स्तनों की घुण्डी का फटना satan ki gundi fatna

स्तनों की घुण्डी का फटना







           छोटे बच्चे कभी-कभी दांत से या एक स्तन को पीते समय दूसरे स्तन की घुण्डी (चूंची) को नाखून से जख्मी कर देता है। जब इस जख्म में बच्चे दबाव डालकर दूध पीते हैं तो दर्द और जख्म दर्द बढ़ जाता है, तो स्तनों में घुण्डी या चूंची का कटना या फटना कहलाता है।परिचय:

1. एरण्ड: एरण्ड के तेल से स्तन या स्तनों की चूंची विदार (घुण्डी फटने) में मालिश करने से लाभ मिलता है।
2. मक्खन: 108 बार धोये मक्खन में मुर्दासंग और सिन्दूर को डालकर पीसकर छान लें, इस पीसे मिश्रण को फिर से 21 बार धोने के बाद स्तन पर लगाने से घुण्डी फटने का जख्म ठीक होने लग जाता है।
3. चिरायता: चिरायता को पीसकर घुण्डी के जख्म पर लगाने से लाभ होगा।
4. नीम: नीम के तेल और तिल के तेल को बराबर मात्रा में लेकर स्तनों के निप्पल (घुण्डी) के जख्म पर प्रतिदिन 2 से 3 बार लगाने से जख्म भरने लगता है।
5. तुम्बक: तुम्बक (तेजफल) को पीसकर चूर्ण बनाकर रख लें, फिर इसी बने चूर्ण को एक चौथाई ग्राम से आधा ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम प्रयोग करने से स्तनों की घुण्डी में बच्चे के दांत के द्वारा काटने से हुए जख्म में आराम मिलता है।
6. कायफल :
7. मुलहठी: मुलहठी को बारीक पीसकर स्तनों की घुण्डी के जख्मों पर सुबह, दोपहर और शाम लगाने से लाभ मिलता है।
8. हरीतकी: हरीतकी (हर्रे) को पानी में पीसकर शहद के साथ मिलाकर स्तनों की जख्मी चूंची (घुण्डी) पर लगाने से जख्म जल्दी भरने लग जाते हैं





स्तनों का छोटा होना satan ka chota hona

स्तनों का छोटा होना







           शरीर के अन्य अंगों के अनुपात में नारी के स्तनों का छोटा रह जाना एट्रॉफी ऑफ ब्रेस्ट कहलाता है। स्तनों के अन्दर की ग्रंथियां पूर्णत: विकसित नहीं होने से इस तरह की स्थिति पैदा होती जाती है।परिचय:

1. कलौंजी: कलौंजी आधे से 1 ग्राम की मात्रा में रोज सुबह-शाम स्त्री को पिलाने से स्तन के आकार में वृद्वि हो जाती है।
2. गंभारी: गंभारी के रस और तिल के तेल को मिलाकर स्त्री के स्तनों पर धीरे-धीरे मालिश करें और इसी तेल में रूई को भिगोकर जनेन्द्रिय (सेक्सुल इन्द्री) में रखने से स्तनों के आकार में वृद्धि होती है।
3. एरण्ड: एरण्ड के तेल की मालिश करने से स्तनों का आकार बढ़ने लगता है।
4. काला जीरा: काला जीरा (स्याह जीरा) आधा से 2 ग्राम सुबह-शाम खाने से स्तनों में पहले की तुलना में वृद्धि होती है।
5. दुद्धी:
6. चौलाई: चौलाई (गेन्हारी) की सब्जी के पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) को अरहर (रहरी) की दाल के साथ मिलाकर खाने से पशु और स्त्री के स्तनों की वृद्धि होती है।
7. तोदरी: तोदरी के बीजों को पीसकर बारीक चूर्ण बनाकर रख लें, फिर इसी चूर्ण को 5 से 10 ग्राम की मात्रा में पानी में भिगोकर उसमें मिश्री को अच्छी तरह मिलाकर लई (लुआबदार) शर्बत बनाकर पीने से स्तनों के छोटे आकार में बदलाव मिलता है।
8. गजपीपल: गजपीपल, बच और असगंध को बराबर मात्रा में लेकर भैंस के दूध से बने मक्खन के साथ स्तनों पर लेप करने से स्तनों के छोटेपन से छुटकारा मिलता है।
9. बच:
10. हल्दी: हल्दी, खिरैटी, सेंधानमक और प्रियंगु को लेकर अच्छी तरह पकाने के लिए धीमी आग पर रखें, जब पानी थोड़ा-सा जल जाये तब तिल के तेल को डालकर थोड़ा-सा पका लें, फिर इसमें तेल से आधी मात्रा में भैंस के दूध से बने घी को मिलाकर पकायें, पानी के सूखने के बाद इस बने काढ़े को उतारकर रख लें, इसी बने काढ़े को रोजाना सुबह-शाम स्तनों की मालिश करने से स्तनों के आकार में वृद्धि होती है।
11. सफेद मोथा: सफेद मोथा के फूल को काली रंग की गाय के दूध में पीसकर स्तनों पर लेप करने से स्तनों के साइज (आकार) में वृद्धि होती है