Search This Blog
मुंह आना
मुंह आना
भोजन में तीखे मसाले, घी, तेल, मांस, खटाई आदि अधिक मात्रा में खाने से पेट की पाचनक्रिया खराब हो जाती है जिससे मुंह व जीभ पर छाले पड़ जाते हैं। पेट में कब्ज होने से या गर्म पदार्थ खाने से गर्मी के कारण मुंह में छाले, घाव व दाने निकल आते हैं। ये छाले लाल व सफेद रंग के होते हैं। मुंह में छाले हो जाने पर मुंह में बार-बार लार आता रहता है। कभी-कभी मुंह के छालों से पीब भी निकलने लगती हैं। मुंह को ढकने वाली झिल्ली लाल, फूली और दर्द या जख्म से भरी होती है। इसमें जीभ लाल, फूली हुई और दांत के मसूढ़े फूले हुए होते हैं। तालुमूल में जलन होती रहती है। इस रोग में भोजन चबाने पर छाले व दानों पर लगने से दर्द होता है। पानी पीने व जीभ तालू में लगने से तेज दर्द होता है।परिचय :
भोजन में अधिक तेल, मिर्च, मांस, तेज मसाले व गर्म पदार्थ न खायें। पेट में कब्ज होने पर छाले बनते हैं। पेट में कब्ज को बनाने वाले कोई भी पदार्थ न खाएं। अधिक गरिष्ठ भोजन न करें। चाय, शराब, बीड़ी-सिगरेट या किसी भी नशीली चीज का सेवन न करें।
19. अड़हुल (गुड़हल) : मुंह के रोग में अड़हुल के फूल या पत्तों को चबाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
25. तेन्दू : तेन्दू के फल को फांट (पानी में फेंटकर) से कुल्ला करने से मुंह के छालों में लाभ होता है।
28. लालमरसा : लालमरसा का साग खाने से या इसके पत्तों को चबाने से मुंह के छाले व घाव नष्ट हो जाते हैं।
पेट में कब्ज होने पर त्रिफला के चूर्ण को गर्म दूध या गर्म पानी के साथ रोजाना रात को पीयें। लगातार 3 से 4 दिन सेवन करने से मुंह के छाले व दाने खत्म हो जाते हैं।
हरड़, बहेड़ा, आंवला, दारुहल्दी और सौंफ को 15-15 ग्राम की मात्रा में लेकर गर्म पानी में उबाल लें। इसके बाद उस पानी में थोड़ा-सा शहद मिलाकर कुल्ला करने से मुंह के छाले मिट जाते हैं।
यदि केवल मुंह में छाले हों तो अड़ूसा के 2-3 पत्तों को चबाकर उसके रस को चूसने से लाभ होता है।
अड़ूसा की लकड़ी की दातुन करने से मुंह के सभी रोग दूर हो जाते हैं।
अड़ूसा के 50 मिलीलीटर काढ़े में 1 चम्मच गेरू और 2 चम्मच शहद को मिलाकर मुंह में रखने से मुंह के छाले और नाड़ीव्रण नष्ट होते है।
अड़ूसा के पत्तों को पान के समान चबाकर उसके रस को चूसने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।
मुंह में छाले होने पर अड़ूसा के 20 ग्राम पत्तों को मुंह में रखकर चूसने से छाले व दर्द में आराम रहता है।
आंवला के चूर्ण में लहसुन की 1 कली को भूनकर चूर्ण बनाकर मिश्रण बना लें। इस मिश्रण को 2 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से पेट की कब्ज खत्म होकर छाले भी खत्म हो जाते हैं।
आंवला के पत्तों का काढ़ा बनाकर मुंह में कुछ देर रखकर गरारे व कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
25 ग्राम आंवला, 10 ग्राम सौंफ, 5 ग्राम सफेद इलायची और 25 ग्राम मिश्री को कूटकर चूर्ण बना लें। इस 2 चुटकी चूर्ण को खुराक के रूप में रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से मुंह के छाले मिट जाते हैं।
जिन लोगों के मुंह में बार-बार छाले होते हों, उन्हे टमाटर अधिक सेवन करने चाहिए। छालों के लिए टमाटर औषधि का काम करते हैं। टमाटर के रस को पानी में मिलाकर कुल्ला करने से भी मुंह के छाले खत्म हो जाते हैं।
आधा गिलास टमाटर के रस में आधा गिलास पानी मिलाकर घोल बनाकर बार-बार कुल्ला करने से मुंह के सभी रोग ठीक होते हैं।
54. शहतूत : 1 चम्मच शहतूत के रस को 1 कप पानी में मिलाकर कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
50 ग्राम मेंहदी को 2 गिलास पानी में भिगो लें। कुछ समय के बाद इस पानी से कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
मेंहदी के पत्तों को मुंह में रखकर चबाने से भी मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
