मूत्र में रक्त, रक्तमेह
पेशाब में अगर खून आता हो तो उसे रक्तमेह कहा जाता है। रक्तमेह के रोग में गुर्दे की गडबड़ी के कारण रक्त पूरी तरह नहीं छन पाता है।परिचय:
विभिन्न भाषाओं में नाम:
हिन्दी |
पेशाब में खून आना। |
अंग्रेजी |
हिमेच्चुरिया। |
अरबी |
टेपीचाबो। |
बंगाली |
रक्तमेह। |
गुजराती |
लोहीनो पेशाब। |
मलयालम |
रक्तमूत्रम्। |
मराठी |
रक्तमेह, लघ वितून वक्तजणे। |
तमिल |
रक्त्मूत्रम। |
तेलगू |
आंटेलुलोनेथ्र पोवुआ। |
चन्दन को चावल के धुले पानी में घिसकर इसमें मिश्री को मिलाकर सुबह-शाम खाने से रक्तमेह ठीक हो जाता है।
लगभग 6 ग्राम सफेद चन्दन का चूरा लेकर रात को पानी में भिगो दें। सुबह इस पानी को छानकर पीने से पेशाब मे खून आना बंद हो जाता है।
4 चम्मच चन्दनासव को थोड़े से पानी मे मिलाकर चाकसू के 21 बीजों के साथ सुबह भोजन करने के बाद और रात को भोजन करने के बाद दोनों समय लेने से पेशाब मे खून आना बंद हो जाता है।