शरीर में खून की कमी, बालों की जड़ों में किसी रोग का होना, गर्मी आदि बीमारी, रूसी, बालों का विकास रुक जाना और धूप में हमेशा खुले सिर रहने से बाल टूटकर गिरने लगते हैं।
आनुवांशिक कारणों से भी (जैसे जब मां के बाल कम उम्र में गिरते हों तो उसकी बेटी के बाल भी कम उम्र में गिरना शुरू हो जाते हैं) बाल टूटते हैं।
दिमाग पर जरूरत से ज्यादा जोर पड़ने से बाल ज्यादा गिरते हैं। औरतों में एक्ट्रोजन हार्मोन की कमी से बाल अधिक गिरते हैं। भोजन में लौह तत्व, विटामिन `बी` तथा आयोडीन की कमी से उम्र से पहले ही बाल गिरने लगते हैं।
बालों की सही सफाई न होने, कीड़े और फंगस (फफून्दी) के कारण सिर में कई बार फुंसी, एक्जिमा, दाद, खाज-खुजली आदि हो जाते हैं जिसके कारण बालों के छिद्र नष्ट होने लगते हैं और बाल टूटकर गिरने लगते हैं। इसके अलावा अधिक दिमागी परेशानी/मानसिक तनाव के कारण भी बाल टूटते हैं।
कई रोगों से पीड़ित होने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं। मोतीझारा (टाइफाइड) बुखार में भी रोगी के बाल रूखे होकर झड़ने लगते हैं लेकिन जैसे-जैसे बुखार ठीक होने लगता बालों का झड़ना कम हो जाता है। इसके बाद झड़े बालों की जगह पर नए बाल उग आते हैं। इन पुरानी बीमारियों के कारण अन्य अंगों के रोम कूप (बालों के छिद्र) में भी कमजोरी आ जाती है। शुरू में ये बाल झड़ते हैं, लेकिन जैसे-जैसे व्यक्ति में नयी शक्ति का समावेश होता है वैसे-वैसे रोमकूप (बालों के छिद्र) मजबूत होने लगते हैं। इस कारण उड़े हुए बालों की जगह पर नये बाल आ जाते हैं। इस बीमारी के हो जाने के बाद बालों के लिए चिन्तित होने के बजाय शारीरिक खान-पान पर ध्यान देना चाहिए। बालों के अधिक झड़ने कई कारण होते हैं जैसे- टाइफाइड जैसी लंबी बीमारी, गर्भावस्था, दवाइयों तथा औषधियों की प्रतिक्रिया, बहुत अधिक सुगंधित तेलों का प्रयोग, सस्ते घटिया शैम्पू का प्रयोग और संतुलित भोजन की कमी आदि।
भोजन में पोषक तत्वों की कमी बालों के झड़ने का एक कारण है। इसके लिए भोजन में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाना जरूरी है। इसके लिए भोजन में चना, सोयाबीन और राजमा आदि का प्रयोग करें। दूध से बनी चीज भी इसके लिए फायदेमन्द हैं। हमारे शरीर की त्वचा में चिकनाई बनाने वाली ग्रंथियां (नसे) होती हैं जो अपनी चिकनाई से बालों का पोषण करती हैं। इससे बाल कोमल रहते हैं और बढ़ने लगते हैं। बालों का पोषण रक्त (खून) संचार द्वारा भी होता है। यदि रक्त (खून) का दौरा सही प्रकार से चलता रहे तो बाल जल्दी बढ़ने लगते हैं तथा कोमल और चमकदार भी बन जाते हैं। खून के संचार में कमी की वजह से बाल झड़ने लगते हैं।
विभिन्न औषधियों से उपचार-
21. काली राई : आधी कच्ची और आधी सेंकी हुई राई को पीसकर कडुवे तेल में मिलाकर सिर पर लगायें। इससे गंजापन दूर होगा।
22. लहसुन : बालों में लहसुन का रस लगाकर सूखने दें। इस तरह 3 बार रोज लहसुन का रस कुछ हफ्ते तक लगाते रहने से सिर पर बाल उग जाते हैं।
23. नारियल :
1. आंवला :
2. समुद्रफल : समुद्रफल को पानी के साथ पीसकर बालों में लगाने से 3 महीने में ही बाल काले हो जाते हैं।
3. इन्द्रायण : इन्द्रायण के बीजों का तेल लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