मेंहदी के 20 ग्राम पत्तों को रात को सोते समय पानी में भिगोकर रखें। सुबह इस पानी से कुल्ला करने से मुंह के छाले नष्ट हो जाते हैं।
नीम की नई कोमल पत्तियों को दिन में 3 से 4 बार चबाने से मुंह के छालों में लाभ होता है।
नीम और कत्थे को अच्छी तरह से पीसकर चूर्ण बनाकर बना लें। इसके चूर्ण को छालों पर लगाकर लार को टपकाने से मुंह के छाले नष्ट हो जाते हैं।
नीम की पत्तियों को पानी में उबाल लें। इस पानी से बार-बार कुल्ला करने से मुंह के छाले व घाव नष्ट हो जाते हैं।
थोड़ी-सी नीम की पत्तियों को पीसकर देशी घी में मिलाकर मुंह के छालों पर लगाने से छाले नष्ट हो जाते हैं।
72. अण्डा : अण्डे के सफेद तरल द्रव को गाय के दूध के साथ मिलाकर पीने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।
छोटी हरड़ को बारीक पीसकर छालों पर लगाने से मुंह व जीभ के छालें मिट जाते हैं।
छोटी हरड़ को रात को भोजन करने के बाद चूसने से मुंह के छाले खत्म हो जाते हैं।
पिसी हुई हरड़ को 1 चम्मच की मात्रा में रोजाना रात को सोते समय गर्म दूध या गर्म पानी के साथ फंकी लेने से छालों में आराम मिलता है।
छोटी हरड़ को पानी में घिसकर छालों पर 3 बार रोज लगाने से आराम मिलता है।
धनिये को बारीक पीसकर खाने के सोडे के साथ मिला लें। इस मिश्रण को मुंह के छालों पर लगाने से आराम मिलता है।
हरे धनिये की पत्तियों को चबाने से मुंह के छाले नष्ट हो जाते हैं।
सूखे धनिये और शहतूत को पानी में उबालकर कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
धनिये के 50 दानों को पीसकर सरसों के तेल में पका लेना चाहिए। फिर कपड़े से छानने के बाद रूई की फुरेरी से इस तेल को जीभ पर लगाना जरूरी होता है। इसे लगाने के तुरंत बाद मुंह खोलकर लार टपका देना जरूरी होता है। दिन में 4 बार यह क्रिया करने से मुंह के छालों में आराम मिलता है।
तालु में छाले आंतों की गर्मी से निकल आते हैं। ऐसी दशा में रोगी को भोजन करना कठिन हो जाता है। इसके लिए रोगी को धनिये के पानी से कुल्ले करने चाहिए। सबसे पहले 50 ग्राम धनिये को 2 लीटर पानी में पका लें। इसके बाद इस पानी को छानकर कुल्ला करना चाहिए। दिन में 3 बार कुल्ला करने से रोगी को काफी आराम मिलता है। भोजन में मीठा दलिया, मूंग की दाल की रोटी, दूध, चाय आदि लेना चाहिए। छालों की जितनी अधिक सिंकाई होगी, उतना ही आराम मिलेगा। धनिये के पानी में ग्लिसरीन मिलाकर फुरेरी से तालु पर लगाना चाहिए। कुछ क्षण बाद लार टपका देनी चाहिए। इससे रोगी के छाले तीसरे दिन में ही सूखना शुरू हो जाएंगे। रोगी को रात में पूरी नींद लेनी चाहिए।
5 ग्राम देशी घी में पिसा कत्था और 5 ग्राम धनियां को पीसकर मिला लेना चाहिए। फिर इस मरहम को छालों पर लगाकर लार टपका देनी चाहिए। इससे 2 दिन में छाले सूखने शुरू हो जाते हैं। छालों का इलाज करने से पूर्व यदि पेट को साफ कर लिया जाए तो काफी लाभ होता है। कभी-2 ये छाले आंतों में होने वाली गर्मी से भी हो जाते हैं। छालों के बीच कम नमक का फीका भोजन लेना चाहिए। दूध, नींबू की गर्म शिकंजी, दलिया, साबूदाना आदि का सेवन छालों के लिए काफी लाभकारी रहता है।
धनिए के बारीक चूर्ण को खाने वाले सोडे़ में मिलाकर मुंह के छालों पर लगाने से लाभ होता है।
मुलेठी के चूर्ण को फूले हुए कत्थे के साथ मिलाकर छालों पर लगाएं और लार बाहर टपकने दें। इससे मुंह की गंदगी खत्म होकर मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।
मुलेठी का चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से छाले सूख जाते हैं।
मुलेठी का टुकड़ा मुंह में रखकर चूसने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं। इसके चूर्ण को थोड़े-से शहद में मिलाकर चाटने से भी आराम होता है।
मुलेठी को मुंह में रखकर चूसने से छालों में होने वाली जलन और दर्द आदि खत्म हो जाते हैं।
धनिए के बारीक चूर्ण को खाने वाले सोडे़ में मिलाकर मुंह के छालों पर लगाने से लाभ होता है।
फिटकरी को पानी में घोलकर इसके पानी से दिन में 3-4 बार कुल्ला करने से मुंह के छाले व जख्म नष्ट हो जाते हैं।
