पोलियो Polio

पोलियो        Polio


       पोलियो रोग मुख्यत: 1 से 5 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को अपना शिकार बनाता है। यह एक ऐसा वायरस रोग है जो कि नवजात शिशु या 5 वर्ष तक के बच्चों के शरीर में प्रवेश कर जाता है और उनके हाथ या पांवों को कार्य करने के योग्य नहीं छोड़ता है और उन बच्चों में विकलांगता पैदा कर देता है। इस रोग से ग्रस्त बच्चे खड़े होकर नहीं चल सकते हैं और वे अपने हाथ से भी कार्य करने में असमर्थ हो जाते हैं।परिचय
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कारण :

लक्षण :
1. पोलियो ड्रॉप्स : प्रारंभ में चिकित्सक भी इस रोग को पहचान नहीं पाते हैं। इसलिए एक से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की ड्रॉप्स जरूर पिलानी चाहिए। इसके पिलाने से पोलियो का वायरस बच्चों से दूर रहता है और उनको कोई हानि भी नहीं होती है। आज देश के सभी अस्पताल, स्वास्थ्य केन्द्रों और घर-घर जाकर भी पोलियो की खुराक बच्चों को पिलाई जाती है। बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने के 30 मिनट पहले और 30 मिनट बाद तक कुछ नही खिलाना-पिलाना चाहिए।
2. लहसुन : लहसुन खाने से पोलियो दूर रहता है। लहसुन खाने वालों को पोलियो कभी नहीं होता है। 2 या 4 लहसुन की कच्ची पोथियों को पोलियो होने पर सुबह के समय खाली पेट पानी के साथ खाने से पोलियो रोग पास भी नहीं फटकता है।
3. कलौंजी - पोलियो के रोगी को आधा कप गर्म पानी में 1 चम्मच शहद और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह खाली पेट और रात में भोजन के बाद सोते समय दें।
4. पीपल :- पोलियों के रोग मे पीपल के 2-2 ताजे पत्तों को इतने ही लिसोढ़े के पत्तों के साथ घोटकर, छानकर नमक के साथ रोजाना लेने से जल्दी लाभ होता है।