हल्दी (Curcuma longa)
पेट का घाव ( पेष्टिक अल्सर) :- (a) खूब ठंडे दूध में हल्दी का एक चम्मच चूर्ण मिला कर सबेरे खाली पेट मे उसका सेवन करें।
कैंसर (प्रतिरोध के लिए) :- प्रतिदिन 1.5 ग्राम हल्दी भोजन के साथ खायें ।
सर्दी के कारण नाक बन्द होने पर (blocked nose) :- सूखी हल्दी को जला कर नाक से धुँवा लें (inhale)।
जावासिर :- हल्दी, भाँग का पत्ता और प्याज़, इन तीनों का पेस्ट सरसों तेल में मिला कर गरम कर लगा दें ।
डार्क सर्कल एवं झुरियों के लिए:- हल्दी, छाछ और गन्ने के रस मिलाकर पीएं।
चींटी भगाने के लिए :- हल्दी चूर्ण छिड़क दें ।
हल्दी के गुणों से हम सब वाकिफ हैं। हमारे खान-पान में हल्दी का अहम स्थान है। बिना हल्दी के भारतीय खाने की कल्पना नहीं की जा सकती है। हल्दी में कई प्रकार के औषधीय गुण भी पाये जाते हैं जिसके उपयोग से हम कई प्रकार के बीमारियों और समस्याओं से दूर रह सकते हैं। प्रस्तुत है हल्दी के फायदे, इसके औषधीय गुण और हल्दी के घरेलू नुस्खे/उपचार। Benefit of Turmeric in hindi, Haldi ke aushadhiy gun, fayde aur gharelu nuskhe/upchar.
सर्दी, खाँसी, एलेर्जी, अपच, विषैले भोजन के कारण उल्टी:- एक चम्मच हल्दी चूर्ण एक कप दूध में मिला दें। उसमे एक कप पानी भी डाल दें। एक कप काढ़ा होने तक उबाल दें।
मात्रा :- एक कप। (खाँसी और सदी के लिये सोने के पहले सेवन करें) । फुंसी, छोटी माता के दाग :- लाल चन्दन और हल्दी की लेई तैयार कर सोने के पहले लेप लगा दें और सबेरे साफ कर दें। 2-3 सप्ताह तक लगातार यह इलाज करना चाहिए।
पेट का घाव ( पेष्टिक अल्सर) :- (a) खूब ठंडे दूध में हल्दी का एक चम्मच चूर्ण मिला कर सबेरे खाली पेट मे उसका सेवन करें।
(b) हल्दी के चूर्ण में शहद मिला कर आँवले के बराबर गोली तैयार करें। एक गोली सुबह खाली पेट में 2-3 महीने तक सेवन करें ।
पेट के कीड़े :- हल्दी का आधा चम्मच चूर्ण एक कप गरम पानी में मिला दें, और उसमें एक चुटकी नमक डालकर सोने के पहले 5-7 दिनों तक पिलाएँ ।
आँख आना :- 1/2 चम्मा हल्दी-चूर्ण 60 मि०ली० गुलाब जल में अच्छी तरह से मिला दे । एक साफ कपड़े में छान कर उसको आँख के लोशन के रूप में इस्तेमाल करें।
हड्डियों को मजबूत करने के लिए:- दूध में हल्दी मिला कर रोज सेवन करें। इससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मिलता है। हड्डियां स्वस्थ और मजबूत होती है। यह ऑस्टियोपोरेसिस (osteoporosis) के मरीजों को राहत पहुंचाता है।
श्वेतप्नदर :- ब्राह्मी बूटी (बेंग साग) के 9 पत्ते और 1/2 चम्मच हल्दी चूर्ण अच्छी तरह पीस कर लेई बना लें। इस लेई को एक ग्लास मट्ठा या नारियल के पानी में मिलाकर सबेरे खाली पेट में 21 दिनों तक पियें ।
कैंसर (प्रतिरोध के लिए) :- प्रतिदिन 1.5 ग्राम हल्दी भोजन के साथ खायें ।
मुचक जाने पर, गठिया, घाव, फोड़ा, सूजन, कीड़े के काटने पर :- हल्दी, थोड़ा नमक, और चूना इन तीनों का लेप लगा दें ।
सर्दी के कारण नाक बन्द होने पर (blocked nose) :- सूखी हल्दी को जला कर नाक से धुँवा लें (inhale)।
जावासिर :- हल्दी, भाँग का पत्ता और प्याज़, इन तीनों का पेस्ट सरसों तेल में मिला कर गरम कर लगा दें ।
चमड़े की खुजली और सूजन:- हल्दी और अडूसा का पत्ता बराबर मात्रा में लेकर गोमूत्र में पीस लें और लेप लगाएं ।
डेड स्कीन के लिए:- हल्दी, चावल का आटा, कच्चे दूध और टमाटर का रस एक साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं। इसे चेहरे पर लगाकर कुछ देर सूखने दें। अंत में साफ पानी से चेहरे को धो लें।
डार्क सर्कल एवं झुरियों के लिए:- हल्दी, छाछ और गन्ने के रस मिलाकर पीएं।
चेहरे की त्वचा के लिए:- हल्दी और शहद का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएँ। कुछ देर सूखने दें और फिर साफ पानी से चेहरे को धो लें। इससे चेहरे की त्वचा के रॉम छिद्र खुल जाते हैं और त्वचा को भरपूर ऑक्सीज़न प्राप्त होता है।
चींटी भगाने के लिए :- हल्दी चूर्ण छिड़क दें ।