व कपूर के सेवन से नष्ट होते हैं कृमि (Benefits of Saffron in Hindi)

Benefits of Saffron in our disease in hindi.

केसर (Saffron) सबसे महंगा मसाला माना जाता है। जहां एक तरफ यह मसाला अपने स्वाद और सुगंध के लिए जाना जाता है, वहीं इसमें बहुत सारे अयुर्वेदित गुण विद्यमान है जिसका उपयोग घरेलू उपचार में भी किया जाता है। भारत में केसर का उत्पादन कश्मीर में होता है।  यहाँ प्रस्तुत हैं इससे संबन्धित कुछ घरेलू उपचार (Gharelu Nuskhe) ।
  • केसर व कपूर की एक-एक चुटकी में 2-4 बूंद दूध मिला कर पीसें और एक चम्मच दूध में मिला कर बच्चे को 2-3 दिन पिलाएँ। इससे कृमि (Worms) नष्ट होते हैं। 
  • चन्दन को केसर के साथ घिस कर लेप माथे पर लगाने से सिर, आँखों और दिमाग को शीतलता मिलती हैं। 
  • चन्दन और केसर को मिला कर सिर पर इसका लेप लगाने से सिर दर्द (Head ache) में राहत मिलती है। 
  • केसर मिला दूध सुबह-शाम पिलाने से बच्चों को सर्दी और जुकाम से राहत मिलती है। 
  • बच्चे की सर्दी समाप्त न हो, तो उसकी नाक, माथे, छाती और पीठ पर केसर, जायफल और लौंग के पेस्ट का लेप लगाने से फायदा होता है। 
  • त्वचा के झुलसने पर केसर का लेप लगाएं, तुरंत लाभ होता है और नयी त्वचा का निर्माण जल्द होता है। 
  • केसर दूध के साथ पीने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है। 
  • सोते समय दूध में केसर डाल के पीएं अनिद्रा दूर होगी।
  • बादाम को रात भर पानी में भिगोएँ और बाद में पेस्ट बना लें। केसर, शहद और नींबू का रस गुनगुने पानी में मिला कर इस पैक को चेहरे और गरदन पर लगाएं। इससे झुरिया, एक्ने और दाग दूर होंगे। 
केसर व कपूर के सेवन से नष्ट होते हैं कृमि (Benefits of Saffron in Hindi)

सुंदर त्वचा के लिए लाभकारी नुस्खे - सौन्दर्य नुस्खे

गर्मी में सनटैन आम समस्या है। एक बार सनटैन हो जाने पर त्वचा की सामान्य रंगत को वापस लौटाना बेहद मुश्किल होता है। त्वचा का रंगत खराब होने पर आपका सौन्दर्य भी फीका पड़ जाता है। अतः जरूरी है की आप अपने त्वचा की चमक (Tvacha ki chamak) और रंगत को बनाए रखे। यहाँ प्रस्तुत है आपकी त्वचा की रंगत (Tvacha ki rangat) और चमक को लंबे समय तक बनाए रखने के कुछ  आसान घरेलू उपाय (Gharelu Nuskhe)।

  • एक कच्चे आलू का छिलका उतार कर इसे पीस लें। इसे प्रभावित त्वचा पर लगा कर आधे घंटे तक सूखने दें। इसके बाद त्वचा को ताजे पानी से धो लें। 
  • बेसन को पानी में मिलाएँ और सनटैन वाली त्वचा पर लेप की तरह लगाएं। 20 मिनट बाद इसे पानी से धो लें। इसमें नींबू का रस और दही भी मिला सकते हैं। 
  • दही त्वचा को ठंडक देता है। यह लाली को कम करता है और त्वचा के छिद्रों को खोलता है। नहाने से पहले रोजाना त्वचा पर दही लगाएं। 
  • एक कटोरी कच्चे दूध में थोड़ी मात्र में दही और नींबू का रस मिलाएँ। इसे त्वचा पर लगा कर सुखाने के लिए छोड़ दें फिर इसे पानी से धो दें। त्वचा चमकने लगेगी। 
  • नींबू प्रकृतिक ब्लीच का काम करता है। आप सिर्फ नींबू के रस में चीनी मिला कर प्रभावित त्वचा पर लगा कर छोड़ें। सूखने के बाद इसे ताजे पानी से धो लें। 
  • औटमील पाउडर और छाछ मिला कर पेस्ट बनाएँ और प्रभावित त्वचा पर लगाएं। पेस्ट को 20 मिनट तक छोड़ें, फिर पानी से धो लें। 
  • एलोवेरा जेल रोज चेहरे पर लगाएं। एक हफ्ते के भीतर ही त्वचा का रंग साफ लगेगा। 
त्वचा के लिए लाभकारी है ये नुस्खे - सौन्दर्य नुस्खे
Home remedies for skin problems in Hindi

दूध के साथ आंवला चूर्ण लेने से दूर होता है कब्ज - Benefits of Gooseberry in Hindi

Benefits of Gooseberry in Hindi

आँवला (Gooseberry) एक छोटे आकार और हरे रंग का फल (fruit) है। इसका स्वाद खट्टा (Sour) होता है। आयुर्वेद में इसके अत्यधिक स्वास्थ्यवर्धक माना गया है। आँवला विटामिन 'सी' (Vitamin C) का सर्वोत्तम और प्राकृतिक स्रोत (Natural Source) है। इसमें विद्यमान विटामिन 'सी' नष्ट नहीं होता। यह भारी, रुखा, शीत, अम्ल रस प्रधान, लवण रस छोड़कर शेष पाँचों रस वाला, विपाक में मधुर, रक्तपित्त (blood gall) व प्रमेह (diabetes) को हरने वाला, अत्यधिक धातुवर्द्धक और रसायन है। यह 'विटामिन सी' का सर्वोत्तम भण्डार है। आँवला दाह, पाण्डु, रक्तपित्त, अरुचि, त्रिदोष, दमा, खाँसी, श्वास रोग, कब्ज, क्षय, छाती के रोग, हृदय रोग, मूत्र विकार आदि अनेक रोगों को नष्ट करने की शक्ति रखता है। वीर्य (Semen) को पुष्ट करके पौरुष बढ़ाता है, चर्बी घटाकर मोटापा दूर करता है। सिर के केशों को काले, लम्बे व घने रखता है। विटामिन सी ऐसा नाजुक तत्व होता है जो गर्मी के प्रभाव से नष्ट हो जाता है, लेकिन आँवले में विद्यमान विटामिन सी कभी नष्ट नहीं होता।
आँवले के 100 ग्राम रस में 921 मि.ग्रा. और गूदे में 720 मि.ग्रा. विटामिन सी पाया जाता है। आंवले को आयुर्वेद में अत्यंत स्वास्थ्यवर्धक माना गया है। आज जानते हैं इससे कुछ असरदार घरेलू उपचार।

दूध के साथ आंवला चूर्ण लेने से दूर होता है कब्ज
  • आंवला पाउडर (Anvla powder) और हल्दी पाउडर समान मात्रा में लेकर भोजन के बाद खाने से मधुमेह (Diabetes) में लाभ मिलता है। 
  • हिचकी तथा उल्टी में आंवला रस (Anwla ras), मिश्री के साथ दिन में दो-तीन बार सेवन करने से लाभ होगा। 
  • पीलिया (Jaundice) से परेशान हैं, तो आंवले (Amla) को शहद के साथ चटनी बना कर सुबह-शाम सेवन करें। लाभ होगा। 
  • आंवला (Aamla), रीठा व शिकाकाई के चूर्ण से बाल धोने पर बाल स्वास्थ, लंबे  व चमकदार (Healthy long and shining hair) होते हैं। 
  • स्मरण शक्ति (Memory Power) कमजोर पड़ गयी हो, तो सुबह उठ कर गाय के दूध के साथ दो आंवले का मुरब्बा (Awla ka murabba) खाएं। 
  • एक गिलास ताजा पानी 25 ग्राम सूखे आंवले के बारीक पिसे हुए व 25 ग्राम गुड़ मिला कर 40 दिन तक दिन में 2 बार सेवन करने से गठिया रोग में लाभ मिलता है। 
  • सूखे आंवले का चूर्ण (Aawla ka churn) मुली के रस में मिला कर 40 दिनों तक खाने से पथरी रोग में फायदा होता है। 
  • आंवले के रस में कपूर मिला कर लेप मसूड़ों पर करने से दांत दर्द ठीक हो जाता है और कीड़े भी मर जाते हैं। 
  • रात को सोते समय आंवले का चूर्ण एक गिलास गाय के दूध के साथ सेवन करने से कब्ज (Constipation) दूर होती है। 
  • आंवला रस में घी का छौंक दे कर सेवन करने से ज्वार नष्ट होता है। 
  • आंवले तथा तिल का चूर्ण बराबर भाग में मिला कर घी व मधु के साथ लेने से यौवन बरकरार रहता है। 

