Search This Blog

अक्षय तृतीया - Akshay Tritya -शुभ कर्म कर शुभ फल पाने का दिन

तृतीय वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया कहा जाता है। जिनके अटके हुए काम नहीं बन पाते या व्यापार में लगातार घाटा हो रहा है या किसी कार्य के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं मिल पा रहा है, तो उनके लिए कोई भी कार्य की शुरुआत करने के लिए अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) का दिन बेहद शुभ माना जाता है। सुख शांति तथा सौभाग्य समृद्धि हेतु इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती जी का पूजन भी किया जाता है। मान्यता है कि सामर्थ्य के अनुसार इस दिन जितना भी दान किया जाये, अक्षय रूप में प्राप्त होता है। (Akshay Tritiya kya hai?)

अक्षय तृतीया के दिन सूर्य और चंद्र दोनों पूर्ण बलवान होते हैं, जिससे इस दिन किये किसी कार्य का क्षय नहीं होता। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य और चन्द्रमा दोनों ही महत्वपूर्ण ग्रह हैं। चन्द्रमा जहां मन का स्वामी व समस्त परिणामों को प्रत्यक्ष रूप से शीघ्रता से प्रभावित करते हैं, वहीं सूर्य नक्षत्र मंडल के स्वामी व केंद्र है। दोनों प्रत्यक्ष देवों की श्रेणी में आते हैं। अक्षय तृतीया के दिन दोनों ही ग्रह अपनी उच्च राशि में होते हैं। वैशाख मास माधव का मास है। शुक्ल पक्ष विष्णु से सम्बन्ध रखता है। रोहिणी नक्षत्र में भगवन श्री कृष्ण का जन्म हुआ है। धर्मशास्त्र के अनुसार ऐसे उत्तम योग में अक्षय तृतीया पर प्रातःकाल शुद्ध होकर चन्दन व सुगन्धित द्रव्यों से श्रीकृष्ण का पूजन करने से वैंकुठ की प्राप्ति होती है। (Akshay Tritiya ke din grah nakchatr)
भविष्यपुराण के अनुसार इसी दिन सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी। परशुराम के रूप में भगवान विष्णु ने इसी दिन अवतार लिया था। इसी तिथि को प्रसिद्ध तीर्थस्थल बद्रीनाथ के दरवाजे भी खोले जाते हैं और वृन्दावन के बाँके बिहारी मंदिर में भी इसी दिन चरण दर्शन किए जाते हैं। इसी दिन महाभारत युद्ध की समाप्ति एवं द्वापर युग की शुरुआत हुई थी। (Akshay Tritiya Short story in hindi)

अक्षय तृतीय से संबन्धित कथा (Akshay Tritiya katha)

भविष्य पुराण के अनुसार, शाकल नगर में धर्मदास नामक वैश्य रहते था। धर्मदास, स्वभाव से बहुत ही आध्यात्मिक था, जो देवताओं व ब्राह्मणों का पूजन किया करता था। एक दिन धर्मदास को पता चला की अक्षय वैशाख शुक्ल की तृतीया तिथि अर्थात अक्षय तृतीय को देवताओं का पूजन व ब्राह्मणों को दिया हुआ दान अक्षय हो जाता है।

यह जानकार धर्मदास  ने अक्षय तृतीया के दिन गंगा स्नान कर, अपने पितरों का तर्पण किया। स्नान के बाद घर जाकर देवी- देवताओं का विधि- विधान से पूजन (Pujan) कर, ब्राह्मणों को अन्न, सत्तू, दही, चना, गेहूं, गुड़, ईख, खांड आदि का श्रद्धा- भाव से दान किया।

धर्मदास की पत्नी, उसे बार- बार मना करती लेकिन धर्मदास अक्षय तृतीया को दान जरूर करता था। कुछ समय बाद धर्मदास की मृत्यु हो गई। कुछ समय पश्चात उसका पुनर्जन्म द्वारका की कुशावती नगर के राजा के रूप में हुआ। कहा जाता है कि अपने पूर्व जन्म में किए गए दान के प्रभाव से ही धर्मदास को राजयोग मिला। अक्षय तृतीया से जुड़ी कई कथाएं लोगों के बीच प्रचलित हैं।

