नकसीर (नाक से खून बहना)
नाक में से खून बहने के रोग को नकसीर कहा जाता है। कभी-कभी नकसीर होने से पहले चेहरा लाल हो जाता है और सिर में दर्द भी होता है। यह नकसीर (नाक से खून बहने) के बाद ठीक हो जाता है। यह रोग सर्दियों से ज्यादा गर्मी के मौसम में होता है।परिचय:
कारण:
लक्षण:
1. गाजर : 200 मिलीलीटर गाजर का रस और 50 मिलीलीटर पालक के रस को एक साथ मिलाकर पीने से नाक से खून बहना रुक जाता है।
तुलसी:
4. चूना: रात को सोने से पहले 400 मिलीलीटर पानी के अन्दर 50 ग्राम चूने को डालकर रख दें। सुबह उठकर इस पानी को छान लें। इस छने हुए पानी को लगभग 25 मिलीलीटर तक रोगी को पिलाने से नकसीर ठीक हो जाती है।
5. बर्फ:
6. दही:
8. कपड़ा: अगर रोगी की नाक से खून बह रहा हो तो उसे उल्टा करके लिटा दें। फिर नाक की जिस तरफ से खून बह रहा हो उसके उल्टी तरफ के हाथ में किसी कपड़े को कसकर बांध दें। कुछ ही समय में नकसीर (नाक से खून बहना) बंद हो जाएगी।
9. प्याज-
11. उड़द: उड़द की दाल को भिगोकर पीस लें। इस पिसी हुई दाल को माथे पर लगाने से नकसीर (नाक से खून बहना) बंद हो जाती है।
12. नारियल:
रोजाना पेठे की मिठाई खाने से नकसीर (नाक से खून बहना) का रोग ठीक हो जाता है।
रात को सोते समय पेठे की मिठाई के 2 टुकड़ों को 1 गिलास पानी में डालकर रख दें। सुबह उठते ही पेठे को खा लें और उसके पानी को भी पी जायें। कुछ ही दिनों में नाक से खून बहना ठीक हो जाता है।
50 ग्राम आगरे के पेठे को रात को एक मिट्टी के सिकोरे में पानी भर कर भिगो दें। सुबह पेठा खाकर यह पानी भी पी जाने से नाक से खून बहना चलना बंद हो जाता है।
पेठे के रस में इच्छानुसार नींबू या आंवले का रस मिलाकर पीने से नकसीर के रोग में लाभ होता है तथा फेफड़ों से खून का बहना भी ठीक हो जाता है।
अगर नाक से लगातार खून बह रहा हो तो 30 ग्राम फिटकरी को 100 मिलीलीटर पानी में मिलाकर उस पानी में कोई कपड़ा भिगोकर माथे और नाक पर रखने से नकसीर (नाक से खून बहना) ठीक हो जाती है।
फिटकरी को पानी में डालकर उस पानी में किसी कपड़े को भिगोकर नाक पर रखने से सिर्फ 10 मिनट में नकसीर नाक से खून बहना ठीक हो जाता है।
गाय के कच्चे दूध के अन्दर फिटकरी को मिलाकर सुंघाने से नकसीर बंद हो जाती है।
गाय के कच्चे दूध में फिटकरी घोलकर सूंघने से नाक से खून आना ठीक हो जाता है। यदि नकसीर बंद न हो तो फिटकरी को पानी में घोलकर उसमें कपड़ा भिगोकर मस्तक पर रखते हैं। 5-10 मिनट में रक्त बंद हो जाएगा। चौथाई चाय की चम्मच फिटकरी पानी में घोलकर प्रतिदिन तीन बार पीना चाहिए।
नकसीर (नाक से खून बहना) आने पर रोगी को उल्टा करके लिटा दें फिर उसके नाक के दोनों छेदों में देशी घी डालकर रोगी को सांस अन्दर लेने को कहें। 1 हफ्ते तक यह क्रिया रोज करने से नकसीर का रोग ठीक हो जाता है। दूध में घी डालकर रोजाना पीने से भी नकसीर के रोग में लाभ होता है।
रोगी की गर्दन को पीछे झुकाकर लिटा दे और उसके दोनों नाक के नथुने मे 5-5 बूंद देशी घी डालकर रोगी को इसे सांस लेकर अन्दर खींचने को कहो। इस तरह से घी को सूंघने से नकसीर का रोग बंद हो जाता है। यह क्रिया एक सप्ताह तक करनी चाहिए।
