मोटापा
सामान्य रूप से शरीर में बनने वाली चर्बी से शरीर को रोगों से लड़ने की ताकत मिलती है लेकिन जब चर्बी सामान्य से अधिक बनने लगती है तो हमारा शरीर थुलथुल व मोटा हो जाता है। इस तरह अधिक चर्बी जमा होने से शरीर की अंगों की त्वचा लटकने लगती और शरीर बेडौल हो जाता है। इस तरह शरीर में अनावश्यक चर्बी बनने को मोटापा कहते हैं।परिचय :
विभिन्न भाषाओं में नाम :
भोजन में न तो ज़रूरत से अधिक कटौती करनी चाहिए और न ही अधिक मात्रा में भोजन करना चाहिए।
विवाह करने या सुंदर दिखने के लिए अपने शरीर से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए क्योंकि अधिक कठिन कदम उठाने से अनेक प्रकार की परेशानियां पैदा होती है।
किसी संस्था में विशेषज्ञों की देखरेख में कम से कम 10 से 12 दिन तक उपवास करें।
मक्खन, मार्गेरीन, वनस्पति चिकनाई, तेल और तली हुई चीजे कम मात्रा में खाना चाहिए।
क्रीम निकले हुए दूध का ही सेवन करना चाहिए।
पानी वाले पदार्थो का अधिक सेवन करना चाहिए क्योंकि इससे खनिज तत्व, विटामिन और कैलोरी मिलती है। इससे अधिक भूख कम होती है।
खाना खाने के साथ नहीं बल्कि भूख लगने पर फल का सेवन करना चाहिए।
पढ़ते या टेलीविजन को देखते हुए खाना न खाए क्योंकि इस तरह ध्यान बंट जाने से आप अधिक खा लेते हैं।
भोजन के साथ सलाद लेना चाहिए और भोजन को अच्छी तरह चबा-चबाकर खाएं। भोजन के बीच में पानी न पीएं बल्कि पानी भोजन करने के आधा घंटे पहले या एक घंटे बाद ही पानी पीएं।
शादी व पार्टी में अधिक खाना नहीं खाना चाहिए।
डाइटिंग के दौरान कभी कोई भूल या गलती हो जाने पर अधिक परेशान न हो।
वजन लेकर निराश न हों क्योंकि वजन तो घटता-बढ़ता रहता है। अस्थाई असफलताओं से कार्यक्रम में बाधा नहीं पड़नी चाहिए।
रोटियों पर घी लगाकर बच्चों को न खिलाऐ।
भोजन बनाते समय मकई का तेल प्रयोग करें क्योंकि यह चर्बी की मात्रा कम रहती है।
बच्चों को तैराकी के प्रति रुचि जगानी चाहिए क्योंकि तैराकी एक अच्छा व्यायाम है जिससे मोटापा (चर्बी) कम होता है।
सर्दी के मौसम में दिनों में बच्चे को सोने से रोकना चाहिए क्योंकि सर्दी के दिनों में सोने से शरीर पर चर्बी बढ़ती है।
कब्ज से बचाव के लिए रात को सोने से पहले त्रिफला का चूर्ण 2 से 3 ग्राम की मात्रा में हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करें।
संतुलित, स्वच्छ और आंतरिक शुद्धि करने वाले भोजन ही करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से शरीर में मौजूद जहर समाप्त हो जाता है।
व्यक्ति को लम्बी व गहरी सांस लेनी चाहिए तथा सांस प्राणायाम करना चाहिए क्योंकि शरीर में अधिक से अधिक ऑक्सीजन से विजातीय तत्व नष्ट होते हैं।
नियमित रूप से व्यायाम करने से शरीर सुडौल, मजबूत और सुंदर बनता है।
शरीर और मस्तिष्क को चिंता से मुक्त रखने से शरीर में खून का संचार सही रूप से होता है। शरीर में मौजूद विजातीय तत्व बाहर निकल जाते हैं।
