कान के कीड़े
3. सोंठ : छोटी पीपल, सोंठ और काली मिर्च का चूर्ण बनाकर कान में डालने से कान के सारे कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
6. पुदीना : कान के अन्दर अगर बहुत ही बारीक कीड़ा चला जाये तो कान में पुदीने का रस डालने से कान के अन्दर का कीड़ा समाप्त हो जाता है।
7. भांग : भांग के रस को कान में डालने से कान के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
8. ग्वारपाठा : गर्मी के कारण कान में कीड़े पड़ गये हों तो एलुवा को पानी में पीसकर कान में 2-2 बूंद डालने से कान के कीडे़ मर जाते हैं।
9. सरसों : अगर कान में कीड़ा चला गया हो तो सरसों के तेल को गर्म करके कान में डालने से कीड़ा बाहर आ जाता है। इसके अलावा कान का दर्द, कान में आवाज और बहरेपन में भी लाभ होता है।
10 पानी : गर्म पानी में थोड़ा-सा नमक मिलाकर कान में डालें। फिर कान उल्टा कर दें। कीड़ा मरकर बाहर निकल जाएगा।
1. हुरहुर : हुरहुर के रस को कान में डालने से कान के कीड़े खत्म हो जाते हैं। चिकित्सा :
कलिहारी की जड़ के रस में पीपल, हुरहुर, सोंठ और मिर्च के रस को बराबर मात्रा मे मिलाकर कान में डालने से कान के कीड़े मर जाते हैं।
10-10 ग्राम पीपल, सेंधानमक, कूट, बच, सोंठ, हींग और लहसुन को एक साथ मिलाकर पीस लें। 250 मिलीलीटर सरसों का तेल और 250 मिलीलीटर आक (मदार) के रस में यह चूर्ण डालकर पका लें। अच्छी तरह से पक जाने के बाद इस तेल को उतारकर छान लें। इस तेल को रोजाना कान में डालने से कान में से मवाद का बहना, बहरापन, कान के कीड़े और कान का दर्द जैसे सब रोग ठीक हो जाते हैं। इस तेल को कान में डालने से पहले कान को 4-5 बार नीम के पानी से अच्छी तरह से साफ करने से कान के कीड़े दूर होकर आराम मिलता है।
7. भांग : भांग के रस को कान में डालने से कान के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
8. ग्वारपाठा : गर्मी के कारण कान में कीड़े पड़ गये हों तो एलुवा को पानी में पीसकर कान में 2-2 बूंद डालने से कान के कीडे़ मर जाते हैं।
9. सरसों : अगर कान में कीड़ा चला गया हो तो सरसों के तेल को गर्म करके कान में डालने से कीड़ा बाहर आ जाता है। इसके अलावा कान का दर्द, कान में आवाज और बहरेपन में भी लाभ होता है।
10 पानी : गर्म पानी में थोड़ा-सा नमक मिलाकर कान में डालें। फिर कान उल्टा कर दें। कीड़ा मरकर बाहर निकल जाएगा।
15. मकोए : मकोए के पत्तों के रस की 1-1 बूंद करके कान में डालने से कान के सारे कीड़े खत्म हो जाते हैं।
16. निर्गुण्डी : निर्गुण्डी के ताजे पत्तों के रस को कान में डालने से कान के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।