फोड़ा एवं बालतोड़ ठीक करने के घरेलू नुस्खे

गर्मी के मौसम में पसीने और गंदगी के कारण त्वचा में मौजूद तेल ग्रंथि जाम हो जाती है। इससे उस स्थान पर फोड़े हो जाते हैं। कुछ आसान उपायों से इनसे छुटकारा पाया जा सकता है।
गर्मी के मौसम में पसीने और गंदगी के कारण त्वचा में मौजूद तेल ग्रंथि जाम हो जाती है। इससे उस स्थान पर फोड़े हो जाते हैं। कुछ आसान उपायों से इनसे छुटकारा पाया जा सकता है।
फोड़ा एवं बालतोड़ ठीक करने के घरेलू नुस्खे
  • नीम के पत्ते को पीस कर इसका पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट को त्वचा के संक्रमित हिस्से पर लगाएं। चाहे तो नीम की पत्ती को उबाल कर भी इसका पेस्ट तैयार कर सकते हैं। पेस्ट को कुछ देर के बाद पानी से धो लें। 
  • ब्रेड के एक टुकड़े को गरम दूध या पानी में डूबा लें। अब इस ब्रेड को संक्रमित त्वचा पर लगाएं। इससे जलन कम होगी और जल्द ही फोड़ा भी ठीक हो जाएगा। ऐसा दिन में दो बार करें। 
  • आप रुई को टी ट्री ऑइल में भिगो कर फोड़े पर लगाएं। ऐसा कुछ दिनों तक दिन में पांच-छह बार करें। 
  • गरम दूध के साथ हल्दी मिला कर पीने से फोड़ा ठीक हो जाता है। साथ ही हल्दी और अदरक का पेस्ट बना कर फोड़े पर लगा सकते हैं। कुछ दिन तक ऐसा करने पर फोड़ा ठीक हो जायेगा। 
  • प्याज का एक टुकड़ा लेकर उसे फोड़े पर रखें और कपड़े के एक टुकड़े से ढक दें। इससे फोड़ा ठीक हो जायेगा। 
  • गेंहू के 15 दानों को चबा कर उसके लेप को बालतोड़ वाली जगह पर लगाने से बाल तोड़ जल्द ठीक हो जाता है। 
  • पीपल की छाल को पानी के साथ मिला कर घिस लें और इस पेस्ट को बालतोड़ पर लगाएं। 

भूख बढ़ाने के सरल घरेलू उपाय

आज-कल हमारा लाइफ स्टाइल बहुत बदल गया है। ज़्यादातर लोग भाग-दौड़ की जिन्दगी जी रहे हैं। लोगों के पास अच्छी तरह बैठ कर भोजन करने का समय नहीं है। ज़्यादातर लोग तनाव में जी रहे है जिसका परिणाम यह है की कुछ लोगों को ठीक से भूख नहीं लगती है, जिसके कारण वे समय पर भोजन नहीं करते हैं। भूख की कमी (Bhukh ki Kami) के कारण संतुलित भोजन नहीं ग्रहण करने से कमजोरी आने लगती है।
प्रस्तुत है कुछ घरेलू उपाय जिसे आप अपनी भूख बढ़ाने के (Bhukh badhane ke gharelu upay) लिए अपना सकते हैं:-

रोज सेब खाने से बढ़ती है भूख
  • काला नमक चाटने से गैस दूर होती है और भूख बढ़ती है। यह पेट भी साफ करता है। 
  • हरड़ का चूर्ण, सौंठ और गुड़ के साथ लेने से भी यह समस्या दूर होती है। 
  • सेंधा नमक, हींग, अजवाइन और त्रिफला बराबर भाग में लेकर कूट पीस कर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण के बराबर पुराना गुड़ मिला कर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। रोज खाने के बाद एक या दो गोली पानी के साथ लें। 
  • सेब का सेवन रोज करने से भूख बढ़ती है और खून भी साफ होता है। 
  • हरड़ को नीम की निबोलियों के साथ लेने से भूख बढ़ती है और चर्म रोगों का भी नाश होता है।
  • हरड़, गुड़ और सौंठ का चूर्ण बना कर उसे थोड़ी मात्रा में मट्ठे के साथ रोज सेवन करें। 
  • सोंठ का चूर्ण घी में मिला कर चाटने व गरम जल पीने से भूख खूब लगती है। 
  • रोज भोजन करने से पहले छिली हुई अदरक को सेंधा नमक लगा कर खाने से भूख बढ़ती है। 
  • गेंहू के चोकर में सेंधा नमक और अजवाइन मिला कर रोटी बनाएँ और खाएं, आपकी समस्या दूर होगी। 
  • पके टमाटर की फांके चूसते रहने से भूख खुल कर आती है।  

गले में खराश को दूर करने के आसान घरेलू उपय

बदलते मौसम में गले में खराश (Gale me kharash) होना एक आम समस्या है। अधिक ठंडे पदार्थ खाने-पीने और बीमार व्यक्ति के संपर्क में रहने से गले की समस्या (Gale ki samasya) पैदा होती है। प्रस्तुत हैं कुछ आसान घरेलू उपाय, जिन्हें अपना कर इस समस्या से छुटकारा पाया हा सकता है।

काली मिर्च-तुलसी का काढ़ा दूर करता है गले की खराश
  • गुनगुने पानी में नमक मिला कर दिन में दो-तीन बार गरारे करें। गरारे करने के तुरंत बाद कुछ ठंडा न लें। गुनगुना पानी पीयेँ, जिससे गले को आराम मिलेगा। 
  • आधा ग्राम कच्चा सुहागा मुंह में रखें और उसका रस चूसते रहें। दो-तीन घंटों में ही लाभ हो जाएगा। 
  • रात को सोते समय सात काली मिर्च और उतनी ही मिश्री मुंह में रख कर धीरे-धीरे चूसते रहने से बैठा गला खुल जाता है। 
  • सुबह-शाम चार-पाँच मुनक्का के दानों को खूब चबा कर खा लें, लेकिन ऊपर से पानी न पीयेँ। 10 दिनों तक लगातार ऐसा करने से बचाव होगा। 
  • एक कप पानी में 4-5 काली मिर्च एवं तुलसी की कुछ पत्तियों को उबाल कर काढ़ा बना कर पी जाएं। 
  • गुनगुने पानी में सिरका डाल कर गरारे करने से भी गले के रोग दूर हो जाते हैं। 
  • पानी में पांच अंजीर को डाल कर उबाल लें और इसे छान कर इस पानी को गरम-गरम सुबह और शाम को पीने से खराब गले में लाभ होता है। 
  • सुबह-सुबह सौंफ चबाने से बंद गला खुल जाता है। 

शहद से होनेवाले फायदे एवं इसके घरेलू नुस्खे

शहद (Honey) का प्रयोग कई व्यंजनों में होता है। यह जितना स्वादिष्ट होता है, उतना ही सेहतमंद भी। इसके नियमित सेवन से स्फूर्ति, शक्ति और ऊर्जा मिलती है। यह वजन को नियंत्रित रखता है। Benefits of honey in hindi.

शहद व अदरक के रस से दूर होती है खांसी
  • अदरक के रस में शहद (sahad) मिला कर सेवन करने से खांसी में आराम मिलता है। 
  • गुलाबजल, नींबू और शहद (shahad) मिला कर चेहरे पर लगाएं। झाइयाँ और मुँहासे दूर होंगे। चेहरे पर चमक आएगी।
  • रोज पानी के साथ शहद (saahad) मिला कर पीने से पेट हल्का रहता है। 
  • पके आम के रस के साथ शहद (shaahad) का सेवन करने से पीलिया के बीमारी दूर होती है। 
  • चेहरे की खुश्की दूर करने के लिए शहद, मलाई और बेसन आ उबटन लगाएं। चेहरे पर चमक आती है। 
  • टमाटर या संतरे के रस में एक चम्मच शहद डाल कर प्रतिदिन लेने से कब्ज दूर होता है। 
  • घावों, कटे और जले हुए स्थानों तथा खरोंच पर लगाने से यह घाव जल्दी भरने में मदद करता है। 
  • एक गिलास दूध में बिना चीनी डाले शहद मिला कर रात को पीने से दुबलापन दूर होता है। 
  • प्याज का रस और शहद समान मात्रा में लेकर चाटने से कफ निकलता है तथा पेट के कीड़े नष्ट होते हैं। 
  • सोने के वक्त शहद और नींबू का रस मिला कर एक गिलास पानी के साथ पीने से हृदय की कमजोरी दूर होती है। 
  • पेट का अल्सर शुरुआती अवस्था में हो, तो शहद दूध के साथ लेने से अल्सर ठीक होता है। 

बालों में रूसी (Dandruff- डैंड्रफ) को दूर करने के आसान एवं घरेलू उपाय

बालों में रूसी की समस्या अधिकतर लोगों को होती है। रूसी (Dandruff) होने के कारण सिर में खुजली होना और बालों का झड़ना (Hair loss) भी शुरू हो जाता है। नीचे दिये गये उपायों को अपना कर रूसी से छुटकारा पाया जा सकता है।

नारियल तेल में कपूर मिला कर बाल में लगाने से दूर होगी रूसी
  • रात को बालों की जड़ों में सरसों तेल से मालिश करें। सुबह शिकाकाई को उबाल कर उस पानी से बल धोएँ। 
  • बालों को साफ रखें, हफ्ते में दो बार शैंपू करें और अच्छे तेल से सिर की मालिश भी करनी चाहिए। 
  • बालों की जड़ों में रोजाना ग्लिसरीन और गुलाब जल लगाएँ। इससे लाभ होगा।
  • डैंड्रफ से बचने के लिए जैतून के तेल में अदरक के रस की कुछ बुँदे मिला कर इसे बालों की जड़ों में लगा कर एक घंटे के लिए छोड़ दें और फिर शैंपू से धो दें। 
  • खूब पानी पिये, इससे भी यह समस्या दूर होती है। 
  • हफ्ते में दो बार बालों में दही लगाएँ। इसे आधे घंटे के लिए लगाएं और फिर बालों को धो लें। 
  • नींबू का रस और काली मिर्च पाउडर मिक्स कर बालों की जड़ों में लगाएं। 
  • बालों में नीम तथा काले तिल का तेल मिक्स कर हफ्ते में तीन बार लगाएं। 
  • खाने में हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां गाजर आदि को शामिल करें। 

