दिमाग के कीड़े
1. नीम : लगभग 5 ग्राम नीम के पत्तों के रस में लगभग 50 मिलीलीटर तिल का तेल मिलाकर नाक में डालने या सूंघने से दिमाग के कीड़े मर जाते हैं। चिकित्सा :
वायविडंग का छिलका निकालकर गूदे का चूर्ण बना लें और इस चूर्ण के बराबर मुलहठी की जड़ का चूर्ण मिलाकर 6 से 10 ग्राम ठंडा पानी के साथ खाने से याद्दाश्त की कमजोरी दूर होती है।
वायविडंग, गिलोय, अपामार्ग का पंचांग, शंखाहूली का पंचांग, मीठा कूट और शतावर की जड़ बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और इस चूर्ण के बराबर मिश्री मिलाकर रख लें। यह 6 ग्राम शहद या घी मिलाकर चाटने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है।
7 कालीमिर्च और 7 ग्राम शंखाहूली बूटी को ठंडाई की तरह घोंटकर मिश्री मिलाकर पीने से दिमाग की याद्दाश्त मजबूत हो जाती है।
लगभग 10 ग्राम कालीमिर्च, 20 ग्राम जायफल, 6 ग्राम इलायची, 3 ग्राम देशी कपूर और डेढ़ ग्राम नौसादर के चूर्ण को बनाकर रख लें। इसको सुंघाने से दिमाग में जमा हुआ कफ निकल जाता है और याद्दाश्त की कमजोरी दूर होती है।
7 साबूत कालीमिर्च, 7 बादाम की गिरी और 7 ग्राम ब्रह्मबूटी को 200 मिलीलीटर पानी में रात में भिगोकर रख दें और सुबह इन सबको पीसकर चीनी मिलाकर 15 से 20 दिन तक खाली पेट पीएं। इससे स्मरण शक्ति बढ़ती है।
लगभग 10 बादाम की गिरी, लगभग 6 ग्राम ब्राह्मी बूटी और 7 कालीमिर्च को पीसकर शर्बत बनाकर मिश्री मिलाकर 40 दिनों तक रोगी को पिलाने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है।
लगभग 30-30 ग्राम बादाम की गिरी, बनफसा, धनिया, गुलाब के फूल और लगभग 15-15 ग्राम बालछड़ व उस्तखदूस को कूटकर मिलाकर लगभग 10 ग्राम की मात्रा में सुबह दूध के साथ लेने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।