पायरिया
दांतों को प्रतिदिन मंजन न करने से दांत कमजोर होकर झड़ने लगते हैं। दांतों में कीड़े लग जाते हैं तथा दांत खोखले होकर सड़ने लगते हैं जिससे मसूढ़ों से खून व पीव निकलता रहता है। इस प्रकार के दांतों के रोगों की चिकित्सा जल्द न करने पर पायरिया रोग की उत्पत्ति होती है। इस रोग में मसूढ़े सूख जाते हैं, मुंह से बदबू आती है और मसूढ़ों से खून निकलता रहता है। दांतों के रोग में भोजन करने एवं ठंड़ा पानी पीने से तेज दर्द होता है।परिचय :
भोजन और परहेज :
प्रतिदिन भोजन के बाद दांत साफ करना चाहिए।
पायरिया के रोगी को गाजर अधिक खाना चाहिए और इसका रस पीना चाहिए।
प्रतिदिन नारंगी खाना पायरिया के रोगी के लिए बेहद लाभकारी है।
गोभी के कच्चे पत्तों का सलाद और कच्चा पालक खाना पायरिया के रोगी के लिए बेहद लाभकारी होता है।
चीनी, चाय एवं कॉफी आदि का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए।
अधिक गर्म या अधिक ठंड़ा भोजन का प्रयोग न करें।
गर्म भोजन करने के बाद ठंड़ा पानी न पीएं। मिठाई खाना पायरिया के रोगी के लिए हानिकारक होता है।
पायरिया व दांतों के अन्य रोगों से बचाव के लिए मसूढ़ों व दांतों पर शुद्ध शहद मलना चाहिए और गुनगुने पानी से कुल्ला करना चाहिए।
नींबू का रस, नीम का तेल और शहद मिलाकर मसूढ़ों की मालिश करने से पायरिया रोग ठीक होता है।
लहसुन, करेला और अदरक का रस निकालकर शहद में मिलाकर मसूढ़ों पर लगाने से कुछ दिनों में ही पायरिया ठीक हो जाता है।