जायफल (Myristica fragrans) जायफल मसाले के अलावा कई बीमारियों के औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। इस लेख में हम अजवाइन के उन सभी औषधीय गुणों के बारे में ज्ञान प्राप्त करेंगे। प्रस्तुत है जायफल के फायदे, औषधीय गुण और इससे संबन्धित घरेलू नुस्खे/उपचार।
(Jay fal ke fayde, iske aushadiya gun aur iske gharelu nuskhe)
अपच, कमजोरी, हिचकी, मन की उदासी, गर्भावस्था में उत्टी :- जायफल का एक चुटकी चूर्ण (Jayfal ka churn) चम्मच आँवले के रस में मिलाकर दिन में तीन बार 10-15 दिनों तक सेवन करें।
सिर-दर्द, घाव, रुमाटिज्म :- तिल के तेल में जायफल का चूर्ण (Jayfal ka churn) पका कर उस तेल को लगाएँ ।
दस्त :- जायफल का एक चुटकी चूर्ण एक पके हुए केले में मिला कर खाएँ ।
वाजीकर ( पुरुष शक्तिवर्धक ):- एक चुटकी जायफल-चूर्ण शहद के साथ सेवन करें।
अनिद्रा, गर्मी के मौसम का दस्त :- एक चुटकी जायफल चूर्ण दूध के साथ सेवन करें।
दमा :- जायफल का एक टुकड़ा पान के पत्ते में मिला कर चबा लें और रस पिएँ ।
बुखार, उल्टी, दस्त, पेचिश और प्राथमिक उपचार के रूप में सभी प्रकार की बीमारियों के लिए :- जायफलादि वटी सेवन करें।
मात्रा :- नन्हें बच्चों के लिए 1/2 चुटकी शहद या माँ के दूध के साथ ।
बच्चों केलिए :- 1/4-1/2 गोली ।
10 वर्ष तक के बच्चों के लिए -1 गोली;
बड़ों के लिए :- 1-3 गोली ।
जायफलादि बटी तैयार करने की विधि:-
1. निम्नलिखित दवाइयाँ बराबर मात्रा में लेकर महीन चूर्ण तैयार करें :- जायफल (Jaayfal), अजवाइन, वच (गोर बोच) , पिपली, कटुमोहिनी, हल्दी, सोंठ, गोल मिर्च, सेंघा नमक और मॉजूफल । (ये सब दुकान से खरीद सकते हैं)। इन सबों का कपड़ा छान चूर्ण बना दें ।
2. लहसुन और हींग भी उसी मात्रा में लेकर पीस लें।
3. सहदेवी, भृंगराज , पथलचूर, और ब्राह्मी (बेंगसाग), ये चार (पूरा पौधा) बराबर मात्रा में लेकर स्वरस निकाल दें ।
4. लहसुन और हींग की लेई पौधों के रस में मिला दें ।
5. तैयार किये गये चूर्ण में (no 1 ) इस रस (no 4) को मिला कर गूँथ लें और अच्छी तरह सिलौटी पर पीस कर लेई बना दें।
6. इस लेई से चने के बराबर गोली तैयार कर छाया में सुखाकर सुरक्षित रखें । ( इस गोली को ज्यादा मज़बूत बनाना चाहें तो, लेई और रस मिला कर पीसने की विधि सात दिनों तक सात बार दुहरा दें और उसके बाद गोली तैयार करें) ।
यह गोली जानवरों की बीमारियों के लिए भी बहुत लाभदायक है ।
शरीर में जल की कमी होने पर ( खास कर हैजे के कारण):- जायफल का आधा टुकडा कूट कर आधा लीटर पानी में एक घंटे तक रख दें । इस पानी को एक-एक चम्मच नारियल पानी में मिला कर बराबर देते रहे ।
गठिया, मुचक जाने पर (sprains), अर्धांगी:- जायफल के तेल (Jayfal ka tel) में कोई भी मीठा तेल मिला कर लगा दें ।
सिर-दर्द :- जायफल की लेई माथे पर लगा दें ।
( नोट: जायफल अधिक मात्रा में सेवन करना हानिकारक हैं)
