सौंफ (Foeniculum vulagare)
खांसी, आवाज मधुर करने के लिए:- सिंकी हुई सौंफ मिश्री के साथ खाएं।
हाथों और पैरों में जलन:- सौंफ के पाउडर को शकर के साथ बराबर मिलाकर भोजन करने के बाद लें।
मुंह की दुर्गंध:- नियमित रूप से दिन में तीन से चार बार आधा चम्मच सौंफ चबाएं।
अपच :- बिना तेल के सौंफ को तवे में हल्का भून लें। अब इसमें बिना सौंफ को मिलाकर सेवन करें।
सौंफ के औषधीय गुण, फायदे और घरेलू एवं देसी नुस्खे/उपचार - Benefits of Fennel seeds in hindi, Saunf ke aushadhiy gun, fayde aur gharelu ewam desi nuskhe/upchar.
आँख का तनाव और तकलीफ (eyestrain eye irritation) :- एक कप पानी में 1/2 चम्मच सौंफ डालकर उबाल दें और 1/4 कप काढा तैयार करें । कढ़े को छान कर ठंडा होने दें । इसे आँख लोशन (eye drop) के रुप में उपयोग कों ।
पेट दर्द, पेट में गैस (colic) :- एक कप दूध में एक चम्मच सौंप उबाल कर पिएँ ।बच्चे के पेट दर्द (child colic):- एक चम्मच सौंफ को एक कप पानी में उबल लें और इसे 20 मिनट तक ठंडा होने दें। इस घोल को शिशु को चम्मच से थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पिलाएँ। शिशु को एक या दो चम्मच से ज्यादा यह घोल नहीं देना चाहिए ।
मासिक धर्म में कमी, माँ के दूध की कमी, पसीना न होना :- एक बड़ा चम्मच सौंफ एक लीटर उबलते यानी में डाल दें । आग पर से पानी उतार कर उसको 20 मिनट तक ढंक दें । एक कप पानी दिन में दो बार सेवन करें।
खांसी, आवाज मधुर करने के लिए:- सिंकी हुई सौंफ मिश्री के साथ खाएं।
कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण के लिए:- खाना खाने के लगभग आधा घंटा के बाद एक चम्मच सौंफ खा लें। सौंफ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रण में रखती है।
स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए:- बादाम, सौंफ और मिश्री को समान मात्रा में पीस लें. इस मिश्रण को रोज दोपहर और रात में खाना खाने के बाद सेवन करने । इससे स्मरण शक्ति बढ़ती है.
हाथों और पैरों में जलन:- सौंफ के पाउडर को शकर के साथ बराबर मिलाकर भोजन करने के बाद लें।
मुंह की दुर्गंध:- नियमित रूप से दिन में तीन से चार बार आधा चम्मच सौंफ चबाएं।
अपच :- बिना तेल के सौंफ को तवे में हल्का भून लें। अब इसमें बिना सौंफ को मिलाकर सेवन करें।
खूनी बवासीर:- धनिया, सौंफ, जीरा आदि को बराबर मात्र में लेकर इनका काढ़़ा बना लें । और 1 चम्मच देसी घी के साथ मिलाकर सेवन करने से बवासीर से राहत मिलती है।