(आग से जलना) aag se jalna

 (आग से जलना)


          आग से, भाप से या किसी और गर्म चीज से
जलना बहुत ही दर्दनाक होता है। अगर रोगी का शरीर आधे से ज्यादा जल गया हो तो उसको तुरन्त ही हॉस्पिटल ले जाना चाहिए। लेकिन अगर कोई व्यक्ति थोड़ा बहुत जला हो तो उसकी तुरन्त ही चिकित्सा हो सकती है।परिचय :

विभिन्न भाषाओं में नाम-


हिन्दी    

जलना    

तेलगु    

ओल्कालुठ

अंग्रेजी        

बर्नस् एवं स्काल्डस    

मराठी    

अग्निदग्ध, जलने

अरबी     

जुयेपुर    

कन्नड़         

सुल्तगाया

पंजाबी         

जलना

उड़िया   

पोडिग्रआ

बंगाली        

अग्निदग्ध 

तमिल        

तिपुन्न

गुजराती   

अगथि बदऊ

मलयालम      

थिपाल्लल

कारण-

लक्षण-


64. धनिया : यदि शरीर के किसी अंग को आग ने पकड़ लिया है तो उस समय बडे़ धैर्य से काम लेना चाहिए। सर्वप्रथम उस अंग को पानी में धो लेना चाहिए या फिर उसे कुछ देर तक पानी में डाले रहना चाहिए। ऐसा करने से जलन कम होती है और आराम भी मिलता है। कुछ न हो तो एक कपड़े को पानी से तर करके जले हुए भाग पर रखना चाहिए। इससे जलन पर एक तरह का मलहम लग जाता है। इसके बाद घरेलू चिकित्सा की ओर दौड़ना चाहिए। 50 दाने धनिया, एक टिकिया कपूर और थोड़े से नारियल के तेल को एक साथ मिलाकर खरल या किसी बर्तन में घोंटकर मलहम बना लेना चाहिए फिर इसको दिन में कई बार जले हुए अंगों पर लगाना चाहिए। इस मलहम को लगाने से कुछ ही दिनों में जले का घाव ठीक होने लगेगा और दाग भी नहीं पडे़गा।