 अक्षय तृतीया के दिन पूजा के इन तरीकों से आप मनचाहा फल प्राप्त कर सकते हैं :-

गृहस्थ महिलाएं क्या करें
सुबह उत्तर की तरफ मुख कर भगवन विष्णु का ध्यान करें और सुबह सूर्य भगवान को अर्ध्य दें। साथ ही पीली धातु को मुख्य द्वार पर लगाएं और अपनी संतान के लिए पीली वस्तु का दान करें। वहीं मांगलिक महिलाऐं लाल शीशी में शहद भरें और लाल कपड़े में लपेट कर द्वादश भाग में रखें। 

दान :- पारिवारिक सुख के लिए सत्तू, दही, खीर का दान करें और सुन्दरकाण्ड का पाठ करें। वही 'ॐ नम नारायणय' की 5 माला का जाप करें।

व्यापारी वर्ग क्या करें
व्यापारी वर्ग एक कांसे के बर्तन में हरा कपड़ा लपेट कर पूजा स्थल पर रखें। कार्य स्थान गद्दी के ईशान कोण में रखें और चांदी के श्रीयंत्र, लक्चिमी-गणेश स्थापित करें। इसी के साथ 11 कौड़ियां स्थापित करें।

दान: व्यापारी लोग धन, तिल, लोहा, नारियल, नमक, काले या पीले वस्त्र का दान करें। इसके अलावा चांदी, स्फटिक या हीरा जड़ित भगवान की मूर्ति, कृष्णा का पेंडेंट खरीद सकते हैं। वही हीरे की अंगूठी, स्फटिक की माला खरीद सकते हैं। इसके अलावा क्रिस्टल या चांदी के बर्तन खरीद कर मंदिर में रखें और सफेद रेशम के वस्त्र धारण करें।

नौकरी पेशा लोग क्या करें
सुबह ब्रह्मा मुहूर्त में उठ कर स्नान करें और तांबे के बर्तन में शहद, हल्दी, लाल फल, लाल चंदन, गंगा जल डाल कर सूर्य को अर्ध्य दें। उसके बाद शिवलिंग पर पंचामृत से स्नान कराएं। फिर सूर्यनमस्कार करें।

गर्भधारण जाँच (Pregnancy Test) के घरेलू नुस्खे

आज बाजार में गर्भधारण जांच के लिए कई किट उपलब्ध है जिसके सहारे आप आसानी से गर्भधारण की जांच कर सकते हैं। परंतु यहाँ हम पुराने समय से चले आ रहे कुछ घरेलू नुस्खों के बारे बताना चाहते हैं जिसमें आप अपने किचन में मौजूद कुछ सामानों का प्रयोग कर ही गर्भधारण जांच कर सकते हैं। 
  • घर में रखे सफ़ेद टूथपेस्ट से भी आप जान सकती हैं की आप प्रेगनेंट हैं या नहीं। एक कंटेनर या एक डिस्पोज़ेबल ग्लास में दो चम्मच टूथपेस्ट लें। इसमें इसी मात्रा में यूरिन सैंपल लें और टूथपेस्ट वाले कंटेनर में डाल दें, अगर टूथपेस्ट का रंग बदल कर नीला हो जाता है, तो समझें की टेस्ट पॉज़िटिव है।
  • एक कंटेनर में कुछ ब्लीच पाउडर लें और उसमें यूरिन का सैंपल डालें। अगर ब्लीच पाउडर में बुलबुले बनने लगें, तो टेस्ट का परिणाम पॉज़िटिव माना जाता है और अगर ब्लीच आपके यूरिन को सोख ले तो इसका मतलब है की परणाम नेगेटिव है। 
  • साबुन से भी आप प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकतीं हैं। इसके लिए आप एक साबुन का टुकड़ा लें और उसपर यूरिन सैंपल डालें। अगर साबुन के टुकड़े पर झाग बनने लगें या बुलबुले से दिखें, तो समझ जाएँ की आप गर्भवती हो सकती हैं।
  • एक डिस्पोज़ेबल ग्लास में कुछ चीनी लें। अब इसमें यूरिन सैंपल मिलाएँ। अगर चीनी यूरिन सैंपल में घुल जाये, तो आप गर्भवती नहीं हैं, लेकिन अगर चीनी के दाने इकट्ठे हो जाये तो समझें की आप गर्भवती हो सकती है।