आँखों के नीचे डार्क सर्कल (Dark Circle) दूर करने के तरीके

आज-कल आँखों (eye) के नीचे काले घेरों (Dark circle) की समस्या आम हो गयी है।  यह कई कारणों से होती है। शरीर में कैल्शियम तथा आयरन की कमी, नींद पूरी न हो पाना आदि इसके प्रमुख कारण हैं। कुछ घरेलू उपाय अपना कर इन्हें दूर किया जा सकता है। 

बादाम-शहद के मसाज से दूर होंगे डार्क सर्कल
  • पैन के पत्ते को बारीक पीस लें। इसमें कुछ बूंदें नारियल तेल मिला कर काले घेरों पर लगाएं। 
  • चाय की पत्ती को रात भर दूध में भिगो कर रखें। इसे दूध में मिक्स करके डार्क सर्कल (Dark circle) पर लगाएं। 
  • 2 बादाम को पीस कर 1 चम्मच शहद में मिलाएँ। इसे काले घेरों पर लगा कर हल्के हाथ से मसाज करें और करीब आधे घंटे बाद चेहरे को धो लें। 
  • डिहाइड्रेशन यानि शरीर में पानी की कमी से भी काले घेरे हो जाते हैं। दिन में 8 से 10 गिलास पानी पीयेँ। साथ ही तनाव भागने के लिए प्राणायाम करें। 
  • खीरे के स्लाइस काट कर आँखों पर 10 मिनट तक रखें। ऐसा करने से थकान दूर हो जाती है और डार्क सर्कल हमेशा के लिए गायब हो जाएंगे। 
  • काले घेरे को हटाने के लिए कच्चे दूध में जौ का आटा व चुटकी भर हल्दी मिला कर गाढ़ा घोल बनाएँ और आँखों (eyes) के आस-पास लगाएं। सूख जाने पर धीरे-धीरे रगड़कर चेहरा धो लें। लगातार कुछ महीने तक करते रहने से काले घेरे पूरी तरह से खत्म हो जायेंगे। 
  • सन ग्लासेज (sun glass) पहनें और 6-8 घंटे की नींद लें। 

हाई बीपी (High BP) को कंट्रोल करने के घरेलू उपचार

हाई बीपी (High Blood Pressure) या हाईपरटेंशन (Hypertension)को साइलेंट किलर माना जाता हाई। इसकी दवाइयाँ जीवन भर खानी पड़ती है। कुछ घरेलू उपचार (Home remedies) द्वारा भी बीपी को नॉर्मल रखा जा सकता है। 

हाई बीपी को कंट्रोल करता है शहद व आंवले का रस
  • एक चम्मच आंवले का रस और इतना ही शहद मिला कर सुबह-शाम लें। बीपी नॉर्मल रहेगा। 
  • बीपी बढ़ा हुआ हो, तो आधा गिलास गुनगुने पानी में काली मिर्च पाउडर एक चम्मच घोल कर दो-दो घंटे के अंतराल पर पीते रहें। 
  • तरबूज के गिरी तथा खसखस अलग-अलग पीस कर बराबर मात्र में मिला लें। रोज सुबह एक चम्मच लें। 
  • हाई बीपी को जल्दी कंट्रोल करने के लिए आधा गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़ कर दो-दो घंटे पर लें। 
  • पांच तुलसी के पत्ते तथा दो नीम की पत्तियों को पीस कर 20 ग्राम पानी में घोल कर खाली पेट सुबह पीएं। 15 दिनों में लाभ होने लगेगा। 
  • प्रतिदिन एक पपीता खाली पेट चबा-चबा कर खाएं। बीपी नॉर्मल रहेगा। ब्राउन राइस लेना लाभदायक है। 
  • सौंफ, जीरा, शक्कर तीनों बराबर मात्रा में लेकर पाउडर बना लें। एक गिलास पानी में एक चम्मच मिश्रण घोल कर सुबह-शाम पीते रहें। 
  • पालक और गाजर का रस मिला कर एक गिलास रस सुबह-शाम पीएं, लाभ होगा। 
  • गेंहू व चने के आटे को बराबर मात्रा में लेकर बनायी गयी रोटी चबा कर खाएं, आटे से चोकर न निकालें। 

शरीर के खुजली दूर करने के आसान घरेलू नुस्खे

गर्मी के दिनों में अक्सर शरीर में खुजली (Khujlee) होना शुरू हो जाती है। गर्मी के कारण शरीर से पसीना निकालने लगता है जिसकी साफ-सफाई ठीक से नही की जय तो भी शरीर में खुजली (Khujli) होती है। पैरों में होनेवाली खुजली (Khujle) अक्सर लंबे समय तक जूते पहनने से होती है। लेकिन कुछ घरेलू उपायों से पैरों की खुजली (Pairon ki khujli) को जड़ से समाप्त कर सकते हैं। 

खुजली के बैक्टीरिया को नष्ट करते हैं नींबू पानी
  • दो चम्मच पानी में एक चम्मच बेकिंग सोडा मिला कर पेस्ट बनाएँ और इस पेस्ट को दरारों पर लगाएं। 10 मिनट बाद इसे धो लें। खुजली दूर हो जाएगी। 
  • खुजली वाले पैरों पर सफ़ेद सिरका लगाएं। यह फंगस को विकसित होने से पहले ही समाप्त कर देता है। पांच भाग पानी के साथ एक हिस्सा सिरके का प्रयोग करें। 
  • टी ट्री ऑइल और एलोवेरा जेल को मिला कर मिश्रण बनाएँ। पैरों को साफ कर इस मिश्रण को लगाएं। दिन में तीन बार प्रयोग करें। 
  • एक टब में थोड़ा गुनगुना पानी लेकर उसमें दो चम्मच नमक मिला कर इसमें 10 मिनट पैरों को भिगोएँ। इस उपाय को दिन में तीन बार करें। 
  • गुनगुने पानी में कच्चे ओटमील पाउडर को मिला कर पैरों को भिगोने से खुजली और जलन कम होती है। 
  • थोड़े से पानी में नींबू का रस मिला कर पानी में पैरों को भिगोने से राहत मिलती है। यह मिश्रण फंगस और बैक्टीरिया को मारता है। 
  • पुदीने के पत्तों के पानी या पुदीने की चाय में पैरों की सुन्न त्वचा से छुटकारा पा सकते हैं। 
  • कॉटन और वुल के मोजे का यूज करें।

दस्त (Loos Motion) के क्या है घरेलु उपाय

लौकी के रस से दूर होती है दस्त की समस्या

लूज मोशन (Loos motion) एक बहुत ही कॉमन प्रोब्लेम हाँ। खाने-पीने में थोड़ी लापरवाही भी इसका कारण बन जाती है। दस्त (Dast) लगने पर शरीर के मिनरल्स और पानी तेजी से बाहर हो जाते हैं, जिससे मरीज को कमजोरी महसूस होने लगती है। कुछ घरेलू उपचारों से इस पर काबू पाया जा सकता है। 

लूज मोशन (दस्त) में क्या करें देसी उपचार
  • शिकंजी: नींबू के रस में एक चम्मच चीनी और थोड़ा नमक मिला कर पीएं। इसे पीने से डायरिया दूर होगा। 
  • मैथी दना: एक-चौथाई चम्मच मेथी दाना पाउडर ठंडे पानी से खाली पेट लें। दस्त से मुक्ति मिल जाएगी। 
  • शहद: एक चम्मच शहद में आधा चम्मच दालचीनी पाउडर मिला कर लेने पर दस्त से राहत मिलती है। 
  • अदरक: आधा चम्मच अदरक पाउडर छाछ के साथ लें। दिन में दो-तीन बार लें। डायरिया दूर होगा। 
  • लौकी: लौकी का रस निकाल लें। इसे छान कर दिन में दो-तीन से दस्त में आराम मिलता है। 
  • सरसों: सरसों के एक-चौथाई चम्मच बीजों को एक कप पानी में एक घंटे के लिए भिगो दें। इस पानी को छान कर पीएं। नुस्खा दिन में दो-तीन बार दोहराएँ। 
  • उबले चावल: गीले चावल को ताजा दही के साथ खाएं। दिन भर में दो से तीन खाने से दस्त की समस्या से मुक्ति मिल जाती है। 

बबसीर से राहत दिलाती है बड़ी इलायची -Badi Ilaychi ke gun aur fayde

भोजन को सुगंधित और स्वादिष्ट बनाने के लिए बड़ी इलायची का प्रयोग किया जाता है। यह गरम मसाला का एक महत्वपूर्ण घटक है। यह न सिर्फ भोजन को स्वादिष्ट बनती है, बल्कि इससे कई घरेलू उपचार भी है। 

बबसीर से राहत दिलाती है बड़ी इलायची
  • बड़ी इलायची पीस कर मस्तक पर लेप करने से एवं बीजों को पीस कर सूंघने से सिर दर्द ठीक हो जाता है। 
  • बड़ी इलायची को पीस कर शहद में मिला कर छालों पर लगाने से छाले ठीक हो जाते हैं। 
  • बड़ी इलायची और लौंग के तेल को बराबर मात्रा में लेकर दर्दवाले दांत पर लगाएं। दांत का दर्द दूर होगा। 
  • पांच-दस बूंद बड़ी इलायची तेल में मिश्री मिला कर नियमित सेवन करने से दमा में लाभ होता है। 
  • दो ग्राम सौंफ के साथ बड़ी इलायची के 8-10 बीजों को खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है। 
  • एक ग्राम बड़ी इलायची के चूर्ण को 10 ग्राम बेलगिरी के साथ मिला कर सुबह खाने से दस्त में लाभ होता है। 
  • पिसी हुई राई के साथ बड़ी इलायची चूर्ण मिला कर दो-तीन ग्राम रोज खाने से लिवर रोग दूर होते हैं। 
  • एक-दो बड़ी इलायची के चूर्ण को दिन में तीन बार रोज खाने से शरीर के सारे दर्द दूर हो जाता है। 
  • बड़ी इलायची के दानों को अच्छी तरह पीस कर इसमें शहद मिला कर खाने से घबराहट से राहत मिलती है। 
  • इलायची को पीस कर इसे खाली पेट खाने से बवासीर (Babasir) से राहत मिल जाती है। 

