नाड़ी का छूटना


नाड़ी का छूटना


          नाड़ी के छूटने से हृदय की क्रिया कमजोर पड़ जाती है। नाड़ी छूट जाने से शरीर से तरल पदार्थ अधिक मात्रा में निकल जाता जिसके कारण शरीर में खून का बहाव (रक्त संचार) कमजोर पड़ने लगता है। इस रोग के होने पर शरीर की गर्मी कम हो जाती है और नाड़ी छूटती रहती है।परिचय :

लक्षण :

1. सोंठ : पसीना अधिक आने पर नाड़ी छूटने लगे तो सोंठ का चूर्ण बनाकर हाथ व पैरों पर रगड़ने से शरीर का तापमान सामान्य हो जाता है।
2. अजवायन : अजवायन का चूर्ण बनाकर हाथ व पैरों पर मलने से नाड़ी के छूटने की बीमारी में लाभ होता है। शरीर पर पसीना का आना कम हो जाता है।
3. कलौंजी : लगभग 1 ग्राम कालौंजी (मंगरैला) को पीसकर रोगी को देने से शरीर का ठंडापन दूर हो जाता है और नाड़ी गति में भी वृद्धि होती है। इस रोग में आधा से 1 ग्राम कालौंजी हर 6 घंटे पर लें और ठीक होने पर इसका प्रयोग बंद कर दें। ध्यान रहे :- इस दवा का प्रयोग गर्भावस्था में रोगी को न दें इससें गर्भ नष्ट हो सकता है।
4. कायफल : कायफल और सौंठ के चूर्ण को मिलाकर पैर व तलुवों पर मालिश करने से शरीर की त्वचा गर्म बनी रहती है। इससे शरीर की नाड़ी नहीं छूटती है और पसीने का अधिक आना बंद हो जाता है।
5. कपूर :
6. लताकस्तूरी : 70 ग्राम लताकस्तूरी के बीजों का चूर्ण को 600  मिलीलीटर मद्यसार (एल्कोहल) में मिलाकर टिंचर तैयार करें, इसे 3.50 से 7 मिलीलीटर हिमांगावस्था में सेवन करने से शरीर में गर्मी आ जाती है। इससे नाड़ी रोग में लाभ होता है।
7. उतरन : उतरन (उत्तमारणी) की जड़ का बारीक पाउडर (मूलत्वक्) अनैच्छिक मांसपेशियों एवं रक्तवाहक संस्थान को तेज करता है। इससे खून संचार बढ़कर शरीर की गर्मी बढ़ती है।
8. सरसों : सरसों के तेल में कपूर मिलाकर शरीर और हृदय के बाये हिस्से की ओर मालिश करें। इससे शरीर का खून संचार तेज होता है एवं शरीर में गर्मी आती है।
9. तुलसी : तुलसी के पत्तों का रस, मकरध्वज लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग और लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग कस्तूरी को शहद में मिलाकर लेने से नाड़ी रोग में आराम मिलता है।

पुराना जुकाम, पीनस purana jukham

पुराना जुकाम, पीनस

         पुराने जुकाम (पीनस) के रोग में भी जुकाम जैसे ही नाक से पानी बहने लगता है। कुछ समय के बाद नाक के अन्दर का हिस्सा फूल जाता है। कपाल (सिर) में भी दर्द रहता है। नाक से निकलने वाले पानी में मवाद पैदा हो जाती है। नाक में से बहुत बदबू आती है। कुछ दिनों के बाद नाक की हड्डी गलकर निकलने लगती है।परिचय :

विभिन्न भाषाओं में नाम :


हिन्दी    

पीनस

अंग्रेजी        

ओजेना, सायनुसायिटिस

पंजाबी        

पुराना जुकाम

अरबी    

याप्य पानी लाग

बंगाली        

सर्दी

कन्नड़         

हले, नेगादि

मलयालम 

पीनसम् (जलदोषम्)  

मराठी         

पडषण

उड़िया         

पीनसी, घा

तमिल         

पीनसम् नस्ट्पटंट सलिप्पु
1. हल्दी: हल्दी और कालीमिर्च के चूर्ण को गर्म दूध में मिलाकर पीने से बुखार के साथ जुकाम और पीनस (पुराना जुकाम) दूर हो जाता है।
2. माखा: माखा की पत्तियों के ताजे रस की 2-3 बूंद नाक और कान में डालने से पीनस (पुराना जुकाम) दूर हो जाता है।
3. कालीमिर्च: कालीमिर्च 2 ग्राम को गुड़ और दही के साथ सेवन करने से पीनस रोग में लाभ होता है।
4. मेथी: मेथी के और अलसी के तीन ग्राम दानों को 175 ग्राम पानी में पकाकर शेष रहने पर उतार-छानकर 3-4 बूंदों को पीने से सभी प्रकार का बिगड़ा जुकाम, जुकाम से उत्पन्न ज्वर रोगों से आराम मिलता है। l
5. भांगरा: भांगरा का रस 250 मिलीलीटर, तिल का तेल 250 मिलीलीटर, सेंधानमक 10 ग्राम, तीनों को मिलाकर धीमी आग पर पकाकर तेल गर्म लें। इस तेल की लगभग 10 बूंद तक नाक के दोनों नथुने में टपकाने से, अन्दर दूषित कफ तथा कीड़े बाहर निकल जाते हैं, पथ्य में गेहूं की रोटी व मूंग की दाल लेते हैं।
6. एरण्ड: एरण्ड के तेल को तपाकर रख लें और जिस ओर नाक में पीनस हो गया हो, उस और के नथुने से, तेल को दिन में कई बार सूंघने से पीनस नष्ट हो जाती है।
7. तुलसी: तुलसी के पत्तों के चूर्ण को नाक से सूंघने से पीनस (पुराना जुकाम) ठीक हो जाता है।
8. जीरा: जीरे का चूर्ण, घी और शक्कर को एक साथ मिलाकर खाने से पीनस (जुकाम) दूर हो जाता है।
9. हरड़: हरड़ का काढ़ा बनाकर नाक में डालने से पीनस (जुकाम) के रोग में आराम आ जाता है।
10. सोंठ: 4-4 ग्राम सोंठ, छोटी पीपल, छोटी इलायची के बीज को लेकर गुड़ के साथ पीसकर इनकी 1-1 ग्राम की छोटी-छोटी गोलियां बना लें। रात को इन गोलियों को गुनगुने पानी के साथ लेने से पीनस रोग, जुकाम और खांसी जैसे रोग ठीक हो जाते हैं।
11. आंवला: सूखे आंवलों को घी में मिलाकर तल लें। फिर इसे पानी के साथ पीसकर माथे पर लगाने से नाक में से खून आना रुक जाता है।
12. कटेरी: कटेरी के रस को नाक में बूंद-बूंद करके डालने से नाक में से बदबू आना दूर हो जाता है।
13. कपूर: