फटी एड़िया) fati ayediyan

बिवाई (फटी एड़िया)

       पैरों की एड़ियों में या अंगूठे की जड़ में ज्यादा चलने-फिरने या हवा लगने की वजह से चमड़ी में दरार पड़ जाती है जिसमें बहुत तेज दर्द होता है इसे ही बिवाई कहते हैं।परिचय :

विभिन्न भाषाओं में नाम :


हिन्दी

बिवाई, खामरा

अंग्रेजी

चाफेड सोलस्

पंजाबी

बिवाई

उड़िया

गोदाफाटा

मलयालम

कलवेटीचुका

गुजराती

पागफाटवा

तेलगु

कल्लुपागुल्लुटा

तमिल

पित्त वेदाप्पु, कालवेदाप्पु

बंगाली

पाददारी

मराठी

पदादारी, तालपायाफाटणे

असमी

भारीफाटा



विभिन्न औषधियों से उपचार-
1. मोम :
2. नमक : देसी घी में नमक मिलाकर फटी एड़ियों पर लगाने से एड़ियों की त्वचा मुलायम रहती है और हाथ-पैर फटते नहीं हैं।
3. कालीमिर्च : कालीमिर्च, राल और कत्थे को बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें। फिर इसमें 4 चम्मच देसी घी और 4 चम्मच चमेली का तेल मिला लें और बर्तन में डालकर गर्म कर लें। फिर इसे एक शीशी में भरकर रख लें। इस तेल को लगाने से एड़ियां फटना बन्द हो जाती हैं।
4. शलगम : शलजम को उबालकर उसके पानी से बिवाइयों (फटी एड़ियां) को धोकर उसके बाद उन पर शलजम को रगड़े। रात के समय इसका इस्तेमाल करके फटी हुई एड़ी पर साफ कपड़ा लपेट लें। इसके प्रयोग से फटी हुई एड़ियां ठीक हो जाती हैं।
5. प्याज :
6. पपीता : पपीते के छिलकों को सुखाकर और पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में ग्लिसरीन मिलाकर दिन में 2 बार कटी-फटी एड़ियों और पैरों में लगाने से बहुत जल्दी लाभ होता है।
7. हल्दी : कच्चे दूध में पिसी हुई हल्दी को मिलाकर शरीर पर लेप करने से त्वचा मुलायम होती है और हाथ-पैर फटते नहीं हैं।
8. एरण्ड : पैरों को गर्म पानी से धोकर उनमें एरण्ड का तेल लगाने से बिवाइयां (फटी एड़ियां) ठीक हो जाती हैं।
9. आलू : सूखे और फटे हुए हाथों को ठीक करने के लिए आलू को उबालकर, उसका छिलका हटाकर पीसकर उसमें जैतून का तेल मिलाकर हाथों पर लगाने के 10 मिनट बाद हाथों को धोने से हाथ सुन्दर हो जाते हैं।
10. दूध : सर्दी के मौसम में अक्सर चेहरा सूखकर उसकी चमक खत्म हो जाती है। चेहरे की चमक दोबारा लाने के लिये कच्चे दूध में नींबू का रस मिला लें और इसे रूई से हल्का-हल्का चेहरे पर लगायें और थोड़ी देर के बाद साफ पानी से चेहरे को धो लें।
11. सरसों का तेल :
12. वैसलीन : एड़ियों के फटने पर रोजाना नहाते समय थोड़ी देर पहले अपनी एड़ियों को पानी में भिगो लें और जब एड़ियों की चमड़ी फूल जाए तो खुरदरे पत्थर, मैल निकालने वाले या नायलोन के ब्रश से एड़ियों को रगड़कर उन पर वैसलीन लगा लें।
13. आकड़ा : 1 मुट्ठी आकड़े के फूलों को 2 गिलास पानी में रात को उबालें और इसकी भाप से एड़ियों को सेंके। इसके बाद गर्म-गर्म फूलों को एड़ियों पर बांध लें। 1 सप्ताह तक रोजाना इस प्रकार करते रहने से एड़ियों का दर्द दूर हो जाता है। शरीर के किसी भी अंग में दर्द हो तो इस प्रयोग से लाभ होता है।
14. चमेली : चमेली के पत्तों के ताजा रस को फटी एड़ियों पर लगाने से लाभ होता है।
15. आम : आम के ताजा कोमल पत्तों को तोड़ने से जो एक प्रकार का द्रव पदार्थ निकलता है उस द्रव पदार्थ को एड़ी के फटे हिस्से पर लगाने से फटी एड़ियों में आराम आता है।
16. दूब हरी : फटी हुई एड़ियों पर दूब का लेप लगाने से उनमें होने वाला दर्द कम हो जाता है।
17. गेंदा : गेंदे के पत्तों का रस वैसलीन में मिलाकर 2-3 बार लगाने से फटे-हाथ पैरों में लाभ मिलता है।
18. घी : देशी घी और नमक को एकसाथ मिलाकर फटी एड़ियों पर लगाने से एड़ियों की त्वचा कोमल रहती है और सर्दियों में हाथ-पैर भी नहीं फटते हैं।
19. पीपल :
20. पानी : एड़ियों की त्वचा खासकर औरतों की एड़ियों की जल्दी ही कठोर, काली और सूखी हो जाती है। सोने से पहले रात को रोजाना एड़ियों को गर्म पानी और साबुन से धोकर-पोंछकर रगड-रगड़कर उन पर तेल लगाने से एड़ियां सुन्दर और मुलायम हो जाती हैं।
21. बरगद : एड़ियों की फटी हुई दरारों में बरगद का दूध भरकर मलते रहने से कुछ ही दिनों में फटी हुई एड़िया ठीक हो जाती हैं।
22. मेहंदी : हाथ-पैरों के फटने पर मेहंदी लगाने से लाभ होता है।
23. तिल :
24. नींबू :
विधि : सफेद वैसलीन और मोम को एक छोटे पतीले में डाल दें। आग पर एक बड़े पतीले में आधा पतीला पानी भरकर गर्म होने के लिए रख दें। जब पानी में उबाल आने लगे तो उसमें छोटे पतीले को रख दें पर ध्यान रहे बड़े पतीले का पानी छोटे पतीले के अन्दर नहीं जाये। जब सफेद वैसलीन और मोम पिघलकर एक हो जाये तो उन्हें लकड़ी की किसी ड़ड़ी से हिलायें और इसमें ग्लिसरीन डालकर अच्छी तरह से हिला लें। यदि यह जमने लगे तो इसे फिर दोबारा से गर्म पानी के पतीले में रख दें। अब इसमें नींबू, गुलाब, चमेली और मोंगरा जिसकी भी खुशबू पसन्द हो उसका रस डाल दें तथा गर्म-गर्म ही किसी चौडे़ मुंह वाली शीशियों में भरकर ठंड़ा होने के लिए रख दें। इसे त्वचा पर रात को सोने से पहले लगायें दिन में नहीं, नहीं तो दिन भर वातावरण में उपस्थित मिट्टी त्वचा पर चिपक जायेगी। इसे पैरों और उंगलियों पर लगाकर हल्के-हल्के हाथ से त्वचा पर मल लें। इससे त्वचा चिकनी और मुलायम हो जाती है तथा बिवाई (फटी एड़िया) ठीक हो जाती हैं।