बुद्धि का विकास कम होना

बुद्धि का विकास कम होना


        कुछ बच्चों में बुद्धि का विकास जन्म से ही नहीं होता है और कुछ बच्चों में रोगों के कारण भी
बुद्धि का विकास नहीं होता है। स्नायुतंत्र का विकास न होने के कारण बुद्धि का विकास ठीक से नहीं हो पाता।परिचय :

लक्षण :

1. छुहारा : 2 छुहारे और मिश्री को दूध में डालकर उबालकर खाने और दूध पीने से बुद्धि का पूर्ण विकास होता है।
2. ब्राह्मी : ब्राह्मी, घोरबच (बच) और शंखपुष्पी बराबर मात्रा में लेकर ब्राह्मी रस में तीन बार भिगोकर छाया में सुखा लें। यह 1 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम घी व शहद के साथ मिलाकर काफी दिनों तक चटाने से बुद्धि का विकास होता है।
3. मुनक्का : 2 ग्राम मुनक्का प्रतिदिन मिश्री मिले गर्म दूध के साथ खाने से बुद्धि का विकास होता है।
4. शहद : शहद के साथ लगभग एक चौथाई ग्राम चांदी की भस्म सुबह-शाम लेने से बुद्धि का विकास होता है और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
5. काजू : सर्दियों में सूर्योदय से पहले खाली पेट 20 ग्राम काजू खाकर ऊपर से शहद चाटने से दिमाग तेज होता है।
6. कालीमिर्च : कालीमिर्च और मिश्री बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें और प्रतिदिन एक कप दूध के साथ दिन में 3 बार सेवन करें। इससे दिमाग की कमजोरी दूर होती है और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
7. सेब : जिन लोगों के मस्तिष्क और स्नायु दुर्बल हो और याद्दाश्त की कमी हो उन्हें सेब का सेवन करना चाहिए। इससे याद्दाश्त बढ़ती है और बुद्धि का पूर्ण विकास होता है। 1 या 2 सेब बिना छीले खूब चबा-चबाकर भोजन से 15 मिनट पहले खाना चाहिए।
8. शतावर : लगभग 3-6 ग्राम शतावर की जड़ का चूर्ण दूध के साथ दिन में 2 बार देने से बुद्धि का विकास होता है।
9. अशोक : अशोक के पेड़ की छाल और ब्रह्मी का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर एक-एक चम्मच सुबह-शाम एक कप दूध के साथ नियमित रूप से कुछ माह तक सेवन करने से बुद्धि का विकास होता है

भूलने की बीमारी

 भूलने की बीमारी


1. शहद :
शहद के साथ लगभग 3 ग्राम कलौंजी पीसकर सुबह सेवन करने से भूलने की बीमारी दूर होती है।विभिन्न औषधियों के द्वारा रोग का उपचार :

2. सोंठ : सोंठ, कुदरू का गूदा और नागरमोथा लगभग 25-25 ग्राम की मात्रा में लेकर कूटकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण सुबह पानी के साथ लेने से भूलने की बीमारी दूर हो जाती है।
3. कालीमिर्च : लगभग 5 ग्राम पिसी हुई कालीमिर्च में लगभग 50 ग्राम ब्रह्मबूटी कूटकर चूर्ण बना लें और इसे छानकर मिलाकर 3 ग्राम दूध या पानी के साथ सुबह सेवन करें। इससे भूलने की बीमारी दूर हो जाती है।
4. जवासे : 25 ग्राम जवासे की जड़ को छाया में सुखाकर मोटा-मोटा कूटकर 250 मिलीलीटर पानी में उबालें और जब एक चौथाई पानी शेष रह जाए तो इसे छानकर आधा चम्मच घी मिलाकर थोड़ा गर्म करके पीएं। इसका सेवन सुबह-शाम एक सप्ताह तक करने से भूलने की बीमारी समाप्त होती है।