4. भृंगराज :
5. सरसों : 1 लीटर सरसों का तेल, रतनजोत, मेहंदी के पत्ते, जलभांगरा के पत्ते तथा आम की गुठलियों को 100-100 ग्राम की मात्रा लेकर सभी को कूटकर लुगदी बना लें और लुगदी को निचोड़ लें। इस पानी को सरसों के तेल में इतना उबालें कि सारा पानी जल जाए, केवल तेल ही शेष बचे। इसे छानकर इसका तेल रोजाना सिर पर लगायें। इस प्रयोग में सुबह के समय शीर्षासन करना चाहिए और सुबह-शाम 250 मिलीलीटर दूध पीना चाहिए। इससे बाल काले हो जाते हैं।
6. नींबू :
7. घी : घी खाने और बालों की जड़ों में घी मालिश करने से बाल काले होते हैं।
8. तुरई (तोरी) : तुरई के टुकड़ों को छाया में सुखाकर कूट लें। इसमें नारियल का इतना तेल डालें कि यह पूरी तरह से डूब जाए। इसी प्रकार 4 दिनों तक इसे भिगोयें, फिर उबालें और इसे छानकर बोतल में भरकर रख लें। इस तरह इस तेल को बालों में लगाने और मालिश करने से बाल काले हो जाते हैं।
9. गाजर : रोजाना गाजर का रस पीने से बाल काले और स्वस्थ रहते हैं।
10. प्याज : प्याज का रस पीसकर बालों पर लेप करने से बाल काले रंग के उगने चालू हो जाते हैं।
11. दही :
12. तिल : जिसके बाल सफेद हो गये हो और झड़ते हो तो वह रोजाना तिल खायें और उसी का तेल लगायें। इससे उसके बाल काले, लंबे और मुलायम हो जाते हैं।
13. मेथी : मेथी को खाने और इसका तेल सिर में लगाने से सफेद बाल कम होते हैं।
14. गेहूं : गेहूं के पौधे का रस पीने से बाल कुछ ही दिनों में काले हो जाते हैं।
15. कालीमिर्च : जुकाम में भी बाल सफेद हो जाते हैं। अगर बाल जुकाम के कारण सफेद हो गये हो तो 10 कालीमिर्च रोजाना सुबह-शाम निगल जायें। इससे कफ-विकार (बलगम रोग) खत्म हो जाते हैं और नये बाल उगना शुरू हो जाते हैं। इसका प्रयोग 1 साल से अधिक करें। तिल के तेल में कालीमिर्च को बारीक पीसकर बालों में लगाने से बाल काले हो जाते हैं।
16. तुलसी : बराबर मात्रा में तुलसी और हरा धनिया पीसकर आंवले के रस के साथ कुछ दिनों तक लगाएं। बाद में ताजे पानी से बालों को धो लें। इससे बाल काले बनते हैं।
17. रीठा : 250-250 ग्राम रीठा और सूखा आंवला पिसा हुआ, शिकाकाई की फली, मेहंदी की सूखी पत्तियां तथा नागरमोथा 25-25 ग्राम, इन सबको मिलाकर एक साथ पीस लें। शैम्पू तैयार है। इसका एक बड़ा चम्मच पानी में उबालकर इससे सिर को धोयें। इससे बाल सफेद और साफ हो जायेंगे तथा सफेद बालों में कालापन आ जाएगा।
18. नारियल : 300 मिलीलीटर नारियल के तेल में कालीमिर्च (मोटी कुटी हुई) 3 ग्राम (लगभग एक चम्मच) डालकर गर्म कर लें। थोड़ा तेज गर्म हो जाने पर साफ कपड़े से छानकर बोतल में भर लें। रात में सोने से पहले इसे बालों की जड़ों में अंगुलियों के सिरों से हल्की-हल्की मालिश करें। इससे बाल काले हो जाते हैं।
19. मुल्तानी मिट्टी : 100 ग्राम मुल्तानी मिट्टी 1 कटोरे में लेकर पानी में भिगो दें। जब यह 2 घंटे में फूलकर लुग्दी सी बन जाए तो हाथ से मसलकर गाढ़ा घोल बना लें। ध्यान रहे कि इसमें डालिया न बचने पायें। इस घोल को सूखे बालों में डालकर मुलायम हाथों से धीरे-धीरे बालों में लगायें। इसे लगाने के 5 मिनट बाद सर्दियों में गुनगुना और गर्मियों में ठंड़े पानी से धो लें। अगर बाल ज्यादा गंदे हो तो वैसे ही करें। इस तरह साबुन की जगह मुल्तानी मिट्टी से बालों को सप्ताह में 2 बार धोने से उसमें अच्छी चमक देखने को मिलती है। पहली बार ही धोने से सिर में हल्कापन और शीतलता का अनुभव होता है जैसा कि और शैम्पू में नहीं देखने को मिलता है।
