रक्तातिसार
रक्तातिसार रोग में दस्त के साथ खून आने लगता है। इस रोग में कभी-कभी खून अधिक मात्रा आता जिसे खूनी दस्त या पेचिश कहते हैं।परिचय :
सावधानी :
20 ग्राम जामुन की गुठली को पानी में पीसकर सुबह-शाम सेवन करने से खूनी दस्त (रक्तातिसार) रोग ठीक होता है।
जामुन के पेड़ की छाल को दूध के साथ पीसकर शहद मिलाकर पीने से दस्त में खून आना बंद होता है।
जामुन के पत्तों के रस में शहद, घी और दूध मिलाकर सेवन करने से रक्तातिसार दूर होता है।
जामुन का रस और गुलाब का रस मिलाकर दिन में 2-3 बार पीने से खून दस्त ठीक होता है।
बेल का गूदा 50 ग्राम और गुड़ 20 ग्राम को मिलाकर दिन में 3 बार खाने से खूनी अतिसार ठीक होता है।
बेल के कच्चे फल को भूनकर या कच्चे फल को सुखाकर प्रतिदिन सेवन करने से दस्त में धीरे-धीरे खून कम होकर खूनी दस्त ठीक होता है।
चावल के 20 ग्राम धोवन में बेल की गिरी का 2 ग्राम चूर्ण और 1 ग्राम मुलेठी का चूर्ण मिलाकर इसमें तिल, चीनी व शहद 3-3 ग्राम मिलाकर दिन में 2 से 3 बार सेवन करें। इससे दस्त के साथ खून व आंव आना बंद होता है।
बेल का गूदा 10 ग्राम, धनियां 10 ग्राम और मिश्री 20 ग्राम को एक साथ पीसकर 2 से 6 ग्राम की मात्रा लेकर ताजे पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करने से खून दस्त में लाभ मिलता है।
40 ग्राम काले तिल को 10 ग्राम चीनी में मिलाकर लगभग 3-6 ग्राम की मात्रा में दिन में 3 बार लेने से दस्त के साथ खून आना ठीक होता है।
10 ग्राम काले तिल को पीसकर 100 से 150 मिलीलीटर बकरी के दूध में मिलाकर इसमें 5 ग्राम चीनी मिलाकर सेवन करने से खूनी दस्त व बवासीर ठीक होता है।
तिल को पीसकर मक्खन में मिलाकर खाने से खूनी अतिसार में लाभ मिलता है।