कान का दर्द kaan ka dard

कान का दर्द

         कान में फुंसी निकलने, सर्दी लग जाने या फिर कान में किसी तरह की चोट लग जाने की वजह से कान में दर्द होने लगता है। कान में ज्यादा दर्द होने की वजह से रोगी को रात भर नींद नहीं आती और वह हर समय तड़पता ही रहता है। जब बच्चे के कान में दर्द होता है तो वह बार-बार जोर-जोर से रोता रहता है क्योंकि वह कह तो सकता नहीं है कि उसके कान में दर्द हो रहा है। कान का दर्द किसी को भी हो सकता है।परिचय :

विभिन्न भाषाओं में नाम :


हिन्दी

कान का दर्द।

अंग्रेजी

ईयरेक।

पंजाबी

कन्न पीड़ा।

तमिल

काडुवालि।

बंगाली

कर्नशूल।

कन्नड

किविनावु।

उड़िया

कानटानाकिबा।

मलयालम

चेवि वेदना।

अरबी

कानरा विष।

गुजराती

कानदुखावो।

तेलगू

चेविपोटु।

कारण :

         कान में दर्द होने के वैसे तो बहुत से कारण हो सकते हैं पर सबसे प्रमुख कान में दर्द होने का कारण सर्दी के मौसम में जब हम बस या गाड़ी में सफर करते हैं तो हवा बड़ी तेज लगती है और वही तेज और ठंड़ी हवा कान में घुस जाने की वजह से कान में दर्द होता है। नहाते समय भी अगर पानी कान में चला जाता है तो भी कान में दर्द होने लगता है। बच्चे को दूध पिलाते समय अगर मां का दूध बच्चे के कान में चला जाये या फिर बच्चे को नहलाते समय कान में पानी चला जाये तो बच्चे के कान में दर्द होने लगता है। कई अनुभवियों के मुताबिक कान में दर्द वात (गैस), पित्त, या कफ (बलगम) के रोग के कारण भी हो सकता है। किसी बच्चे के दूध पीने पर पेट में गैस बन सकती है जिसकी वजह से भी कान में दर्द हो सकता है। जब किसी को 2-3 दिन तक लगातार जुकाम लगा रहता है तो भी कान में दर्द हो सकता है। कान पर किसी तरह की चोट लग जाने की वजह से खून निकलने पर भी कान में दर्द होने लगता है।
भोजन और परहेज :