मच्छर भागने के घरेलू नुस्खे

कमरे में कपूर जलाने से दूर भागते हैं मच्छर

मौसम बदलते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है, ऐसे में लोग कीटनाशक पदार्थो का प्रोयोग करने लगते हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक है। प्रस्तुत है कुछ घरेलू उपाय, जिनसे मच्छरों को भगाया जा सकता है।
कमरे में कपूर जलाने से दूर भागते हैं मच्छर
नीम का तेल: बराबर मात्र में नीम का तेल और नारियल तेल मिलाएँ और अपने शरीर पर लगा लें। यह आठ घंटे के लिए मच्छर से बचाता है।
नीलगिरी और नींबू का तेल: बराबर अनुपात में नींबू के रस और नीलगिरी के तेल का मिश्रण और शरीर पर इसका इस्तेमाल करें।
कपूर: दरवाजे-खिड़कियाँ बंद कर कमरे में कपूर जलाएँ। 15-20 मिनट तक छोड़ दें। मच्छर भाग जाएंगे।
तुलसी: खिड़की के पास तुलसी का पौधा रखें। यह मच्छरों को घर में प्रवेश करने से रोकता है एवं उनकी वृद्धि पर भी लगाम लगता है।
लहसुन: लहसुन की काली पीस कर पानी में उबालें और कमरे में चारों ओर स्प्रे करें। मच्छर भाग जाएंगे।
टी ट्री ऑइल: इसे त्वचा पर लगाएँ या कुछ बूंदें वेपोराइजर में डालें। इसकी गंध से मच्छर भागते हैं।
पुदीना: इसका तेल शरीर पर लगाने या खिड़की के बाहर पौधा रखने से मच्छर भागते हैं। वेपोराइजर में भी इसका प्रयोग कर सकते हैं।
लैवेंडर: इसका तेल मच्छर को तो भागता ही है, साथ ही यह सुगंधित भी होता है।

रक्तचाप (Blood pressure) को सामान्य कैसे बनाये रखें

वर्तमान में जीवनशैली में परिवर्तन और अनियमित खान-पान के कारण हृदय रोगों की समस्या बढ़ गयी है। कुछ घरेलू उपायों से आप अपने हृदय को स्वथ्य रख सकते हैं तथा रोगों को दूर रखा जा सकता है। 

एक चम्मच शहद रोज खाने से दूर होती है हृदय की कमजोरी
  • छोटी इलायची और पिपरामूल का चूर्ण घी के साथ सेवन करने से हृदय रोग में फायदा होता है। 
  • एक चम्मच शहद रोज खाने से हृदय मजबूत होता है। 
  • सुबह में अंगूर खाली पेट खाने से मधुमेह और बीपी की समस्या दूर होती है। हृदय भी स्वस्थ रहता है। 
  • गुड़ व घी मिला कर खाने से हृदय मजबूत होता है। 
  • अलसी के पत्ते और सूखे धनिये का क्वाथ बना कर पीने से हृदय की दुर्बलता एमआईटी जाती है। 
  • निम्न रक्तचाप में गाजर के रस में शहद मिला कर पीएं। 
  • उच्च रक्तचाप में सिर्फ गाजर का रस पीने से रक्तचाप संतुलित हो जाता है। 
  • सर्पगंधा को कूट कर रख लें। सुबह-शाम 2-2 ग्राम खाने से बढ़ा हुआ रक्तचाप सामान्य हो जाता है। 
  • प्रतिदिन लहसुन की कच्ची कली खाने से रक्तचाप सामान्य रहता है। 

फोड़े फुंसियों (Fode-Funsi) के लिए क्या है घरेलू उपाय

बरसात के मौसम में त्वचा रोग (Skin problem) होना आम है। सबसे अधिक समस्या फोड़े-फुंसियों (Fode-Funsi) की होती है। जानिए कुछ घरेलू उपाय। 

नीम का लेप दूर करते हैं बरसाती फोड़े-फुंसियाँ
  • फोड़े-फुंसियों पर बरगद के पत्तों को गरम कर बांधने से शीघ्र ही पक कर फुट जाते हैं। 
  • नीम की सुखी छाल को पानी के साथ घिस कर फोड़े-फुंसियों (Fode funsiyon) पर लेप लगाने से ये धीरे-धीरे दूर हो जाते हैं।
  • दाद या खुजली (Daad ya Khujli) वाले स्थान पर मुली के बीज पानी में पीस कर गरम कर लगाने से तत्काल लाभ होता है। 
  • नीम की पत्तियों को पीस कर फोड़े-फुंसी, दाद या खुजली (Khujlee) वाले स्थान पर लगाने से तुरंत लाभ होता है। 
  • अंडी के बीजों की गिरी को पीस कर उसकी पुल्टिस बांधने से लाभ होता है। 
  • आम की गुठली, नीम या आनार के पत्तों को पानी में पीस कर लगाने से फोड़े-फुंसी ठीक होने लगते हैं। 
  • एक चुटकी काले जीरे को मक्खन के साथ निगलने से लाभ होता है। तीन ग्राम त्रिफला चूर्ण (Trifala churn) का सेवन करने से तथा त्रिफला के पानी से घाव धोने से भी लाभ होता है। 
  • सुहागे को पीस कर लगाने से रक्त बहना तुरंत बंद होता है तथा घाव शीघ्र भरता है। 
  • गेंहू के आटे में नमक व पानी डाल कर गरम करें और पुल्टिस बना कर लगाने से फोड़ा पक कर फूटता है। 
  • थूहर के पत्तों पर अंडी का तेल लगा कर गरम करके फोड़े पर उल्टा लगाएँ। इससे मवाद निकर जायेगा। घाव भरने के लिए दो-तीन पत्ते को सीधा लगाएँ। 

नाभि में हींग का लेप लगाने से दूर होती है पेट की समस्या

हींग (Asafetida) को रोज खाने का जायका बढ़ाने के लिए सब्जियों में प्रयोग किया जाता है। यह खाना को तो टेस्टी बनाता ही है, साथ ही पेट रोगों को भी दूर करता है। यहाँ प्रस्तुत है हींग (Hing) से होनेवाले प्रमुख घरेलू उपचार।

नाभि में हींग का लेप लगाने से दूर होती है पेट की समस्या
  • हींग पीस कर (Hing powder) पानी में घोलें। इसे सूंघने से सर्दी-जुकाम, सिर का भारीपन व दर्द दूर होता है। पीठ, गले और सिने पर लेप करने से श्र्वास रोग दूर होते हैं।
  • हींग को पानी में घिस कर दाद पर लगाएँ, लाभ होगा। 
  • प्रसव के बाद हींग (Hing) लेने से गर्भाशय की शुद्धि होती है और पेट संबंधी कोई परेशानी नहीं होती है। 
  • घाव ठीक नहीं हो रहा हो, तो हींग को नीम के पत्तों के साथ पीस कर घाव पर लगाएँ। लाभ होगा। 
  • अफीम का नशा उतारने के लिए थोड़ी-सी हींग पानी (Hing ka pani) में घोल कर पीला दें। नशा तुरंत टूट जायेगा। 
  • पसलियों में दर्द होने पर हींग (Hing) को गरम पानी में घोल कर लेप लगाएँ, सूखने पर प्रक्रिया दोहराएँ।
  • नाभि के आस-पास गोलाई में हींग के पानी का लेप करने से पेट का दर्द, फूलना व भारीपन दूर होता है। 
  • हींग के चूर्ण (Hing ka Churn) में थोड़ा-सा नमक मिला कर पानी के साथ लेने से लो ब्लड प्रेशर में आराम मिलता है। 
  • दांत में कीड़े (Danton me Kide) लगने पर भुनी हुई हींग को रुई के फाहे में लपेटकर दांत में रखें। दर्द से आराम मिल जायेगा। 

हड्डियों और जोड़ो के दर्द के लिए फायदेमंद हैं मेथी

मेथी (Fenugreek) हर घर में होती है। खाने को स्वादिष्ट बनाने के अलावा आप इसका प्रयोग उपचार में भी कर सकते हैं। प्रस्तुत है मेथी के फायदे और कुछ घरेलू नुस्खे:-  

