बिवाई (फटी एड़िया)
पैरों की एड़ियों में या अंगूठे की जड़ में ज्यादा चलने-फिरने या हवा लगने की वजह से चमड़ी में दरार पड़ जाती है जिसमें बहुत तेज दर्द होता है इसे ही बिवाई कहते हैं।परिचय :
विभिन्न भाषाओं में नाम :
विभिन्न औषधियों से उपचार-1. मोम :
3. कालीमिर्च : कालीमिर्च, राल और कत्थे को बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें। फिर इसमें 4 चम्मच देसी घी और 4 चम्मच चमेली का तेल मिला लें और बर्तन में डालकर गर्म कर लें। फिर इसे एक शीशी में भरकर रख लें। इस तेल को लगाने से एड़ियां फटना बन्द हो जाती हैं।
4. शलगम : शलजम को उबालकर उसके पानी से बिवाइयों (फटी एड़ियां) को धोकर उसके बाद उन पर शलजम को रगड़े। रात के समय इसका इस्तेमाल करके फटी हुई एड़ी पर साफ कपड़ा लपेट लें। इसके प्रयोग से फटी हुई एड़ियां ठीक हो जाती हैं।
5. प्याज :
7. हल्दी : कच्चे दूध में पिसी हुई हल्दी को मिलाकर शरीर पर लेप करने से त्वचा मुलायम होती है और हाथ-पैर फटते नहीं हैं।
8. एरण्ड : पैरों को गर्म पानी से धोकर उनमें एरण्ड का तेल लगाने से बिवाइयां (फटी एड़ियां) ठीक हो जाती हैं।
9. आलू : सूखे और फटे हुए हाथों को ठीक करने के लिए आलू को उबालकर, उसका छिलका हटाकर पीसकर उसमें जैतून का तेल मिलाकर हाथों पर लगाने के 10 मिनट बाद हाथों को धोने से हाथ सुन्दर हो जाते हैं।
10. दूध : सर्दी के मौसम में अक्सर चेहरा सूखकर उसकी चमक खत्म हो जाती है। चेहरे की चमक दोबारा लाने के लिये कच्चे दूध में नींबू का रस मिला लें और इसे रूई से हल्का-हल्का चेहरे पर लगायें और थोड़ी देर के बाद साफ पानी से चेहरे को धो लें।
11. सरसों का तेल :
अगर एड़ियां फट गई हो और उनमें झुर्रियां (दरार) पड़ गई हो तो रात को सोने से पहले एड़ियों में सरसों का तेल लगा लें। सुबह एड़ियों को किसी खुरदरी चीज से हल्के से रगड़कर धो लें। ऐसा लगातार 15 दिनों तक करने से फटी एड़ियां ठीक हो जाती हैं।
सरसों के तेल से एड़ियों पर लेप करने से एड़ियां फटती नहीं हैं।
सरसों के तेल को गर्म करके बिवाइयों (फटी एड़ियों) की सिंकाई करने से लाभ होता है।
सर्दियों में पैर फट जाये तो रात को सोते समय उन पर सरसों का तेल लगाकर, ऊपर से पिसी हुई हल्दी डालकर सो जायें। कुछ दिन ऐसा करने से फटी हुई एड़ियां ठीक हो जाती है।
13. आकड़ा : 1 मुट्ठी आकड़े के फूलों को 2 गिलास पानी में रात को उबालें और इसकी भाप से एड़ियों को सेंके। इसके बाद गर्म-गर्म फूलों को एड़ियों पर बांध लें। 1 सप्ताह तक रोजाना इस प्रकार करते रहने से एड़ियों का दर्द दूर हो जाता है। शरीर के किसी भी अंग में दर्द हो तो इस प्रयोग से लाभ होता है।
14. चमेली : चमेली के पत्तों के ताजा रस को फटी एड़ियों पर लगाने से लाभ होता है।
15. आम : आम के ताजा कोमल पत्तों को तोड़ने से जो एक प्रकार का द्रव पदार्थ निकलता है उस द्रव पदार्थ को एड़ी के फटे हिस्से पर लगाने से फटी एड़ियों में आराम आता है।
16. दूब हरी : फटी हुई एड़ियों पर दूब का लेप लगाने से उनमें होने वाला दर्द कम हो जाता है।
17. गेंदा : गेंदे के पत्तों का रस वैसलीन में मिलाकर 2-3 बार लगाने से फटे-हाथ पैरों में लाभ मिलता है।
18. घी : देशी घी और नमक को एकसाथ मिलाकर फटी एड़ियों पर लगाने से एड़ियों की त्वचा कोमल रहती है और सर्दियों में हाथ-पैर भी नहीं फटते हैं।
19. पीपल :
पीपल के पेड़ के 20 पत्तों को तोड़कर और पीसकर 4 गिलास पानी में अच्छी तरह उबाल लें। उबलने पर 3 गिलास पानी रह जाने पर पानी को छानकर, कपड़ा भिगोकर फटी हुई एड़ियों की सिंकाई करें और बाद में इसी पानी में उन्हें धो लें। इससे फटी हुई एड़ियां कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती हैं।
हाथ-पैर फटने पर पीपल के पत्तों का रस या दूध लगाने से लाभ होता है।
21. बरगद : एड़ियों की फटी हुई दरारों में बरगद का दूध भरकर मलते रहने से कुछ ही दिनों में फटी हुई एड़िया ठीक हो जाती हैं।
22. मेहंदी : हाथ-पैरों के फटने पर मेहंदी लगाने से लाभ होता है।
23. तिल :
दूध में नींबू का रस और ग्लिसरीन की कुछ बूंदों को मिलाकर 15 मिनट तक हाथों पर लगा रहने दें। इससे घर में काम-काज की वजह से जिनकी उंगलियां काली पड़ जाती है वह ठीक हो जाती हैं।
ज्यादा गर्मी या सर्दी के मौसम में अक्सर एड़ियां फट जाती हैं। एड़ियां ज्यादातर धूल जमने के कारण फटती हैं। इसलिए रोजाना रात को सोते समय गुनगुने पानी में नींबू निचोड़कर उस पानी से पैरों को अच्छी तरह से धों लें और फिर उनमें वैसलीन या ग्लिसरीन लगा लें।