कैल्शियम युक्त पदार्थ खाने से हार्मोन रिलीज होता है जो मेटाबोलिज्म और खून का संचार को संतुलित करता है। इससे कैलोरीज नष्ट होती है और मोटापा अपने-आप कम होता है।
दिन में केवल एक बार फलों का रस सेवन करें।
मोटापे को कम करने के लिए खाने के सम्बंध में कुछ दिशा-निर्देश नीचे दिये गए हैं जो इस प्रकार से हैं-
दिशा-निर्देश समय
शहद मिला हुआ एक गिलास नींबू का रस। 6.00 बजे सुबह
एक फल और छाछ 8.00 बजे सुबह
100 ग्राम कच्चा सलाद, 300 ग्राम सब्जियां,
3 चपाती, 200 ग्राम चावल, दलिया, खिचड़ी,
एक दिन छोड़कर दाल, छाछ, सूप। 12.00 से 1.00 बजे के बीच
फल का रस, कोई रसीला फल शाम 4.00 बजे
2 या तीन तरह के फल और
इनमें से प्रत्येक 100 ग्राम की मात्रा में लें।
200 ग्राम सब्जियां भाप में पकी हुई लें। शाम 7.00 बजे
एक बड़ा चम्मच अंकुरित दाल और सूप लें।
विभिन्न औषधियों के द्वारा रोग का उपचार :
नींबू :
25 मिलीलीटर नींबू के रस में 25 ग्राम शहद मिलाकर 100 मिलीलीटर गर्म पानी के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से मोटापा दूर होता है।
एक नींबू का रस प्रतिदिन सुबह गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से मोटापे की बीमारी दूर होती है।
1 नींबू का रस 250 मिलीलीटर पानी में मिलाकर थोड़ा सा नमक मिलाकर सुबह-शाम 1-2 महीने तक पीएं। इससे मोटापा दूर होता है।
नींबू का 25 मिलीलीटर रस और करेला का रस 15 मिलीलीटर मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से मोटापा नष्ट होता है।
250 मिलीलीटर पानी में 25 मिलीलीटर नींबू का रस और 20 ग्राम शहद मिलाकर 2 से 3 महीने तक सेवन करने से अधिक चर्बी नष्ट होती है।
1-1 कप गर्म प्रतिदिन सुबह-शाम भोजन के बाद पीने से शरीर की चर्बी कम होती है। इसके सेवन से चर्बी कम होने के साथ-साथ गैस, कब्ज, कोलाइटिस (आंतों की सूजन) एमोबाइसिस और कीड़े भी नष्ट होते हैं।
3. मूली :
मूली के बीजों के चूर्ण को 3 से 6 ग्राम शहद मिले पानी में मिलाकर सुबह-शाम पीने से मोटापे की बीमारी से छुटकारा मिलता है।
मूली के 100-150 मिलीलीटर रस में नींबू का रस मिलाकर दिन में 2 से 3 बार पीने से मोटापा कम होता है।
मूली के बीजों का चूर्ण 6 ग्राम यवक्षार के साथ खाकर ऊपर से शहद और नींबू का रस मिला हुआ एक गिलास पानी पीने से शरीर की चर्बी घटती है।
6 ग्राम मूली के बीजों के चूर्ण को 20 ग्राम शहद में मिलाकर खाने और लगभग 20 ग्राम शहद का शर्बत बनाकर 40 दिनों तक पीने से मोटापा कम होता है।
मूली के बीजों के चूर्ण में शहद में मिलाकर सेवन करने से मोटापा दूर होता है।
5. चूना : बिना बुझा चूना 15 ग्राम पीसकर 250 ग्राम देशी घी में मिलाकर कपड़े में छानकर सुबह-शाम 6-6 ग्राम की मात्रा में चाटने से मोटापा कम होता है।
6. सहजन : सहजन के पेड़ के पत्ते का रस 3 चम्मच की मात्रा में प्रतिदिन सेवन करने से त्वचा का ढीलापन दूर होता है और चर्बी की अधिकता कम होती है।
7. विजयसार : विजयसार के काढ़े में शहद मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है।