आधा चम्मच फिटकरी का चूर्ण और आधा चम्मच इलायची का चूर्ण लेकर थोड़ी-थोड़ी देर बाद मुंह के छालों पर छिड़कने से आराम मिलता है।
फिटकरी को फुलाकर नीलाथोथा के साथ मिलाकर कूटकर चूर्ण बना लें। इसके चूर्ण को छालों पर लगाकर लार को नीचे टपकने दें। यह मुंह की गन्दगी को खत्म करके छालों को नष्ट करता है।
चौथाई चम्मच फिटकरी और आधा चम्मच नमक को लेकर 1 गिलास पानी में मिलाकर कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
फिटकरी को पानी में घोलकर कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
सफेद फिटकरी और नीला थोथा को बराबर मात्रा में मिला लें। रुई का फोया भिगोकर उस पर 1 ग्राम यह पाउडर डालकर छालों पर 1 मिनट लगाएं रखें और लार थूकते रहें, निगलें नहीं। किसी भी अवस्था में यह पेट में नहीं जाना चाहिए क्योंकि यह मिश्रण जहरीला होता है। यह 2 ग्राम पाउडर 1 गिलास पानी में घोलकर कुल्ला भी कर सकते हैं। अंत में साफ पानी से कुल्ला कर लेते हैं। इससे छालों में तुरन्त ही लाभ मिलता है।
तवे पर सुहागे को फुलाकर शहद के साथ छालों पर लगाने से लाभ मिलता है।
छोटी इलायची को पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। फिर इस चूर्ण को शहद में मिलाकर मुंह के छालों पर लगायें।
फिटकरी को पानी में घोल लें और एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर कुल्ला करें। यह कुल्ला भोजन करने से पहले सुबह, दोपहर तथा शाम को करना चाहिए।
पेट में गर्मी ज्यादा हो तो त्रिफला का चूर्ण शहद के साथ लेना चाहिए। केवल आंवले का चूर्ण शहद के साथ लेने से भी पेट की गर्मी शांत होती है और मुंह के छाले सही होने लगते हैं।
मुंह के छाले व दानों में 3 ग्राम ईसबगोल की भूसी को मिश्री में मिलाकर हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करने से रोगी को लाभ होता है।
ईसबगोल को गर्म पानी में घोलकर दिन में 2 बार कुल्ला करने से कब्ज और छाले समाप्त हो जाते हैं।
ईसबगोल को पानी में डालकर रख दें। लगभग 2 घंटे के बाद उस पानी को कपड़े में छानकर कुल्ला करने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।
3 ग्राम बड़ी इलायची, 10 ग्राम बबूल का गोंद, 10 ग्राम मिश्री और 2 ग्राम नीम की पत्तियों को बारीक पीसकर चूर्ण बनाकर रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से मुंह के छाले जल्दी ठीक हो जाते हैं।
इलायची को पीसकर शहद के साथ मिलाकर छालों पर लगाने से लाभ मिलता है।
मुंह के छालों पर वंशलोचन, छोटी इलायची के बीज और कत्था को बारीक पीस कर पॉउडर बना लें। इसके पॉउडर को छालों पर छिड़कने से व लार टपकाने से मुंह की गंदगी खत्म होकर मुंह के छाले समाप्त हो जाते हैं।
कपूर का पाउडर छालों पर लगाने से मुंह के छाले व दाने खत्म हो जाते हैं।
मिश्री को बारीक पीसकर उसमें थोड़ा-सा कपूर मिलाकर मुंह में लगायें। इससे मुंह के छाले व मुंहपाक खत्म हो जाता है। बच्चों के मुंह आने (छाले) पर इसको लगाने से लाभ होता है।
कपूर को नारियल के तेल में मिलाकर छालों पर लगाने से मुंह के छालों में आराम मिलता है।
देशी घी में कपूर मिलाकर रोजाना 4 बार लगायें और लार गिराते रहें। फिर कुछ देर बाद कुल्ला करने से मुंह के छालों में आराम मिलता है।
कपूर और मिसरी को बराबर मात्रा में मिलाकर चुटकी भर की मात्रा में 3 से 4 बार चूसने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।
Popular Posts
- लिंग में वृद्धि (Enlargement of the penis) ling me varidhi
- Why Trainers Believe That Barbell Hip Thrusts Are Key for Your Glutes Workouts
- वीर्य की कमी (SEXUAL DEBILITY)
- शीघ्रपतन EARLY EJACULATION
- पैरों की अंगुलियां गलना pair ki ungaliya galna
- (आग से जलना) aag se jalna
- योनि (स्त्री जननांग) को छोटी करना yoni ko choti karna
- याद्दाश्त का कमजोर होना
- कनफेड kanfoda
- स्तनों की सौंदर्यता के लिए satan ki sundarta