जुकाम (प्रतिश्याय) jukham
मौसम बदलने पर जरा सी लापरवाही करने से किसी भी उम्र के व्यक्ति को जुकाम हो जाता है सर्दी के मौसम में ठंडी हवाएं चलने की वजह से जुकाम हो जाता है बारिश के मौसम में ज्यादा भीगने से भी जुकाम हो जाता है जुकाम एक साधारण रोग है पर कभी-कभी इसकी वजह से दूसरे भयंकर रोग हो सकते हैं। जुकाम दो प्रकार का होता है 1. गीला जुकाम 2. सूखा जुकाम।परिचय:
विभिन्न भाषाओं में नाम:
कारण:
लक्षण:
हींग, बायबिडंग, सेंधानमक, मैनसिल, बच और गूगल को अच्छी तरह से पीसकर उसका चूर्ण बनाकर छान लें। इस चूर्ण को सूंघने से जुकाम दूर हो जाता है।
हींग के घोल को सूंघने से नाक में जमा कफ या श्लेष्मा बाहर आता है और गंदगी भी दूर होती है।
लगभग 1-1 ग्राम हींग, सोंठ और मुलहठी को बारीक पीसकर गुड़ या शहद में मिलाकर चने के आकार की छोटी-छोटी गोलियां बनाकर रख लें। यह गोली 1-1 रोजाना सुबह और शाम चूसने से जुकाम दूर हो जाता है।
अगर जुकाम या दमे के रोग में बलगम बनता हो तो 1 चम्मच पिसी हुई हल्दी को रोजाना 3 बार गर्म पानी से फंकी लेने से बलगम बाहर निकल आता है।
हल्दी को आग में डालकर उसमें से निकलने वाले धुंऐ को नाक से सूंघने से जुकाम का पानी और बलगम निकलकर बाहर आ जाता है नोट: इसके बाद आधे घंटे तक पानी नहीं पीना चाहिए।
1 कप दूध के अन्दर 1 चम्मच हल्दी मिलाकर गर्म कर लें। इस दूध में शक्कर डालकर पीने से सभी तरह के जुकाम दूर हो जाते हैं।
हल्दी का गर्म लेप बनाकर मोटा-मोटा माथे पर लगाने से जुकाम में आराम आता है।
गर्म पानी में 2 ग्राम पिसी हुई हल्दी को मिलाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
दूध में हल्दी डालकर अच्छी तरह से गर्म करके पीने से जुकाम के रोग में आराम आता है।
1 कप गर्म दूध में आधा चम्मच पिसी हुई हल्दी और 10 दाने कालीमिर्च के मिलाकर पीने से जुकाम और बुखार ठीक हो जाता है।
कफ गिरता हो तो प्रतिदिन तीन बार 3 ग्राम हल्दी की फंकी गर्म पानी से लें। हल्दी को बालू में सेंककर पीसकर एक चम्मच की मात्रा में दो बार पानी से लें। हल्दी सभी प्रकार के सांस रोगों में लाभकारी है।
गर्म दूध में हल्दी, नमक और गुड़ डालकर बच्चों को पिलायें कफ व जुकाम में फायदा होगा।
सबूत हल्दी के टुकडे़ को सेंककर रात को मुंह मे रखने से खांसी, कफ और जुकाम में लाभ होगा।
केवल 3 दिन तक लगातार अमरूद खाने से पुरानी सर्दी और जुकाम दूर हो जाता है।
पुराने जुकाम में रोगी को एक अच्छा बड़ा अमरूद को बीज निकालकर खिला दें और ऊपर से ताजा पानी रोगी नाक बंद करके पी लें। दो-तीन दिन में ही रुका हुआ जुकाम बहकर साफ हो जायेगा। दो-तीन दिन बाद अगर स्राव रोकना हो तो 50-100 ग्राम गुड़ रात में बिना पानी पीयें खाने से लाभ मिलता है।
पोदीने की चाय बनाकर उसके अन्दर थोड़ा सा नमक डालकर पीने से खांसी और जुकाम ठीक हो जाते हैं।
पोदीना, कालीमिर्च के पांच दाने और नमक इच्छानुसार डालकर चाय की तरह उबालकर रोजाना तीन बार पीने से हितकारी होता है।