8. अर्जुन : अर्जुन के 2 ग्राम चूर्ण को अग्निमथ के काढ़े में मिलाकर पीने से मोटापा दूर होता है।
9. भृंगराज : भृंगराज के पेड़ के ताजे पत्ते का रस 5 ग्राम की मात्रा में सुबह पानी के साथ प्रयोग करने से मोटापा कम होता है।
10. शहद : 120 से 240 ग्राम शहद 100 से 200 मिलीलीटर गुनगुने पानी के साथ दिन में 3 बार लेने से शरीर का थुलथुलापन दूर होता है।
11. वायविडंग :
तुलसी के कोमल और ताजे पत्ते को पीसकर दही के साथ बच्चे को सेवन कराने से अधिक चर्बी बनना कम होता है।
तुलसी के पत्तों के 10 मिलीलीटर रस को 100 मिलीलीटर पानी में मिलाकर पीने से शरीर का ढीलापन व अधिक चर्बी नष्ट होती है।
तुलसी के पत्तों का रस 10 बूंद और शहद 2 चम्मच को 1 गिलास पानी में मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से मोटापा कम होता है।
14. टमाटर : टमाटर और प्याज में थोड़ा-सा सेंधानमक डालकर खाना खाने से पहले सलाद के रूप में खाने से भूख कम लगती है और मोटापा कम होता है।
15. त्रिफला :
रात को सोने से पहले त्रिफला का चूर्ण 15 ग्राम की मात्रा में हल्के गर्म पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इस पानी को छानकर शहद मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करें। इससे मोटापा जल्दी दूर होता है।
त्रिफला, त्रिकुटा, चित्रक, नागरमोथा और वायविंडग को मिलाकर काढ़ा में गुगुल को डालकर सेवन करें।
त्रिफले का चूर्ण शहद के साथ 10 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 बार (सुबह और शाम) पीने से लाभ होता है।
2 चम्मच त्रिफला को 1 गिलास पानी में उबालकर इच्छानुसार मिश्री मिलाकर सेवन करने से मोटापा दूर होता है।
त्रिफला का चूर्ण और गिलोय का चूर्ण 1-1 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ चाटने से पेट का बढ़ना कम होता है।
हरड़ 500 ग्राम, 500 ग्राम सेंधानमक व 250 ग्राम कालानमक को पीसकर इसमें 20 मिलीलीटर ग्वारपाठे का रस मिलाकर अच्छी तरह मिलाकर सूखा लें। यह 3 ग्राम की मात्रा में रात को गर्म पानी के साथ प्रतिदिन सेवन करने से मोटापे के रोग में लाभ मिलता है।
हरड़ पीसकर बारीक चूर्ण बना लें और इसे नहाने से पहले पूरे शरीर पर लगाकर नहाएं। इससे पसीने के कारण आने वाली बदबू दूर होती है।
हरड़, बहेड़ा, आंवला, सोंठ, कालीमिर्च, पीपल, सरसों का तेल और सेंधानमक को एक साथ पीसकर 6 महीने तक लगातार सेवन करने से मोटापा, कफ और वायु रोग समाप्त होता है।
सोंठ, जवाखार, कांतिसार, जौ और आंवला बराबर मात्रा में लेकर पीसकर छान लें और इसमें शहद मिलाकर पीएं। इससे मोटापे की बीमारी समाप्त हो जाती है।
सोंठ, कालीमिर्च, छोटी पीपल, चव्य, सफेद जीरा, हींग, कालानमक और चीता बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह से पीसकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण सुबह 6 ग्राम चूर्ण में गर्म पानी के साथ पीने से मोटापा कम होता है।
गिलोय, हरड़, बहेड़ा और आंवला मिलाकर काढ़ा बनाकर इसमें शुद्ध शिलाजीत मिलाकर खाने से मोटापा दूर होता है और पेट व कमर की अधिक चर्बी कम होती है।
