उल्टा क्यों लटकता है चमगादड़ (Bat)
तुमने बाग में से गुजरते हुए वृक्षों पर या घर में कहीं भी चमगादड़ों को लटकते हुए देखा होगा। यह हमेशा उल्टा ही क्यों लटकता है। इसके बारे में जानना बहुत रोचक है। यह कहीं भी लटकता है तो हमेशा उल्टा ही लटकता है। चाहे वह छत हो या फिर पेड़ की टहनी। ऐसे लटके चमगादड़ को देखकर लोग डर भी जाते हैं। चमगादड़ के उल्टा लटकने का मुख्य कारण यह है कि इसके पैरों की हड्डियां बहुत कमजोर होती है। इसकी कमजोर हड्डियां इसके शरीर का भार उठाने या संभाल पाने में सक्षम नहीं होती है। जब चमगादड़ जमीन पर होता है तब अपने शरीर का सारा भार जमीन पर ही डाल देता है। ऐसा करने से पैरों पर शरीर का भार बहुत कम पड़ता है। तभी नीचे बैठा हुआ चमगादड़ जमीन पर पसरा हुआ दिखाई देता है। जब चमगादड़ वृक्ष की किसी शाखा पर उल्टा लटकता है तब उसके शरीर का भार पैरों पर ना पड़कर शरीर की तनी हुई मांसपेशियों और स्नायुओं में पड़ता है। अपने पैरों को बचाने के लिए ही चमगादड़ वृक्ष पर उल्टा लटकता है। दूसरा कारण यह है कि उल्टा लटके होने पर यह आसानी से उड़ान भरने में सफल होता है। इसके अलावा उल्टा लटकने से उन्हें शिकारी पक्षियों से भी सुरक्षा मिलती है।