हड्डियों को मजबूत कर रोग से बचाव करती है मेथी
  • मेथी (Methi), सोंठ और हल्दी बराबर मात्रा में पीस कर रोज सुबह-शाम खाना के बाद गरम पानी से दो-दो चम्मच लें, मौसमी बदलाव से बचे रहेंगे। 
  • रोज सुबह खाली पेट एक चम्मच कुटी हुई मेथी (Menthi) में एक ग्राम मंगरेला मिला कर खाएं, पाचन ठीक रहेगा। 
  • मेथी  के दाने (Methee ke dane) हर सुबह खाली पेट, दोपहर और रात को खाना के बाद आधा चम्मच पानी के साथ खाने से हड्डियों के जोड़ मजबूत रहेंगे। 
  • हल्दी, गुड़, पीसी हुई मेथी (Methi powder) और पानी समान मात्रा में मिला कर गरम करें और सोते समय घुटनों पर लेप करें। इस पर रात भर पट्टी बंधे रहने दें। सुबह पट्टी हटा कर साफ कर लें। 
  • अलसी के बीजों के साथ दो अखरोट लेने से जोड़ों के दर्द से आराम मिलता है। 
  • मेथी के लड्डू (Methi ke laddu) खाने से हाथ-पैर के जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। 
  • 30 साल की उम्र के बाद रोज मेथी दाने फांकने से शरीर के जोड़ मजबूत बने रहते हैं। बुढ़ापे तक मधुमेह, ब्लड प्रेशर और गठिया जैसे रोगों से बचाव होता है। 
  • अंकुरित मेथी खाएं और इसे खाने के बाद आधे घंटे तक कुछ न खाएं। पाचन दुरुस्त रहेगा और त्वचा की समस्याओं से बचे रहेंगे। 

वायु विकार दूर करता है अजवाइन का चूर्ण

अजवाइन (Ajwain) का मसाले के रूप में प्रयोग तो हर घर में होता है। लेकिन रोगों के उपचार (Rogon ka upchar) में भी यह बेहद लाभदायक है। प्रस्तुत है इससे संबन्धित कुछ घरेलू उपचार। 

वायु विकार दूर करता है अजवाइन का चूर्ण
  • अजवाइन (Ajwain), काला नमक, सौंठ तीनों को पीस कर इसे भोजन के बाद खाएं। अजीर्ण, वायु विकार दूर होंगे। 
  • खीरे के रस में अजवाइन पीस कर चेहरे की झाइयों पर लगाने से लाभ होता है। 
  • गर्भावस्था में इसे खाने से खून साफ रहता है और रक्त संचरण को भी सुचारु बनाये रखता है। 
  • अजवाइन के तेल (Ajwain ka tel) की कुछ बूंदें कान में डालने से कान दर्द से आराम मिलता है। 
  • शरीर में दाने या दाद होने पर अजवाइन को पानी (Ajwain ka pani) में गाढ़ा पीस कर दिन में दो बार लेप करें। लाभ होगा। घाव व जलने पर यह लेप लाभदायक है। 
  • अजवाइन के चूर्ण (Ajwain ka churn) की पोटली बना कर सेकने से गठिया के दर्द में आराम मिलता है। 
  • अजवाइन के रस (Ajwain ka ras) में एक चुटकी काला नमक मिला कर ऊपर से गरम पानी पीने से खांसी बंद हो जाती है। 
  • गुड़ और पीसी हुई (Kachchi ajwain) कच्ची अजवाइन 1-1 चम्मच मिला कर रोज खाने से गुर्दे का दर्द ठीक हो जाता है। 
  • जो बच्चे रात में बिस्तर गीला करते हैं, उन्हें रात में लगभग आधा ग्राम अजवाइन खिलाएँ। 
  • अजवाइन को भून (Bhuni ajwain) कर व पीस कर मंजन बना लें। इस मंजन से मुंह साफ करने से मसूड़ों के रोग मिट जाते हैं। 

स्केबीज (लाल दाने की समस्या) में फायदेमंद है नीम का तेल

ठंड में स्केबीज अर्थात लाल दाने की समस्या आम है। यह रोग इस मौसम में साफ-सफाई की कमी से होती है। त्वचा पर लाल-लाल दाने निकाल जाते हैं और उनमें तेज खुजली होती है। प्रस्तुत है बचाव के कुछ घरेलू उपाय।

स्केबीज (लाल दाने की समस्या) में फायदेमंद है नीम का तेल
  • एक-एक चम्मच टी ट्री ऑइल और ऑलिव ऑइल मिला कर प्रभावित स्थान पर लगाएँ। दो-तीन सप्ताह में यह ठीक हो जाएगा। गर्भवती इसे न लगाएँ। 
  • शुद्ध नीम के तेल को प्रभावित त्वचा पर लगाएँ। इससे रोग ठीक होगा और दोबारा नहीं होगा। 
  • प्रभावित त्वचा को धोकर वहाँ नीम की पट्टियों को पीस कर लगाएँ और सूखने दें। 
  • एक कप पानी में नीम की पट्टियों को उबालें और रोज पीएं। समस्या जड़ से खत्म होगी। 
  • 10-12 बूंद टी ट्री ऑइल को नहाने के पानी में मिलाएँ और उस पानी से नहाएँ। 
  • एक चम्मच हल्दी में कुछ बूंद नींबू का रस मिलाएँ और गाढ़ा पेस्ट बनाएँ। लगा कर सूखने दें, फिर धो लें।
  • बराबर मात्रा में पानी और सिरका लें। इस मिश्रण को रुई से त्वचा पर लगाएँ। कुछ मिनट के बाद इसे धो लें। 
  • एलोवेरा का ताजा जेल प्रभावित त्वचा पर लगाएँ। इसे एक घंटे तक लगा रहने दें। उसके बाद साफ पानी से धो दें। ऐसा दिन में दो-तीन बार करें। 
  • 5 बूंद लेवेंडर का तेल नहाने के पानी में मिलाएँ, इससे रोग के कारण होनेवाली खुजली में कमी आएगी। 

कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करता है धनिया के बीज का पानी

ठंड में हरी धनिया पत्ती (Dhaniya patti) आसानी से उपलब्ध होती है। इसका लोग भोजन में कई प्रकार से उपयोग करते हैं। लेकिन घरेलू उपचार (Gharelu upchar) के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। प्रस्तुत है कुछ आसान उपाय, जिनसे कई रोगों के उपचार (Rogon ke upchar) में लाभ मिलता है। 

कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करता है धनिया के बीज का पानी
  • धनिया को ताजे छाछ में मिला कर पीने से बदहजमी, मितली, पेचिश और कोलाइटिस से राहत मिलती है। 
  • टाइफाइड होने पर हरी धनिया के पत्तों का सेवन (Dhaniya ke patton ka sevan) करने से लाभ मिलता है। 
  • धनिया के सूखे बीजों को पानी में उबालें। इसे छान लें और ठंडा करें। इसके पानी को पीने से कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है। 
  • एक चम्मच धनिया के जूस (Dhaniya ka juice) को चुटकी भर हल्दी के साथ मिला कर मुँहासे (muhase) पर लगाने से ये ठीक होते हैं। 
  • हरी धनिया, हरी मिर्च, कसा हुआ नारियल और अदरक की चटनी बना कर खाने से अपच के कारण पेट में होनेवाले दर्द से राहत मिलती है। 
  • अधिक मासिक धर्म आने पर छह ग्राम धनिया के बीज को आधा लीटर पानी में उबालें। पानी आधा होने पर थोड़ा शक्कर मिला कर गरम पीएं। लाभ बोएगा। 
  • हरी धनिया और हरी मिर्च की चटनी बहुत जायकेदार और अनेक रोगों में फायदेमंद है। 
  • पेट में दर्द होने पर आधे गिलास पानी में दो चम्मच धनिया डाल कर पीने से पेट दर्द से राहत मिलती है। 

शहद में नींबू (Nimbu) मिला कर पीने से मिलता है दमा में आराम

नींबू का रस (Nimbu ka ras) ताजगी का एहसास तो दिलाता ही है, साथ ही कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्ति दिलाने में भी बेहद कारगर है।

शहद में नींबू मिला कर पीने से मिलता है दमा में आराम
  • नींबू के सेवन से सूखा रोग दूर होता है। 
  • नींबू का रस एवं शहद बराबर मात्रा में मिला कर लेने से दमा में आराम मिलता है। 
  • नींबू का छिलका (Nimbu ka chilka) पीस कर उसका लेप माथे पर लगाने से माइग्रेन ठीक होता है। 
  • नींबू में पीसी काली मिर्च छिड़क कर जरा-सा गरम करके चूसने से मलेरिया ज्वार में आराम मिलता है। 
  • नींबू के रस में नमक मिला कर नहाने से त्वचा का रंग निखरता है और सौंदर्य बढ़ता है। 
  • नौसादर को नींबू के रस में पीस कर दाद पर लगाएँ, इससे दाद ठीक होगा। 
  • नींबू का बीज (Nimbu ka beej) को पीस कर सिर पर लगाएँ, गंजापन दूर होगा। 
  • आधा कप गाजर के रस में नींबू का रस मिला कर पीएं, रक्त की कमी दूर होगी। 
  • दो चम्मच बादाम के तेल में नींबू की दो बूंद मिलाएँ। रुई से घाव पर लगाएँ, घाव जल्द ठीक होगा। 
  • प्रतिदिन नाश्ते से पहले एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच जैतून का तेल पीने से पथरी दूर होती है। 
  • किसी जानवर के काटे हुए भाग पर रुई से नींबू का रस लगाएँ, लाभ होगा। 
  • गरम पानी में नींबू डाल कर पीएं, पाचन ठीक रहेगा।
  • शहद मिली नींबू की शिकंजी (Nimbu ki shikanji) से मोटापा दूर होता है।  

कब्ज (Kabj) दूर करने के घरेलू उपाय

कब्ज (Kabj) का मूल कारण शरीर में तरल पदार्थ की कमी। पानी की कमी से आंतों में मल सुख जाता है और कब्ज हो जाता है। कुछ आसान उपायों से इससे मुक्ति मिल सकती है। 