पोदीने के रस की बूंदों को नाक में डालने से पीनस (जुकाम) के रोग में लाभ होता है।
पोदीने और अदरक को पानी में उबालकर काढ़ा बना लें, फिर इसे छानकर दिन में 2 बार पीने से बुखार ठीक हो जाता है प्रतिश्याय (जुकाम) में भी इससे बहुत लाभ होता है।
पोदीने के रस की 1-2 बूंदे नाक में डालने से पीनस (जुकाम) रोग नष्ट हो जाता है।
गर्म-गर्म चनों को किसी रूमाल में बांधकर सूंघने से जुकाम ठीक हो जाता है चनों को पानी में उबालकर इसके पानी को पी जायें और चनों को खा लें। चनों मे स्वाद के लिये कालीमिर्च और थोड़ा सा नमक डाल लें। चनों का सेवन करना जुकाम में बहुत लाभदायक है।
50 ग्राम भुने हुए चनों को एक कपड़े में बांधकर पोटली बना लें। इस पोटली को हल्का सा गर्म करके नाक पर लगाकर सूंघने से बंद नाक खुल जाती है और सांस लेने में परेशानी नहीं होती है।
कटेरी का काढ़ा बनाकर उसमे मिश्री मिलाकर गर्म-गर्म सेवन करने से पुराने से पुराना जुकाम ठीक हो जाता है।
नजला, जुकाम व बुखार हो जाता है तो उसमें पित्तपापडा, गिलोय और छोटी कटेरी सबको समान मात्रा में मिलाकर 20 ग्राम लेकर आधा लीटर पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढे़ का सेवन करने से जुकाम ठीक हो जाता है।
गर्मी के मौसम में राई को शहद में मिलाकर खाने और सूंघने से जुकाम दूर हो जाता है।
राई लगभग आधा ग्राम, चीनी एक ग्राम दोनों को मिलाकर थोड़े पानी के साथ लेने से प्रतिश्याय (जुकाम) दूर हो जाता है।
काली राई के तेल सें पैरों और तलवों की मालिश करने से जुकाम एक रात में खत्म हो जाती है नाक में इसके तेल को रगड़ने से नाक बहना भी दूर हो जाती है।
लगभग 10-10 दाने मुनक्का तथा कालीमिर्च और 5 बादाम को पानी में भिगोकर छील लें। फिर इन सबको एक साथ पीसकर 25 ग्राम मक्खन में मिलाकर रात को सोते समय खा लें। सुबह उठने पर दूध में पीपल, कालीमिर्च और सौंठ को डालकर उबालकर दूध को पी लें। ऐसा लगातार काफी समय तक करने से जुकाम पूरी तरह से ठीक हो जाता है।
6 मुनक्का, 6 बादाम, 6 पिस्ता, 1 लौंग, 1 इलायची और 2 चम्मच खसखस को सुबह इतने पानी में डालकर भिगो दें कि ये सारी चीजें पूरी तरह से उसके अन्दर डूबे रहें। शाम को मुनक्का के बीज निकाल लें और बादाम को छील लें। इन सबको एक साथ पीसकर किसी गीले मोटे कपड़े में पोटली बनाकर तवे पर रखकर सेक लें। रात को सोते समय इसे खा लें पर इसका पानी नही पियें। इससे जुकाम पूरी तरह से ठीक हो जाता है।
नींबू को 1 कप गर्म पानी में निचोड़कर और उसमें चुटकी भर सेंधानमक मिलाकर खाली पेट सुबह और शाम को पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
एक मोटे ताजे नींबू को कपड़े में लपेटकर ऊपर से मिट्टी का लेप करके भूभल में सेंके। बाद में नींबू को निकालकर गर्म ही चूसने से जुकाम तुरंत ठीक हो जाता है।
नींबू का शर्बत बार-बार पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
1 नींबू को गर्म राख में 30 मिनट के लिये दबाकर रख दें। कुछ समय बाद इस नींबू को राख में से निकालकर और काटकर इसका रस पीने से जुकाम खत्म हो जाता है।