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(Jay fal ke fayde, iske aushadiya gun aur iske gharelu nuskhe)
अपच, कमजोरी, हिचकी, मन की उदासी, गर्भावस्था में उत्टी :- जायफल का एक चुटकी चूर्ण (Jayfal ka churn) चम्मच आँवले के रस में मिलाकर दिन में तीन बार 10-15 दिनों तक सेवन करें।
सिर-दर्द, घाव, रुमाटिज्म :- तिल के तेल में जायफल का चूर्ण (Jayfal ka churn) पका कर उस तेल को लगाएँ ।
दस्त :- जायफल का एक चुटकी चूर्ण एक पके हुए केले में मिला कर खाएँ ।
वाजीकर ( पुरुष शक्तिवर्धक ):- एक चुटकी जायफल-चूर्ण शहद के साथ सेवन करें।
अनिद्रा, गर्मी के मौसम का दस्त :- एक चुटकी जायफल चूर्ण दूध के साथ सेवन करें।
दमा :- जायफल का एक टुकड़ा पान के पत्ते में मिला कर चबा लें और रस पिएँ ।
बुखार, उल्टी, दस्त, पेचिश और प्राथमिक उपचार के रूप में सभी प्रकार की बीमारियों के लिए :- जायफलादि वटी सेवन करें।
मात्रा :- नन्हें बच्चों के लिए 1/2 चुटकी शहद या माँ के दूध के साथ ।
बच्चों केलिए :- 1/4-1/2 गोली ।
10 वर्ष तक के बच्चों के लिए -1 गोली;
बड़ों के लिए :- 1-3 गोली ।
जायफलादि बटी तैयार करने की विधि:-
1. निम्नलिखित दवाइयाँ बराबर मात्रा में लेकर महीन चूर्ण तैयार करें :- जायफल (Jaayfal), अजवाइन, वच (गोर बोच) , पिपली, कटुमोहिनी, हल्दी, सोंठ, गोल मिर्च, सेंघा नमक और मॉजूफल । (ये सब दुकान से खरीद सकते हैं)। इन सबों का कपड़ा छान चूर्ण बना दें ।
2. लहसुन और हींग भी उसी मात्रा में लेकर पीस लें।
3. सहदेवी, भृंगराज , पथलचूर, और ब्राह्मी (बेंगसाग), ये चार (पूरा पौधा) बराबर मात्रा में लेकर स्वरस निकाल दें ।
4. लहसुन और हींग की लेई पौधों के रस में मिला दें ।
5. तैयार किये गये चूर्ण में (no 1 ) इस रस (no 4) को मिला कर गूँथ लें और अच्छी तरह सिलौटी पर पीस कर लेई बना दें।
6. इस लेई से चने के बराबर गोली तैयार कर छाया में सुखाकर सुरक्षित रखें । ( इस गोली को ज्यादा मज़बूत बनाना चाहें तो, लेई और रस मिला कर पीसने की विधि सात दिनों तक सात बार दुहरा दें और उसके बाद गोली तैयार करें) ।
यह गोली जानवरों की बीमारियों के लिए भी बहुत लाभदायक है ।
शरीर में जल की कमी होने पर ( खास कर हैजे के कारण):- जायफल का आधा टुकडा कूट कर आधा लीटर पानी में एक घंटे तक रख दें । इस पानी को एक-एक चम्मच नारियल पानी में मिला कर बराबर देते रहे ।
गठिया, मुचक जाने पर (sprains), अर्धांगी:- जायफल के तेल (Jayfal ka tel) में कोई भी मीठा तेल मिला कर लगा दें ।
सिर-दर्द :- जायफल की लेई माथे पर लगा दें ।
( नोट: जायफल अधिक मात्रा में सेवन करना हानिकारक हैं)
Tag: Jayfal in engilish, Jayfal picture, jayfal ka english naam - Nutmeg, jayfal benefits, Jayfal ka tel aur churn, जायफल का पेड़, जायफल का तेल, जायफल चूर्ण, जायफल के नुकसान