पुराना कब्ज दूर करता है पालक का रस
  • रात को सोते समय एक गिलास गरम दूध पीएं। समस्या ज्यादा हो, तो दूध में तीन-चार चम्मच अरंडी तेल मिला कर पीना चाहिए। 
  • दूध या पानी के साथ दो-तीन चम्मच इसबगोल की भूसी रात को सोते वक्त लें। 
  • गरम जल में एक नींबू निचोड़ कर दिन में दो-तीन बार पीएं। जरूर लाभ मिलेगा। 
  • एक गिलास दूध में एक-दो चम्मच घी मिला कर रात को सोते समय पीएं। कब्ज दूर होगा। 
  • एक कप गरम जल में एक चम्मच शहद मिला कर पीएं। यह मिश्रण दिन में तीन बार पीएं। 
  • सुबह उठ कर एक लीटर गरम पानी पीकर दो-तीन किलोमीटर घूमें। 
  • दो सेब प्रतिदिन खाने से भी कब्ज में लाभ होता है। 
  • अमरूद और पपीता का सेवन भी कब्ज रोगी (Kabj rogi) के लिए अमृत तुल्य है। 
  • किशमिश पानी में तीन घंटे गला कर खाने से आंतों को ताकत मिलती है और कब्ज दूर होता है। 
  • अलसी के बीजों का चूर्ण एक गिलास पानी में 20 ग्राम डालें और तीन-चार घंटे के बाद छान कर पानी पी लें। 
  • एक गिलास पालक का रस रोज पीएं। पुराना कब्ज भी इस उपचार से मिट जाता है। 

जलने पर क्या करे प्राथमिक उपचार

कई बार लापरवाही तो कभी अनजाने में शरीर के किसी हिस्से के जल जाने पर काफी कष्ट होता है। अगर जले हुए हिस्से का तुरंत उपचार नहीं किया जाये, तो वह आगे चलकर विस्तृत रूप ले सकता है। ऐसे में कुछ घरेलू उपाय अपना कर नुकसान को कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं इन उपायों को। 

जलने के दाग को दूर करता है तुलसी का पत्ता
  • जलने पर सबसे पहले उस पर ठंडा पानी डालें। अच्छा यह होगा की जले हुए अंग को लिसी बर्तन में पानी भरकर उसमें डुबो दें। 
  • हल्दी का पानी जले हुए हिस्से पर लगाना चाहिए। इससे दर्द कम होता है और आराम मिलता है। 
  • कच्चा आलू पीस कर लगाने से भी फायदा होता है। 
  • तुलसी के पत्तों का रस जले हुए हिस्से पर लगाने से हाले हिस्से में दाग होने की आशंका कम होती है। 
  • शहद में त्रिफला चूर्ण मिला कर लगाने से जले हुए हिस्से को आराम मिलता है। 
  • तिल को पीसकर लगाएँ, इससे जलन और दर्द नहीं होगा। जलनेवाले हिस्से पर पड़े दाग भी समाप्त होते हैं। 
  • गाजर को पीसकर जले हुए हिस्से पर लगाने से काफी आराम मिलता है। 
  • जले पर नारियल तेल लगाने से जलन कम होगी, जिससे आराम मिलेगा। 

साइनस में राहत देता है ये घरेलू उपाय

साइनस (Sinus) एक ऐसी समस्या है, जिसे पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता। हालांकि कुछ घरेलू उपायों द्वारा इसके लक्षणों से राहत पा सकते हैं। 

साइनस में राहत देता है सहजन का सूप
  • एक चम्मच मेथी को एक कप पानी में पाँच मिनट तक उबालें और छान कर हर रोज एक बार पीएं। 
  • प्याज और लहसुन कूट कर एक साथ पानी में उबाल कर भाप सूंघने से साइनस के सिरदर्द (head ache) में लाभ होता है। 
  • गरम कपड़े या फिर गरम पानी की बोतल गालों के ऊपर रख कर सिंकाई करें। यह प्रक्रिया एक मिनट के लिए दिन में तीन बार करें। 
  • लहसुन, प्याज, सहजन, काली मिर्च और अदरक को मिला कर सूप बनाएँ। इसे गरम पीने से लाभ होता है। 
  • थोड़ा काला जीरा लें और उसे एक पतले कपड़े में बांधें। इसे सूंघने से राहत मिलती है। 
  • गरम पानी में यूकेलिप्टस तेल की कुछ बूंदें मिला कर भाप सूंघें। साइनस (Sinus) के लक्षणों से राहत मिलती है। 
  • नाक और आँखों के चारों ओर जैतून तेल (jaitun tel) लगाएँ। नाक की रुकावट साफ होगी और सिर दर्द (sir dard) राहत मिलेगी। 
  • प्याज और लहसुन को सीधे खाने से भी इस रोग में राहत मिलती है। 
  • एक गिलास गाजर का रस अलग से या चुकंदर, खीरा या पालक के रस के साथ ले सकते हैं। 
  • पानी अधिक पीएं, इससे यह रोग तो काबू में रहेगा ही साथ ही मूत्र रोग भी नहीं होंगे। 

एसिडिटी दूर करने के असरदार घरेलू नुस्खे

एसिडिटी (Acidity) दूर करने में बेहद असरदार है लौंग (Acidity dur karne ka tarika)

आमतौर पर ताली-भुनी और मसालेदार चीजें खाने से एसिडिटी होती है। कुछ घरेलू उपायों से दूर हो सकता है आपकी एसिडिटी। 

एसिडिटी दूर करने के असरदार
  • एसिडिटी (Acidity) होने पर मुलैठी आ चूर्ण या काढ़ा बना कर उसका सेवन करना चाहिए। 
  • नीम की छाल का चूर्ण या रात में भिगो कर रखे गये छाल का पानी छान कर पीना चाहिए। आपको लाभ होगा। 
  • त्रिफला दूध के साथ पीने से एसिडिटी समाप्त होती है। 
  • दूध में मुनक्का डाल कर उबालना चाहिए। उसके बाद दूध को ठंडा करके पीने से एसिडिटी (Acidity) दूर होती है। 
  • एक गिलास गुनगुने पानी में थोड़ी पिसी काली मिर्च तथा आधा नींबू निचोड़ कर रोज सुबह पीने से लाभ होता है। 
  • सौंफ, आंवला व गुलाब के फूलों का चूर्ण बना कर उसे सुबह-शाम आधा-आधा चम्मच लेने से लाभ होता है। 
  • एसिडिटी (Acidity) होने पर सलाद के रूप में मुली खाना चाहिए। मुली काट कर उस पर काला नमक तथा काली मिर्च छिड़क कर खाने से फायदा होता है। 
  • जायफल तथा सोंठ को मिला कर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को एक-एक चुटकी लेने से एसिडिटी समाप्त होती है। 
  • एसिडिटी होने पर कच्ची सौंफ चबानी चाहिए। 
  • सुबह-सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीने से एसिडिटी में फायदा होता है। 
  • लौंग एसिडिटी के लिए बहुत फायदेमंद है। एसिडिटी होने पर लौंग चूसना चाहिए। 
  • पुदीने की पत्तियाँ उबाल कर पीने से एसिडिटी दूर होगी। 

काली मिर्च दूर भागती है सर्दी-खांसी - काली मिर्च के घरेलू नुस्खे

काली मिर्च (Kali mirch)  न सिर्फ भोजन को स्वादिष्ट बनाती है, बल्कि खांसी और पेट के रोगों में भी काफी लाभदायक।

काली मिर्च दूर भागती है सर्दी-खांसी
  • यदि उल्टी आ रही हो या जी मिचल रहा हो, तो नींबू के साथ काली मिर्च और सोंधा नमक लगा कर चूसने से जी मिचलना बंद हो जाता है। 
  • कब्ज होने पर काली मिर्च के चार-पाँच दाने दूध के साथ रात को लेने से कब्ज दूर होता है। 
  • मलेरिया होने पर काली मिर्च के चूर्ण (Kali mirch ke churn) को तुलसी के रस में मिला कर पीने से लाभ होता है। 
  • पिसी हुई काली मिर्च, घी और मिश्री समान मात्रा में मिला कर चटनी बनाएँ। चटनी सुबह-शाम एक-एक चम्मच लेने से फेफड़े और सांस के रोग दूर होते हैं। 
  • काली मिर्च का चूर्ण (Kali Mirch powder) शहद में मिला कर लेने से जुकाम दूर होता है। 
  • छाछ या मट्ठे में काली मिर्च का चूर्ण मिला कर पीने से पेट के रोग दूर होते हैं और किटाणु भी नष्ट होते है। 
  • काली मिर्च हींग और अजवाइन के साथ लेने से हैजा की बीमारी में आराम मिलता है। 
  • रात में सोने से पूर्व काली मिर्च मुंह में रख कर चूसें। खांसी से छुटकारा मिलेगा, नींद भी अच्छी आएगी। 
  • काली मिर्च, अदरक पीसें और काढ़ा बना कर सेवन करें। सर्दी-खांसी, गले की खराश दूर हो जाएगी। 
  • नमक के साथ काली मिर्च पाउडर मिला कर मंजन करने से पायरिया दूर हो जाता है। 

दालचीनी का सेवन (Daalchini ka sevan) दस्त बंद करने में कारगर है

दालचीनी (daalchini) गरम मसाला का एक प्रमुख अवयव है, जो सेहत के लिए कई रूप में फायदेमंद है। प्रस्तुत है कुछ घरेलू उपचार (Home remedies)।