नारंगी के छिलकों का काढ़ा बनाकर पीने से जुकाम दूर हो जाता है।
खांसी, जुकाम होने पर सर्दी में गर्म पानी के साथ और गर्मी में ठंडे पानी के साथ नारंगी का रस पीने से आराम आता है। 1 नारंगी के छोटे-छोटे टुकड़े करके 1 गिलास पानी में डालकर उबाल लें। उबलने पर जब पानी आधा बाकी रह जाये तो इसे छानकर सुबह और शाम पीने से आराम आता है।
गर्म-गर्म दूध में नमक डालकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
10 ग्राम सेंधानमक, 40 ग्राम देशी चीनी (बूरा), को मिलाकर बारीक पीस लें, और आधा चम्मच रोजाना लगभग 100 ग्राम गर्म पानी के साथ रोजाना दिन में 3 बार पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
6 ग्राम सेंधानमक, 6 ग्राम कालीमिर्च और 6 ग्राम हल्दी को पीसकर एक गिलास पानी को आधा पानी रहने तक उबालें, और थोड़ा-थोड़ा गर्म पानी करके पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
ज्यादा तेज जुकाम होने पर 1 गिलास उबाले हुए गर्म पानी में 1 नींबू और स्वाद के अनुसार शहद मिलाकर रात को पीने से जुकाम में लाभ होता है।
हल्के गर्म पानी में नींबू निचोड़कर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
नींबू का रस, थोड़ा सा अदरक का रस और 1 चम्मच शहद को 1 गिलास गर्म पानी में मिलाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
सर्दी के मौसम में ठंड से बचने के लिए गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने चाहिए। इसको खाने से जुकाम और खांसी आदि रोग नहीं होते।
अगर जुकाम बिगड़ गया हो तो 30 ग्राम पुराना गुड़, 6 ग्राम पिसी हुई कालीमिर्च और 60 ग्राम दही को एक साथ मिलाकर सुबह और शाम खाने से जुकाम ठीक होकर दुबारा नहीं होता।
लगभग 1.5 ग्राम भांग की पत्ती और 3 ग्राम गुड़ को पीसकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। इस गोली को खाने से जुकाम जल्दी ठीक हो जाता है।
कालीमिर्च 5 दाने और तुलसी के 10 पत्तों को पानी में मिलाकर उबाल लें। फिर इसके अन्दर थोड़ा सा गुड़ और देशी घी या सेंधानमक डालकर पी लें। इसको पीने से जुकाम पूरी तरह से ठीक हो जाता है छोटे बच्चों को तुलसी के पत्ते पानी की बजाय दूध के अन्दर उबालकर देने से भी जुकाम में लाभ होता है।
रात को सोते समय 10 दाने कालीमिर्च के चबाकर ऊपर से गर्म दूध पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
कालीमिर्च, मुलेठी, बनफशा, गाजवा, पलगाजवा, तुलसी के सूखे पत्ते, उनाव, मुनक्का और मिश्री को बराबर की मात्रा में मिलाकर इसका काढ़ा बनाकर सुबह और शाम पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
गर्म पानी में कालीमिर्च के 7 दाने मिलाकर खाने से जुकाम ठीक हो जाता है।
कालीमिर्च, लाल इलायची, सोंठ, तुलसी के बीज, धनिया और जीरे को बराबर की मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण का एक चम्मच सुबह और शाम खाने से जुकाम के रोग में लाभ होता है।
