नष्टार्तव (मासिक-धर्म `माहवारी` बंद हो जाना) mahawari ka band hona

नष्टार्तव (मासिक-धर्म `माहवारी` बंद हो जाना)


      रजोनिवृत्ति काल (समय) से पहले ही मासिक धर्म का रुकना
नष्टार्तव (मासिक धर्म का रुकना) कहा जाता है। अर्थात महिलाओं का मासिक-धर्म का बंद हो जाना नष्टार्तव कहलाता है।परिचय:


हिन्दी

मासिक रुकावट।

अरबी

रजनाश।

बंगाली

नष्टार्तव।

डोंगरी

मासिक धर्म नष्ट हो जने, सुखी जनये।

कन्नड़

नुईटामुट्टू।

मराठी

अल्पविताला, रितुरोध।

तमिल

मदविदय निनरूपोथाल।

अंग्रेजी

ऐमेनोरिया।
          शरीर में खून की कमी, ठंड के कारण दोषों की विकृति से रक्त का गाढ़ा होना, गर्भाशय की नसों का मुंह बंद हो जाना, गर्भाशय में सूजन आना अथवा घावों का होना, गर्भाशय से रज निकलने के मार्ग में मस्सा उत्पन्न हो जाना, अधिक मोटापा तथा गर्भाशय के मुंह का किसी ओर घूम जाना और अधिक चिंता आदि कारणों से स्त्रियों का मासिक-धर्म अर्थात रज:स्राव बंद हो जाता है।
          सभी युवा महिलाएं प्रत्येक महीने रजस्वला होती है तथा उनकी योनि से 3 से 5 दिनों तक एक प्रकार का रक्त जिसे `रज` कहते हैं रिस-रिसकर निकला करता है। इसी को मासिकधर्म अथवा `रजोदर्शन` अथवा ऋतुस्राव आदि नामों से जाना जाता है। रजोदर्शन का समय आमतौर पर बालिकाओं में 12 वर्ष की आयु से प्रारम्भ होता है तथा लगभग 45 से 50 वर्ष की आयु में समाप्त हो जाता है। रजोधर्म के बाद 16 दिनों तक गर्भाशय का मुंह खुला रहता है। इस अवधि में मैथुन करने से गर्भ स्थिति होने की संभावना बनी रहती है। इसके बाद गर्भ नहीं ठहरता है। रज:स्राव बंद होने के 16 दिन बाद तक स्त्री को ऋतुमती कहा जाता है।

गर्भावस्था का भोजन

गर्भावस्था का भोजन


2.
मौसमी: मौसमी के फल में कैल्शियम अधिक मात्रा में मिलता है। गर्भवती स्त्रियों और गर्भाशय के बच्चे को शक्ति प्रदान करने के लिए इसका रस पौष्टिक होता है।1. नारंगी:
गर्भवती स्त्री को प्रतिदिन दो नारंगी दोपहर में पूरे गर्भकाल में खिलाते रहने से होने वाला शिशु बहुत सुन्दर होता है।

3. नारियल: नारियल और मिश्री खाने से प्रसव में दर्द नहीं होता है तथा उत्पन्न संतान स्वस्थ होती है।
4. शहद: गर्भावस्था में महिलाओं के शरीर में रक्त की कमी आ जाती है। गर्भावस्था के समय रक्त बढ़ाने वाली चीजों का अधिक सेवन करना चाहिए। महिलाओं को दो चम्मच शहद प्रतिदिन सेवन करने से रक्त की कमी नहीं होती है। इससे शारीरिक शक्ति बढ़ती है और बच्चा मोटा और ताजा होता है। गर्भवती महिला को गर्भधारण के शुरू से ही या अन्तिम तीन महीनों में दूध और शहद पिलाने से बच्चा स्वस्थ और मोटा ताजा होता है।
5. गाजर: आधा गिलास गाजर का रस, आधा गिलास दूध व स्वादानुसार शहद मिलाकर प्रतिदिन पीने से गर्भावस्था की कमजोरी दूर होती है।