दालचीनी का सेवन दस्त बंद करने में कारगर है
  • रात को सोते समय एक चुटकी दालचीनी पाउडर (Dalchini powder) शहद के साथ मिला कर लेने से तनाव में राहत मिलती है और स्मरण शक्ति बढ़ती है। 
  • ठंडी हवा से होनेवाले सिरदर्द से राहत पाने के लिए दालचीनी के पाउडर को पानी में मिला कर पेस्ट बना कर माथे पर लगाएँ। 
  • दालचीनी पाउडर (Daalchini powder) में नींबू का रस मिला कर लगाने से मुँहासे व ब्लैक हैडस दूर होते हैं। 
  • मुंह से बदबू आने पर दालचीनी का छोटा टुकड़ा (daalchini ka tukda) चूसें। 
  • एक नींबू के रस में दो बड़े चम्मच जैतून का तेल, एक कप चीनी, आधा कप दूध, दो चम्मच दालचीनी चूर्ण (Daalchini churn) मिला कर पाँच मिनट के लिए शरीर पर लगाएँ। इसके बाद नहा लें, त्वचा खिल उठेगी। 
  • तीन बड़े चम्मच शहद और एक चोटी चम्मच दालचीनी पाउडर का पेस्ट बनाएँ। सोते समय चेहरे पर लगाएँ। सुबह गुनगुने जल से धोएँ। चेहरे पर चमक आएगी। 
  • दालचीनी पाउडर की तीन ग्राम मात्रा सुबह-शाम पानी के साथ लेने पर दस्त बंद हो जाते हैं। 
  • शहद-दालचीनी का मिश्रण आर्थराइटिस में लाभप्रद है। 
  • गरम जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर मिला कर पेस्ट बनाएँ। इसे सिर में लगाएँ और पंद्रह मिनट बाद धो लें। आपके बाल नहीं झड़ेंगे। 

मधुमक्खी (Honey bee) के डंक मारने पर क्या उपचार करें

तुलसी पत्ते के रस से मधुमक्खी डंक (Madhumakkhi) में आराम

मधुमक्खी के डंक  (Madhumakkhi ke dank) मारने पर बहुत ही तेज दर्द और जलन होती है। डंक मारे गये स्थान पर सूजन भी हो जाती है। कुछ घरेलू उपायों (Gharelu upay) से इससे होनेवाली तकलीफ से बचा जा सकता है। (Madhumakkhi ke katne par kya gharelu upchar karen).

मधुमक्खी के डंक मारने पर क्या उपचार करें
  • मधुमक्खी के डंक मारे हुए भाग को तुरंत ठंडे पानी में डुबो कर पाँच मिनट तक रखें। ऐसा करने से जलन थोड़ी कम हो जाएगी। 
  • मधुमक्खी के डंक मारे गये स्थान पर बर्फ की सिल्ली को कपड़े में बांध कर 10 मिनट तक हल्का-हल्का रगड़ें। इससे तुरंत आराम मिलता है। 
  • जिस जगह पर डंक लगा हो, उस भाग को पूर्ण रूप से टूथपेस्ट के लेप से ढंक देना चाहिए। इससे जहर (Madhumakkhi ka jahar)  का असर कम हो जाता है। 
  • डंक मारे जानेवाले स्थान पर शहद लगाने से राहत मिलती है। 
  • चुना एक एल्केलॉयड है। इसे डंक मारे हुए स्थान पर लगाने से यह उसके जहर के असर को कम कर देता है। 
  • गेंदे के फूल के रस को लगाने से जलन और सूजन को कम करने में मदद मिलती है। इसके लिए गेंदे के फूल को सीधे निचोड़ कर लगा सकते हैं। 
  • तुलसी के पत्ते के रस को मधुमक्खी के काटे (Madhumakkhi ke katne par) गये स्थान पर सीधे लगाने से लाभ मिलता है। 
  • पपीता को काट कर उसके गूदे से मधुमक्खी द्वारा डंक मारी गयी जगह पर मालिश करें और 20 मिनट तक लगा रहने दें। 

थकान से होने वाले पैर दर्द पर ये उपाय अपनाएं - Pair dard dur karne ke upay

काम-काज के थकान से महिलाएं अकसर पैर दर्द से परेशान (Pair dard se pareshan) होती है। कुछ आसान उपायों को अपना कर आप दर्द से छुटकारा (Dard se chutkara) पा सकते हैं। 

थकान से होने वाले पैर दर्द पर ये उपाय अपनाएं
  • एक तौलिये में बर्फ के कुछ टुकड़े रखें। पैर के जिस भी हिस्से में दर्द (Dard) हो रहा हो, वहाँ पर 15 से 20 मिनट लगा कर रखें। इससे दर्द कम होगा। अगर पैरों में सूजन (Pairon me sujan) होगी, तो वह भी दूर हो जाएगी। 
  • मसाज से ब्लड सर्कुलेशन इम्प्रूव होता है। इस कारण दर्द (pain) से राहत मिलती है। जैतून, नारियल या सरसों तेल से प्रभावित हिस्से में मालिश करने से भी पैरों के दर्द से राहत (Pairon ke dard se rahat) मिलती है। 
  • एक चम्मच हल्दी पाउडर को तिल के साथ मिला कर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को आधे घंटे तक पैर में लगा कर रखें। इससे काफी राहत मिलती है। 
  • दूध में हल्दी पाउडर मिला कर पीने से भी दर्द (pain) दूर होता है। 
  • एक या दो कप सेब के सिरके को हल्के गरम पानी में मिला कर आधा घंटे तक पैर को पानी में रखें। 
  • हल्के गरम पानी में आधा कप इप्सम साल्ट को पानी में डालें। पानी में 15 मिनट तक पैर को डूबा कर रखें। 
  • अदरक के तेल से दिन में दो या तीन बार मालिश करने से राहत मिलती है। 
  • अंडी के तेल में नींबू का रस मिला कर पैर में मालिश करें। 
  • हल्के गरम पानी में नींबू का रस और थोड़ा शहद मिला कर पीने से भी दर्द से राहत मिलती है। 
  • विटामिन डी की कमी से भी पैर में दर्द हो सकता है। ऐसे में विटामिन डी का डोज लेने से दर्द में राहत मिलती है। 

दाद (Ringworm) ठीक करने के घरेलू उपाय

दाद क्या होता है? What is Ringworm in hindi?

दाद (Ringworm) एक फंगल संक्रामण (Fungal infection) है जो शरीर के किसी भी भाग जैसे सिर, पैर, गर्दन या किसी भी अंदरूनी अंगों में हो सकता है। यह लाल या हल्का भूरा रंग का होता है जिसका आकार गोल होता है। पसीने लगने पर इसमें बहुत ज़ोरों से खुजली होने लगती है और यह तेजी से फैलने लगता है। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। थोड़ी सफाई रखें तथा कुछ घरेलू उपाय को अपना कर इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है। 
एक्जिमा या दाद ठीक करने के घरेलू उपाय
लहसुन का रस: लहसुन को छील कर और बारीक काट कर दाद प्रभावित क्षेत्र (Dad prabhavit chetra) इसे रात भर रहने दें।

एप्पल वेनिगर: रुई के टुकड़े को एप्पल साइडर वेनिगर में डुबोएँ और दाद प्रभावित क्षेत्र पर दिन में 5 बार लगाएँ। तीन दिनों में ही असर दिखेगा।

नारियल तेल: रोज रात में सोने से पहले नियम से नारियल तेल लगाएँ। ऐसा कई दिनों तक करें।

जोजोबा तेल और लेवेंडर तेल: एक चम्मच जोजोबा तेल में एक बूंद लेवेंडर तेल मिलाएँ। इसे रुई की मदद से दाद (Ringworm) प्रभावित हिस्से पर लगाएँ।

सरसों:सरसों को 30 मिनट के लिए पानी में भिगोएँ, फिर उसे पीस कर मोटा पेस्ट तैयार करें। इसे दाद (Ring worm) प्रभावित जगह पर लगाएँ, इससे लाभ होगा।

हल्दी: रुई से ताजी हल्दी का रस शरीर पर लगाएँ। इसे दिन में तीन बार लगाएँ।

सिरका और नमक: नमक और सिरका का गाढ़ा पेस्ट बनाएँ। इसे प्रभावित क्षेत्र पर दिन में 5 बार लगाएँ। सात दिनों तक लगाने से लाभ मिलेगा।

एलोवेरा: एलोवेरा के रस को शरीर पर लगाएँ और रातभर उसे ऐसे ही छोड़ दें। सुबह धो लें। इसे रोग के ठीक होने तक लगाएँ।

मलेरिया में कारगर हैं जीरा पाउडर व गुड़ की गोलियां

बरसात के मौसम में मच्छरों का आतंक बढ़ जाता है, जो मलेरिया बुखार का मुख्य कारण (Maleria fever ka mukhya karan) है। इसमें ठंड लग कर बुखार (Bukhar) आता है और पसीना देकर उतर जाता है। यह एक निश्चित समय में ही आता है। प्रस्तुत है मलेरिया के लिए कुछ घरेलू उपाय Malaria bukhar ke liye gharelu nuskhe)। 
मलेरिया में कारगर हैं जीरा पाउडर व गुड़ की गोलियां

