जूं पड़ना jun padna



          जूं अक्सर हर किसी इंसान के सिर में पाई जाती है। वैसे तो ये ज्यादातर सिर में पाई जाती है लेकिन कभी-कभी ये त्वचा और जननांगों में भी हो जाती है। जूं जिसके सिर में होती है वह उसी का खून चूसकर ज़िंदा रहती है।परिचय :

कारण :

1. सुहागा : 20 ग्राम सुहागा और 20 ग्राम फिटकरी को 250 मिलीलीटर पानी में मिलाकर सिर पर मालिश करने से जुंए नष्ट हो जाती हैं।
2. पान : मूली और पान के रस में पारा मिला करके बालों में लगाने से जुएं जल्द मर जाती हैं।
3. नीम :
4. प्याज : प्याज का रस सिर में लगाने से जूएं मरकर निकल जाती हैं।
5. मैनफल : मैनफल का रस सिर में लगाने से जूएं मर जायेंगी।
6. शरीफा :
7. फिटकरी : 10 ग्राम फिटकरी के चूर्ण में 1 लीटर पानी मिला लें। इस तैयार घोल से रोजाना बालों को धोने से जुएं नष्ट हो जाती हैं।
8. नींबू :
9. अडूसा :
10. डिकामाली (नाड़ीहिंगु) : लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग डिकामाली सुबह-शाम गर्म पानी के साथ मिलाकर सेवन करने से जूएं मर जाती हैं।
11. सीताफल : सीताफल के बीजों को पीसकर लगाने से जुंए मर जाती हैं।
12. बथुआ : बथुआ के पत्तों को गर्म पानी में उबालकर छान लें और उसे ठंड़ा करके उसी पानी से माथे को खूब अच्छी तरह से धोयें। इससे बाल स्वच्छ हो जायेंगे और जूएं भी मर जायेंगी।
13. हींग : बिना भुनी हींग (कच्ची हींग) पानी में घोलकर बालों की जड़ों तक लगायें और पूरे बालों को इस घोल से गीला करके छोड़ दें, कुछ घंटों बाद नींबू रस मिले पानी से बालों को धो लें। इससे सारे जुंए मर जायेंगे और ऐसा रोजाना 1 बार कुछ दिन तक करें। इससे पूरे सिर के जूंए की सफाई भी हो जाएगी।
14. गांजा :
15. शिलारस : शिलारस को चौगुने तिल के तेल में मिलाकर लगाने से जूं मर जाती हैं।
16. शिकाकाई : शिकाकाई की फली के क्वाथ (काढ़े) से बालों को धोने से जूंए मरती हैं।
17. अमरबेल : हरे अमरबेल को पीसकर पानी के साथ मिला लें। इससे बालों को धोने से जूएं मर जायेंगी। इसे पीसकर तेल में मिलाकर लगायें। इससे बालों के उगने में लाभ होगा।
18. धतूरा : धतूरे के पत्तों को कूटकर उसका रस निकाल लें और इसे बालों में अच्छे से मालिश करें। इससे जूएं मर जायेंगी।
19. मूली : मूली के रस से सिर को धोने से लीखें और जुएं झड़ जाती हैं।
20. कालीमिर्च : 10 से 12 सीताफल के बीजों और 5 से 6 कालीमिर्चों को पीसकर, सरसों के तेल में मिलाकर और रात को सोने से पहले बालों की जड़ तक मलने से सिर की जूएं मर जाती हैं।
21. चुकन्दर :
22. अजवाइन :
23. कपूर : 3 चम्मच नारियल के तेल में थोड़ा-सा कपूर मिलाकर बालों की जड़ों में मलकर रात को सोयें। प्रात: बाल धोकर बारीक कंघी करें। इससे लीखें और जुओं का सफाया हो जायेगा।
24. सरसों का तेल : 25 मिलीलीटर नींबू का रस और 20 मिलीलीटर सरसों का तेल मिलाकर लगाने से जूं नष्ट हो जाती हैं।
25. बथुआ : बथुआ को उबालकर इसके पानी से सिर को धोने से जुंए मर जाती हैं और सिर के बाल साफ हो जाते हैं।
26. लहसुन : लहसुन को पीसकर नींबू के रस में मिलाकर रात को सोने से पहले सिर पर लगायें और सुबह धो लें। यह क्रिया 5 दिनों तक लगातार करने से सिर की जूं मरकर बाहर निकल जाती हैं।
सावधानी : इसे आंखों पर न लगने दें।

बाल झड़ना (गंजेपन का रोग) ganjapan baal ka jhadna


बाल झड़ना

     सिर के बाल जब उड़ जाते हैं तो खोपड़ी खल्वाट (बालों रहित) हो जाती है जिसे गंज कहते हैं।परिचय :  

विभिन्न भाषाओं में नाम :


अरबी

ताकपर, चुलीउत्थ।

बंगाली

तका, खालित्य।

डोंगरी

गेंजा, गेन्दा, गु गंजो।

हिन्दी

गंजा।

कन्नड़

कोऊडलु उदरूवुडु।

मलयालम

कसन्ती।

मराठी

टकला पाडने।

उड़िया

चांदा।

पंजाबी

वेंगंजा।

तमिल

त्रुकालुटा।

अंग्रेजी

अलापेसिया।

कारण :

