अधिक गर्मी लगना Feeling over heat

अधिक गर्मी लगना


          गर्मी के मौसम में बेचैनी का अनुभव होने पर मानसिक और शारीरिक रूप से मनुष्य कमजोर हो जाता है। ऐसी स्थिति में रोगी को शान्ति नहीं मिलती है। इस तरह के रोग अधिक गर्मी के कारण या लू लगने के कारण से होते हैं।परिचय
:

1. सौंफ :
2. चंदन : गर्मी के दिनों में शरीर की गर्मी दूर करने के लिए 20 ग्राम चंदन घिसकर, मिश्री मिलाकर, शर्बत बनाकर पीने से मानसिक शान्ति मिलती है।
3. गूलर :
4. शर्करा : गर्मी के दिनों में शरीर की गर्मी व जलन दूर करने के लिए गम्भारी के फल का गूदे का ठंड़ा शर्बत बनाकर उसमें शर्करा मिलाकर पीने से लाभ होता है।
5. रतनपुरुष : गर्मी के मौसम में गर्मी से बचने के लिए 5 से 10 ग्राम रतनपुरुष की जड़ और मिश्री को मिलाकर रोजाना सुबह-शाम पानी के साथ लेने से मन में शान्ति और शरीर में शीतलता का अनुभव होता है।
6. गुलकन्द :
7. नींबू : गर्मी के मौसम में अधिक प्यास लगने पर जंभारी या कागजी नींबू के रस को मिलाकर बना शर्बत बहुत ही उपयोगी होता है। इससे शरीर की गर्मी भी दूर होती है।
8. इमली : अगर किसी को गर्मी के कारण या किसी बीमारी के कारण प्यास अधिक लगे तो उसको इमली के बीजों को पीसकर 1 से 3 ग्राम प्रतिदिन 2 से 3 बार पानी के साथ पिलायें। इससे प्यास कम लगेगी और शरीर को नमी के कारण गर्मी कम लगती है।
9. कतीरा : अगर शरीर को अधिक गर्मी महसूस हो तो उसके लिए कतीरा को पानी में भिगोकर मिश्री मिले शर्बत के साथ घोटकर सुबह-शाम सेवन करने से कम गर्मी लगती है।
10. संतरा : संतरे का रस 20 से 40 मिलीलीटर पानी में सही मात्रा मिलाकर पीने से शरीर को कम गर्मी लगती है। इससे शरीर को कम गर्मी लगने के अलावा सिर का दर्द भी बन्द हो जाता है।
11. आंवला : गर्मी में ऑवले का शर्बत पीने से बार-बार प्यास नहीं लगती तथा गर्मी के रोगों से बचाव होता है।
12. केवड़ा : गर्मी से पैदा रोगों पर केवडे़ के पत्तों के रस में जीरा पीसकर चीनी मिलायें और सात दिनों तक पीते रहें।
13. अनार : शक्कर की चाशनी में अनारदानों का रस डालकर कपडे़ से छान लें। आवश्यकता होने पर 20 मिलीलीटर शर्बत, 20 मिलीलीटर पानी के साथ पी लें। इससे उष्णपित्त नष्ट हो जाता है।
14. नारियल : नारियल के तेल में पानी को अच्छी तरह मिलाकर सिर व पैरों के तलुवों पर मालिश करने से शरीर की गर्मी धीरे-धीरे शान्त होती है।
15. टमाटर : जिन सब्जियों का स्वभाव गर्म होता है, उनमें टमाटर मिलाकर खाने से उनका स्वभाव ठंड़ा हो जाता है। टमाटर को गर्मी में भी खाएं। कच्चा टमाटर सेवन करने से त्वचा की खुश्की समाप्त होती है। यह गर्मी को दूर करता है।
16. अरीठे : अरीठे का फेन दिन में दो-चार बार लगाकर मलना चाहिए। इसके बाद गरम पानी से धो लेना चाहिए।

चेहरे का लकवा

चेहरे का लकवा


          पक्षाघात (लकवा) होने पर अगर उसका असर सिर्फ चेहरे की मांसपेशियों तक ही रहे उसे चेहरे का लकवा कहते हैं। चेहरे की सारी मांसपेशियां एक ही ओर खिंच सी जाती हैं। इसकी वजह से मुंह से सीटी भी नहीं बजा सकते हैं और अगर मुंह से फूंक भी मारते हैं तो हवा सीधी तरफ न जाकर बायीं तरफ से या दांयी तरफ से निकल जाती है। पलकों पर अपना काबू नहीं रहता जिसकी वजह से वह लटकने लगती है।परिचय
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1. एरण्ड : 10 से 20 मिलीलीटर एरण्ड के तेल को पकाकर गर्म दूध में मिलाकर सुबह और शाम रोगी को दें अगर रोगी को पैखाना (टट्टी, दस्त) साफ आने लगे तो सिर्फ एक बार दें। इसके सेवन करने से पक्षाघात, चेहरे का लकवा ठीक हो जाता है। यह शरीर में शक्ति पैदा करता है।
2. अमलतास : 10 से 20 मिलीलीटर अमलतास के पत्तों का रस रोगी को सुबह और शाम पिलायें इसके साथ ही इसी रस से चेहरे की मांसपेशियों पर दिन और रात को लगातार मालिश करते रहने से जरूर लाभ होगा।
3. सहजना : सहजना (मुनगा) के जड़ की छाल, संतरे का छिलका और जायफल का मद्यसारीय रस (एल्कोहोलिक टिंचर) 10 से 15 बूंद पानी में मिलाकर रोजाना 2 से 3 बार पीने से लाभ होता है।
4. लहसुन : बायविडंग और लहसुन को पकाकर सुबह-शाम खाने से और लहसुन से बने तेल से मालिश करने से पक्षाघात (लकवा) में पूरा लाभ मिलता है।