Showing posts with label कैरियर. Show all posts
Showing posts with label कैरियर. Show all posts

आर्कियोलॉजी में बनायें कैरियर

आर्कियोलॉजी (Archaeology): पुरानी सभ्यता एवं संस्कृति (Old civilization and culture) को जानना
Career in archaeology
आर्कियोलॉजी इतिहास विषय (History subject) से जुड़ा हुआ है, लेकिन अब इसकी पढ़ाई अलग शाखा के रूप में होती है। वैसे छात्र जिनकी इतिहास में रुचि हो, मानव विकास एवं पुरानी सभ्यताओं को जानने में रुचि रखते हैं तो उनके लिए आर्कियोलॉजी में कैरियर (career in archaeology) की संभावना काफी ज्यादा है। इस विषय से जुड़ने पर फाइदा यह होता है कि नयी चीजों को जानने का मौका मिलता है। साथ ही वेतन (Salary) भी अच्छी होती है।
क्या है आर्कियोलॉजी (What is archaeology in hindi)

पुरानी सभ्यता और संस्कृति के बारे में वैज्ञानिक नजरिये (Scientific view) से जांच-परख करना आर्कियोलॉजी कहलाता है। इसमें पुरानी सामग्री कि मदद से जानकारी हासिल कि जाती है कि प्राचीन काल में लोगों का रहन-सहन कैसा था।

आर्कियोलॉजी से संबन्धित कोर्स (Courses in archaeology)

आर्कियोलॉजी में स्नातक और स्नातकोत्तर (Graduation and Post graduation in Archaeology) स्तर के कोर्स (course) कराये जाते हैं। वैसे छात्र जिन्होंने 12वीं में इतिहास का एक विषय के रूप में अध्ययन किया हो आर्कियोलॉजी में स्नातक (Archaeology me snatak) कर सकते हैं। वहीं स्नातकोत्तर करने के लिए स्नातक कि डिग्री का होना आवश्यक है। आगे आप इस विषय में पीएचडी कि डिग्री भी हासिल कर सकते हैं।
आर्कियोलॉजी के क्षेत्र में आने वाले छात्र में कुछ व्यक्तिगत गुणों का होना भी आवश्यक है। इसमें विश्लेषणात्मक क्षमता, तार्किक क्षमता, विभिन्न भाषाओं का ज्ञान, कार्य के प्रति लगाव होने के साथ लगातार बिना थके कार्य करने के गुण का होना आवश्यक है।

आर्कियोलॉजी के लिए कुछ प्रमुख शिक्षण संस्थान (Educational Institutes for Archaeology)

आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय
दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ हेरिटेज रिसर्च एंड मैनेजमेंट
कर्नाटक यूनिवेर्सिटी इत्यादि

रोजगार के क्षेत्र
पुरालेखन विभाग, पुरातत्व विभाग, शिक्षण संस्थान, प्राइवेट बिजनेस एजेंसी, ह्यूमन एंड हैल्थ सर्विस ऑर्गनाइज़ेशन, आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया

आर्कियोलॉजिस्ट कि मांग वर्तमान में तेजी से बढ़ रही है। सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में आर्कियोलॉजिस्ट को रखा जा रहा है। इन दिनों कॉर्पोरेट घराने भी आर्कियोलॉजिस्ट कि नियुक्ति कर रहे हैं। कई क्षेत्रों में रिसर्च के लिए भी इनकी मांग होती है। आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया (Archaeology Survey of India) में आर्कियोलॉजिस्ट पदों के लिए संघ लोक सेवा आयोग हर वर्ष परीक्षा आयोजित करता है।

