नष्टार्तव (मासिक-धर्म `माहवारी` बंद हो जाना)
रजोनिवृत्ति काल (समय) से पहले ही मासिक धर्म का रुकना नष्टार्तव (मासिक धर्म का रुकना) कहा जाता है। अर्थात महिलाओं का मासिक-धर्म का बंद हो जाना नष्टार्तव कहलाता है।परिचय:
रजोनिवृत्ति काल (समय) से पहले ही मासिक धर्म का रुकना नष्टार्तव (मासिक धर्म का रुकना) कहा जाता है। अर्थात महिलाओं का मासिक-धर्म का बंद हो जाना नष्टार्तव कहलाता है।परिचय:
हिन्दी |
मासिक रुकावट। |
अरबी |
रजनाश। |
बंगाली |
नष्टार्तव। |
डोंगरी |
मासिक धर्म नष्ट हो जने, सुखी जनये। |
कन्नड़ |
नुईटामुट्टू। |
मराठी |
अल्पविताला, रितुरोध। |
तमिल |
मदविदय निनरूपोथाल। |
अंग्रेजी |
ऐमेनोरिया। |
काले तिल, त्रिकुटा और भारंगी सभी 3-3 ग्राम लेकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को गुड़ अथवा लाल शक्कर मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से बंद मासिक धर्म खुल जाता है।
मासिक धर्म (माहवारी) रुकावट में तिल के पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) का काढ़ा 40 से 80 मिलीलीटर या तिल का चूर्ण 10 से 20 ग्राम रोजाना 2-3 बार सेवन करने से आर्तव (माहवारी) जारी हो जाता है। गर्भाशय पर इसका संकोचन प्रभाव होता है।
एलुवा एक चौथाई ग्राम से आधा ग्राम अथवा घीकुंवार का रस 10 से 20 ग्राम की मात्रा में सेंधानमक और हरिद्रा के साथ देने से बंद माहवारी जारी हो जाती है। स्त्रियों के पाण्डु रोग (पीलिया) और कब्ज में इसका प्रयोग किया जाता है। नोट: इसे गर्भवती स्त्रियों और स्तनपान करने वाली महिलाओं को नहीं देना चाहिए।
एलुवा उसारा 10 ग्राम, रेवन्दचीनी 10 ग्राम, केशर 3 ग्राम, हरा कसीस 6 ग्राम, भुनी हुई हींग 6 ग्राम को एक साथ बारीक पीसकर झरबेरी के बेर के बराबर आकार की गोलियां बना लें। इसे माहवारी होने के 14 दिन पहले 1-1 गोली सुबह-शाम गर्म दूध या चाय के साथ सेवन करें। इससे बंद हुआ मासिक-धर्म पुन: शुरू हो जाता है।
मासिक धर्म अगर बंद हो जाये तो मरुआ 20-30 ग्राम का फांट (पेस्ट) बनाकर नियमित देने से मासिक धर्म (रज:) दुबारा आना शुरू हो जाता है।
सफेद मंजरी वाली मरुआ (जो बगीचों में क्षुप जाति के पौधे लगाये जाते हैं, अनाज मरुआ से भिन्न) के पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) का रस 5 से 10 बूंद सुबह-शाम देने से आर्तव (माहवारी) जारी हो जाता है।