हड्डी का कमजोर होकर टूटना
5. चूना: चूने को पानी में घोलकर छोड़ दें। कम से कम 6 घंटे बाद ऊपर से पानी निकालकर दूसरे बर्तन में या शीशी में डालकर रख दें। इसमें से 1 से 20 ग्राम रोज 3 बार खायें। इससे हड्डी की कमजोरी दूर होगी।
6. मजीठ:
8. शिलाजीत:
13. सरपंखा: सरपंखा के पत्तों को बकरी के दूध में पीसकर चोट पर लेप करने से दर्द खत्म होता है।
14. सेंधानमक: सेंधानमक तथा खांड मिलाकर फंकी लेने से चोट की पीड़ा मिट जाती है।
15. मेदालकड़ी: मेदालकडी, आंवला, तिल, सौंठ 10-10 ग्राम पानी में पीसकर लेप करने से हड्डी की पीड़ा और टूटी हड्डी भी मिट जुड़ जाती है।
(OSTEOMALAVCIA, RICKETS)
लक्षण:
4. असगन्ध नागौरी: असगन्ध नागौरी का चूर्ण 1 से 3 ग्राम शहद एवं मिश्री मिले दूध के साथ सुबह-शाम खाने से हड्डी की विकृति आदि दूर होकर शरीर पुष्ट और सबल हो जाता है।5. चूना: चूने को पानी में घोलकर छोड़ दें। कम से कम 6 घंटे बाद ऊपर से पानी निकालकर दूसरे बर्तन में या शीशी में डालकर रख दें। इसमें से 1 से 20 ग्राम रोज 3 बार खायें। इससे हड्डी की कमजोरी दूर होगी।
6. मजीठ:
मजीठ और मुलहठी को चावलों के मांड के साथ पीसकर लगाने से टूटी हुई हड्डी की सूजन और दर्द भी दूर होता है।
मजीठ और महुआ को खटाई के साथ पीसकर लेप करने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है।
मजीठ का पाउडर 1 से 3 ग्राम शहद के साथ सुबह-शाम खाने से हड्डी की कोमलता और हड्डी की विकृति आदि दूर हो जाते हैं।
10-10 ग्राम मजीठ और महुआ पानी में मिलाकर लेप करने से लाभ होता है।
14. सेंधानमक: सेंधानमक तथा खांड मिलाकर फंकी लेने से चोट की पीड़ा मिट जाती है।
15. मेदालकड़ी: मेदालकडी, आंवला, तिल, सौंठ 10-10 ग्राम पानी में पीसकर लेप करने से हड्डी की पीड़ा और टूटी हड्डी भी मिट जुड़ जाती है।
अर्जुन की छाल दूध के साथ दें। इसमें सूजन तथा दर्द कम करने की शक्ति निहित है।
हड्डी टूटने पर, प्लास्टर चढ़ा हो, तो अर्जुन की छाल का महीन चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में दिन में तीन बार एक कप दूध के साथ कुछ हफ्ते तक सेवन करने से हड्डी जल्द ही जुड़कर मजबूत हो जाती है। हड्डी जहां टूटी हो वहां पर छाल को घी में पीसकर लेप करें और पट्टी बांधकर रखें। इससे भी हड्डी शीघ्र जुड़ जाती है।- अर्जुन की छाल के बारीक चूर्ण की फंकी लेकर दूध पीने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है। चूर्ण को पानी के साथ पीसकर लेप करने से भी दर्द में आराम मिलता है।