स्पेस टेक्नॉलॉजी (Space Technology) के क्षेत्र में कैसे बनाये कैरियर

आज मनुष्य अंतरिक्ष के बारे में जानने के काफी उत्सुक है और हर दिन नये-नये प्रयोग कर रहा है। यह विज्ञान अथवा प्रौद्योगिकी की वह शाखा है जिसमें अंतरिक्ष की क्रियाकलापों की जानकारी हासिल की जाती है। इसके तहत स्पेस क्राफ्ट के माध्यम से अंतरिक्ष में प्रवेश करने, स्पेस क्राफ्ट की देखभाल करने व अंतरिक्ष से प्राप्त जानकारी को लेकर सुरक्षित तरीके से वापस पृथ्वी पर आने से संबन्धित कार्य किये जाते हैं। यह शाखा पृथ्वी को छोड़ कर पृथ्वी के बाहर के वातावरण का अध्ययन करता है। मूलतः यह मौसम की भविष्यवाणी, रिमोट सेंसिंग, जेपीएस सिस्टम, सेटेलाइट टेलिविजन और कुछ लंबी दूरी की संचार प्रणाली के रूप में हर दिन प्रयोग में आने वाली टेक्नॉलॉजी स्पेस इन्फ्रास्ट्रक्चर पर कार्य करती है। इसके तहत एस्ट्रोनोमी, एस्ट्रोफिजिक्स, कोस्मोलोजी, स्टेलर साइंस, प्लानेटरी साइंस आदि आता है।
कोर्स एवं योग्यता
स्पेस टेक्नॉलॉजी में कैरियर बनाने के लिए तीन तरह के कोर्स विभिन्न संस्थानों के द्वारा कराये जाते हैं। आरंभिक कोर्स बैचलर डिग्री की होती है। इसके बाद मास्टर की डिग्री ली जा सकती हैं। एक अन्य कोर्स भी होता है जिसे स्पेस टेक्नॉलॉजी में इंटीग्रेटेड कोर्स कहा जाता है। यह कोर्स 5 सालों का होता है। इसमें आपको बैचलर डिग्री में नामांकन के लिए 12वीं फिजिक्स, केमेस्ट्री व मैथ्स से पास करना होता है तथा जी-एडवांस में भी अच्छे रैंक लाने होते हैं।
स्पेस टेक्नॉलॉजी (Space Technology) के क्षेत्र में कैसे बनाये कैरियर
स्पेस टेक्नॉलॉजी से संबन्धित कोर्सेज के संस्थान
स्नातक डिग्री:
अमेठी इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नॉलॉजी, दिल्ली
आईआईएसटी, तिरुवनंतपुरम
आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवेर्सिटी, पटना
शोभित यूनिवेर्सिटी, मेरठ

मास्टर डिग्री:-
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, पुणे
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स, बेंगलुरु
बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी, रांची

इंटीग्रेटेड कोर्स:-
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च, भोपाल, कोलकाता, मोहाली, पुणे
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च, भुवनेश्वर
इंटीग्रेटेड साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर विश्व भारती, शांति निकेतन

इन संस्थानों में मिल सकती है नौकरियाँ:-
इसरो, डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन), एनएएल (नेशनल एयरोनोटिकल लेबोरेटोरिज), एचएएल (हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड),

उपरोक्त संस्थानों में आप एयरोस्पेस साइंटिस्ट, लेक्चरार, डिफेंस इंडस्ट्री साइंटिस्ट, रिसर्च एसोसिएट्स, इनवयर्नमेंटल साइंटिस्ट, साइंस कम्यूनिकेटर के पदों में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं।

फैशन डिजाइनिंग (Fashion Designing) में बनाए अपना कैरियर

12वीं के बाद वैसे तो कैरियर के लिए कई क्षेत्र हैं, लेकिन छात्रों की रुचि और क्षमता भी क्षेत्रों के चयन का आधार होती है। वैसे छात्र जिनमें रचनात्मकता व समय को पकड़ने की क्षमता हो, लीक से हट कर कुछ करने का जज्बा हो, वे फैशन डिजाइनिंग (Fashion designing) या फैशन इंडस्ट्री (Fashion Industry) के क्षेत्र में कैरियर बना सकते हैं। फैशन डिजाइनिंग में कैरियर (career in fashion designing) की असीम संभावनाएं हैं। यह क्षेत्र उन लोगों के लिए है, जो कपड़ों में अपने सपनों का पंख लगाने में महारत रखते हैं।
फैशन डिजाइनिंग में बनाए कैरियर
इन क्षेत्रों में बनायें अपना कैरियर