कालीमिर्च, तुलसी, मुलेठी, लाल इलायची और अदरक को एक साथ पानी में डालकर पकाकर काढ़ा बना लें। फिर इसको छानकर शहद के साथ पीने से जुकाम के रोग में लाभ होता है।
यदि रोगी को जुकाम के साथ-साथ बुखार भी हो तो कालीमिर्च के 5-6 दाने, तुलसी के 7 पत्ते, 2 लौंग, 1 अदरक की छोटी सी गांठ, आधा चम्मच जीरा और एक बड़ी इलायची को एक साथ मिलाकर एक कप पानी में डालकर पका लें। पकने के बाद जब पानी आधा बाकी रह जाये तो उसे छानकर उसमें थोड़ी सी मिश्री मिलाकर पीने से जुकाम का रोग ठीक हो जाता है।
गर्म दूध के अन्दर 10 से 15 कालीमिर्च के दाने और मिश्री पीसकर मिलाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
लगभग 250 मिलीलीटर पानी में 7 दाने कालीमिर्च के और 7 ग्राम गुलबनफ्शा को डालकर उबाल लें। उबलने पर जब पानी 1 चौथाई बाकी रह जाये तो इसमें शक्कर मिलाकर पीने से जुकाम और खांसी ठीक हो जाती है।
लगभग 3 ग्राम कालीमिर्च को 50 ग्राम दही में पीसकर इसमें 20 ग्राम पुराने गुड़ को मिलाकर खाने से जुकाम दूर हो जाता है।
5 ग्राम बनफ्सा और कालीमिर्च के 5 दानों को पीसकर गर्म दूध मे मिलाकर पीने से जुकाम मिट जाता है।
कालीमिर्च, सोंठ, चित्रक, पीपल, तालीम पत्र (पत्ते), चक जीरा, इलायची, दालचीनी और तेजपत्ते को एक साथ मिलाकर पीसकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण दिन में 3 बार 1-1 चुटकी शहद के साथ खाने से जुकाम में आराम आता है।
5 पीपल के फल को दूध में डालकर गर्म कर लें। फिर इसमें शक्कर डालकर रोजाना सुबह और शाम पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
1 ग्राम पीपल का चूर्ण, दालचीनी, छोटी इलायची या कालीमिर्च को दूध में डालकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है जुकाम में खाली दूध पीने से जुकाम तेज हो जाता है।
पीपल का काढ़ा बनाकर उसके अन्दर शहद मिलाकर पीने से जुकाम का रोग ठीक हो जाता है।
पीपल के पत्तों को पीसकर 1 कप पानी में उबाल लें, फिर इसमें 2 चम्मच शहद मिलाकर सुबह और शाम पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
पीपल के पेड़ के 4 कोमल पत्ते मुंह में रखकर चूसकर फेंक देने से जुकाम ठीक हो जाता है।
सौंठ (सूखी अदरक) और गुड़ को पानी में डालकर पकाने के लिए आग पर रख दें। पकने पर जब पानी चौथाई हिस्सा बाकी रह जाये तो इसे गर्म-गर्म ही छानकर 3 बार में पी जायें। इससे जुकाम में बहुत लाभ होता है।
10-10 ग्राम सोंठ, चिरायता, कटेरी की जड़, अडूसे की जड़ और 6 ग्राम छोटी पीपल को एक साथ मिलाकर 1 कप पानी में डालकर काढ़ा बना लें। पकने पर जब काढ़ा आधा बाकी रह जाये तो इसे उतारकर छानकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
सोंठ, पीपल और कालीमिर्च को बराबर की मात्रा में लेकर पीस लें। इसमें 1 चुटकी शहद के साथ चाटने से जुकाम में आराम आता है।
सोंठ को पानी में डालकर उबाल लें। फिर इसमें शक्कर मिलाकर पीने से जुकाम दूर हो जाता है।
कालीमिर्च, सोंठ और पीपल को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। फिर इसमें 4 गुना गुड़ मिलाकर बेर के आकार की छोटी-छोटी गोलियां बना लें। यह 1-1 गोली दिन में 3 बार लेने से जुकाम और सिर का भारीपन दूर हो जाता है।