घी सूंघने से या पीने से नकसीर रुक जाती है।
100 ग्राम अनार की हरी पत्तियां, 50 ग्राम गेंदे की पत्तियां, 100 ग्राम हरा धनिया और 100 ग्राम हरी दूब (घास) को एक साथ पीसकर पानी में मिलाकर शर्बत बना लें। इस शर्बत को दिन में 4 बार पीने से नकसीर (नाक से खून बहना) ठीक हो जाती है।
लगभग 100 मिलीलीटर अनार का रस नकसीर (नाक से खून बहना) के रोगी को कुछ दिनो तक लगातार पिलाने से लाभ होता है।
आधे कप खट्टे-मीठे अनार के रस में 2 चम्मच मिश्री मिलाकर रोजाना दोपहर के समय पीने से गर्मी के मौसम में नकसीर ठीक हो जाती है।
नाक के नथुनों (छेदों) में अनार का रस डालने से नाक से खून बहना रुक जाता है।
अनार के लाल फूलों को नाक से सूंघने से या इसके रस को नाक में डालने से नकसीर फूटना रुक जाती है।
अनार के फूल और दूब की जड़ का रस निकालकर नाक में डालना। दूब की जड़ का रस न मिलने पर केवल अनार के फूल का रस नाक में डालना और मस्तिष्क पर लगाना चाहिए। इससे नाक से खून आना बंद हो जाता है।
अनार के फूल और दूर्वा (दूब नामक घास) के रस को निकालकर नाक में डालने और तालु पर लगाने से गर्मी के कारण नाक से निकलने वाले खून का स्राव तत्काल बंद हो जाता है।
अनार की कली जो निकलती हुई हवा के झोंकों से नीचे गिर पड़ती है। इनका रस एक-दो बूंद नाक में टपकाने से या सुंघाने से नाक से खून बहना बंद हो जाता है। यह नकसीर के लिए बहुत ही उपयोगी औषधि है।
अनार के छिलके को छुहारे के पानी के साथ पीसकर लेप करने से सूजन में तथा इसके सूखे महीन चूर्ण का नस्य लेने से नकसीर में लाभ होता है।
अनार के पत्तों के काढ़े को या 10 मिलीलीटर रस पिलाने से तथा पीसकर मस्तक पर लेप करने से नक्सीर में लाभ होता है।
कागजी नींबू के रस की 1-2 बूंदे नाक में डालने से नकसीर (नाक से खून बहना) बंद हो जाती है।
नकसीर आने पर नाक के नथुनों (छेदों) में 2-2 बूंद नींबू के रस की डालने से लाभ होता है।
ताजा नींबू के रस को निकालकर नाक में डालने से सिर्फ एक ही बार में नकसीर (नाक से खून बहना) बंद हो जाती है।
नींबू की शिकंजी पीने से नाक से खून का बहना रुक जाता है।
नाक से खून आने पर नथुनों में 2-2 बूंद नींबू का रस टपकाने से नाक से खून का गिरना बंद हो जाता हैं।
21. अफीम:
23. गन्ना: गन्ने के रस को नाक मे डालने से नकसीर (नाक से खून बहना) बंद हो जाता है।
24. कटेरी: कटेरी के फल, पत्तों और जड़ को पीसकर रस निकाल लें। इस रस को सिर के तालु में लगाने से नाक से खून बहना बंद हो जाता है।
25. शक्कर: देशी शक्कर को गाय के दूध में मिलाकर नस्य लेने से नकसीर गिरना (नाक से खून बहना) बंद हो जाता है।
26. दाड़िम: दाड़िम के पत्तों के रस को सूंघने से नकसीर बंद हो जाती है।
27. नीम:
29. बाल: ऊंट के बालों को जलाकर राख बनाकर सूंघने से नकसीर आना नाक से खून बहना बंद हो जाता है।
30. पीपल: 20 ग्राम पीपल के पेड़ के अन्दर की छाल को रात को 100 मिलीलीटर पानी में भिगोकर रख दें। सुबह उठने पर इसके अन्दर मिश्री मिलाकर पीने से नकसीर ठीक हो जाती है।
31. बेर: बेर के पत्तों को पीसकर (बिना पानी के) सिर पर लेप करने से नकसीर (नाक से खून बहना) ठीक हो जाता है।
