चुकंदर (बीटरूट) खाने के फायदे - Benefits of eating Beetroot in hindi

चुकंदर के फायदे - Benefits of Beetroot

चुकंदर (Chukandar) जो एक प्रकार का सब्जी है जो गहरे लाल रंग का होता है। यह भूमि के अंदर ही बढ़ता है इसलिए इसे हम कंद भी कह सकते है। यह सब्जी और सलाद दोनों रूप में खाया जाता है। इसका हम जूस निकल कर भी पी सकते हैं। चुकंदर में भरपूर मात्रा में आइरन, विटामिन और मिनरल पाया जाता है। ये तत्व हमारे शरीर को स्वस्थ एवं मजबूत बनाने के लिए सहायक है। प्रस्तुत है चुकंदर के गुण (chukandar ke gun) और इससे होने वाले फायदे (fayde)।

चुकंदर खाने के फायदे / Health benefits of Beetroot

चुकंदर में  काफी मात्रा में मिनरल्स, विटामिन और आइरन पाया जाता है जो हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन के लेवल को बढ़ाता है। इससे खून की कमी दूर होती है साथ ही साथ खून को भी साफ करता है।

चुकंदर में एंटी ऑक्सीडेंट (Antioxidant) तत्व पाए जाते है जो हमारे शरीर को विभिन्न रोगों  से लड़ने की क्षमता  (immune system) को बढ़ाने में मदद करता  है |

चुकंदर में बेटेन नमक महत्वपूर्ण तत्व पाया जाता  है जो हमारे पेट और आंत को साफ रखता है और हमे पेट की अनेक तरह की समस्याओ से दूर रखता है |

चुकंदर के पत्ते (Chukandar ke patte), जड़ (jad) और फल (fal) सभी हमारे शरीर के लिए लाभदायक है। इसके पत्ते में फोलेट नमक तत्त्व पाया जाता है जो हाई ब्लड प्रेशर को दूर रखता है।

चुकंदर का जूस (Chukankar Ka Ras) सुबह और दोपहर खली पेट सेवन करने से मोटापा घटता है। यह मोटापा दूर करने (weight loss) का सरल घरेलु उपाय है।

चुकंदर का जूस (Beetroot juice) पीलिया के रोगी के लिए भी लाभकारी है | पीलिया से ग्रषित को रोजाना एक गिलास चुकंदर का जूस का सेवन करने से लाभ होता है।

चुकंदर के पत्ते को चोट या मोच वाली जगह रगड़ कर पट्टी लगाने से दर्द से तुरंत रहत मिलती है।

यदि आपके शरीर में दाद या खुजली हो तो दाद वाली जगह चुकंदर के पत्ते का रस में शहद मिलाकर लगाने से लाभ होता है।

घरेलू नुस्खे एवं उपचार

बावासिर, कब्ज :- 60 ग्राम शलगम 2 ग्लास पानी में उबाल कर एक ग्लास काढा तैयार करें और सोने के पहले पिएँ ।

उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) , हदय रोग :- दिन में एक बार चुकन्दर का आधा कप रस नियमित पिएं ।

गुर्दे व पित्ताशय की बीमारियाँ :- शलगम, गाजर और खीरे का रस बराबर मात्रा में मिलाकर प्रतिदिन एक कप एक बार पिएँ ।

रूसी : शलगम के रस में थोड़ा सिरका मिलाकर माथे पर लगा दें और सिर धोएँ ।

रक्त (खून) की कमी :- हर रोज नास्ते के पहले शलगम का एक कप रस पिएँ ।

आमाशय का घाव ( अलसर ) :- शलगम के एक कप ताजा रस में एक बड़ा चम्मच शहद मिलाकर सबेरे खाली पेट 2-3 महीनों तक सेवन करें।