हकलाना, तुतलाना

हकलाना, तुतलाना


          जल्दी-जल्दी शब्दों को पूर्ण रूप से न बोल पाना तथा किसी बात को बोलते समय बार-बार दोहराना या बोलते-बोलते रुक जाना आदि हकलापन या तोतलापन कहलाता है। हकलाने वाले व्यक्ति कुछ अक्षरों जैसे प, ब, ट, ड, ग, क आदि ठीक तरह से नहीं बोल पाते, जिसके कारण शब्दों को बोलने में हकलाना, तुतलाना तथा रुक-रुक कर बोलना आदि परेशानी होने लगती है। कुछ बच्चे या व्यक्ति जीभ मोटी होने के कारण भी तुतलाते रहते हैं।परिचय:

कारण :

1. घी : 3 से 6 ग्राम घी में रोजाना मिश्री मिलाकर सुबह-शाम चाटकर खायें और ऊपर से गाय का दूध पीयें। लगातार कुछ महीनों तक इसका सेवन करने से तुतलाने (हकलाना) बंद हो जाता है।
2. बादाम : रोजाना 10 से 12 बादाम पानी में भिगोकर रखें। इनके फूल जाने पर छिलका छीलकर इसकी गिरी को पीस लें और इसमें 25 से 30 ग्राम मक्खन को मिलाकर खायें। कुछ महीनों तक इसका सेवन करने से तुतलापन ठीक हो जाता है।
3. मण्डूकपर्णी (ब्रह्ममाण्डकी) : बच्चों को यदि किसी शब्द के बोलने में कठिनाई हो रही हो तो ऐसे में बच्चे को मण्डूकपर्णी (ब्रह्ममाण्डकी) का चूर्ण लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग आधा ग्राम तक रोज सुबह-शाम सेवन करायें। मण्डूकपर्णी के 2 से 4 पत्ते प्रतिदिन 2-3 बार चबाने के लिये दें। इससे बच्चों का हकलापन ठीक हो जाता है।
4. दूध : हकलापन खत्म करने के लिये 10 ग्राम दूध और 250 ग्राम कालीमिर्च के चूर्ण को एकसाथ मिलाकर रख लें। इस चूर्ण को 2-2 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 बार मक्खन के साथ खाने से हकलापन दूर हो जाता है।
5. दूधी : 2 ग्राम दूधी की जड़ को पान में रखकर चूसने से हकलापन के रोग में लाभ मिलता है।
6. मीठी बच : मीठी बच, मीठी कूट, अस्वगन्ध और छोटी पीपल को बराबर मात्रा में लेकर कूटकर चूर्ण बना लें। प्रतिदिन 1 ग्राम चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटने से आवाज साफ होती है और हकलापन दूर होता है।
7. गोरखमुण्डी : 50-50 ग्राम गोरखमुण्डी, ब्रह्मी, भुनी सौंठ और पीपल को कूटकर तथा पीसकर छानकर रख लें। इस 10 ग्राम चूर्ण को शहद में मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम खाने से जीभ का लगना बंद हो जाता है तथा तुतलापन ठीक हो जाता है।
8. दालचीनी : दालचीनी को रोजाना सुबह-शाम चबाने से हकलापन दूर होता है।
9. धनिया : अमलतास के गूदे और हरे धनिया को पीसकर रखें। इसके बाद इसे पानी के साथ मिलाकर लगातार 21 दिन तक कुल्ला करें। इससे जीभ पतली हो जाती है और हकलापन दूर होता है।
10. सत्यानाशी : सत्यानाशी का दूध जीभ पर मलने से हकलाना ठीक हो जाता है।
11. बड़ी लोणा : 40 से 80 ग्राम बड़ी लोणा (बड़ी नोनीसाग) को प्रतिदिन सुबह-शाम खाने से हकलापन दूर हो जाता है।
12. लघुब्रह्मी : कई बार जीभ में किसी तरह की खराबी के कारण व्यक्ति ठीक से बोल नहीं पाता। लघुब्रह्मी के ताजे पत्तों को पीसकर 10 से 20 ग्राम की मात्रा में रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से रोगी को लाभ मिलता है।
13. ब्राह्मी घी : 6 ग्राम से 10 ग्राम ब्राह्मी घी में इतनी ही मात्रा में मिश्री मिलाकर रोजाना सुबह-शाम खाने से तुतलाना, हकलाना और आवाज साफ न निकलना दूर हो जाता है।
14. अकरकरा : अकरकरा 12 ग्राम, तेजपात 12 ग्राम तथा कालीमिर्च 6 ग्राम की मात्रा में एकसाथ मिलाकर पीस लें। इस 1 चुटकी चूर्ण को खुराक के रूप में प्रतिदिन सुबह-शाम जीभ पर रखकर जीभ को मलें। इससे जीभ के मोटापे के कारण होने वाला तुतलापन दूर हो जाता है।
15. सौंफ : 5 ग्राम सौंफ को थोड़ा कूटकर 300 मिलीलीटर पानी में उबाल लें। उबलने पर 100 मिलीलीटर पानी बच जाने पर इसे उतारकर इसमें 50 ग्राम मिश्री तथा 250 मिलीलीटर दूध मिलाकर रोजाना सोने से पहले पीयें। लगातार कुछ दिनों तक इसके सेवन से हकलापन ठीक हो जाता है।
16. छुहारा : रोजाना रात को सोते समय 1 छुहारे को दूध में डालकर उबालकर पी लें। इसको पीने के 2 घंटे बाद तक पानी न पीयें। इसके रोजाना प्रयोग से तीखी, भोण्डी आवाज साफ हो जाती है।
17. कलौंजी - आधा चम्मच कलौंजी के तेल में 2 चम्मच शहद डालकर दिन में 2 बार जीभ पर लगायें। यह कैल्शियम की कमी के कारण दांतो का टूटना, बालों का झड़ जाना तथा होठों के दर्द में लाभ होता है।
18. इलायची : हकलाहट या तुतलाहट में छोटी इलायची, कुलंजन, अकरकरा, वच तथा लौंग सभी का 25-25 ग्राम चूर्ण बनाकर रख लें। फिर इसमें 5 ग्राम कस्तूरी मिला लें। इस चूर्ण को आधा चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम, ब्राह्मणी रस के साथ 2-3 महीने तक लगातार भोजन करने के आधे घंटे बाद 3-3 ढक्कन सरस्वतारिस्ट और इतना ही पानी मिलाकर सुबह-शाम लेने से लाभ होता है।
19. अकरकरा : अकरकरा और कालीमिर्च को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पीसकर 1 ग्राम की मात्रा शहद में मिलाकर 4-6 सप्ताह तक सुबह-शाम जीभ पर रखने से लाभ मिलता है।
20. वच-
21. कुलंजन- कुलंजन, बच, ब्राह्मी और शंखपुष्पी का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर 1 चम्मच भरकर सुबह-शाम खाने से कुछ हफ्ते में ही हकलाहट दूर हो जाती है।
22. पीपल:- पीपल के पके फलों का चूर्ण आधा चम्मच की मात्रा में शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से हकलाहट में लाभ होता है और आवाज़ भी सुधार जाती है।
23. तेजपत्ता :
24. कालीमिर्च:
25. आंवला :
26. सुहागा :
27. मक्खन :
28. फिटकरी :

सिर का दाद

सिर का दाद


            सिर का दाद चर्म रोग के समान ही होता है। इस रोग में चमड़ी के बजाय सिर में दाद होता है। सिर से बाल गिरने लगते हैं और उस स्थान पर नए बाल नहीं उगते।परिचय :

 चिकित्सा :