सौंठ को पानी में उबालकर पीने से पुराना जुकाम खत्म होता है।
सौंठ, तज और चीनी का काढ़ा बनाकर पीने से सर्दी जुकाम में लाभ होता है।
सौंठ का चूर्ण 10 ग्राम इतना ही गुड़ और 1 चम्मच को एकत्रित कर उसमें थोड़ा सा पानी मिलाकर आग पर रखें और रबड़ी जैसा बनाए। नियमित सुबह-शाम यह रबड़ी चाटने से 3 दिन में सर्दी जुकाम खत्म हो जाता है।
जायफल, सोंठ और जावित्री को एक साथ पीसकर किसी कपड़े में बांधकर सूंघने से जुकाम में आराम आता है।
जायफल को पानी के साथ पीसकर शहद में मिलाकर सुबह और बच्चों को चटाने से बच्चों को बार-बार होने वाला जुकाम ठीक हो जाता है।
जायफल और सौठ को गाय के घी में घिसकर चटाने से बच्चों को जुकाम के कारण लगने वाले दस्त बंद होते हैं।
शहद और अदरक का रस एक-एक चम्मच मिलाकर सुबह-शाम दिन में दो बार पीने से जुकाम खत्म हो जाता है और भूख बढ़ जाती है।
2 चम्मच शहद, 200 मिलीलीटर गुनगुना दूध और आधे चम्मच मीठे सोडे को एक साथ मिलाकर सुबह और शाम पीने से जुकाम, फ्लू ठीक हो जाता है इसको पीने से बहुत पसीना आता है पर पसीना आने पर रोगी को हवा नहीं लगने देना चाहिए।
लगभग 20 ग्राम शहद, आधा ग्राम सेंधानमक और आधा ग्राम हल्दी को 80 मिलीलीटर पानी में डालकर उबालकर रख लें। कुछ देर बाद जब पानी हल्का सा गर्म रह जाये तो इस पानी को सोते समय पीने से जुकाम दूर हो जाता है।
लगभग 2 चम्मच अदरक का रस और 30 ग्राम शहद को गर्म पानी में मिलाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
आधा कप पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल और चौथाई चम्मच जैतून का तेल मिलाकर इतना उबालें कि पानी खत्म हो जायें और तेल ही रह जायें फिर उस को छानकर उस तेल की दो बूंद नाक में डालने से पुराना जुकाम भी दूर हो जाता है।
20 ग्राम कलौंजी को अच्छी तरह से पकाकर किसी कपड़े में बांधकर नाक से सूंघने से बंद नाक खुल जाती है और जुकाम भी ठीक हो जाता है।
जैतून के तेल में कलौंजी का बारीक चूर्ण मिलाकर कपड़े में छानकर बूंद-बूंद करके नाक में डालने से जुकाम में छींके आना बंद हो जाती है और जुकाम ठीक हो जाता है।
अजवायन को पीसकर एक पोटली बना लें, उसे दिन में कई बार सूंघे, इससे बंद नाक खुल जाएगी।
10 ग्राम अजवायन और 40 ग्राम पुराने गुड़ को लगभग आधा किलो पानी में डालकर उबाल लें। उबलने पर जब पानी आधा बाकी रह जाये तो इसे उतारकर थोड़ा ठंडा होने दें। यह पानी गुनगुना सा रोगी को पिलाने से जुकाम ठीक हो जाता है।
अजवायन को बीड़ी की तरह बनाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
पोदीने का सत या फूल 10 ग्राम, अजवायन का सत् 10 ग्राम, देसी कपूर 10 ग्राम तीनों को एक साफ शीशी में डालकर अच्छी प्रकार से डाट लगाकर धूप में रखें। थोड़ी देर में इन तीनों चीजों का पानी बन जायेंगा। इस पानी को 3-4 बूंद रूमाल में डालकर सूंघने से या 8-10 बूंद गर्म पानी में डालकर भाप लेने से तुरंत लाभ होता है।
