आमतौर पर शौच में खून आने की समस्या पाइल्स (बाबासीर) के कारण ही होती है। परंतु यदि आपको बाबासीर की समस्या नहीं है और आपके शौच में खून आ रहा है तो आप सतर्क हो जाइये। इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए और तुरंत ही किसी अनुभवी डॉक्टर से उपचार अवश्य करना चाहिए।
एक व्यक्ति को कई दिनों से शौच में खून आने की शिकायत थी। उस व्यक्ति ने इस संबंध में डॉक्टर की सलाह ली। डॉक्टर ने जांच के उपरांत पाइल्स डायग्नोसिस किया और पाइल्स का ऑपरेशन किया गया। परंतु इलाज हो जाने के बाद भी उसके शौच में खून आने की समस्या ठीक नही हुई। इसके बाद उसे कुछ अन्य जांच जैसे-यूएसजी, सीटी स्कैन कराने की सलाह दी गयी। जांच में पता चला कि उसके रेक्टम (आंत के आखिरी छोर) में कैंसर है। तुरंत उसका ऑपरेशन किया गया। इस तरह अब मरीज बिलकुल ठीक है और उसके शौच में खून आने की समस्या समाप्त हो चुकी है।
आजकल मसालेदार भोजन, हरी सब्जियों का सेवन न करना, फास्ट फूड का अधिक सेवन और खान-पान में अनियमितता के कारण पाइल्स की समस्या आम हो गया है। अधिकांश लोग किसी-न-किसी रूप में इस रोग से ग्रसित हैं। इस प्रकार के भोजन के सेवन से कब्ज की शिकायत अधिक होती है। इससे शौच के समय मांसपेशियों और नसों पर जोर पड़ता है, जिससे पाइल्स या फिस्टूला होता है। इसके अलावा तंबाकू और शराब के सेवन से भी यह समस्या हो सकती है। पर आपको यह भी ध्यान देना चाहिए कि शौच में खून आने का मतलब सिर्फ बवासीर नहीं होता है। यह कभी-कभी किसी गंभीर रोग का लक्षण भी हो सकता है। वैसे तो 90% मामलों में पाइल्स के कारण ही शौच में खून आता है लेकिन पांच से 10 प्रतिशत मामलों में यह समस्या आंत के कैंसर के कारण भी हो सकती है। शौच में खून आने के कई कारण हो सकते हैं। इसके लिए किसी अनुभवी चिकित्सक या सर्जन से सलाह लेना आवश्यक है। इसके लिए चिकित्सक प्रोटोस्कोपी, सीस्मोइडोस्कोपी तथा जरूरत पड़ने पर कोलोनोस्कोपी भी कराने की सलाह दे सकते हैं।
सर्जरी के अलावा भी हैं विकल्प
जरूरी नहीं है कि पाइल्स का इलाज हमेशा सर्जरी से ही हो। रोग शुरुआती स्टेज में है, तो सबसे पहले भोजन की आदतों में सुधार करना चाहिए। फर्स्ट या सेकेंड डिग्री के पाइल्स में स्क्लेरोथेरेपी (इंजेक्शन की मदद से दवा को पाइल्स में इन्जेक्ट करना) की जाती है। जब पाइल्स थर्ड या फोर्थ डिग्री का हो जाता है, तब ऑपरेशन एकमात्र इलाज है। आजकल एक नयी मशीन आ गयी है, जिसे एमआइपीए कहते हैं। इसकी मदद से सर्जरी होती है। यह सफल तकनीक है। इसमें मरीज को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती है। 24 घंटे के अंदर ही मरीज सामान्य रूप से खाना खाने लगता है और घूमना-फिरना शुरू कर देता है, इसलिए यदि किसी को शौच में खून आने की शिकायत हो, तो हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसके लिए सुयोग्य किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि यदि यह रोग कैंसर होता है और इसका पता पहले चल जाता है, तो इसका इलाज संभव है, इसलिए मरीज को सतर्कता बरतनी चाहिए।