करेला:- (Momordica charantia)
मुंहासा (stonatitis) :- करेले के 1/2 चम्मच रस में चीनी मिलाकर पिएँ ।
शराब का नशा :- करेले के पत्ते का 3 चम्मच रस एक ग्लास मट्ठे में मिलाकर सेवन करें ।
हैजा ( प्रारंभ में) :- करेले के 2 चम्मच ताजे रस में उतना ही प्याज का रस और एक चम्मच नींबू का रस मिला कर दिन में दो बार सेवन करें।
मधुमेह :- करेले का फल का रस, या उसका काढा या चूर्ण प्रतिदिन सुबह खाली पेट सेवन करें।
मात्रा :- रस - 30 मि०ली० (2 बड़ा चम्मच) ; काढा - 1 कप; चूर्ण 1 - चम्मच ।
बावासिर :- करेले के पत्ते का 3 चम्मच रस एक ग्लास मट्ठे में मिला कर सबेरे खाली पेट सेवन करें। पत्ते का लेई बबासीर पर लगाएँ ।
पीलिया (जाँडीस ) :- ( a) 15 मि०लो० पत्ते का रस दिन में दो बार सेवन करें।
(b) करेले के फल का रस, ब्राह्मी बूटी का रस, और भूई आँवला का रस बराबर मात्रा में मिलाकर आधा कप सबेरे खली पेट सेवन करें।
पेट के कीड़े :- करेले के पत्ते के 30 मि०ली० रस में एक चुटकी हींगचूर्ण और एक चुटकी सेंधा नमक मिला कर दिन में दो बार एक सप्ताह तक सेवन करें।
रक्त शुद्धि :- करेले के पत्ते का 30 मि०ली० रस दिन में दो बार सेवन करें ।
मलेरिया :- करेला पत्ते के 60 मि०ली० रस में 1/2 चम्मच जीरे का चूर्ण मिला कर प्रति घंटे पर सेवन करते रहें । सिर दर्द , चक्कर आना, उल्टी, यकृत एवं दिल की बीमारी :- करेले का 30 मि०ली० रस दिन में तीन बार सेवन करें।
करेला जो की खाने में बहुत कड़वा होता है पर इसके बहुत सारे औषधीय गुण है। इसमे कई सारे औषधीय गुण पाये जाते हैं एक ओर हमारे रक्त को शुद्ध करता है तो दूसरी ओर मधुमेह, पीलिया, बबसीर जैसे बीमारियों के लिए भी फायदेमंद है। प्रस्तुत है करेले के फायदे और इसके घरेलू नुस्खे। Benefits of Bitter Gourd, Karele ke aushadhiya gun iske fayde aur gharelu nuskhe.
मुंहासा (stonatitis) :- करेले के 1/2 चम्मच रस में चीनी मिलाकर पिएँ ।
शराब का नशा :- करेले के पत्ते का 3 चम्मच रस एक ग्लास मट्ठे में मिलाकर सेवन करें ।
हैजा ( प्रारंभ में) :- करेले के 2 चम्मच ताजे रस में उतना ही प्याज का रस और एक चम्मच नींबू का रस मिला कर दिन में दो बार सेवन करें।
मधुमेह :- करेले का फल का रस, या उसका काढा या चूर्ण प्रतिदिन सुबह खाली पेट सेवन करें।
मात्रा :- रस - 30 मि०ली० (2 बड़ा चम्मच) ; काढा - 1 कप; चूर्ण 1 - चम्मच ।
बावासिर :- करेले के पत्ते का 3 चम्मच रस एक ग्लास मट्ठे में मिला कर सबेरे खाली पेट सेवन करें। पत्ते का लेई बबासीर पर लगाएँ ।
पीलिया (जाँडीस ) :- ( a) 15 मि०लो० पत्ते का रस दिन में दो बार सेवन करें।
(b) करेले के फल का रस, ब्राह्मी बूटी का रस, और भूई आँवला का रस बराबर मात्रा में मिलाकर आधा कप सबेरे खली पेट सेवन करें।
पेट के कीड़े :- करेले के पत्ते के 30 मि०ली० रस में एक चुटकी हींगचूर्ण और एक चुटकी सेंधा नमक मिला कर दिन में दो बार एक सप्ताह तक सेवन करें।
रक्त शुद्धि :- करेले के पत्ते का 30 मि०ली० रस दिन में दो बार सेवन करें ।
मलेरिया :- करेला पत्ते के 60 मि०ली० रस में 1/2 चम्मच जीरे का चूर्ण मिला कर प्रति घंटे पर सेवन करते रहें । सिर दर्द , चक्कर आना, उल्टी, यकृत एवं दिल की बीमारी :- करेले का 30 मि०ली० रस दिन में तीन बार सेवन करें।