6 ग्राम अजवाइन पतले कपड़े में बांधकर हथेली पर रगड़ कर बार-बार सूंघना चाहिए। इससे जुकाम दूर हो जायेगा।
एक चम्मच अजवाइन और इसका चौर गुने की मात्रा में गुड़ लेकर एक गिलास पानी में डाल कर उबालें। जब आधा पानी रह जाए तो इसे छान लें तथा गर्म-गर्म पी कर ओढ़ कर सो जायें। इससे जुकाम ठीक हो जाएगा।
कालीमिर्च, तुलसी, दालचीनी और लौंग का काढ़ा बनाकर पीने से जुकाम के रोग में लाभ होता है।
लगभग 6-7 तुलसी के पत्ते, 1 चम्मच गुलकन्द, 2 कालीमिर्च के दाने, सोंठ की 1 गांठ और 2 लौंग को एक साथ मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से जुकाम में लाभ होता है।
तुलसी के पत्तों की चाय बनाकर पीने से जुकाम के जीवाणु समाप्त हो जाते हैं और बंद नाक भी खुल जाती है।
तुलसी के सूखे पत्तों का काढ़ा बनाकर नाक से सूंघने से जुकाम और नाक के कीड़े और जख्म आदि नाक के रोग दूर हो जाते हैं।
तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर उसके अन्दर थोड़ी सी मिश्री मिलाकर पीने से सर्दी और गर्मी में होने वाला जुकाम, बलगम और सिरदर्द ठीक हो जाता है।
तुलसी के पत्तों के रस में लगभग 700 ग्राम शक्कर मिलाकर चासनी बना लें और एक बोतल में भरकर रख दें। इस शर्बत को रोजाना दिन में लगभग 25 ग्राम 3 से 4 बार पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
तुलसी के पत्तों का रस, अदरक का रस और शहद बराबर की मात्रा में मिलाकर एक-एक चम्मच की मात्रा में दिन में तीन-चार बार देना चाहिए।
जुकाम से पीड़ित होने पर तुलसी के सूखे पत्ते, कपूर, कत्था और इलायची सभी को समान मात्रा में और शक्कर 9 गुनी लेकर सबको बारीक पीस लें। इसे चुटकी भर की मात्रा में सुबह-शाम दिन में 2 बार सेवन करने से फेफड़ों में जमा हुआ कफ निकल जाता है।
तुलसी के 15 पत्ते और 4 कालीमिर्च हमेशा खाते रहने से जुकाम व बुखार नहीं होता है।
10 तुलसी के पत्ते, 5 कालीमिर्च पानी में मिलाकर चाय की भान्ति उबालें फिर इसमें थोड़ा सा गुड़ और देशी घी या सेंधानमक डालकर पीना चाहिए। इससे जुकाम में लाभ मिलता है।
केवल तुलसी के पत्तों का काढ़ा पीने से भी जुकाम ठीक हो जाता है।
तुलसी की पत्तियों को सुखाकर-पीसकर सूंघने से बहता हुआ जुकाम बंद हो जाता है।
बच्चों की सर्दी, खांसी, कफ की घबराहट में तुलसी के पत्तों का रस शहद में मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।
1 ग्राम दालचीनी, 3 ग्राम मुलहठी और 7 छोटी इलायची को अच्छी तरह से पीसकर 400 मिलीलीटर पानी में मिलाकर आग पर पकायें। पकने के बाद जब पानी आधा बाकी रह जाये तो इसमें 20 ग्राम मिश्री डालकर पीने से जुकाम दूर हो जाता है।
दालचीनी, कालीमिर्च और अदरक का काढ़ा पीने से जुकाम दूर हो जाता है।
एक बड़े चम्मच शहद में चौथाई चम्मच दालचीनी का पाउडर मिलाकर एक बार रोज खाने से तेज व पुराना जुकाम, पुरानी खांसी, साइनसेज, ठीक हो जाती है। इसे दिन में कम से कम तीन बार लेना चाहिए तथा रोग ठीक होने तक लेते रहें। रोग की तरुणावस्था में दो बार नित्य लेना चाहिए।
