कान के रोग kaan ke rog

कान के रोग


          नहाते समय कान में पानी जाने की वजह से, चोट लग जाने के कारण, कानों में बहुत तेज आवाजें होने की वजह से, कानों के अन्दर ज्यादा मैल जमने की वजह से, कानों को किसी चीज से खुजलाने से, कानों में फुंसी होने की वजह से, ठड़ लग जाने के कारण, कान में कीड़ा घुस जाने के कारण कान से सम्बंधित कई प्रकार के रोग हो जाते हैं।परिचय :

विभिन्न भाषाओं मे नाम :


हिन्दी

कान के रोग

अंग्रेजी

ईयर डिसीज

पंजाबी

कन्न दे रोग

मराठी

कान चे रोग

बंगाली

कर्नरोग

मलयालम

चेविरोगम्

कन्नड़

किविया रोग

तमिल

चेविनाय कठुवालि

अरबी

कानावारोग।

तेलगू

चेविरोगामुलु

कान के कीड़े kaan ke kide

कान के कीड़े


1. हुरहुर :
हुरहुर के रस को कान में डालने से कान के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
 चिकित्सा :

3. सोंठ : छोटी पीपल, सोंठ और काली मिर्च का चूर्ण बनाकर कान में डालने से कान के सारे कीड़े समाप्त हो जाते हैं। 

6. पुदीना : कान के अन्दर अगर बहुत ही बारीक कीड़ा चला जाये तो कान में पुदीने का रस डालने से कान के अन्दर का कीड़ा समाप्त हो जाता है।
7. भांग : भांग के रस को कान में डालने से कान के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
8. ग्वारपाठा : गर्मी के कारण कान में कीड़े पड़ गये हों तो एलुवा को पानी में पीसकर कान में 2-2 बूंद डालने से कान के कीडे़ मर जाते हैं।
9. सरसों : अगर कान में कीड़ा चला गया हो तो सरसों के तेल को गर्म करके कान में डालने से कीड़ा बाहर आ जाता है। इसके अलावा कान का दर्द, कान में आवाज और बहरेपन में भी लाभ होता है।
10 पानी : गर्म पानी में थोड़ा-सा नमक मिलाकर कान में डालें। फिर कान उल्टा कर दें। कीड़ा मरकर बाहर निकल जाएगा।