  • नमक, काली मिर्च को कटे नींबू में भर कर गरम करें और उसे चूसें। आपका मलेरिया बुखार (Malaria fever) उतार जायेगा। ऐसा रोज दिन में दो बार करें। 
  • दो नींबू का रस छिलकों सहित 500 ग्राम पानी में मिला कर मिट्टी या स्टील के भगोने में रात को उबाल कर रख लें। सुबह इसे पीने से मलेरिया बुखार (Malaria fever) आना बंद हो जाता है। 
  • दो नारंगी के छिलकों को दो कप पानी में उबालें। आधा पानी रह जाने पर छान कर गरम करके पीएं।
  • सेब खाने से भी ज्वार (fever) जल्दी ठीक हो जाता है। 
  • मलेरिया में ज्वर (Malaria fever) आने के समय से ठीक पहले सेब खाने से ज्वर नहीं आता है। 
  • एक चम्मच जीरा पीसें। तीन गुना गुड़ इसमें मिला कर तीन गोलियां बनाएँ और एक-एक गोली खाएं। 
  • धनिया और सोंठ दोनों पीसें और समान मात्रा में मिला कर रोज तीन बार पानी से लें। 
  • लहसुन का रस नाखूनों पर बुखार आने से पहले लगाएँ। एक चम्मच रस, एक चम्मच तिल के तेल में मिला कर एक-एक घंटे में दस बूंद लें। 
  • सेंधा नमक चूर्ण 25 ग्राम चीनी का चूर्ण 100 ग्राम आधा चम्मच तीन बार गरम पानी से लें।   

धनिया पत्ती के रस से बंद होता है नाक से खून का निकालना

गर्मी में कुछ लोगों को नाक से खून बहने (Naak se khoon bahna) की शिकायत होती है। यह शिकायत मुख्यतः बच्चों में ज्यादा होती है। इसे नाकसीर (Naaksir) कहते हैं। कुछ को अधिक गरम पदार्थ खाने से भी नाकसीर (Naakseer) हो जाता है। प्रस्तुत है कुछ घरेलू नुस्खे जिनके प्रयोग से इस समस्या से बचा जा सकता है। (Home remedies for bleeding from nose in hindi)। 
धनिया पत्ती के रस से बंद होता है नाक से खून का निकालना


  • प्याज को काट कर नाक के पास रखें और सूंघें। 
  • काली मिट्टी पर पानी छिड़क कर सूंघें। 
  • रुई के फाहे को सफ़ेद सिरका में भिगो कर नाक पर रखें, खून बहना बंद हो जायेगा। 
  • कुर्सी पर बिना टेक लिए बैठ जाएं, नाक की बजाय मुंह से संस लें। 
  • ठंडे पानी में भीगे हुए रुई के फाहे नाक पर रखें। रुई के फाहों को भिगो कर फ्रिजर में रखें। ठंडा होने पर इससे सेकें। 
  • धनिये की पट्टियों के रस की कुछ बूंदें नाक में डालें। 
  • सिर पर ठंडे पानी की पट्टी रखने से भी राहत मिलेगी। 
  • ठंडा पानी की धार सिर पर डालने से नाक से खून आना बंद हो जाता है। 
  • बच्चों को पानी में मिश्री या बताशा मिला कर पिलाने से नाकसीर बंद हो जाती है। 
  • थोड़ा-सा सुहागा पानी में घोल कर नथुनों पर लगाएँ, इससे भी नाकसीर तुरंत बंद हो जाती है। 
  • शीशम या पीपल के पत्तों को पीस कर 4-5 बूंद रस नाक में डालें, तो तुरंत आराम मिल जाता है। 
  • शीशम के पत्ते पीस कर शरबत सुबह-शाम 15 दिन तक पीएं। नाकसीर खत्म हो जायेगा। 

विभिन्न शारीरिक समस्याओं में सोंठ का प्रयोग

अदरक को सूखा कर सोंठ (Sonth) बनायी जाती है। सोंठ का उपयोग (Sonth ka upyog) हर घर में दाल-साग के मसालों में होता है। इसमें स्वास्थ्य के लिए कई लाभदायक गुण होते हैं। हमारे शरीर के लिए सोंठ बहुत फायदेमंद है (Sonth ke fayde)। प्रस्तुत है इसके कुछ घरेलू उपचार (Sonth ke gharelu nuskhe)। 

विभिन्न शारीरिक समस्याओं में सोंठ का प्रयोग
  • सोंठ के चूर (Sonth ka churn) में गुड़ और घी डाल कर छोटे लड्डू बनाएँ और सुबह खाएं। वायु विकार और जुकाम दूर होगा। 
  • थोड़ा सोंठ का चूर्ण और गुड़ को एक चम्मच घी में मिलाएँ और थोड़ा पानी मिला कर गरम करके रबड़ी जैसा बनाएँ। रोज सुबह इसे चाटने से तीन दिनों में सर्दी-जुकाम दूर हो जाती है। 
  • सोंठ का काढ़ा बना कर पीने से देह की कांति बढ़ती है, चित प्रसन्न रहता है और शरीर पुष्ट होता है। 
  • सोंठ, चोटी हरड़ और नागरमोथा का चूर्ण बराबर मात्रा में लें, इसमें दुगुना गुड़ डालें। चने के बराबर गोलियां बना कर चूसें। खांसी और दमा दूर होगी। 
  • सोंठ और ज्वाखार बराबर लेकर घी के साथ छतें और ऊपर से गरम पानी पीएं। इससे अजीर्ण मिटता है। 
  • सोंठ और गुड़ को पानी में मिला कर नाक में उसकी बूंदें डालने से हिचकी दूर होती है। 
  • सोंठ और गुड़ खाने से पीलिया मिटता है। 
  • सोंठ, आंवले और मिश्री का बारीक चूर्ण बना कर सेवन करने से अमलपित्त मिटता है। 
  • सोंठ के रस  (Sonth ke ras) में हल्दी, गुड़ डाल कर पीने से धातुस्राव रुकता है, पेशाब में जानेवाली धातु भी बंद होती है। 

कमर दर्द में मेथी के तेल की मालिश है लाभदायक - Kamar dard ke gharelu nuskhe

कमर में दर्द (Kamar dard) होने पर चलना-फिरना तो दूर खड़ा होना भी मुशकल होता है। यह समस्या रीढ़ की हड्डी (Ridh ki samasya) में परेशानी से होती है। जानिए कमर दर्द दूर करने के कुछ घरेलू उपाय (Ghrelu nuskhe)। 

कमर दर्द में करें मेथी तेल की मालिश
  1. अजवाइन को थोड़ा सेंक कर उसका सेवन करने से कमर दर्द में राहत (Kamar dard me rahat) मिलता है। 
  2. सुबह-शाम दिन में दो बार दो-दो छुहारे खाएं। कुछ दिनों में कमर दर्द (Kamar dard) से राहत मिल जाएगी। 
  3. देसी घी में अदरक का रस मिला कर पीएं।
  4. मेथी के लड्डुओं का सेवन नियमित करते रहने से कमर दर्द नहीं होता है। 
  5. यदि कमर में दर्द अधिक (Kamar me adhik dard) है, तो मेथी के तेल की मालिश कमर पर (Kamar par tel ki malish) जरूर करें। अवश्य लाभ मिलेगा। 
  6. 200 ग्राम दूध में 5 ग्राम अरंडी की गिरी को पका कर दिन में दो बार लें। कमर दर्द दूर होगा। 
  7. कमर दर्द में कच्चे आलू की पुल्टिस बांधने से राहत मिलती है। 
  8. तिल के तेल को हल्का गरम करके कमर पर मालिश करने से कमर दर्द ठीक हो जाता है। 
  9. गेंहू की रोटी जो एक ओर से सेंकी नहीं हो, उसमें तिल के तेल को चुपड़ कर दर्द वाली जगह पर रखें। दर्द जल्दी ठीक होता है। 
  10. अदरक का एक टुकड़ा लेकर पीस लें और नारियल तेल में उसे डाल कर गरम कर लें। फिर छान कर इस तेल से मालिश करने से कमर दर्द में राहत मिलता है। 
[Tag: Kamar dard ka gharelu upchar, Kamar dard par tel ki malish, Back pain Home remedies in hindi.]

चेहरे के अनचाहे काले तिल को कैसे हटाएं

चेहरे पर एक-दो से अधिक तिल सुंदरता को बिगड़ने लगते हैं। कुछ आसान उपायों से इन्हें कम किया जा सकता है। (Gharelu Nuskhe - Home Remedy to remove black mole)

चेहरे के अनचाहे तिल को कैसे हटाएं
  • धनिया की पत्ती का पेस्ट बना कर तिल पर लगाने से ये खत्म होते हैं। 
  • एरंड तेल की मालिश से भी तिल को मिटाने में काफी मदद मिलती है। धीरे-धीरे ये गायब हो जाते हैं। 
  • थोड़ा-सा शहद और सन बीज के तेल को मिलाएँ। रोज पाँच मिनट तिल पर लगा कर रगड़ें। इससे त्वचा निखरेगी और तिल गायब हो जायेगा। 
  • एक कप अनान्न्स का रस और 1/4 कप सेंधा नमक मिक्स कर के चेहरे को स्क्रब करें। कुछ दिनों में तिल हल्का पड़ता देखेगा। 
  • लहसुन का पेस्ट रात में सोने से पहले तिल पर लगाएँ। बाद में वहाँ बैंडेज लगा कर छोड़ दें। सुबह त्वचा को हल्के गरम पानी से धो लें। कुछ दिनों तक ऐसा करने से तिल निकाल जाते हैं। 
  • थोड़े अदरक को कुचल कर तिलवाली जगह पर लगाएँ और कपड़े से बांध कर सो जाएं। तिल गायब हो जायेगा। 
  • विटामिन सी की एक गोली पीस कर रात में तिलवाले भाग पर लगाएँ। फिर उस जगह को बैंडेज से ढँक दें। 
  • सिरके से भी तिल को हटाया जा सकता है। सबसे पहले त्वचा को गरम पानी से धो लें। अब रुई से सिरके को तिल पर लगाएँ। 10 मिनट रखने के बाद गरम पानी से चेहरा धो लें।