फैशन अब कपड़ों तक ही सीमित नहीं रह गया है, यह इंडस्ट्री का रूप ले चुका है। इसके तहत अपेरल डिजाइनिंग (Apparel Designing), फैशन डिजाइनिंग (Fashion Designing), प्रॉडक्शन मैनेजमेंट (Production Management), क्लोथिंग टेक्नॉलॉजी (Clothing Technology), टेक्सटाइल साइंस (Textile Science), अपेरल कंस्ट्रक्शन (Apparel Construction), फैब्रिक डाइंग (Fabric Design), प्रिंटिंग, कलर मिक्सिंग (Color mixing) और कंप्यूटर डिजाइनिंग (Computer Designing) शामिल है।

फैशन डिजाइनिंग से संबन्धित कोर्सेज (Courses related to Fashion Designing)
विभिन्न संस्थानों में फैशन डिजाइनिंग के कई कोर्स संचालित होते हैं। वैसे इस क्षेत्र में बैचलर कोर्स, मास्टर कोर्स के अलावा डिप्लोमा कोर्स भी किया जा सकता है। फैशन डिजाइनिंग से संबन्धित प्रमुख संस्थान:-


  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नॉलॉजी, निफ़्ट कैंपस, हौज खास, नई दिल्ली
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइनिंग, पालडी, अहमदाबाद
  • अमेटी इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नॉलॉजी, नोएडा
  • पर्ल अकादमी ऑफ फैशन, नारायण इंडस्ट्रियल एरिया, फेज-2, नई दिल्ली


योग्यता और चायन प्रक्रिया (Eligibility and selection process)

फैशन डिजाइनिंग करनेवाले विभिन्न संस्थानों में चयन का आधार अलग-अलग होता है। स्नातक डिग्री के लिए किसी भी संकाय से 50 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं उतीर्ण (12th  pass) होना आवश्यक है। अनेक संस्थाएं एडमिशन के लिए लिखित परीक्षा (Written examination), ग्रुप डिस्कशन (Group discussion) और साक्षात्कार (Interview) का भी आयोजन करती है।

कोर्स करने के उपरांत आप क्या कर सकते हैं

फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करने के बाद आप चाहें तो अपना बिजनेस (Own business) भी शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा फैशन डिजाइनर, मार्केटिंग और मार्केटइजिंग, अपेरल मार्केटइजिंग, फैशन स्टाइलिस्ट, विजुअल मार्केटइजिंग, फैशन को-ऑर्डिनेटर, टेक्सटाइल डिजाइनर एवं फैशन कंसलटेंट के रूप में भी काम कर सकते हैं।

जिम प्रशिक्षक, डायटिशियन एवं काउन्सलर के रूप में बनाये कैरियर

आज-कल विशेष कर शहर के युवाओं में जिम (GYM) के प्रति रुझान काफी बढ़ा है। इसके साथ-साथ शहर के पुरुष एवं महिलाएं भी स्वस्थ्य के प्रति जागरूक हो रहें है और अपने आपको स्वस्थ रखने के लिए अपने व्यस्त दिनचर्या से समय निकाल कर जिम की ओर रुख करने लगे हैं। इसके परिणाम स्वरूप आज हर शहर में जिमों (Gym) की संख्या बढ़ती जा रही है साथ ही साथ जिम प्रशिक्षकों (GYM Trainer) कि मांग भी बढ़ने लगी  है। अमीर हो या गरीब सभी फिट रहना चाहते हैं। इस कारण जिम स्थायी कैरियर विकल्प और व्यवसाय के आकर्षक अवसर के रूप में उभरा है जिससे इस क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। आज जिम के ब्रांडेड सेंटर देश के हर छोटे बड़े शहरों में संचालित हो रहे हैं। इसमें युवा बतौर ट्रेनर कैरियर बना रहे हैं। यदि आपके पास जिम संबन्धित विस्तृत जानकारी है, तो इसके उपकरणों के प्रोवाइडर के रूप में आप अच्छी कमाई (earn money) कर सकते हैं।