गिलोय 3 ग्राम और त्रिफला 3 ग्राम को कूटकर चूर्ण बना लें और यह सुबह-शाम शहद के साथ चाटने से मोटापा कम होता है।
गिलोय, हरड़ और नागरमोथा बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें। यह 1-1 चम्मच चूर्ण शहद के साथ दिन में 3 बार लेने से त्वचा का लटकना व अधिक चर्बी कम होता है।
गुग्गुल, त्रिकुट, त्रिफला और कालीमिर्च बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और इस चूर्ण को अच्छी तरह एरण्ड के तेल में घोटकर रख लें। यह चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से मोटापा की बीमारी ठीक होती है।
1 से 2 ग्राम शुद्ध गुग्गुल को गर्म पानी के साथ दिन में 3 बार सेवन करने से अधिक मोटापा कम होता है।
22. सरसो : सरसो के तेल से प्रतिदिन मालिश करने से मोटापा नष्ट होता है।
23. दही : दही को खाने से मोटापा कम होता है।
24. छाछ : छाछ में कालानमक और अजवायन मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है।
25. आलू :
27. कुल्थी : 100 मिलीलीटर कुल्थी की दाल प्रतिदिन सेवन करने से चर्बी कम होती है।
28. पीपल : 4 पीपल पीसकर आधा चम्मच शहद मिलाकर सेवन करने से मोटापा कम होता है।
29. पालक :
भोजन से पहले 1 गिलास गुनगुना पानी पीने से भूख का अधिक लगना कम होता है और शरीर की चर्बी घटने लगती है।
बासी ठंडे पानी में शहद मिलाकर प्रतिदिन पीने से मोटापा में लाभ मिलता है।
250 मिलीलीटर गुनगुने पानी में 1 नींबू का रस और 2 चम्मच शहद मिलाकर खाली पेट पीना चाहिए। इससे अधिक चर्बी घटती है और त्वचा का ढीलापन दूर होता है।
32. कूठ : कूठ को गुलाब जल में पीसकर पेट पर लेप करने से पेट की बढ़ती हुई अवस्था में लाभ होता है। इसका लेप हाथ, पांव पर लेप करने से सूजन कम होती है।
33. माधवी : माधवी के फूल की जड़ 10 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम छाछ के साथ सेवन करने से कमर पतली व सुडौल होता है।
34. बरना : बरना के पत्तों का साग नियामित रूप से सेवन करने से मोटापा दूर होता है।
35. एरण्ड :
पिप्पली का चूर्ण लगभग आधा ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम शहद के साथ प्रतिदिन 1 महीने तक सेवन करने से मोटापा समाप्त होता है।
पीप्पल 150 ग्राम और सेंधानमक 30 ग्राम को अच्छी तरह पीसकर कूटकर 21 खुराक बना लें। यह दिन में एक बार सुबह खाली पेट छाछ के साथ सेवन करें। इससे वायु के कारण पेट की बढ़ी हुई चर्बी कम होती है।
पिप्पली के 1 से 2 दाने दूध में देर तक उबाल लें और दूध से पिप्पली निकालकर खा लें और ऊपर से दूध पी लें। इससे मोटापा कम होता है।
जौखार 35 ग्राम और चित्रकमूल 175 ग्राम को अच्छी तरह पीसकर चूर्ण बना लें। यह 5 ग्राम चूर्ण एक नींबू का रस, शहद और 250 मिलीलीटर गुनगुने पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट लगातार 40 दिनों तक पीएं। इससे शरीर की फालतू चर्बी समाप्त हो जाती है और शरीर सुडौल होता है।