20. बेसन का शैम्पू : साबुन की जगह सप्ताह में दो बार बेसन को पानी में सही तरह से घोलकर बालों में लगाएं और इसे 1 घण्टे बाद धो लें। इससे बाल घने और काले होते हैं। इस तरह बालों की गन्दगी साफ हो जाती है, बाल चमकीले और मुलायम हो जाते हैं। सिर की खाज खुजली और फुन्सियां जल्द ही ठीक हो जाती हैं।
21. काला तिल :
नोट- इस प्रयोग के समय ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
22. सूखा आंवला : 500 ग्राम सूखा आंवला, 200 ग्राम शहद, 200 ग्राम मिश्री और 2 लीटर पानी लेकर रख लें। इसके बाद सबसे पहले आंवले को पीसकर रात को भिगो दें। इसे सुबह मसलकर छान लें। इस छाने पानी में शहद और मिश्री मिलाकर बोतल में भरकर रख दें। इसे सुबह-शाम 20-20 मिलीलीटर खाने के साथ सेवन करें। इसके सेवन से पेट की कब्ज और गर्मी नष्ट हो जाती है और दिमागी चेतना बढ़ती है तथा उम्र से पहले सफेद हुए बाल भी काले होने लगते हैं।
23. मेहंदी :
50 ग्राम मेहंदी, आधा चम्मच कॉफी और 25 आंवला को दूध में भिगोकर बालों में लगा लें, 1 घण्टे के बाद पानी से सिर धो लें, सप्ताह में 2 बार ऐसा करने से सफेद बाल काले-सुनहरे हो जाते हैं।
6 चम्मच मेहंदी, 4 चम्मच सूखा आंवला, 1 चम्मच कॉफी, चौथाई चम्मच कत्था-इन सबको मिलाकर 1 लोहे के बर्तन में कॉफी के उबले हुए पानी में भिगो लें। दूसरे दिन इनका बालों पर लेप करें। 20 मिनट तक लेप को लगा रहने दें। इसके बाद सिर को धो लें और सिर में आंवले का तेल लगाएं। आंवला बालों के लिए एक प्राकृतिक (कुदरती) देन है। इसे बालों में किसी भी तरीके से लगा सकते हैं और इसका रस पीयें। इससे बालों को लाभ होता है।
मेहंदी के पत्तों का चूर्ण और नील के पत्तों का चूर्ण समान मात्रा में लेप बनाकर लगाने से सफेद बाल प्राकृतिक रूप से काले हो जाते हैं।
मेहंदी, दही, नींबू और चाय की पत्तियों को मिलाकर 2 से 3 घंटे तक बालों में लगाने से बाल घने, मुलायम, काले और लंबे हो जाते हैं।
24. जटामांसी : जटामांसी के काढ़े से बालों की मालिश करके सुबह-सुबह रोज लगायें और 2 घंटे के बाद नहा लें इसे रोजाना करने से फायदा पहुंचेगा।
25. नीम : नीम के बीजों को भांगरा और विजयसार के रस के साथ कई बार उबालकर उसके बीजों का तेल निकालकर 2-2 बूंदों को नाक से लेने से तथा आहार में केवल दूध और भात को खाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
26. योगासान : शीर्षासन और सर्वांगासन सही ढंग से करते रहने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं और बालों का झड़ना कम हो जाता है। इससे बाल सफेद नहीं होते तथा बाल काले, चमकीले और सुन्दर बन जाते हैं।
विशेष : युवावस्था से ही सुबह-शाम भोजन करने के बाद वज्रासन में बैठकर 2-3 मिनट तक लकड़ी, सींग और हाथी दांत की कंघी करने से बालों का सफेद होना कम हो जाता है। इससे बालों का जल्दी पकना और गिरना, सिर की खुजली, सिर का पिलपिला होना, चक्कर और सिर की गर्मी नष्ट हो जाती है