           गंजापन और बाल झड़ने के विभिन्न कारण होते हैं जो निम्नलिखित हैं- मानसिक कार्य अधिक करना, वंशानुगत (पीढ़ियों से चला आया गंजापन का रोग), भोजन में विटामिन्स की कमी, वृद्धावस्था (बुढ़ापा), रक्तविकार (खून की खराबी), सिर में दाद, फेवस (रूसी) आदि। कंघी या सिर की मालिश करते समय टूटे बाल हाथ में आते रहते हैं। धीरे-धीरे सिर में बाल नहीं के बराबर रह जाते हैं।
1. हाथी-दांत : हाथी-दांत की राख में बकरी का दूध और रसौत को मिलाकर सिर पर लेप करने से बाल उगने लगते हैं।
2. आम : एक साल पुराने आम के अचार के तेल से रोजाना मालिश करें। इससे गंजेपन का रोग कम हो जाता है।
3. केला : पके केले के गूदे को नींबू के रस में मिलाकर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
4. दही : दही को तांबे के बर्तन से ही इतनी देर रगडे़ कि वह हरा हो जाए। इसे सिर में लगाने से गंजेपन की जगह बाल उगना शुरू हो जाते हैं।
5. पत्तागोभी : पत्तागोभी के रस से एक महीने तक सिर पर मालिश करने से गंजेपन का रोग सही हो जाता है।
6. फिटकरी : 5-5 ग्राम फिटकरी और छड़ेला को पानी के साथ पीसकर गंजेपन की जगह 3-4 दिनों तक लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
7. कबीला : 5-5 ग्राम कबीला, कच्चा सुहागा तथा कम भुनी राई को एक साथ पीसकर सिर के गंजेपन पर सरसों के तेल में मिलाकर लेप करें। इससे गंजेपन का रोग मिट जाता है।
8. अरण्डी (एरण्ड) : अरण्डी (एरण्ड) या सरसों के तेल में हल्दी जलाकर छान लें और इसमें थोड़ा सा कपूर मिलाकर सिर के गंजे जगह पर मालिश करें। इससे सिर पर बाल उगना शुरू हो जाते हैं।
9. तम्बाकू : 20-20 ग्राम तम्बाकू का जला गुल और कनेर के पत्ते को 100 मिलीलीटर सरसों के तेल में जलाकर ठंड़ा कर मिला लें और इसे सिर में लगायें। इससे सिर के बाल आना शुरू हो जाते हैं।
10. झाऊ : 100 ग्राम झाऊ की जड़ छाया में सुखाकर दरदरा यानी मोटा-मोटा कूटकर 500 मिलीलीटर पानी में उबालें, 100 मिलीलीटर पानी रह जाने पर निथारकर 100 मिलीलीटर तिल के तेल में जलायें, फिर इसे ठंड़ा कर लेने के बाद बालों में लगाएं। इससे बालों का झड़ना भी कम हो जाता है।
11. गोरखमुण्डी : 5 ग्राम गोरखमुण्डी के चूर्ण को सुबह पानी के साथ सेवन करने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
12. कालीमिर्च : कालीमिर्च और नमक का चूर्ण प्याज के साथ पीसकर लगाने से सिर का दाद और बालों के झड़ने की शिकायत से राहत मिलती है।
13. मेथी :
14. प्याज :
15. महानिम्ब (बकायन) : महानिम्ब के बीज के बीचले भाग (मध्य भाग) लगभग 1 ग्राम का चौथाई भाग से 1 ग्राम या छाल का चूर्ण 3 ग्राम से 6 ग्राम सेवन करने से लाभ होता है। इसे दिन में 2 बार यानी सुबह-शाम दें अथवा इसके पत्ते का रस 5 से 10 मिलीलीटर तक भी दे सकते हैं। इससे गंजेपन के रोग में लाभ होता है।
16. हारसिंगार : हारसिंगार के बीजों को पानी के साथ पीसकर सिर के गंजेपन की जगह लगाने से सिर में नये बाल आना शुरू हो जाते हैं।
17. करंज : करंज के फूलों को पीसकर सिर में बांधने से गंजेपन से लाभ होता है और नये बालों का आना शुरू हो जाता है। इसे रोजाना रात को बांधें और सुबह नींबू के रस मिले पानी से साफ कर लें।
18. करजनी (गुंजा) :
19. रोहिस घास : रोहिस घास के पत्तों का तेल सिर में मालिश करने से गंजेपन के रोग में लाभ होता है और नये बाल निकल आते हैं।
20. भंगरैया : भंगरैया का रस रोजाना गंजे सिर में मालिश करने और उसका रस 5-10 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से गंजेपन का रोग दूर हो जाता है।
21. वन्यकाहू : वन्यकान्हू के बीज और कूठ को एक साथ पीसकर लेप करने से गंजेपन और बालों के झड़ने में कमी आती है।