जौखार का चूर्ण आधा-आधा ग्राम दिन में 3 बार पानी के साथ सेवन करने से मोटापा दूर होता है।
39. माजून मुहज्जिल : माजून मुहज्जिल 10 ग्राम की मात्रा में लेकर पानी के साथ रात को सोते समय पीने से पेट का बढ़ना कम होता है।
40. बबूल : बबूल के पत्तों को पानी के साथ पीसकर शरीर पर करने से त्वचा का ढीलापन दूर होकर मोटापा कम होता है।
41. सुगन्धबाला : सुगन्धबाला, नागकेशर और मोतिया के पत्तों को बारीक पीसकर शरीर पर लगाने से पसीने के कारण आने वाली बदबू दूर होती है।
42. चित्रक : चित्रक की जड़ का बारीक चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से पेट की बीमारियां और मोटापा समाप्त होता है।
43. बेल :
45. समुद्रफेन : समुद्रफेन को ब्राह्मी के रस में पीसकर शरीर पर लगाने से पसीने की बदबू समाप्त होती है।
46. हल्दी : हल्दी को दूध में मिलाकर शरीर पर लेप करने से लाभ होता है।
47. असगंध : असगंध 50 ग्राम, मूसली 50 ग्राम और काली मूसली 50 की मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और 10 ग्राम की मात्रा में सुबह दूध के साथ लेने से मोटापे की बीमारी समाप्त होती है।
48. अजवायन : अजवायन 20 ग्राम, सेंधानमक 20 ग्राम, जीरा 20 ग्राम और कालीमिर्च 20 ग्राम को कूटकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण प्रतिदिन सुबह खाली पेट छाछ के साथ पीएं। इससे शरीर की अधिक चर्बी नष्ट होती है।
49. फलालैन : फलालैन का कपड़ा ढीला करके गले पर लपेटकर रखने से गले की अधिक चर्बी कम होती है।
50. चावल : चावल का गर्म-गर्म मांड लगातार कुछ दिनों तक सेवन करने से मोटापा दूर होता है।
51. करेला : करेले के रस में 1 नींबू का रस मिलाकर सुबह सेवन करने से शरीर की चर्बी कम होती है।
52. चाय : चाय में पोदीना डालकर पीने से मोटापा कम होता है।
53. दालचीनी : एक कप पानी में आधा चम्मच दालचीनी का चूर्ण डालकर उबालतें और इसमें एक चम्मच शहद प्रतिदिन सुबह खाली पेट और रात को सोते समय खाएं। इससे शरीर का अधिक वनज कम होता है और मोटापा दूर होता है।
54. रस : फलों का रस बहुत उपयोगी है। मोटापा कम करने के लिए 6 से 8 महीने तक फलों का रस लेना लाभदायक होता है। इसके सेवन से किसी भी प्रकार के दुष्परिणामों का सामना नहीं करना पड़ता। फलों का रस कैलोरी को कम करता है जिससे स्वभाविक रूप से वसा कम हो जाती है। इससे शरीर का वजन और मोटापा कम होता है। गाजर, ककड़ी, पत्तागोभी, टमाटर, तरबूज, सेब व प्याज का रस फायदेमंद होता है।
55. धनिया : सूखा धनिया 10 ग्राम, गुलाब के सूखे फूल 20 ग्राम और मिश्री को मिलाकर चूर्ण बना लें और यह 2-2 चुटकी सुबह-शाम दूध के साथ लेने से चर्बी नष्ट होती है और मोटापा दूर होता है।
56. छाछ : मोटापे से परेशान व्यक्ति को प्रतिदिन छाछ पीना चाहिए।
57. ईसबगोल : ईसबगोल के नियमित सेवन करने से कोलेस्ट्राल नियंत्रित होता है और शरीर में अधिक चर्बी नहीं बनता।
58. अनन्नास : प्रतिदिन अनन्नास खाने से स्थूलता नष्ट होती है क्योंकि अनन्नास चर्बी को नष्ट करता है