बाल सफेद होना-पालित रोग baal safed hona

बाल सफेद होना-पालित रोग

          उम्र बढ़ने पर, बुढ़ापे में सफेद बाल होना स्वाभाविक होता है, अगर उम्र बढ़ने से पहले ही बाल सफेद हो जायें तो यह एक रोग कहा जाता है जिसे हम ``पालित रोग´´ कहते हैं। इस रोग के होने का मुख्य कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी है।परिचय :

विभिन्न भाषाओं में नाम :


असमी

चूलीपाका।

गुजराती

पालित्य थवून, बाल पाकी जवूण।

हिन्दी

बाल सफेद होना।

कन्नड़

अकल नेरत, कूडालु।

मलयालम

नर।

मराठी

केश पिकणे।

उड़िया

कुडालु बल पडूबा।

पंजाबी

चिट्टेबाल।

तमिल

नरइ।

तेलगू

नरियुत।

अंग्रेजी

ग्रे हेयर।
2. कूठ : कूठ के मसाले को पीसकर पानी में लगभग 24 घंटे तक भिगो दें, फिर इसी पानी से धोने से बालों का सफेद होना यानी पालित रोग दूर हो जाता है।
3. कनैल (कनेर): सफेद और लाल कनैल की पत्ती दूध में पीसकर सिर में लगाने से ``पलित रोग´´ से लाभ मिलता है। पीले रंग की फूलवाली कनैल इसके लिए और ज्यादा लाभकारी हैं।
4. नीम का तेल : नीम के तेल को सूंघने से बालों के काले होने में लाभ होता है।
5. भंगरैया :
6. सफेद तिल : सफेद तिल और चित्रक की जड़ पीसकर मट्ठा (मठ्ठा) के साथ मिलाकर पीने से ``पलित´´ रोग (बालों का सफेद होना) मिट जाता है।
7. नीला चीता (चित्रक) : नीला चित्रक की जड का चूर्ण़ आधे से 2 ग्राम लगातार सेवन करने से बाल जड़ से काले हो जाते हैं।
8. गाजर: गाजर का रस प्रतिदिन सेवन करने से बाल सफेद नहीं होते, और जिसके सफेद बाल है वह काले हो जाते हैं।
9. आंवला :
10. तिल : तिल का लड्डू बनाकर खाने और सिर पर तिल के तेल के इस्तेमाल से बाल काले हो जाते हैं।
11. मेथी : मेथी को खाने और इसका तेल लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
12. भांगरा (भगरिया) : भगरिया के पत्तों को पीसकर रस निकाल लें और उसे सिर के बालों पर अच्छी तरह लगा लें। इससे सिर के बाल काले होने लगते हैं।
13. नींबू :
14. त्रिफला (हरड़, बहेड़ा, आंवला) : त्रिफला का नियमित सेवन करने से बाल काले हो जाते हैं।
15. नीम :
16. गोरखमुण्डी :
17. इन्द्रायण :