कफ (बलगम) kuf khaansi

कफ (बलगम)


          कफ (बलगम) हमारे गलेफेफड़ों में जमने वाली एक श्लेष्मा होती है जो खांसी या खांसने के साथ बाहर आता है। यह फायदेमंद और नुकसानदायक दोनों है। हमारे दैनिक सांस लेने क्रिया के समय जो गन्दगी हमारे शरीर में जाती है। उसे यह अपने में चिपका लेता है जो सुबह के समय नहाते या मुंह धोते समय खांसने से बाहर निकल जाता है। इस तरह ये हमारा फायदा करती है अगर यह ज्यादा हो जाती है तो सांस लेने में तकलीफ पैदा कर देती है। छाती भारी लगती है। यहां पर यह नुकसान करती है।परिचय :
 

1. सरसों :
2. घी : बालक की छाती पर गाय का घी धीरे-धीरे मसलने से जमा हुआ कफ (बलगम) निकल जाता है।
3. हल्दी :
4. भांगरा :
5. रूद्राक्ष : बच्चे की छाती में अगर ज्यादा कफ (बलगम) जम गया हो और कफ निकलने की कोई आशा नज़र न आ रही हो तो ऐसे में रूद्राक्ष को घिसकर शहद में मिलाकर 5-5 मिनट के बाद चटाने से उल्टी द्वारा कफ (बलगम) निकल जाता है।
6. बहेड़ा : बहेड़ा की छाल का टुकड़ा मुंह में रखकर चूसते रहने से खांसी मिटती है और कफ (बलगम) आसानी से निकल जाता है और खांसी की गुदगुदी बन्द हो जाती है।
7. अदरक : अदरक को छीलकर मटर के बराबर उसका टुकड़ा मुख में रखकर चूसने से कफ (बलगम) आसानी से निकल आता है।
8. आंवला : आंवला सूखा और मुलहठी को अलग-अलग बारीक करके चूर्ण बना लें और मिलाकर रख लें। इसमें से एक चम्मच चूर्ण दिन में दो बार खाली पेट सुबह-शाम हफ्ते दो बार जरूर लें। इससे छाती में जमा हुआ सारा कफ (बलगम) बाहर आ जायेगा।
9. लौंग :
10. अंगूर :
11. पोदीना : कफ (बलगम) होने पर चौथाई कप पोदीने का रस इतने ही गर्म पानी में मिलाकर रोज तीन बार पीने से लाभ होता है।
12. केला : कफ के ज्यादा होने पर केला और शहतूत खाना लाभदायक होता है।
13. तुलसी : कफ (बलगम) होने पर 50 मिलीलीटर तुलसी के पत्तों के रस में 5 चम्मच चीनी मिलाकर शर्बत बना लें। इसका एक छोटा चम्मच रोज पिलायें। इससे कफ (बलगम) निकल जायेगा। तुलसी के रस में बलगम को पतला करके निकालने का गुण है।
14. राई : खांसी में कफ गाढ़ा हो जाने पर बलगम आसानी से न निकलता हो तो, राई लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग, सेंधानमक लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग और मिश्री मिलाकर सुबह-शाम देने से कफ पतला होकर बलगम आसानी से बाहर निकलने लगता है।
15. हरड़ : हरड़ को गाय के मूत्र में पकाकर, कूट-पीसकर खाने से कफ से होने वाले रोग खत्म हो जाते हैं।
16. देवदारू : देवदारू और चित्रकमूल को पानी में पीसकर लेप करने से लाभ मिलता है।
17. मुलहठी :
18. ककोड़ा (खेखसा) : छाती में कफ का संचय होने पर ककोड़ी के फल का चूर्ण दिया जाता है। विसर्प, विद्रधि, खून की खराबी, आंखों का दर्द और खांसी में भी इसका चूर्ण खाने से फायदा होता है।
19. चुकन्दर : चुकन्दर बलगम को निकालकर श्वासनली को साफ रखता है।
20. कालीमिर्च :
21. शहद
22. अडूसा (वासा) : गरम चाय में अडूसे का रस, शक्कर, शहद और दो चने के बराबर संचल डालकर सेवन करना चाहिए।
23. मेथी :
24. अगस्ता : लाल अगस्ते की जड़ अथवा छाल का रस निकालकर शक्ति के अनुसार 10 से 20 मिलीलीटर की मात्रा में सेवन करें। यह औषधि यदि बालकों को देनी हो, तो केवल इसके पत्ते का पांच बूंद रस निकालकर शहद के साथ पिलायें। यदि दवा का असर अधिक हो, तो मिश्री को पानी में घोलकर पिलाएं। इससे कफ गलकर बाहर आ जाता है।
25. ऐन : ऐन की राख को शहद में मिलाकर खाना चाहिए। इससे कफ ढीला होकर निकल जाता है।
26. प्याज :
27. अमलतास : अमलतास के गूदे में गुड़ मिलाकर और सुपारी के बराबर गोलियां बनाकर गरम पानी के साथ देना चाहिए।
28. खजूर : नियमित थोड़ा खजूर खाना खाने के बाद 4 या 5 घूंट गर्म पानी से खाने से कफ पतला होकर खंखार या हल्की खांसी के रूप में बाहर निकल जाता है। फेफडे़ साफ होते हैं। सर्दी, जुखाम, खांसी और दमा मिटता है तथा रक्त की शुद्धि होती है।
29. अमरूद : एक अमरूद को आग में भूनकर खाने से लाभ होता है।
30. ब्राह्मी : बालकों के सांस व कफ में ब्राह्मी का थोड़ा-सा गर्म छाती पर लेप करने से लाभ होता है।
31. लालमिर्च :
32. लहसुन : लहसुन को खाने से श्वासनलियों में इकट्ठा कफ आराम से बाहर निकल जाता है। इससे टी.बी. के रोग में भी फायदा होता है।
33. इलायची : इलायची के दाने, कालानमक और घी तथा शहद को एकत्रकर चाटने से कफ रोग मिटता है।
34. बरगद : बरगद की कोमल शाखाओं को ठंडे पानी या बर्फ के साथ लगभग 10-20 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से कफ (बलगम) में फायदा होता है।
35. अरीठे : अरीठे का पानी पिलाना चाहिए और इसका फेना पेट पर मलना चाहिए। इससे कफ निकल जाता है।