कर्णमूल प्रदाह MUMPS

कर्णमूल प्रदाह


          कान के नीचे जलन होने की वजह से सूजन पैदा हो जाती है जिसमें तेज दर्द होता है। इसकी वजह से मुंह के दोनों तरफ के गाल और जबड़े में भी ऐंठन वाला दर्द होता है।परिचय-

1. केला : केले के कन्द (फल) का रस लगभग 25 से 50 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह और शाम पीने से आराम आता है।
2. मुलेठी :
3. सोनपाठा : इरिमेद और सोनापाठा (सोनपत्ता) के बीज को एक साथ पीसकर कान की सूजन पर लगाने से कान के दर्द से छुटकारा मिल जाता है।
4. रसौत : कान की सूजन में जलन होने पर रसौत का लेप करने से लाभ मिलता है।
5. अरहर : कान की सूजन होने पर अरहर की दाल को पीसकर लगाने से सूजन ठीक हो जाती है।
6. कलौंजी : कलौंजी (भंगरैला) को पीसकर कान में आयी हुई सूजन पर लगाने से कान की सूजन और दर्द दोनों समाप्त हो जाते हैं।
7. मकोय : मकोय के पत्तों के रस को कान की सूजन पर लगाने से सूजन दूर हो जाती है। मकोय के काण्ड (डालियां) और पत्तों की सब्जी को खिलाने से भी आराम आता है।.
8. जिगना : जिगना (जिंगन) के पत्तों को पानी में उबालकर कान की जड़ पर आयी हुई सूजन पर बांधने से आराम मिलता है।
9.  गंभारी : गंभारी की जड़ का काढ़ा लगभग 35 मिलीलीटर की मात्रा में रोजाना 2-3 बार पीने से कान की सूजन ठीक हो जाती है।
10. तेजफल : लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग तुम्बरू (तेजफल) के फल के चूर्ण को सुबह-शाम खाने से और इसके काढ़े से गरारा करने से सूजन में जल्दी आराम आता है।
11. अपराजिता : कान के चारों ओर अगर सूजन आने की वजह से नसें बढ़ गई हों तो अपराजिता के पत्तों को सेंधानमक के साथ पीसकर लगाने से लाभ मिलता है।