आज जिम केवल एक फिटनेस सेंटर है नहीं है बल्कि यह एक अच्छा रोजगार का साधन भी बनता जा रहा है। जहां आप अपने शरीर को फिट रखने के साथ - साथ अपना कैरियर भी बना सकते हैं। एक जिम सेंटर में आप कई रूप में रोजगार प्राप्त कर सकते है जैसे - जिम ट्रेनर, फिटनेस एक्सपर्ट, फिटनेस काउन्सलर एवं डायटिशियन आदि। 
जिम प्रशिक्षक के रूप में कैरियर (Career as Gym Trainer in hindi)

ट्रेनर: हर जिम में एक ट्रेनर होता है जिसके भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होता है। एक अच्छा प्रशिक्षक ही जिम में स्थित उपकरणों के सही प्रयोग बता सकता है। एक अच्छा प्रशिक्षक बनने के लिए आप के अंदर कुछ व्यक्तिगत गुण का होना अवश्यक है। इनमें संबसे महत्वपूर्ण है आपका जिम के प्रति रुचि होना। इसके अलावा आपको जिम से संबन्धित कुछ प्रोफेशनल ट्रेनिंग (Gym trainer professional course) भी लेनी होगी। इस तरह की ट्रेनिंग आजकल कई मेट्रो सिटी में करायी जाती है। ट्रेनिंग लगभग डेढ़ से तीन महीने कि दी जाती है। इसमें कस्टमर को ध्यान में रखते हुए उन्हें किस तरह कि ट्रेनिंग लेनी है, बताया जाता है। इसके अलावा अन्य जिम उपकरणों संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी जाती है।

डायटिशियन के रूप में कैरियर (Career as Dietitian in hindi)

डायतिशियन: जिम करने वालों के लिए किस तरह का भोजन होना चाहिए इसका भी ध्यान देने की आवश्यकता होती है। जिम करने वाले लोगों कि उम्र, हाइट, वेट आदि का ध्यान रखते हुए उसके डाइट प्लान किया जाता है। यह डाइट प्लान डायतिशियन उपलब्ध कराते हैं।  डायतिशियन बनने के लिए प्रोफेशनल कोर्स करने होते हैं।

जिम काउन्सलर के रूप में कैरियर (Career as Gym Counselor in hindi)

काउन्सलर: जिम में काउन्सलर कि भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है। यह आपको जिम संबंधी सही जानकारी और आपके लिए सही एक्सरसाइज सजेस्ट करता है। साथ ही वह यह भी बताता है कि एक्सरसाइज के द्वारा किस तरह कि बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है।

इवेंट मैनेजमेंट के रूप में कैसे बनाये अपना कैरियर

आसिफ इजहार बताते हैं की वे अपने कैरियर को लेकर एक खास आत्मविश्वास से भरपूर हैं। चार वर्ष पहले उन्होने एक नामी-गिरामी इंस्टीट्यूट से होस्पिटेलिटी मैनेजमेंट (Hospitality Management) का कोर्स किया था। तीन साल के कोर्स के दौरान ही उन्होने तय कर लिया की उन्हें इवेंट मैनेजमेंट (Event Management) में ही कैरियर बनाना है। शुरू में दो-तीन छोटी-मोटी कंपनियों के लिए काम किया। फिर उन्होने रादोस्त नामक एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की नींव राखी। उनके मुताबिक इन चार वर्षों में बड़ी व छोटी कंपनियों के सैंकड़ों इवेंट मैनेज किये। इनमें कॉरपोरेट (Corporate), प्रोडक्ट लॉन्च (Product launch), डीलर्स मीट (Dealers Meet) , वेडिंग (Weeding), फैशन शोज (Fashion Shows), आर्टिस्ट एंड सेलिब्रेटी मैनेजमेंट के अलावा कास्टिंग का काम भी किया। यह बहुत ही एक्साइटिंग फील्ड है जहां बहुत तरह की चीजें सीखने और करने को मिलती हैं।