22. रोजमरी : रोजमरी के तेल का प्रयोग गंजेपन और बालों के झड़ने में किया जाता है।
23. अलसी (तीसी) : अलसी के तेल में बरगद (वटवृक्ष) के पत्तों को जलाने के बाद उसे पीसकर और छानकर रख लें। इस तेल को सुबह-शाम सिर में लगायें। इसी तरह इसे लगाते रहने से सिर पर फिर से बालों का उगना शुरू हो जाता है।
24. अमरबेल :
25. सुहागा : 20 ग्राम सुहागा और 20 ग्राम कपूर दोनों को बारीक पीसकर पानी में घोलकर, बाल धोने से बालों का गिरना कम हो जाता है।
26. अनन्तमूल : 2 ग्राम अनन्तमूल की जड़ का चूर्ण रोजाना खाने से सिर के बाल उग आते हैं और सफेद बाल काले होने लगते हैं।
27. धनिया : धनिया का पानी निकालकर (पत्ते का रस) सिर पर मालिश करने से गंजेपन का रोग मिट जाता है और नये बाल आना शुरू हो जाते हैं। सिर पर हरे धनिये का रस लगाने से बाल निकल आते हैं।
28. चुकन्दर : चुकन्दर के पत्ते का रस सिर में मालिश करने से गंजेपन का रोग मिट जाता है और नये बाल आना शुरू हो जाते हैं।
29. लहसुन : सिर में लहसुन का रस लगाने से बाल उग जाते हैं। इसका प्रयोग 60 दिनों तक करने से गंजापन दूर कर सकते हैं।
30. जातीपत्र : जातीपत्र, करंज बीज, वरुण छाल, करवीर मूल और चित्रक सभी को बराबर मात्रा में लेकर मिश्रण बनाकर साफ किया तेल उपयोग में लाना चाहिए। इससे बालों को लाभ होता है।
31. आमलकी : आमलकी फल मज्जा और आम के बीज जिनका छिलका उतार दिया गया हो पानी में लेप तैयार कर उपयोग में लाने से गंजेपन से लाभ होगा।
32. रसांजन (रसोत) : हाथी-दांत की राख में रसांजन और बकरी का दूध मिलाकर सिर पर लेप करने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
33. जमालगोटा : नींबू के रस में जमालगोटे के बीजों को पीसकर सिर पर लगाएं। सूखने पर कुछ ही देर में धो लें इसे हर रोज लगाते रहने से गंजेपन के रोग में लाभ होगा।
34. धतूरा
35. मुलहठी : मुलहठी का पाउडर, दूध और थोड़ी-सी केसर का पेस्ट बनाकर नियमित रूप से सिर में लगायें। अधिक रूसी होने पर तथा बाल अधिक झड़ने पर सिर पर मुलहठी लगाने से लाभ होता है।
36. दूधी : इसके पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) के रस और कनेर के पत्तों के रस को मिलाकर सिर के गंजे स्थान पर लगाने से बाल सफेद होना बन्द हो जाते हैं तथा गंजापन दूर हो जाता है।
37. कलौंजी: जली हुई कलौजी हेयर आइल में मिलाकर नियमित रूप से गंजेपन में मालिश करने से लाभ होता है।
38. ग्वारपाठा : रक्त घृत कुमारी (जिसमें नारंगी और कुछ लाल रंग के फूल लगते हैं) के गूदे को स्प्रिट में गलाकर सिर में लेप करने से बाल काले हो जाते हैं तथा गंजे सिर में लगाने से बाल उग जाते हैं।
39. गुड़हल :
नोट : इसके बीज गोलाकर और अनेक बीजों से युक्त होते हैं।
40. कटेरी : कटेरी के पत्तों के 20-50 मिलीलीटर रस में थोड़ा शहद मिलाकर गंजे सिर पर मालिश करने से कुछ ही दिनों में कीटाणु खत्म हो जाते हैं। इससे त्वचा मुलायम हो जाती है और गंजे स्थान पर नये बाल आ जाते हैं।
41. उड़द : उड़द की दाल को उबालकर पीस लें। रात को सोने के समय सिर पर लेप करें। इससे गंजापन धीरे-धीरे दूर हो जाता है और नये बाल आना शुरू हो जाते हैं।
42. नींबू : रोजाना 1 से 2 महीने तक लगातार नींबू का रस रगड़ने से बाल वापस उग आते हैं।
43. नीम :
44. परवल : कड़वे परवल के पत्तों का रस सिर के गंजेपन पर लगाने से लाभ होता है।
45. लता करंज :
46. अनार : अनार के पत्ते पानी में पीसकर सिर पर लेप करने से गंजापन दूर हो जाता है। प्रतिदिन मीठा अनार खाने से पेट मुलायम रहता है तथा कामेन्द्रियों को बल मिलता है।
47. अपामार्ग : कड़वे तेल (सरसों) में अपामार्ग के पत्तों को जलाकर मसल लें और मलहम बना लें। इसे गंजे स्थानों पर नियमित रूप से लेप करते रहने से पुन: बाल उगने की संभावना होगी।