दालचीनी 5 ग्राम, 2 लौंग, सोंठ चौथाई चम्मच को लेकर पीसकर एक लीटर पानी में उबालें। चौथाई पानी को शेष रहने पर छानकर इस पानी के 3 हिस्से करके दिन में तीन बार पिलाने से लाभ मिलता है।
गले में दर्द होने पर पान के पत्ते में एक छोटा सा टुकड़ा अदरक और 2 लौंग रखकर आराम-आराम से चूसने से गले का दर्द ठीक हो जाता है।
5 ग्राम अदरक के रस को 5 ग्राम शहद में मिलाकर रोजाना 3-4 बार चाटने से जुकाम में बहुत आराम आता है।
एक चम्मच अदरक के रस में स्वाद के अनुसार सेंधानमक मिलाकर गर्म करके 2-3 दिन तक लगातार पीने से सर्दी दूर हो जाती है और छींके आना भी बंद हो जाती है।
10 ग्राम अदरक को 10 ग्राम गुड़ के साथ मिलाकर थोड़ा सा गर्म करके रोजाना रात को सोते समय खाने से बार-बार जुकाम होने का रोग ठीक हो जाता है इसको खाने के बाद पानी नहीं पीना चाहिए।
6 ग्राम अदरक, 7 काली मिर्च के दाने, 10 तुलसी के पत्ते और 5 लौंग को पीसकर 1 कप पानी में डालकर उबाल लें और छान लें। इसके अन्दर शक्कर डालकर पीने से जुकाम दूर हो जाता है।
अदरक की चाय जुकाम, खांसी, और सर्दी के दिनों में यह बहुत लाभकारी है तीन ग्राम अदरक और 10 ग्राम गुड़ दोनों को पाव भर पानी में उबाले, 50 ग्राम शेष रह जाने पर छान लें और थोड़ा गर्म-गर्म ही पीकर कम्बल ओढ़कर सो जायें। यह चाय काफी गर्म होती है अत: प्रतिदिन इस का सेवन नहीं करना चाहिए। साधारण दशा में गुड़ के स्थान पर बूरा या चीनी डाल सकते हैं। दूध भी मिला सकते हैं।
अदरक तीन ग्राम, मिश्री छ: ग्राम, कालीमिर्च पांच दाने तीनों को थोड़ा-सा कूटकर 150 ग्राम मिश्रण को लगभग 300 मिलीलीटर पानी में पकाकर खाने से जुकाम ठीक हो जाता है।
1 से 4 ग्राम तेजपत्ता के चूर्ण को सुबह और शाम गुड़ के साथ खाने से धीरे-धीरे जुकाम पूरी तरह से ठीक हो जाता है।
चाय पत्ती की जगह तेजपात के चूर्ण की चाय पीने से छीकें आना, नाक बहना, जलन, सिर दर्द में जल्दी राहत मिलता है इसके पत्तों को सूंघना भी लाभकारी होता है।
तेजपात की छाल पांच ग्राम और छोटी पिप्पली पांच ग्राम को पीसकर दो चम्मच शहद के साथ चटाने से खांसी और जुकाम नष्ट होता है।
पीली सरसों के तेल को किसी साफ कपड़े में छानकर रख लें। इस तेल की 2-3 बूंदे नाक के दोनों छेदों में डालने से जुकाम में आराम आता है थोड़े दिनों तक लगातार ऐसा करने से नया या पुराना किसी भी प्रकार का जुकाम दूर हो जाता है।
नाक के नथुनों (छेदों) में सरसों के तेल की 1-1 बूंद करके डालकर सोने से बंद नाक खुल जाती है और जुकाम भी नहीं होता है।
पैरों के तलवों में और नाक में सरसों के तेल की मालिश करने से जुकाम ठीक हो जाता है।
सरसों के तेल और अलसी के तेल की मालिश करने से छाती और पसली का दर्द ठीक हो जाता है।
जुकाम में जब नाक से बदबू आती है, रक्त रंजित या रक्तहीन पीले रंग के छिछड़े गिरते हों तो सोते समय पन्द्रह बूंद सरसों के तेल में सात बूंद पानी मिलाकर रगड़े और झाग आने पर सूंघें तथा नाक में भी लगाने से लाभ होगा।