कुल मिलकर इवेंट मैनेजमेंट (Event Management) कलात्मक और सृजनात्मक सोच से मेल खाता हुआ फील्ड है। इवेंट मैनेजमेंट मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग का मिला-जुला रूप है, जो उत्साह और रोमांच से भरपूर है। यह कमाल का फील्ड है, इसमें विजुयालाइजेशन (Visualization) है, क्रिएटिविटी (Creativity) और प्लानिंग (Planning) है। वैन्यू मैनेजमेंट और भरपूर एक्साइटमेंट है। सब जानते हैं की सोशलाइजिंग का ट्रेंड बढ़ रहा है और तमाम इवेंट, इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों द्वारा ही मैनेज किये जा रहे हैं।

इवेंट मैनेजमेंट का काम अलग-अलग तरह के कामों को सही समय पर और पूरी सटीकता के साथ जोड़ना है, जो इस कम को क्लाइंट के मुताबिक दिये गए समय पर और दिये हुए बजट में बिना किसी परेशानी या दुर्घटना के निपटा देता है, वही सबसे सफल इवेंट मैनेजर है। समय का दबाव हमेशा रहता है। क्वालिटी को लेकर हमेशा खिच-खिच रहती है और सब कुछ ठीक-ठाक होने के बावजूद कमी निकालने की गुंजाइश बची रहती है। इस काम की नेचर ही ऐसी है की पसंद और नापसंद के बीच बड़ी बारीक रेखा होती है। इवेंट के आयोजन से पहले बजट को लेकर, वेन्यू को लेकर, मेन्यू को लेकर, सेलिब्रेटी को लेकर बड़ी आपाधापी मची रहती है।

क्या है आवश्यक स्किल्स

इवेंट मैनेजमेंट के काम में अलग-अलग तरह के गुणों की जरूरत होती है और काम करते रहने से उनमें निरंतर सुधार भी होता रहता है। चाहे लीडरशिप क्वालिटी हो, पीआर स्किल हो या फिर मार्केटिंग स्किल। इसी तरह बजट बनाने की स्किल, रिस्क मैनेजमेंट स्किल ये सारी स्किल्स इसमें काम आते हैं और उनमें निरंतर निखार भी आता रहता है। जो व्यक्ति इवेंट मैनेजमेंट से जुड़ना चाहता है उसको यह पता होना चाहिए की उसमें कौन-कौन सी स्किल्स हैं। आपने यदि 12वीं पास कर ली है तो आप इसमें डिग्री, डिप्लोमा कर सकते हैं।

इससे संबन्धित कोर्स
डिप्लोमा इन इवेंट मैनेजमेंट (Deploma in Event Management)
पीजी डिप्लोमा इन इवेंट मैनेजमेंट (PG Diploma in Event Management)
एडवांस डिप्लोमा इन इवेंट मैनेजमेंट (Advance Diploma in Event Management)
पीजी डिप्लोमा इन इवेंट मैनेजमेंट एंड पीआर (PG Diploma in Event Management and PR)
पीजी डिप्लोमा इन इवेंट मैनेजमेंट एंड एक्टिवेशन (PG Diploma in Event Management and Activation)

कोर्स करने के बाद ये हैं संभावनाएं

जितनी जल्दी आप इवेंट के काम को समझ जाएंगे उतनी जल्दी आप इसमें कामयाबी हासिल कर लेंगे। इसमें सबसे महत्वपूर्ण होता है क्लाइंट को संतुष्ट करना। यदि आपने यह कर लिया तो समझो आप सफल हो गये। आप एग्जीक्यूटिव से कैरियर शुरू कर मैनेजर तक बन सकते हैं। इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों, कॉरपोरेट हाउस, मीडिया हाउस व प्रॉडक्शन में, तो आपकी डिमांड होगी ही आप खुद की इवेंट मैनेजमेंट कंपनी भी खोल सकते हैं।