दयानन्द मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, लुधियाना

लुधियाना (DMCH, Ludhiana) - हृर्दय रोगों के उपचार के लिए

लुधियाना स्थित दयानन्द मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल हृदय से संबन्धित रोगों के उपचार के लिए उत्तर भारत का एक प्रमुख हॉस्पिटल है। यहाँ साल में लाखों मरीज अपनी इलाज के लिए आते हैं ।

Cambrian Public School Kanke Road, Ranchi, Jharkhand

 उत्तर भारत के बड़े और अच्छे हॉस्पिटलों में एक है लुधियाना स्थित दयानन्द मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (Dayanand Medical College and Hospital)। उत्तर भारत में टशिर्यरी केयर की सुविधाएं देता है। वर्तमान में यह अत्याधुनिक बिल्डिंग और उपकरणों से सुसज्जित यह 1326 बेड की क्षमता वाला हॉस्पिटल है। यहां सभी क्लिनिकल डिपार्टमेंट और डायग्रोस्टिक लेबोरेटरी 24 घंटे सुविधाएं देते हैं। इस हॉस्पिटल की शुरुआत 1934 में एक छोटे से मकान में हुई थी। 1964 में इसे एमबीबीएस कॉलेज (MBBS College) घोषित किया गया और इसका नाम दयानंद मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल पड़ा। यह पंजाब का पहला ऐसा हॉस्पिटल था जहां 1980 में डायलिसिस यूनिट की स्थापना हुई। यहां कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी (Neurology), कार्डियोथोरेसिक (cardiothoracic), एंडोक्रिनोलॉजी (Cardiology), गैस्ट्रोइण्ट्रोलॉजी (Gastroenterology), नेफ्रोलॉजी (Nephrology),  मेडिकल ऑन्कोलॉजी (Medical Oncology), इम्यूनोलॉजी (Immunology),  और वेस्क्यूलर सर्जरी (Vesicular Surgery) , न्यूरोसर्जरी (Neurosurgery), प्लास्टिक और माइक्रो वेस्कुलर सर्जरी (Micro Pediatric Surgery), पेडियाट्रिक सर्जरी (Pediatric Surgery) ,   सर्जिकल ऑन्कोलॉजी (Surgery Oncology) आदि के लिए भी अत्याधुनिक सुविधाएं (modern facility) उपलब्ध हैं। यह सुपर स्पेशियालिटी सर्विसेज (Specialty services) भी देता है।  

इसका कार्डियोलॉजी विभाग (Cardiology department)  है खास : यहां नन इन्वेसिव कार्डियोलॉजी के लिए भी बेहतरीन उपकरण जैसे-3डी कार्डियोग्राफी (3D Cardiography), स्ट्रेस इको (Stress Eco), होल्टर माँनिटीरिंग सिस्टम (Holter Monitoring System) , ट्रेडमिल टेस्टिंग, स्पेक्ट सीटी गामा कैमरे की सुविधा उपलब्ध  है। इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी (Interventional cardiology) के लिए दो डिजिटल कैथ लैब हैं। यहां हर प्रकार की हार्ट सर्जरी (Heart Surgery) की सुविधा है। कोरोनरी, फेरिफेरल, रीनल और केरोटाइड एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी भी उपलब्ध हैं। परमानेंट व टेंपरोरी पेसमेकर (permanent and temporary pacemaker) लगाने की उन्नत तकनीक है। इसके अलावा भी कई प्रमुख सर्जरी यहां होती हैं। कार्डियोथोरेसिस सर्जरी के अंतर्गत यहां कोरोनरी आर्टरी बायपास ग्राफ्टिंग, बीटिंग हार्ट सर्जरी, वॉल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी, क्लोज्ड हार्ट सर्जरी प्रमुखता से की जाती हैं।

अल्ट्रा मॉडर्न डिवाइस :  यहां रोगों की जांच के लिए स्टेट ऑफ द आर्ट उपकरण मौजूद हैं। जांच के लिए स्पेक्ट सीटी स्कैन, एमआरआइ स्कैन, अल्ट्रासोनोग्राफी की भी सुविधाएं हैं। यहां फाइबरऑप्टिक और कैप्सूल एंडोस्कोपी की सुविधा है। इसके अलावा इकोकाडियोग्राफी, ब्रांकोस्कोपी, बायोकेमिकल ऑटोएनलाइजर्स, ब्लड गैस एनलाइजर, ऑटोसेल काउंटर जैसी सुविधाएं भी मौजूद हैं। यहां के ऑथोपेडिक डिपार्टमेंट में एक यूनिक सुविधा है, जो पूरे भारत में इकलौती हैं। इसे एक्सटर्नल फिक्सेटर के नाम से जाना जाता है।   

अन्य सुविधाएं : यहां 137 बेडों का आइसीयू (ICU) है। यहां हर तरह की क्रिटिकल केयर सर्विस (critical care service) उपलब्ध है। यहां आइसीयू को यूनिट के हिसाब से बांटा गया है, जिनमें मेडिकल, सर्जरी, न्यूरोसर्जरी, स्ट्रोक यूनिट, पेडिएट्रिक एंड नियोनेटल आइसीयू और बर्न आइसीयू प्रमुख हैं।                   