32. सुहागा: 3 ग्राम सुहागे को पानी के साथ पीसकर नाक के नथुनों (छेदों) में लगाने से नकसीर आना रुक जाती है।
33. अपामार्ग: अपामार्ग (चिरचिटा) की जड़ को पीसकर नाक से सूंघने से नकसीर आना रुक जाती है।
34. अरण्डी: अरण्डी के छिलकों की राख बनाकर नाक के नथुनों (छेदों) से सूंघने से नकसीर रुक जाती है।
35. मुनक्का: 5 मुनक्के के दाने (बिना बीज के), 4 ग्राम खसखस, 6 ग्राम पद्माख और 5 ग्राम सूखे आंवला को एक साथ मिलाकर पीस लें। रात को इसको 250 मिलीलीटर पानी में डालकर किसी मिट्टी के बर्तन में भिगोकर रख दें। सुबह उठने पर इसको पानी में ही अच्छी तरह से मसलकर छान लें। इसमें 10 ग्राम मिश्री को मिलाकर रोगी को पिलाने से नाक से खून बहना बंद हो जाता है।
36. दूध: बकरी के ताजा दूध के अन्दर मिश्री डालकर पीने से नाक से खून आना बंद होता है।
37. ठंडाई: गर्मी के मौसम में नकसीर (नाक से खून बहना) आने पर 1 गिलास ठंडाई को रोजाना पीने से लाभ होता है।
38. किशमिश: गुलाब जल में किशमिश के 20 दानों को मिलाकर सेवन करने से नाक से खून बहना के रोग में आराम आता है।
39. बेल: बेल के पत्तों के रस को पानी में मिलाकर पीने से नकसीर (नाक से खून बहना) में लाभ मिलता है।
40. लौकी: लौकी को उबालकर खाने से नकसीर (नाक से खून बहना) में आराम आता है।
41. बथुआ: नकसीर (नाक से खून बहना) के रोग में 4-5 चम्मच बथुए का रस पीने से लाभ होता है।
42. गुलकन्द: लगभग 10 से 15 ग्राम गुलकन्द को रोजाना सुबह और शाम दूध के साथ खाने से नकसीर का पुराने से पुराना रोग भी ठीक हो जाता है।
43. आम :
46. कालीमिर्च: दही में 4 काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर खाने से नकसीर (नाक से खून बहना) नष्ट हो जाती है।
47. आंवला :
50 मिलीलीटर आंवले के रस में 25 ग्राम मिश्री मिलाकर पीने से नकसीर (नाक से खून बहना) बंद हो जाती है।
लगभग 200 ग्राम आंवला को पीसकर सिर के ऊपर मोटा-मोटा लेप करने से नकसीर (नाक से खून बहना) बंद हो जाती है।
1 चम्मच मुलेठी और 1 चम्मच आंवला के चूर्ण को मिलाकर दूध के साथ खाने से नकसीर ठीक हो जाती है।
सूखे आंवला को रात को पानी में भिगोकर रख दें। रोजाना सुबह उस पानी से सिर को धोने से नकसीर नष्ट हो जाती है। नकसीर के रोग में आंवले का मुरब्बा खाने से भी लाभ होता है। अगर नकसीर बंद नहीं हो रही हो तो आंवले के रस को नाक में डाले और इसको पीसकर सिर पर लेप करें। अगर किसी कारण से ताजे आंवला ना मिले तो सूखे आंवलों को पानी में भिगोकर उस पानी को सिर पर डालें इससे दिमाग की गर्मी और खुश्की दूर होती है।
नाक में आंवले का रस टपकाएं। ताजे आंवले नियमित खाएं। चीनी मिला आंवले का शर्बत सुबह-शाम पीयें।
जामुन, आम तथा आंवले को कांजी के साथ बारीक पीसकर मस्तक पर लेप करने से नाक से बहता खून रुक जाता है।
सूखे आंवलों को पानी में भिगोकर रख दें। थोड़े मुलायम होने पर इनको पीसकर टिकिया सी बना लें। इस टिकिया को सिर के तालू पर बांधने से नाक में से खून आना रुक जाता है।
गर्मी की वजह से नाक से खून बहने पर हरे धनिये के रस को सूंघने से और उसकी पत्तियों को पीसकर सिर पर लगाने से नकसीर ठीक हो जाती है।
