अण्डकोष के एक सिरे का बढ़ना





अण्डकोष के एक सिरे का बढ़ना


         जब अण्डकोष में पानी जमा होने लगता है तो अण्डकोष धीरे-धीरे आकार में भी बढ़ने लगता है। ऊपर का चमड़ा भी कड़ा हो जाता है। कभी-कभी एक तरफ का मांस भी बढ़ जाता है। यह अण्डकोष के एक सिरे का बढ़ना कहलाता है। इस रोग के शुरूआत में ध्यान न देने से यह रोग और बढ़ जाता है।परिचय :

भोजन तथा परहेज :

1. कंटकरंज : कंटकरंज के बीजों का चूर्ण एरण्ड के पत्ते पर डालकर अण्डकोष के बढ़े हिस्से और अण्डकोष की सूजन वाली जगह बांधने, और लगभग आधा से 1 ग्राम कंटकरंज के बीजों की मज्जा सुबह-शाम कालीमिर्च के साथ सेवन करने से अधिक लाभ होता है।
2. लकजन : लकजन को पीसकर अण्डकोष के बढ़े वाले जगह पर बांधने से अण्डकोष में लाभ होता है।
3. मोरवा (एक सिरा) : मोरवा का फल कमर में बांधने से अण्डकोष के बढे़ हुए एक सिरे की वृद्धि ठीक हो जाती है।
4. छोटी कटेरी : छोटी कटेरी की जड़ की छाल कच्ची और गीली हो तो 15-20 ग्राम, और सूखी हो तो 10 ग्राम, में 6 ग्राम कालीमिर्च, दोनों को अच्छी तरह से पीसकर मिलाकर 1 कप पानी में घोलकर, नित्यक्रिया से निवृत होने के बाद सेवन करायें। इसे लगातार 1 सप्ताह तक इसका सेवन करने से अण्डकोष के एक सिरे की वृद्धि ठीक हो जाती है।
5. एरण्ड : 2 चम्मच एरण्ड तेल सुबह-शाम दूध में मिलाकार सेवन करने से अण्डकोष के वृद्धि ठीक हो जाती है, साथ ही इस तेल की मालिश भी करनी चाहिए।
6. आम :
7. भिलावां : भिलावा और हल्दी घिसकर अण्डकोष की वृद्धि पर लेप करें। साथ ही कण्डे की आग से सिंकाई करें, इससे अण्डकोष की वृद्धि नष्ट होती है।
8. महुआ : महुआ के ताजे फूलों, को लेकर पानी में डालकर उसे उबालें, जब भाप निकलने लगे तो उस भाप से अण्डकोष को सेंके। इससे अण्डकोष में होने वाले दर्द, और अण्डकोष की वृद्धि ठीक हो जाती है।
9. चना : चने के बेसन को पानी और शहद में मिलाकर अण्डकोष के सूजन पर लगाने से लाभ होता है।
10. आक (अकवन) : आक के पत्तों में शुद्ध सरसों तेल लगाकर आग पर सेंक करें, या अण्डकोष पर बांध दें। इसे रात में सोते समय प्रयोग करें। सुबह इसे उठकर खोल दें। इससे लाभ होता है।
11. अरहर : अरहर की दाल को पानी में भिगो दें। उसी पानी में उसे बारीक पीसकर थोड़ा गर्म करें। इसके बाद उसे अण्डकोष पर लगायें। इसे सुबह-शाम कुछ दिनों तक ऐसा ही करने से अण्डकोष में लाभ होता है।
12. तंबाकू : तंबाकू के ताजे पत्ते पर सरसों का तेल लगाकर आग पर सेंकने से अण्डकोष को लाभ मिलता है।
13. धतूरा : धतूरे के ताजे पत्ते पर सरसों के तेल के लेप को आग में सेंक दें। फिर उसे अण्डकोष पर बांध दें। रोजाना रात में सोते समय इस उपचार को करें। इससे अण्डकोष की वृद्धि ठीक हो जाती है।
14. किशमिश : किशमिश को रोजाना खाने से अण्डकोष का बढ़ा हुआ हिस्सा ठीक होता है।
15. करंज : चावल के पानी मे करंज की जड़ को घिसकर लेप करना चाहिए।





अण्डकोष की जलन








अण्डकोष की जलन

भोजन तथा परहेज :  

1. शराब : शराब के साथ खुरासानी अजवायन को पीसकर अण्डकोष की जलन वाली जगह लेप करने से अण्डकोष के सूजन और दर्द कम हो जाते है।
2. जीरा : सफेद जीरा शराब में मिलाकर लेप करने से अण्डकोष की जलन, सूजन, दर्द दोनों से आराम मिलता है।
3. सिनुआर : 10-20 मिलीलीटर सिनुआर के पत्ते का रस सुबह-शाम दें, और सिनुआर, करंज, नीम और धतुरे के पत्तों को पीसकर हल्का-सा गुनगुना बांधनें से जलन, सूजन, और पीड़ा मिट जाती है।
4. नागदन्ती : 3-6 ग्राम नागदन्ती की जड़ की छाल सुबह-शाम दालचीनी या लौंग के साथ सेवन करने से अण्डकोष की जलन कम हो जाती है।
5. महुआ : महुआ के फूलों से अण्डकोष को सेंकने से अण्डकोष की पीड़ा जलन, सूजन सभी में आराम मिलता है।
6. तीसी : तीसी की पट्टी एरण्ड के पत्ते पर लगाकर हल्का गर्म करके बांधने से अण्डकोष की जलन सही हो जाती है।
7. पान : पान के पत्ते पर चूना, कत्था, तंबाकू डालकर बने बीड़े को पीसकर उसमें थोड़ा-सा घी मिलाकर एरण्ड के पत्ते पर फैलाकर कसकर बांधने से अण्डकोष की जलन, दर्द, कम हो जाता है।
8. ईसबगोल : ईसबगोल का गाढ़ा सा रस निकालकर अण्डकोष के दर्द वाले जगह लेपकर ऊपर से कागज चिपका दें। इससे अण्डकोष की जलन मिट जाती है।
9. सौंफ : 6 ग्राम सौंफ के चूर्ण को सुबह-शाम सेवन करने से अण्डकोष की जलन मिट जाती है।
10. पलास :