चेहरे का लकवा

चेहरे का लकवा


          पक्षाघात (लकवा) होने पर अगर उसका असर सिर्फ चेहरे की मांसपेशियों तक ही रहे उसे चेहरे का लकवा कहते हैं। चेहरे की सारी मांसपेशियां एक ही ओर खिंच सी जाती हैं। इसकी वजह से मुंह से सीटी भी नहीं बजा सकते हैं और अगर मुंह से फूंक भी मारते हैं तो हवा सीधी तरफ न जाकर बायीं तरफ से या दांयी तरफ से निकल जाती है। पलकों पर अपना काबू नहीं रहता जिसकी वजह से वह लटकने लगती है।परिचय
:

1. एरण्ड : 10 से 20 मिलीलीटर एरण्ड के तेल को पकाकर गर्म दूध में मिलाकर सुबह और शाम रोगी को दें अगर रोगी को पैखाना (टट्टी, दस्त) साफ आने लगे तो सिर्फ एक बार दें। इसके सेवन करने से पक्षाघात, चेहरे का लकवा ठीक हो जाता है। यह शरीर में शक्ति पैदा करता है।
2. अमलतास : 10 से 20 मिलीलीटर अमलतास के पत्तों का रस रोगी को सुबह और शाम पिलायें इसके साथ ही इसी रस से चेहरे की मांसपेशियों पर दिन और रात को लगातार मालिश करते रहने से जरूर लाभ होगा।
3. सहजना : सहजना (मुनगा) के जड़ की छाल, संतरे का छिलका और जायफल का मद्यसारीय रस (एल्कोहोलिक टिंचर) 10 से 15 बूंद पानी में मिलाकर रोजाना 2 से 3 बार पीने से लाभ होता है।
4. लहसुन : बायविडंग और लहसुन को पकाकर सुबह-शाम खाने से और लहसुन से बने तेल से मालिश करने से पक्षाघात (लकवा) में पूरा लाभ मिलता है।