गर्भ में मरे बच्चे का दोष दूर करना
1. गाय का गोबर: गाय के गोबर का रस 75 मिलीलीटर और गाय के 50 मिलीलीटर कच्चे दूध को मिलाकर पिलाने से गर्भ में मरे हुए बच्चे से उत्पन्न दोष (विकार) नष्ट हो जाते हैं।चिकित्सा:
2. घोड़े की सूखी लीद: घोड़े की सूखी लीद की धूनी योनि में देने से गर्भ में मरे हुए बच्चे से उत्पन्न दोष (विकार) नष्ट हो जाते हैं।3. सांप की केंचुली: सांप की केचुली को जलाकर उसकी धूनी योनि में देने से गर्भ में मरे हुए बच्चे से उत्पन्न दोष (विकार) नष्ट हो जाते हैं।
4. गाजर: गाजर के बीजों की धूनी को योनि में देने से गर्भ में मरे हुए बच्चे से उत्पन्न दोष (विकार) नष्ट हो जाते हैं।
5. कलिहारी बूटी: कलिहारी बूटी की जड़ उबालकर छान लें। इसके बाद हल्के से गर्म पानी से ही स्त्री को अपना हाथ, पैर और गला धो देना चाहिए। इससे गर्भ में मरे हुए बच्चे से उत्पन्न दोष (विकार) नष्ट हो जाते हैं।
6. दालचीनी: कमजोर गर्भाशय के कारण बार-बार गर्भस्राव होता रहता है। गर्भधारण से कुछ महीने पहले दालचीनी और शहद समान मात्रा में मिलाकर एक चम्मच प्रतिदिन सेवन करने से गर्भाशय मजबूत हो जाएगा।
7. राई: राई और हींग का तीन ग्राम चूर्ण स्टार्च (कांजी) के साथ खिलाने से मृतगर्भ (गर्भ में मरा हुआ बच्चा) बाहर निकल जाता है।
8. पुनर्नवा: पुनर्नवा की 50 ग्राम ताजी जड़ का चूर्ण 200 मिलीलीटर पानी में इतना पकाएं कि 50 मिलीलीटर ही बच जाए। इसे छानकर पिलाने से गर्भिणी (गर्भवत्ती महिला) का मरा हुआ बच्चा प्रसव मार्ग से बाहर निकल जाएगा।
9. फालसा: फालसे के पेड़ की मूल (जड़) को स्त्री की नाभि, बस्ति (नाभि के नीचे की हिस्सा) व योनि पर लेप करने से मूढ़गर्भ या मृतगर्भ (मरा हुआ बच्चा) बाहर निकल आता है।