10 ग्राम धनिया, 75 ग्राम सौफ, 100 ग्राम मिश्री और 8-10 कालीमिर्च के दानों को पानी के साथ पीसकर शर्बत बना ले। इस शर्बत को रोजाना सुबह और शाम पीने से नकसीर के रोग में लाभ होता है।
5 ग्राम सूखा धनिया, 5 ग्राम गोरखमुण्डी के फूल और 8 मुनक्का लेकर 125 मिलीलीटर पानी में 3 घंटे के लिए भिगोकर रख दें। सुबह उठकर इस पानी को छानकर पीने से नकसीर का रोग ठीक हो जाता है।
2 चम्मच धनिये के दाने, थोड़ी सी किशमिश और थोड़ी सी मिश्री को पानी में डालकर और पीसकर पीने से नकसीर में आराम आता है।
हरे धनिए का रस सूंघने और हरे धनिए की पत्तियों को पीसकर सिर पर लेप करने से गर्मी के कारण नाक से बहने वाला रक्त रुक जाता है।
धनिया रात को भिगो दें। सुबह पीसकर मिश्री मिलाकर पीने से नकसीर में लाभ मिलता है।
50. छोटी माई: 2 से 4 ग्राम छोटी माई के चूर्ण को सुबह और शाम खाने से नकसीर (नाक से खून बहना) का रोग ठीक हो जाता है। इसको पानी में थोड़ी देर तक भिगोकर मसल लें और छान लें। इस पानी को बूंद-बूंद करके नाक में रोजाना 3-4 बार डालने से आराम आता है।
51. गोबर: गाय के सूखे गोबर को नाक से सूंघने से नकसीर रुक जाती है।
52. नौसादर: पिसे हुए नौसादर को नाक से सूंघने से नकसीर रुक जाती है।
53. स्नान: गर्मियों के मौसम में नदी या तालाब में रोजाना नहाने से शरीर की गर्मी तो कम होती ही है उसके साथ-साथ नकसीर (नाक से खून बहना) भी ठीक हो जाती है।
54. मेहंदी: मेहंदी, मुलतानी मिट्टी, जौं का आटा, तथा धनियां को बराबर मात्रा में पीस लें और पानी मिलाकर लेप करें, और ऊपर से मलमल का कपड़ा पानी से भिगो कर रख लेने से नकसीर के रोगी को आराम मिलता है। पावं के तलवों पर भी मेहंदी लगाने से कुछ ही दिनों में लाभ मिलेगा।
55. महुआ: महुए के फूल का रस 2 चम्मच की मात्रा में सेवन करने से मुंह और नाक से खून के आने में आराम मिलेगा।
56. मिट्टी:
रात को मिट्टी के बर्तन में आधा लीटर पानी मे 10 ग्राम मुल्तानी मिट्टी भिगों दें। सुबह पानी को छानकर पीने से कुछ ही दिनों में सालों पुरानी नकसीर ठीक हो जायेगी।
एक गिलास पानी में रात को 5 चम्मच मुल्तानी मिट्टी भिगोकर सुबह पानी छानकर पीने, तथा नाक पर मुल्तानी मिट्टी का लेप करनें से नाक से खून का आने में लाभ मिलता है।
58. दूधी: छाया शुष्क दूधी में बराबर की सेंगरी मिश्री मिलाकर खूब बारीक चूर्ण करें। रोजाना सुबह और शाम एक चम्मच दूध के साथ लेने से नकसीर तथा गर्मी दूर हो जाती है।
59. चित्रक: चित्रक के दो ग्राम चूर्ण को शहद के साथ चाटने से नकसीर बंद हो जाती है।
60. अडूसा (वासा): अडूसा की जड़ की छाल और पत्तों का काढ़ा बराबर की मात्रा में मिलाकर 2-2 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार सेवन कराने से नाक और मुंह से खून आने की तकलीफ दूर होती है।
61. गेंहू: यदि नाक से खून गिरता हो तो गेहूं के आटे में शर्करा और दूध मिलाकर पीने से यह रोग दूर हो जाता है।
62. गूलर: पके गूलर में शक्कर भरकर घी में तलें, इसके बाद रोजाना सुबह के समय सेवन करने पर नाक से खून गिरना बंद हो जाता है।
63. पलास: रात भर ठंडे पानी में भीगे हुए पांच से सात पलास के फूलों को छानकर सुबह थोड़ी सी मिश्री मिलाकर पीने से नकसीर बंद हो जाती है