जुकाम (प्रतिश्याय jukham

जुकाम (प्रतिश्याय) jukham


          मौसम बदलने पर जरा सी लापरवाही करने से किसी भी उम्र के व्यक्ति को जुकाम हो जाता है सर्दी के मौसम में ठंडी हवाएं चलने की वजह से जुकाम हो जाता है बारिश के मौसम में ज्यादा भीगने से भी जुकाम हो जाता है जुकाम एक साधारण रोग है पर कभी-कभी इसकी वजह से दूसरे भयंकर रोग हो सकते हैं। जुकाम दो प्रकार का होता है 1. गीला जुकाम 2. सूखा जुकाम।परिचय:

विभिन्न भाषाओं में नाम:


हिन्दी    

सर्दी, जुकाम    

अंग्रेजी        

कोराइजा, कामन कोल्ड

पंजाबी        

जुखाम   

अरबी    

पानीलाग

बंगाली        

प्रतिश्याय 

गुजराती  

सर्दी

कन्नड़        

नेगादि सीत

मलयालम 

मुख ओलिंचल

मराठी         

सर्दी  

तमिल         

नीरा कम जल थोदम्

तेलगू    

कसम इरुमल   

उड़िया         

सर्दी

कारण:

          जुकाम का रोग ज्यादातर मौसम बदलने के कारण होता है पर यह किसी भी मौसम में हो सकता है यह अक्सर दो मौसमों की बीच में होता है जैसे सर्दी और गर्मी। जुकाम प्रदूषण की वजह से भी हो सकता है किसी गर्म जगह से एकदम ठंडी जगह पर चले जाने के कारण, पेट में कब्ज होने की वजह से, गर्म के ऊपर एकदम ठंडी चीजों का सेवन करने से, बारिश में ज्यादा भीगने की वजह से या कसरत करने के तुरंत बाद नहाने से जुकाम हो जाता है।

लक्षण:

छींके अधिक आना

छींके अधिक आना

1. कलौंजी :
2. सरसों का तेल: मौसम में बदलाव होने पर भी छींक आने लगती है। इस तरह के मौसम में बदलाव के कारण आने वाले छींक में सरसों का तेल नाक में 2 से 3 बूंद डालकर रोजाना नीचे से ऊपर खीचना चाहिए। इससे छींकों का अधिक आना बंद हो जाता है।
3. कपूर: यदि छींक के कारण से जुखाम हो जाये तो एक चावल के दाने के बराबर कपूर को बताशे में डालकर या चीनी के साथ मिलाकर खिलायें और ऊपर से पानी पिलाने से अधिक छीके आना बंद होती है। नोट: कपूर की मात्रा ज्यादा न हो।
4. पोस्त खसखस: पोस्त खसखस 12 ग्राम को लगभग 125 मिलीलीटर पानी में मिलाकर नाक से इसकी भाप लें। इससे छींक का अधिक आना बंद हो जाता है।
5. रोगनगुल: रोगन गुल 2-2 बूंद नाक में डालने से और ऊपर की ओर खींचने से और 2-2 बूंद कान में डालने से छींक का अधिक आना बंद हो जाता है।
6. खुलतजान: खुलतजान को पीसकर कपड़े से छानकर रोजाना सुबह-शाम सूंघने से छींक का अधिक आना बंद हो जाता है।
7. इतरीफल किश्नीजी : इतरीफल किश्नीजी 7 ग्राम, पानी से रात को सोते समय लने से अधिक छीक में लाभ होता है।
8. अजवायन: 10 ग्राम अजवायन और 40 ग्राम पुराने गुड़ को लगभग 450 मिलीलीटर पानी में डालकर उबालने के लिए रख दें। उबलने पर जब 250 मिलीलीटर के करीब पानी बाकी रह जाये तो उस पानी को थोड़ी देर तक रखकर थोड़ा ठंडा होने पर पीकर ऊपर से चादर ओढ़ कर सो जाये। इससे छींक आना बंद हो जाती है।
7. अदरक: नजले या जुकाम के साथ-साथ अगर लगातार छींके भी आ रही हो तो 3 ग्राम अदरक को 6 ग्राम गुड़ के साथ मिलाकर रात को सोने से पहले खाने से छींके बंद हो जाती है। इसके ऊपर से पानी नहीं पीना चाहिए।
8. नाक के बाल: अगर नाक के बाल बढ़कर अन्दर की ओर चले जाते है तो भी छींके आती रहती है इसलिये नाक के बालों को काट देना चाहिए।
9. कुलिंजन: कुलिंजन को किसी कपड़े में बांधकर नाक से सूंघने से छींके आना रुक जाती है।
अन्य उपचार: छींकों से बचने के लिए गर्मी लगने पर या कहीं बाहर से चलकर आने पर, मेहनत करने के बाद हमें एकदम से कपड़ों को नहीं उतारना चाहिए।