इवेंट मैनेजमेंट के रूप में कैसे बनाये अपना कैरियर

आसिफ इजहार बताते हैं की वे अपने कैरियर को लेकर एक खास आत्मविश्वास से भरपूर हैं। चार वर्ष पहले उन्होने एक नामी-गिरामी इंस्टीट्यूट से होस्पिटेलिटी मैनेजमेंट (Hospitality Management) का कोर्स किया था। तीन साल के कोर्स के दौरान ही उन्होने तय कर लिया की उन्हें इवेंट मैनेजमेंट (Event Management) में ही कैरियर बनाना है। शुरू में दो-तीन छोटी-मोटी कंपनियों के लिए काम किया। फिर उन्होने रादोस्त नामक एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की नींव राखी। उनके मुताबिक इन चार वर्षों में बड़ी व छोटी कंपनियों के सैंकड़ों इवेंट मैनेज किये। इनमें कॉरपोरेट (Corporate), प्रोडक्ट लॉन्च (Product launch), डीलर्स मीट (Dealers Meet) , वेडिंग (Weeding), फैशन शोज (Fashion Shows), आर्टिस्ट एंड सेलिब्रेटी मैनेजमेंट के अलावा कास्टिंग का काम भी किया। यह बहुत ही एक्साइटिंग फील्ड है जहां बहुत तरह की चीजें सीखने और करने को मिलती हैं।

कुल मिलकर इवेंट मैनेजमेंट (Event Management) कलात्मक और सृजनात्मक सोच से मेल खाता हुआ फील्ड है। इवेंट मैनेजमेंट मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग का मिला-जुला रूप है, जो उत्साह और रोमांच से भरपूर है। यह कमाल का फील्ड है, इसमें विजुयालाइजेशन (Visualization) है, क्रिएटिविटी (Creativity) और प्लानिंग (Planning) है। वैन्यू मैनेजमेंट और भरपूर एक्साइटमेंट है। सब जानते हैं की सोशलाइजिंग का ट्रेंड बढ़ रहा है और तमाम इवेंट, इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों द्वारा ही मैनेज किये जा रहे हैं।

इवेंट मैनेजमेंट का काम अलग-अलग तरह के कामों को सही समय पर और पूरी सटीकता के साथ जोड़ना है, जो इस कम को क्लाइंट के मुताबिक दिये गए समय पर और दिये हुए बजट में बिना किसी परेशानी या दुर्घटना के निपटा देता है, वही सबसे सफल इवेंट मैनेजर है। समय का दबाव हमेशा रहता है। क्वालिटी को लेकर हमेशा खिच-खिच रहती है और सब कुछ ठीक-ठाक होने के बावजूद कमी निकालने की गुंजाइश बची रहती है। इस काम की नेचर ही ऐसी है की पसंद और नापसंद के बीच बड़ी बारीक रेखा होती है। इवेंट के आयोजन से पहले बजट को लेकर, वेन्यू को लेकर, मेन्यू को लेकर, सेलिब्रेटी को लेकर बड़ी आपाधापी मची रहती है।

क्या है आवश्यक स्किल्स

इवेंट मैनेजमेंट के काम में अलग-अलग तरह के गुणों की जरूरत होती है और काम करते रहने से उनमें निरंतर सुधार भी होता रहता है। चाहे लीडरशिप क्वालिटी हो, पीआर स्किल हो या फिर मार्केटिंग स्किल। इसी तरह बजट बनाने की स्किल, रिस्क मैनेजमेंट स्किल ये सारी स्किल्स इसमें काम आते हैं और उनमें निरंतर निखार भी आता रहता है। जो व्यक्ति इवेंट मैनेजमेंट से जुड़ना चाहता है उसको यह पता होना चाहिए की उसमें कौन-कौन सी स्किल्स हैं। आपने यदि 12वीं पास कर ली है तो आप इसमें डिग्री, डिप्लोमा कर सकते हैं।

इससे संबन्धित कोर्स
डिप्लोमा इन इवेंट मैनेजमेंट (Deploma in Event Management)
पीजी डिप्लोमा इन इवेंट मैनेजमेंट (PG Diploma in Event Management)
एडवांस डिप्लोमा इन इवेंट मैनेजमेंट (Advance Diploma in Event Management)
पीजी डिप्लोमा इन इवेंट मैनेजमेंट एंड पीआर (PG Diploma in Event Management and PR)
पीजी डिप्लोमा इन इवेंट मैनेजमेंट एंड एक्टिवेशन (PG Diploma in Event Management and Activation)

कोर्स करने के बाद ये हैं संभावनाएं

जितनी जल्दी आप इवेंट के काम को समझ जाएंगे उतनी जल्दी आप इसमें कामयाबी हासिल कर लेंगे। इसमें सबसे महत्वपूर्ण होता है क्लाइंट को संतुष्ट करना। यदि आपने यह कर लिया तो समझो आप सफल हो गये। आप एग्जीक्यूटिव से कैरियर शुरू कर मैनेजर तक बन सकते हैं। इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों, कॉरपोरेट हाउस, मीडिया हाउस व प्रॉडक्शन में, तो आपकी डिमांड होगी ही आप खुद की इवेंट मैनेजमेंट कंपनी भी खोल सकते हैं।